माननीय मुख्यमंत्री जी !
सादर प्रणाम !
विषय - आगलगने की इतनी अधिक दुर्घटनाएँ ! वो भी 10 अप्रैल के बाद अचानक क्यों !ऐसे विषयों पर भारत के प्राचीन विज्ञान से संबंधित रिसर्च कार्य में सहयोग के लिए निवेदन !
महोदय ! आधुनिक विज्ञान के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं ये प्रश्न ! सरकार का ऐसा कौन सा विभाग है जो यह बताने की जिम्मेदारी ले कि 10 अप्रैल के बाद अचानक क्यों होने लगीं आग लगने की इतनी अधिक दुर्घटनाएँ ?और जहाँ आग लगती है वहाँ जल्दी बुझाए नहीं बुझती !दमकल विभाग के छोटे टैंकर फेल होते रहे हैं ऐसा आखिर कारण क्या है ? इतना ही नहीं कुएँ तालाब नदियाँ आदि 10 अप्रैल के बाद अचानक क्यों सूखने लगे !वाटर लेवल अचानक इतना क्यों गिरा ?बिहार सरकार को अचानक क्यों कहना पड़ा कि -"9 बजे से 6 बजे तक न चूल्हा जलाओ, न पूजा करो" !वायुमंडल में अचानक क्यों भर गया है धुआँ धुआँ ?क्यों फेल हो गया दिल्ली सरकार का "ऑड इवन" ? 10 अप्रैल के बाद अचानक क्यों चलानी पड़ीं पानी सप्लाई के लिए ट्रेनें ?पहले भी कभी ये सब कुछ हुआ क्या ?केवल उत्तराखंड जैसी जगहों पर आग लगने की 1100 घटनाएँ दर्ज की गई हैं अन्य प्रदेशों का क्या हाल होगा !गुग्गल समाचार में "आगलगी" लिख देने से आग लगने की दिखने वाली सैकड़ों घटनाओं में सत्तर प्रतिशत घटनाएँ 10 अप्रैल के बाद की हैं इसी बीच क्यों मच गई सूखे से त्राहि त्राहि ?ये सारी घटनाएँ 10 अप्रैल के बाद ही अचानक क्यों घटनी शुरू हुईं ? गर्मी तो हर बार आती थी तब गर्मी का इतना भयानक रूप तो कभी नहीं देखा गया फिर अबकी क्यों हुआ ?पढ़िए इसके मूल कारणों पर हमारा समय विज्ञान संबंधी रिसर्च !
श्रीमान जी ! "10 -4 -2016 को जो भूकंप आया था वो हमें इस बात की सूचना देने आया था कि आग और गर्मी के कारण त्राहि त्राहि कर उठेंगे लोग ! पाताल तक को सोखने लगेगी गर्मी !मैंने भूकंप के इन संकेतों की भाषा को समझा और जरूरी समझ कर देश के अनेकों सरकारों मंत्रालयों ,जिम्मेदार संस्थानों ,टीवी चैनलों ,अखवारों को पत्र लिखे इंटरनेट के माध्यमों पर लिखकर समाज को सूचित एवं सावधान करने की कोशिश की किंतु हमारी बातों पर किसने कितना विश्वास किया मुझे नहीं पता है ,10 -4 -2016 को ही भूकंप आने के तुरंत बाद मैंने ब्लॉग पर उसी दिन ये लेख प्रकाशित किया वो लेख तबसे बिना किसी संशोधन के वहाँ वैसा ही पड़ा है किसी को संदेह हो तो इस बात की जाँच करवाई जा सकती है कि ये पेज खोलकर दोबारा तो कुछ नहीं लिख दिया गया है मेरे रिसर्च का मानना है कि 10 -4 -2016 को आया भूकंप ही इस गर्मी और सूखे का प्रमुख कारण है जानिए कैसे ?इसे एक बार जरूर पढ़ें see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2016/04/10-4-2016.html
मेरे प्यारे भाई बहनो !यदि मेरी इन बातों से आप सहमत हों तो आप से निवेदन है कि मेरे 'समयविज्ञान' संबंधी इस रिसर्च कार्य में मेरी मदद की जाए ! इसके अलावा भी कई भूकंपों एवं प्राकृतिक घटनाओं पर हमारा शोधकार्य है जो पढ़कर सहसा किसी को भरोसा नहीं होगा कि जिन प्राकृतिक घटनाओं तूफानों भूकंपों आदि को हम सामान्य रूप से घटित होने वाली केवल एक घटना मात्र मानते हैं वो हमारी इतनी शुभ चिंतक होती है कि भविष्य में आने वाले शुभ और अशुभ फल की हमें सूचना दे रही होती है प्रकृति हमारे इतने अधिक करीब है दुर्भाग्य से हमारी समाज में उसे जानने पढ़ने और समझने को अंधविश्वासी कहा जाने लगा है जबकि ये हमारा प्राचीन तपोविज्ञान है ।
निवेदक भवदीय -
राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान (रजि.)
------------------------------ आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी ------------------------------ --
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973, +919968657732
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
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