Friday, 31 July 2020

विश्व का मौसम पूर्वानुमान -अगस्त :2020

 विश्व का मौसम पूर्वानुमान -अगस्त :2020
     भारत समेत विश्व के अधिकाँश देशों में अगस्त का संपूर्ण महीना अत्यंत अधिक वर्षा कारक होगा|कुछ देशों प्रदेशों में तो इस महीने में वर्षा की मात्रा इतनी अधिक होगी कि पिछले सौ वर्षों में संभव है इतनी अधिक बारिश न हुई हो|वर्षा के इस रौद्र रूप से भारत भी अछूता नहीं रहेगा !कुछ देशों प्रदेशों में भीषण बाढ़ का  दृश्य अत्यंत अधिक डरावना हो सकता है|इससे बचाव के लिए सरकारों के द्वारा किए जाने वाले अधिकतम प्रयास भी जनधन की हानि को संपूर्ण रूप से रोक पाने में सफल नहीं होंगे !
 1 अगस्त - फिलीपींस में तूफ़ान एवं अतिवर्षा तथा तेज आँधी तूफान की संभावना है |
 4 अगस्त - फिजी में भीषण वर्षा एवं चक्रवात जैसी घटनाओं के घटित होने की संभावना है |
 12अगस्त- अफ्रीकी प्रायद्वीप के पूर्वी भाग को चक्रवाती तूफान के कारणप्राकृतिकसमस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
 15 अगस्त - अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में तूफान, भारी बारिश और बाढ़ से बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा
असर टेक्सास, ओकाहोमा, शिकागो और डलास आदि राज्यों में हो सकता है |
16 अगस्त - संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में भारी बारिश हो सकती है ।

17अगस्त -
फिजी में चक्रवाती तूफान होने की संभावना है |                                                                                                                       
19 अगस्त -बलूचिस्तान में भारी बारिश हो सकती है|मास्टुंग, किला अब्दुल्ला, केच, ज़ियारत, हरनई और पिशिन जिले विशेष अधिक प्रभावित हो सकते हैं | पाकिस्तान में  मूसलाधार बारिश की संभावना है |

18 से 25 अगस्त- के बीच   शिकागो. अमेरिका के दक्षिणी राज्य तूफान और भारी वर्षा से अधिक प्रभावित हो सकते हैं |
 24 से 26अगस्त के बीच ऑस्ट्रेलिया में बड़े तूफान एवं अधिक बारिश जैसी घटनाओं की संभावना है | पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन और क्वींसलैंड में भारी तबाही हो सकती है|
 28 से 30 अगस्त के बीच  स्पेन में भीषण बारिश और तूफान से संकट खड़ा हो सकता है | इससे देशभर में भारी बारिश एवं स्पेन के पूर्वोत्तर इलाके में बाढ़ की स्थिति बन सकती है |
 31 अगस्त - दक्षिणपूर्वी ब्राजील में मूसलाधार बारिश और तूफान की संभावना है | मिनास गैरेस राज्य के बेलो होरिजोन्टे जैसे क्षेत्र इससे विशेष अधिक प्रभावित हो सकते हैं |
 विनम्र निवेदन :-
       मौसम का पूर्वानुमान लगाने के नाम पर उपग्रहों रडारों से आँधी तूफानों एवं बादलों की जासूसी करने वाले लोगों को अभी तक ऐसी संभावित स्थिति के  विषय में कोई जानकारी नहीं है | उनके पास ऐसी कोई वैज्ञानिक विधि भी नहीं है जिसके आधार पर वे संभावित स्थिति का अनुमान लगा सकें | इसीलिए प्रकृति के स्वभाव को न समझने वाले मौसमवैज्ञानिक ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से पहले इनके बिषय में अनुमान नहीं लगा पाते हैं उनके अज्ञान के कारण सरकारों को आपदा प्रबंधन के संसाधन जुटाने में समय लग जाता है अन्यथा यदि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान आपदाओं के शुरू होने से पहले पता लग जाए तो सरकारें अधिक तैयारी के साथ समय से उपस्थित होकर अपने अपने देशों के जन धन की रक्षा कर सकती हैं |ऐसी प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान न लगा पाने या मौसमवैज्ञानिकों के द्वारा लगाए हुए पूर्वानुमान गलत हो जाने के लिए 'जलवायुपरिवर्तन' को इसका कारण कब तक बताया जाता रहेगा !जबकि जलवायु परिवर्तन जैसा कुछ है ही नहीं जिसे सच बताकर उसके नाम  का हउआ खड़ा किया जा रहा है |
    इसलिए सरकारों को समय रहते ऐसे मौसम वैज्ञानिकों की खोज करनी होगी जो मौसमी  घटनाओं की जासूसी से ऊपर उठकर प्रकृति विज्ञान के माध्यम से प्रकृति के स्वभाव को समझने में सक्षम हों और जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप अनुसंधान कर सकें अन्यथा यदि प्राकृतिक आपदाओं से लेकर कोरोना जैसी महामारियों से जनता को ही जूझना है तो ऐसे वैज्ञानिक अनुसंधानों को करने कराने की आवश्यकता ही क्या रह जाएगी !

