Friday, 6 May 2016

सभी भाई बहनों से विनम्र प्रार्थना !

अपनी सेवा कराने या अपने को पुजाने की इच्छा रखने वाले लोग हमसे दूर रहें !
    सभी भाई बहनों से क्षमा माँगते हुए निवेदन करना चाहता हूँ कि जो साधू साध्वियाँ पंडित पुजारी लोग अपने नाम के साथ 'गुरु' 'महाराज' 'पूज्य' 'ज्योतिषगुरु' 'धर्मगुरु' जैसी उपाधियाँ लगाते हैं या अपने नाम के साथ अपने लिए 'पूजनीय' जैसे शब्द लिखते हैं या अपनी आशीर्वाद मुद्रा वाली फोटो डालते हैं ऐसे स्वयंभू देवताओं से मैं दूर रहना चाहता हूँ इसलिए या तो वो सुधरें और ऐसा करना छोड़ें या फिर मुझे छोड़ें !मैं नहीं चाहता कि मेरे जैसा सामान्य व्यक्ति अपनी ओर से उनसे संपर्क तोड़े !मेरी बात किसी को बुरी लगे तो पुनः क्षमा प्रार्थना के साथ मैं केवल उन जिंदा लोगों से जुड़ना चाहता हूँ जो देश और समाज की सेवा करने की इच्छा रखते हों सेवा करवाने की नहीं ! जो सभी को सम्मान देना जानते हों सम्मान पाने की इच्छा रखकर जीने वाले लोगों से घृणा करते हों !धर्म एवं धर्मशास्त्रों पर बोझ न बने हों अर्थात केवल धंधा करने के लिए धर्म को ओढ़े न घूम रहे हों ! 'भागवत' जैसे पवित्र ग्रंथ को 'भागवत' बनाने वाले लोगों से ईश्वर रक्षा करे !

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