उत्तरप्रदेश पुलिस में कर्तव्यनिष्ठा में पर प्रश्न !
विकास दुबे को इतना बड़ा खुंखार अपराधी बनने से पहले उस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए था उसे इतना बढ़ने का अवसर पुलिस ने दिया ही क्यों कि वो पुलिस पर भारी पड़ गया !
उत्तरप्रदेशपुलिस की विश्वसनीयता पर प्रश्न !
2 और 3 जुलाई की रात को पुलिस के पहुँचने की सूचना विकास दुबे को स्वयं पुलिस ने दी !पुलिस के अपने लोगों ने गद्दारी की थी जिसे जनता हमेंशा भोगती है अबकी बार पुलिस को भी अपने महकमें की गद्दारी की कीमत चुकानी पड़ गई |
उत्तरप्रदेश पुलिस की सतर्कता पर प्रश्न !
विकास दुबे को अपने प्रदेश में ही घेर कर पकड़ पाती तब तो उसकी क्षमता का पता लग पाता किंतु वह ऐसा नहीं कर पाई इसीलिए तो वह मध्यप्रदेश पहुँचने में सफल हो गया !
उत्तरप्रदेश पुलिस के पराक्रम पर प्रश्न !
मध्यप्रदेश का एक होमगार्ड जिस खुंखार अपराधी को घेर कर पकड़ने में कामयाब हो जाता है मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को सकुशल अपनी सीमा पार करवा देती है ! उसे इतनी भारी भरकम तैयारियों से गई उत्तर प्रदेश पुलिस कानून के कटघरे में खड़ा कर पाने में असफल रही !
विकास के हथियार छीनते समय पुलिस क्या कर रही थी ?
विकास दुबे ने पहले इनके हथियार छीन लिए ! फिर एक पैर का लँगड़ा विकास दुबे भागने में सफल हो गया ! विकास दुबे पुलिस पर फायर करने लगा ! जब विकास दुबे को ही सबकुछ करना था पुलिस के बस का कुछ था ही नहीं तब पुलिस वहाँ करने ही क्या गई थी !
उत्तरप्रदेश पुलिस और मध्यप्रदेश का गार्ड !
जिस दुर्दांत विकास दुबे को मध्यप्रदेश का एक होमगार्ड काबू कर लेता है वही विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस की इतनी तैयारियों पर भारी पड़ जाता है !
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में रखे जाने चाहिए मध्यप्रदेश के कुछ होमगार्ड !
सरकार जनता के खून पसीने की कमाई से प्राप्त टैक्स के पैसों से जिन्हें सैलरी देती है आखिर किसलिए !
उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की अपेक्षा है !
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को यदि उचित मानदंडों की कसौटी पर कसा गया होता तो विकास दुबे से निपटने के लिए परिष्कृत पुलिस पारदर्शिता पूर्वक आदर्श आचरण भी प्रस्तुत कर सकती थी !
इनकाउंटर का विकल्प चिंताजनक !
कोई आरोपी यदि भागने लगे तो उसका इनकाउंटर ये कैसा कानून !कोई भी आरोपी पुलिस के भय से भागना ही चाहता है तो क्या पुलिस हर किसी अपराधी का काउंटर ही करेगी !जीवन बहुमूल्य होता है अपराधियों जैसा आचरण करने की अपेक्षा पुलिस से नहीं की जा सकती !पुलिस के पास क्या केवल गोली मारने का ही विकल्प बचता है ?
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