Monday, 27 July 2020


एवं आवश्यक




भगवान् राम भी भरत 

विरोधियों की अच्छाइयाँ न होकर अपितु काँग्रेस की अपनी कमजोरियाँ हैं | वैसे जो कमियाँ हैं उन्हें तो पार्टी के बरिष्ठ लोग मिल जुलकर पता लगा ही लेते हैं और उसका समाधान भी निकाल लेते हैं किंतु कुछ ऐसी कमियाँ हैं जिनके बिषय में सभी लोगों को पता ही नहीं होता है






प्रधानमंत्री जी !
     महोदय !कोरोना जैसी महामारी किसी दवा या वैक्सीन से समाप्त नहीं होती है पहले भी कभी ऐसा हुआ नहीं है |महामारी का समय समाप्त होने पर महामारी स्वयं समाप्त होने लगती है उस समय कुछ लोग वैक्सीन या किसी दवा को  प्रचारित कर लेते हैं कि इससे महामारी समाप्त हुई है जबकि महामारी की समाप्ति में उसकी कोई भूमिका ही नहीं होती है ! 

       श्रीमान जी !महामारी को समझने का विज्ञान अभी तक विकसित ही नहीं किया जा सका है जिस विज्ञान के द्वारा महामारी के वास्तविक स्वभाव को समझा जा सकता है उसे सरकार विज्ञान नहीं मानती है |


     आदरणीय !महामारी समय के बिगड़ने से होती है और समय के सुधरने से ठीक होती है !विश्व के  वैज्ञानिक 'समय' के बिषय में अनुसंधान करना आवश्यक नहीं समझते इसलिए महामारी को समझाना उनके बश की बात ही नहीं है !वे केवल तीर तुक्के लगाते रहेंगे !जब समय आ जाएगा तब महामारी अपने आपसे ही समाप्त होगी !

     श्रीमान जी !भूकंप आँधी तूफान वर्षा बाढ़ बज्रपात एवं महामारी आदि समय बिगड़ने से शुरू होती हैं !आज बार बार भूकंप आ रहे हैं मई जून तक वर्षा होती रही है हिंसक आँधी तूफ़ान घटित हुए हैं हिंसक बज्रपात हुए हैं उसी गति से महामारी बढ़ती जा रही है ! आखिर इसी वर्ष ऐसा क्यों हो रहा है ?इनके  आपसी संबंध को समझने वाले वैज्ञानिक कहाँ हैं और जो समझते हैंसरकारें उन्हें वैज्ञानिक नहीं मानती हैं | 

    महोदय !भूकंप आँधी तूफान वर्षा बाढ़ बज्रपात आदि घटनाएँ भी कुछ कहती हैं यदि उनके द्वारा दिए गए संदेशों पर ध्यान दिया गया होता तो आज यह दुर्दशा शायद न होती !किंतु उनकी भाषा समझना आवश्यक समझा ही नहीं जा रहा है !

     आदरणीय !मौसम को ठीक ठीक समझे बिना महामारी को नहीं समझा जा सकता है और मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले अभी तक सक्षम वैज्ञानिक तैयार ही नहीं किए जा सके हैं इसीलिए बड़ी बड़ी हिंसक प्राकृतिक घटनाएँ अचानक घटित होते देखी जाती हैं !उपग्रहों रडारों की मदद से बादलों आँधी तूफानों की जासूसी कर लेना मौसमविज्ञान नहीं है ! 

    प्रधानमंत्री जी ! आप भी उन्हीं लोगों की बातें सुनते मानते हो तो सक्षम प्रचारित प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित होते हैं जबकि प्रकृति के स्वभाव को समझने वाले सिद्ध साधक सरकारी कार्यालयों में बैठे नहीं मिलेंगे !यह सच्चाई है !



जिस ताले को खोलना है उसी की ताली लगानी पड़ेगी दूसरी ताली से कैसे खुल जाएगा !


क्षमता विज्ञानं के पास का विज्ञान अभी

letter


 श्रीमान जी
               सादर नमस्कार 

विषय : कोविड -19 से संबंधित वैज्ञानिकअनुसंधानों की प्रक्रिया पर पुनर्बिचार करने हेतु निवेदन !

    महोदय !

       संक्रमण संबंधी रोगों से तथा भूकंप ,आँधीतूफ़ान एवं वर्षा बाढ़ जैसी प्राकृतिक दुर्घटनाओं से हरवर्ष लाखों लोग पीड़ित होते हैं उनमें से कुछ लोग मारे भी जाते हैं कोविड-19 जैसी महामारियों में तो बहुत लोग मारे जाते हैं किंतु संक्रमण के कारण होने वाले रोगों को एवं प्राकृतिक दुर्घटनाओं के बिषय में ठीक ठीक समझने के लिए अभी तक कोई विज्ञान विकसित नहीं किया जा सका है |इसीलिए इनका पूर्वानुमान लगा पाना अभी तक संभव नहीं हो सका है | 
      वैज्ञानिक अनुसंधानों की असफलता ही है कि इतनी बड़ी बड़ी महामारियाँ प्रारंभ होने से पहले इनके विषय में किसी को कुछ पता नहीं होता है इसलिए इनके बिषय में कोई तैयारियॉँ भी नहीं की गई होती हैं और ये धीरे धीरे सारे विश्व में फैल जाती हैं यदि इनके बिषय में समय रहते पूर्वानुमान लगाया जा सका होता तो ऐसे रोगों से निपटने की तैयारियाँ आगे से आगे की जा सकती थीं  |
      इन्हीं वैज्ञानिक अनुसंधानों की असफलता के कारण भूकंप,आँधीतूफ़ान,वर्षा, बाढ़ बज्रपात जैसी प्राकृतिक दुर्घटनाओं के घटित होने के 

ती हैं
     
     

इसकी शुरुआत मनुष्य के किसी प्रयास से नहीं होती इसलिए इसकी समाप्ति भी मनुष्य के किसी प्रयास से नहीं होगी !इसकी समाप्ति का समय आना अभी बाकी है !मैंने समय विज्ञान की दृष्टि से इस बिषय में अनुसंधान किया है !




 मौसम और महामारियाँ दोनों ही साथ साथ चलती हैं जब जैसा मौसम होता है तब तैसे रोग फैलते हैं मौसम में  यदि अधिक बदलाव आता है तो महामारी जैसी घटनाएँ घटित होने लगती हैं | मौसम समय के अनुशार चलता है दूसरी बात ऐसे बड़े रोग अपने समय से शुरू होकर और समय से ही समाप्त होते हैं |इसलिए ऐसी महामारियों के प्रारंभ होने और इनके समाप्त होने के समय का पूर्वानुमान लगाया जाना चाहिए | 
    इसके लिए आवश्यक है कि भूकंप ,तूफ़ान एवं वर्षा बाढ़ जैसी घटनाओं के घटित होने का कारण एवं उसका पूर्वानुमान लगाने वाले विज्ञान को विकसित किया जाए जो अभी तक नहीं किया जा सका है 

 जिनका कारण वैज्ञानिकों के द्वारा ऐसी अधिकाँश प्राकृतिक हिंसक घटनाओं के बिषय में पूर्वानुमान न लगा पाना होता है |ऐसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए विश्ववैज्ञानिकों के द्वारा अभी तक कोई ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया नहीं विकसित की जा सकी है जिससे प्रकृति में घटित होने वाली घटनाओं के स्वभाव को समझा जा सके और वर्षा बाढ़ एवं आँधी तूफानों के विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सके | 
      उपग्रहों रडारों की मदद से समुद्री आकाश में बादल और आँधी तूफ़ान दिखाई पड़ जाते हैं वे जितनी गति से जिस दिशा की ओर जा रहे होते हैं उसी हिसाब से अंदाजा लगा लिया जाता है कि ये किस दिन किस देश या प्रदेश में पहुँचेगे !चूँकि आँधी तूफानों की तरह उपग्रहों रडारों की मदद से भूकंपों को नहीं देखा जा सकता है इसलिए भूकंपों के बिषय में ऐसा कोई अंदाजा लगाना भी संभव नहीं हो पाया है | 
    कोविड -19 जैसी महामारी से बहुत लोग पीड़ित हुए एवं काफी लोग मारे भी गए हैं किंतु अभी तक इस महामारी में होने वाले निश्चित लक्षण नहीं खोजे जा सके हैं इसका पूर्वानुमान लगाया जा सका है कि ये महामारी कब तक रहेगी |बिना किसी दवा वैक्सीन आदि के महामारी के संक्रमण से मुक्त होने वाले रोगियों की बढ़ती संख्या देखकर बहुत लोग इसकी दवा या वैक्सीन बनाने का दावा करते देखे जा रहे हैं जो इस महामारी के संक्रमण को और अधिक बढ़ाने में मददगार सिद्ध हो सकता है | 
      इस बिषय में मैंने एक ऐसी तकनीक बिकसित की है जिसके आधार पर महीनों वर्षों पहले घटित होने वाली वर्षा आँधी तूफ़ान एवं महामारियों के बिषय में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है |उसी के आधारपर मेरा आपसे निवेदन है कि अभी 8 अगस्त 2020 से कोविड -19 का संक्रमण एक बार फिर बहुत अधिक बढ़ने लगेगा और 24 सितंबर तक दिनों दिन बढ़ता चला जाएगा इससे संपूर्ण विश्व प्रभावित होगा | 25 सितंबर 2020 से यह समाप्त होना प्रारंभ होगा जो दिनोंदिन कम होता चला जाएगा और 13 नवंबर को इसके बिलकुल समाप्त होने का समय होगा |
     इस तकनीक से इस बात का भी पता लगाया जा सकता है कि कोविड -19 प्राकृतिक है या नहीं,तथा यह किसी एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है या हवा में ही विद्यमान है !इसके लक्षण क्या हैं ?यह महामारी भविष्य में दोबारा कब आएगी और कितने महीने रहेगी !आदि बातों का एवं मौसम संबंधी प्राकृतिक घटनाओं का भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है | 
        

इनमें किसी दवा वैक्सीन आदि से कोई लाभ नहीं होता है | ऐसी महामारियाँ जब स्वतः समाप्त होने लगती हैं उस समय प्रयोग की जाने वाली औषधियों को क्रेडिट दे दिया जाता है जबकि 

महामारियों की दवा बन ही नहीं सकती है इनका केवल पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि ये शुरू कब होगी और समाप्त कब होगी | महामारियों का पूर्वानुमान लगाने से पहले मौसम संबंधी प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने की व्यवस्था कारण होगी | क्योंकि महामारी के समय में बार बार भूकंप आ रहे हैं आँधी तूफान आ रहे हैं मई जून तक अधिक वर्षा होते देखी गई है इन सबका कोविड-19 के संक्रमण से सीधा संबंध है इस प्रकार की आशंकाएँ और भी बहुत लोगों को हैं किंतु महामारी एवं प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए अभी तक कोई ऐसा विज्ञान नहीं खोजा  जा सका है जिसके आधार पर भूकंप,वर्षा,आँधी तूफान आदि के बिषय में पूर्वानुमान लगाया जा सके एवं इनके और महामारी के आपसी संबंध को समझा जा सके |  

Thursday, 23 July 2020

शांतवानपर्वत, चक्रकुंज पर्वत ,कुररीपर्वत , माल्यवानपर्वत ,वैकङ्कपर्वत -पूर्व ,
त्रिकूटपर्वत ,शिशिरपर्वत ,पतंगपर्वत ,रुचकपर्वत ,निषधपर्वत -दक्षिण
शिखिवासपर्वत , वैदूर्यपर्वत , कपिलपर्वत, गंधमादनपर्वत, जारुधिपर्वत -पश्चिम
शंखकूटपर्वत, ऋषभपर्वत, हंसपर्वत, नागपर्वत, कालंजरपर्वत -उत्तर    

Tuesday, 21 July 2020

trump

 श्रीमान जी
               सादर नमस्कार 

विषय : महामारियों से निपटने के लिए वैज्ञानिकअनुसंधानों की प्रक्रिया पर पुनर्बिचार करने हेतु निवेदन !

    महोदय !

       मौसम और महामारियाँ दोनों ही साथ साथ चलती हैं जब जैसा मौसम होता है तब तैसे रोग फैलते हैं मौसम में  यदि अधिक बदलाव आता है तो महा रोग या महामारी जैसी घटनाएँ घटित होने लगती हैं ऐसे बड़े रोग अपने समय से शुरू होकर समय से ही समाप्त होते हैं इनमें किसी दवा वैक्सीन आदि से कोई लाभ नहीं होता है | ऐसी महामारियाँ जब स्वतः समाप्त होने लगती हैं उस समय प्रयोग की जाने वाली औषधियों को क्रेडिट दे दिया जाता है जबकि महामारियों की दवा बन ही नहीं सकती है इनका केवल पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि ये शुरू कब होगी और समाप्त कब होगी | महामारियों का पूर्वानुमान लगाने से पहले मौसम संबंधी प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने की व्यवस्था कारण होगी | क्योंकि महामारी के समय में बार बार भूकंप आ रहे हैं आँधी तूफान आ रहे हैं मई जून तक अधिक वर्षा होते देखी गई है इन सबका कोविड-19 के संक्रमण से सीधा संबंध है इस प्रकार की आशंकाएँ और भी बहुत लोगों को हैं किंतु महामारी एवं प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए अभी तक कोई ऐसा विज्ञान नहीं खोजा  जा सका है जिसके आधार पर भूकंप,वर्षा,आँधी तूफान आदि के बिषय में पूर्वानुमान लगाया जा सके एवं इनके और महामारी के आपसी संबंध को समझा जा सके | 
    भूकंप ,तूफ़ान एवं बाढ़ जैसी घटनाओं में हरवर्ष लाखों लोग पीड़ित होते हैं उनमें से हजारों लोग मारे भी जाते हैं जिनका कारण वैज्ञानिकों के द्वारा ऐसी अधिकाँश प्राकृतिक हिंसक घटनाओं के बिषय में पूर्वानुमान न लगा पाना होता है |ऐसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए विश्ववैज्ञानिकों के द्वारा अभी तक कोई ऐसी वैज्ञानिक प्रक्रिया नहीं विकसित की जा सकी है जिससे प्रकृति में घटित होने वाली घटनाओं के स्वभाव को समझा जा सके और वर्षा बाढ़ एवं आँधी तूफानों के विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सके |
      उपग्रहों रडारों की मदद से समुद्री आकाश में बादल और आँधी तूफ़ान दिखाई पड़ जाते हैं वे जितनी गति से जिस दिशा की ओर जा रहे होते हैं उसी हिसाब से अंदाजा लगा लिया जाता है कि ये किस दिन किस देश या प्रदेश में पहुँचेगे !चूँकि आँधी तूफानों की तरह उपग्रहों रडारों की मदद से भूकंपों को नहीं देखा जा सकता है इसलिए भूकंपों के बिषय में ऐसा कोई अंदाजा लगाना भी संभव नहीं हो पाया है |
    कोविड -19 जैसी महामारी से बहुत लोग पीड़ित हुए एवं काफी लोग मारे भी गए हैं किंतु अभी तक इस महामारी में होने वाले निश्चित लक्षण नहीं खोजे जा सके हैं इसका पूर्वानुमान लगाया जा सका है कि ये महामारी कब तक रहेगी |बिना किसी दवा वैक्सीन आदि के महामारी के संक्रमण से मुक्त होने वाले रोगियों की बढ़ती संख्या देखकर बहुत लोग इसकी दवा या वैक्सीन बनाने का दावा करते देखे जा रहे हैं जो इस महामारी के संक्रमण को और अधिक बढ़ाने में मददगार सिद्ध हो सकता है |
       इस



तूफ़ान वर्षा जैसी घटनाएँ


भूकंपों समेत ऐसी सभी प्राकृतिक घटनाओं के बिषय में वैज्ञानिकअनुसंधानों के नाम पर दशकों से केवल बादलों एवं आँधीतूफानों की जासूसी मात्र करवाई जा रही है उसी को वैज्ञानिक अनुसंधानों के रूप में प्रचारित किया जा रहा है | उनके द्वारा की जाने वाली गलत भविष्यवाणियों के जलवायुपरिवर्तन को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है जबकि जलवायुपरिवर्तन की सोच ही गलत तथ्यों पर आधारित होने के कारण ही जलवायुपरिवर्तन को अभी तक वैज्ञानिक तर्कों के आधार पर प्रमाणित नहीं किया जा सका है |
   यही स्थिति कोविड 19 संक्रमण के बिषय में भी है इसके बिषय में भी कुछ समझ पाने में वैज्ञानिक अभी तक  असफल रहे हैं इसी लिए इस महामारी के बिषय में उन्होंने आज तक जो जो कुछ बोला है वह सब झूठ होता रहा है | ये उनके द्वारा की गई ऐसी कुछ कल्पनाएँ मात्र थीं जिनका कोई वैज्ञानिक आधार न होने के कारण वे गलत होती चली जा रही हैं |चीन से निकला कोरोना सारे विश्व में फैलता चला गया उस पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा  सका है जो सबसे बड़ी वैज्ञानिक असफलता है |
     कोविड 19 संक्रमण से विश्व के अधिकाँश देश पीड़ित हैं करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं और लाखों लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है जबकि बिना किसी दवा या वैक्सीन के बहुत बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ भी होते जा रहे हैं |
    महामारी का पूर्वानुमान लगाने से लेकर संक्रमित व्यक्ति के लक्षण पहचानने तक में वैज्ञानिक असफल रहे हैं |  इसकी चिकित्सा खोज पाने के बिषय में जिन वैक्सीनों के बिषय में बताया जा रहा है उनकी प्रमाणिकता अभी तक संदिग्ध है | कुलमिलाकर कोरोना के लिए अभी तक कोई दवा खोजी नहीं जा सकी है और आगे खोजी जा सकेगी इसकी भी कोई गारंटी नहीं है |
      जिस प्रकार से बिना किसी दवा या वैक्सीन के रोगी इतनी बड़ी संख्या में इस समय स्वस्थ होते देखे जा रहे हैं उसी प्रकार से बिना किसी वैक्सीन और दवा के ही एक समय ऐसा भी आएगा जब संक्रमण बढ़ाना बंद हो जाएगा और सभी संक्रमित रोगी स्वस्थ हो जाएँगे !उस समय जिस दवा या वैक्सीन आदि का प्रयोग किया जा रहा होगा उसे ही कोरोना से मुक्ति दिलाने वाली दवा या वैक्सीन के रूप में प्रमाणित मान लिया जाएगा |महामारियों के समय हर बार ऐसा ही होता है |
     इसलिए इस समय समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की है कि ये कोरोना समाप्त आखिर कब होगा इसका पूर्वानुमान समाज को तुरंत बताया जाना बहुत आवश्यक  है जो अभी तक किए गए वैज्ञानिक अनुसंधानों से संभव नहीं है |
     इस बिषय में मैंने एक नै तकनीक विकसित की है जिसके द्वारा महामारियों और मौसम के स्वभाव को समझने में तो मदद मिलेगी ही इसके साथ ही साथ महीनों वर्षों पहले की घटनाओं के बिषय में पूर्वानुमान भी लगाया जा सकेगा |

       मौसम की तरह ही महामारी को
    
 

जिसमें विज्ञान की भूमिका दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़ती है किए जा रहे हैं | |
   
          ऐसी परिस्थिति में उस जनता का क्या दोष है
 
सरकारें स्वास्थ्यसंबंधी अनुसंधानों पर खर्च करने के लिए जनता से टैक्स लेती हैं वही धन सरकारें जिन स्वास्थ्यसंबंधी अनुसंधानों को संचालित करने पर खर्च करती हैं


जिसके द्वारा किए


के लिए दवा या वैक्सीन बनाने

      ऐसी परिस्थिति में प्रश्न उठता है कि

स्वस्थ एक ओर तो कोरोना महामारी के संक्रमण फैलने से विश्व के अधिकाँश देश परेशान  हैं तो दूसरी ओर इसके बाद भी जिसके विषय में अभी तक ये नहीं बताया जा सका है ऐसी परिस्थिति में


मैंने कोरोना महामारी का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक गणितीय नई तकनीक खोजी है जिसके द्वारा महामारी के घटने बढ़ने एवं समाप्त होने के बिषय में सही सही पूर्वानुमान लगाया जा सकता है | आज के पहले महामारी के विषय में जो पूर्वानुमान लगाए गए हैं वे सही घटित हुए हैं | 

 9 अगस्त 2020 से 24 सितंबर 2020 तक कोरोना संक्रमण बहुत अधिक बढ़ जाएगा !उस समय किसी वैक्सीन से कोई लाभ नहीं होगा !
   

Friday, 17 July 2020

भूमाफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है ?

   चोरों की चौकीदारी करने वाले खुद चोर निकले ! सरकार अपने पेड अपराधियों को सँभाल कर रख सके तो भी समाज शांति से जीवन बिता सकता है!अपराध करने वालों कर कोई शक नहीं करता जो अपराधी नहीं होते उन पर आरोप लगा दिए जाते हैं !आप स्वयं देखिए। ... "गश्त के दौरान सब इंस्पेक्टर ने चुरा लिया बेशकीमती पौधा, CCTV फुटेज से पकड़ी गई चोरी"see more... https://hindi.news18.com/news/nation/kerala-cop-steals-exotic-plant-with-colleague-help-cctv-helps-to-catch-culprit-3188743.html
प्रधानमंत्री जी !गरीबों किसानों का सहयोग करने के लिए आपको बहुत बहुत बधाई !
आप जनधन खातों में कुछ पैसे डलवा देते हैं तो कम से कम सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को घूस देने के लिए कुछ पैसे तो मिल जाते हैं अन्यथा छोटे छोटे कामों के लिए सरकारी विभागों के महीनों चक्कर काटने पड़ते थे !
 
 
अपराधियों से लोग उतने परेशान नहीं हैं जितने अधिकारियों से हैं !
अपराधियों से तो जनता निपट भी सकती है किंतु उन अधिकारियों से कैसे निपटे जिनके पीछे पूरी सरकार खड़ी होती है जब वो सताते हैं तब CM ,PM का भय भ्रष्टाचार मुक्त चुनावी वादा याद आ जाता है और आँसू निकल आते हैं !हाय ये भी ऐसे निकल गए !
 
 
और री अत्याचार करने लगते हैं से तो जनता निपट भी सकती लेती है
 
 
 जिस देश की पुलिस ऐसी हो उस देश के अपराधी कैसे होंगे !
see more.... https://twitter.com/i/status/1288007019249639426
 
 
पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा पर सवाल !
  पुलिस अपराधियों को भले न पकड़ पाती हो किंतु शहरों में कोई रेड़ी पटरी वाला उनसे छूटता नहीं है जो किसी रोड चैराहे पर खड़ा होकर अपनी रोजी रोटी चलाने का इन्तिज़ाम कर रहा होता है पुलिस उससे दिहाड़ी लेने समय से पहुँच जाती है !उनसे पूछो तो कहते हैं ये पैसा ऊपर तक जाता है ऊपर वाले इतने बड़े भिखारी हैं !
 
 
 'फिरौतीफंड' जारी करे सरकार !
अपहरण करने वाले लाखों रुपयों की फिरौती माँगते हैं जो न दे पावे उसके परिजन मार दिए जाते हैं !इसलिए जिसका अपहरण हो सरकार उसके अकाउंट में 'फिरौतीफंड' के रूप में 1 करोड़ रूपए तुरंत ट्रांसफर कर दे ताकि वह फिरौती चुकाकर समय से सुरक्षित अपने घर पहुँच सके !

चुकाकर

जो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं उनके पास इतना पैसा कहाँ होता है नहीं दे पाते हैं


 घूसखोरी रोकना सरकार के बश की बात नहीं है तो ऐसे विभागों में काम करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को  सैलरी देना ही बंद करे सरकार !यदि घूसखोरी भी चलनी है और सैलरी भी दी जानी है तो सरकारों की जरूरत क्या है लोग सुविधा शुल्क देकर अपने काम करवा ही लेंगे !

      सरकार के जिन विभागों में घूस दिए बिना काम हो ही नहीं सकता हैं ऐसा सभी मानते हैं उन विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की सैलरी बंद क्यों नहीं कर देती है सरकार !


अधिकारी और अपराधी एक सिक्के के दो पहलू होते हैं !
    अधिकारी ईमानदार कर्तव्य परायण हो तो उसके सामने अपराधी सरेंडर कर देते हैं और यदि अधिकारी घूसखोर भ्रष्ट डरपोक  होता है तो उसे अपराधियों के सामने सरेंडर कर देना पड़ता है | 

काम  करे तो अधिकारी और भ्रष्टाचार करे तो भ्रष्टाचारी !
    भ्रष्टाचारियों को अधिकारी बनाकर सरकारें समाज पर क्यों थोपती रहती हैं !जो न काम के न काज के केवल अपराधियों के साथ अपराधी गतिविधियों से धन कमाने की सांठगांठ में लगे रहते हैं !ऐसे अपराधियों को अधिकारी मानने का मन नहीं करता जो सरकारी विभागों में अधिकारियों की कुर्सियों पर बैठकर अपराध किया करते हैं | 

 ईमानदार अधिकारियों की संख्या कितनी है ?
   भ्रष्टाचार के बल पर सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों की कुर्सियों पर यदि अपराधी न बैठाए  जाते तो अपराध मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता था !



अपराध अक्सर अपराधियों और सरकारी तंत्र की मिली भगत से होता है !
   ऐसी परिस्थिति में अपराध के लिए दोनों बराबर के जिम्मेदार होते हैं फिर इनकाउंटर एक का क्यों दोनों का क्यों नहीं ?

भूमाफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है ?
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्ज़ा करके उसे बेच लेना गुंडों की आमदनी का मुख्य साधन है !इसलिए भूमाफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किए बिना गुंडा तंत्र को समाप्त नहीं किया जा सकता !यदि ऐसे गुंडों से सरकारों का फायदा नहीं है तो ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने में सरकारें हिचकती क्यों हैं ?


अपराधियों का इनकाउंटर करने वाला सरकारी तंत्र सबसे बड़ा अपराधी है !
वो किसी अपराधी को तभी तक जीवित रखता है जब तक वो सरकारों नेताओं और अफसरों के फायदे के लिए काम किया करता है और जिस दिन वह ऐसा करना बंद कर देता हैवही सरकारी तंत्र उसी अपराधी का इनकाउंटरकर कर देता है |विकास दुबे के अलावा भी तो उत्तर प्रदेश में और भी अपराधी होंगे उन पर उसी तरह की कठोर कार्यवाही क्यों नहीं करती है सरकार !

विकास दुबे का इनकाउंटर अपराधियों के विरुद्ध पुलिस का आक्रोश था क्या ?
ऐसा करने के पीछे अपराधियों के विरुद्ध यदि पुलिस का आक्रोश होता तो कानून के कटघरे में खड़ा करके भी विकास दुबे को उसके कुकृत्यों की सजा दिलाई जा सकती थी किंतु विकास दुबे को कानून के कटघरे में खड़ा करके पुलिस प्रशासन के उन लोगों को सकुशल नहीं बचाया जा सकता था जो पिछले बीस वर्षों से विकास की मदद करने के लिए न्याय व्यवस्था को कलंकित करते रहे थे | इस मजबूरी के कारण विकास दुबे का इनकाउंटर करना सरकारी मजबूरी हो गई थी !इसलिए विकास दुबे का बध करके अपने को भय मुक्त कर लिया गया | नीति भी कहती है "आत्मानं सततं रक्षेद " !

कहीं विकास दुबे ने ही तो नहीं पलटा दी थी पुलिस की कार ?
विकास दुबे ने पहले से ही पुलिस के हथियार छीनकर भागने की योजना बना रखी हो इसीलिए मौका देखकर विकास दुबे ने ही कार पलटा दी हो !बेचारे पुलिस कर्मियों को चोट लग गई हो किंतु उसी कार में बैठे विकास ने कार पलटाते समय अपने चोट न लगने दी हो और पुलिस बेचारी घायल हो गई हो !इसलिए गुस्सा में उसका इनकाउंटर कर देने के अतिरिक्त और उपाय भी क्या था !मरता क्या न करता !!



योगी सरकार इनके भरोसे उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के सपने देख रही है !
शक्तिशाली बिकास से पुलिस अपने हथियार नहीं बचा सकी !सरकार की अच्छे पाँवों वाली पुलिस विकास को भाग कर पकड़ नहीं सकी !दुर्दांत विकास से आत्मसमर्पण लिए गिड़गिड़ाती रही किंतु विकास दुबे इतना बड़ा क्रूर अपराधी था कि इन बेचारों पर उसे दया नहीं आई तब ये बेचारे क्या करते !उसे घेर कर मार डालना इनकी अपनी प्राण रक्षा के लिए आवश्यक हो गया था !



विकासदुबे को घेर कर मार डालने वालों को मिलना चाहिए बहादुरी पुरस्कार !
कार पलटी तो विकास दुबे को भी चोट लगी ही होगी इसके बाद भी वह लँगड़ा विकास पुलिस से हथियार छीन कर भाग खड़ा हुआ और पुलिस पर फायरिंग करने लगा !
यही न कि उत्तरप्रदेश पुलिस के इतने लोग अकेले विकास के सामने बेकार सिद्ध हुए !इन्हें अपनी जान बचाने के लाले पड़ गए तब बेचारे सरकारी बहादुरों ने विकास को पकड़ने के लिए नहीं अपितु विकास से अपनी प्राण रक्षा के लिए उस अकेले असहाय विकासदुबे को घेर कर मार डाला !इस बहादुरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार इन्हें लड्डू खिलावे इनका प्रमोशन करे और इन्हें पुरस्कार दे !



विकास दुबे के इनकाउंटर से टूटा है पुलिस पर से समाज का विश्वास !
आज कोई भी आरोपी पुलिस पर विश्वास यहाँ तक नहीं कर पा रहा है कि उसके साथ कहीं आए जाए यहाँ तक कि कोर्ट में पेश करते समय भी !


क्या इसलिए मार डाला गया विकास दुबे ?
विकास दुबे से पीड़ित समाज तो न्यायालय से कठोर सजा मिलने से भी खुश हो सकता था किंतु यदि इनकाउंटर न होता तो सबसे बड़ा नुक्सान पुलिस प्रशासन से जुड़े उस वर्ग का हो जाता जिसने पिछले बीस वर्षों में विकास की मदद कर कर के उसे इतना बड़ा अपराधी बनाया था !आज वो उनके भी नाम कबूलता और साक्ष्य भी उपलब्ध करवाता !केस चलने में पापों की सारी परतें खुलतीं | विकास को जब तक सजा सुनाई जाती तब तक उन अधिकारियों को डर डर कर जिंदगी काटनी पड़ती !आज वो बड़े बड़े ओहदों पर बैठे होंगे !इसलिए यह इनकाउंटर समाज के लिए हितकर नहीं कहा जा सकता !


उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की अपेक्षा है !
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को यदि उचित मानदंडों की कसौटी पर कसा गया होता तो विकास दुबे से निपटने के लिए परिष्कृत पुलिस पारदर्शिता पूर्वक आदर्श आचरण भी प्रस्तुत कर सकती थी !



उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में रखे जाने चाहिए मध्यप्रदेश के कुछ होमगार्ड !
सरकार जनता के खून पसीने की कमाई से प्राप्त टैक्स के पैसों से जिन्हें सैलरी देती है आखिर किस लिए !



उत्तरप्रदेश पुलिस और मध्यप्रदेश का गार्ड !
जिस दुर्दांत विकास दुबे को मध्यप्रदेश का एक होमगार्ड काबू कर लेता है वही विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस की इतनी तैयारियों पर भारी पड़ जाता है !



विकास के हथियार छीनते समय पुलिस क्या कर रही थी ?
विकास दुबे ने पहले इनके हथियार छीन लिए ! फिर एक पैर का लँगड़ा विकास दुबे भागने में सफल हो गया ! विकास दुबे पुलिस पर फायर करने लगा ! जब विकास दुबे को ही सबकुछ करना था पुलिस के बस का कुछ था ही नहीं तब पुलिस वहाँ करने ही क्या गई थी !



उत्तरप्रदेश पुलिस के पराक्रम पर प्रश्न !
मध्यप्रदेश का एक होमगार्ड जिस खुंखार अपराधी को घेर कर पकड़ने में कामयाब हो जाता है मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को सकुशल अपनी सीमा पार करवा देती है ! उसे इतनी भारी भरकम तैयारियों से गई उत्तर प्रदेश पुलिस कानून के कटघरे में खड़ा कर पाने में असफल रही !

उत्तरप्रदेश पुलिस की सतर्कता पर प्रश्न !

विकास दुबे को अपने प्रदेश में ही घेर कर पकड़ पाती तब तो उसकी क्षमता का पता लग पाता किंतु वह ऐसा नहीं कर पाई इसीलिए तो वह मध्यप्रदेश पहुँचने में सफल हो गया !

उत्तरप्रदेशपुलिस की विश्वसनीयता पर प्रश्न !

2 और 3 जुलाई की रात को पुलिस के पहुँचने की सूचना विकास दुबे को स्वयं पुलिस ने दी !पुलिस के अपने लोगों ने गद्दारी की थी जिसे जनता हमेंशा भोगती है अबकी बार पुलिस को भी अपने महकमें की गद्दारी की कीमत चुकानी पड़ गई !
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डॉ.शेष नारायण वाजपेयी updated his status.
उत्तरप्रदेश पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा पर प्रश्न !
विकास दुबे को इतना बड़ा खुंखार अपराधी बनने से पहले उस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए था उसे इतना बढ़ने का अवसर पुलिस ने दिया ही क्यों कि वो पुलिस पर भारी पड़ गया !

विकास दुबे केस !न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी !
अपराधियों से साँठ गाँठ रखने वाले अफसरों एवं नेताओं के विकास के साथ संबंधों के सबूत विकास के घर में खोजे जा सकते थे या फिर विकास से पूछकर पता लगाए जा सकते थे !अब ये दोनों ही मिटा दिए गए !

विकास दुबे की हत्या पर उठती शंकाएँ !
विकास दुबे केस !न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी !
अपराधियों से साँठ गाँठ रखने वाले अफसरों एवं नेताओं के विकास के साथ संबंधों के सबूत विकास के घर में खोजे जा सकते थे या फिर विकास से पूछकर पता लगाए जा सकते थे !अब ये दोनों ही मिटा दिए गए !

विकास दुबे की हत्या पर उठती शंकाएँ !
विकास दुबे की हत्या होते ही अचानक कटघरे में खड़ी हो गई कानून व्यवस्था !
विकास दुबे अपने अपराधों के लिए कल तक कटघरे में खड़ा था समाज की संबेदनाएँ पुलिस के साथ थीं किंतु आज अचानक बाजी पलट गई !समाज का प्रशासन के प्रति रवैया बदल गया !हर कोई विकास दुबे को अपराधी मानकर उसे कानून सम्मत सजा दिए जाने के पक्ष में था भले वो फाँसी ही क्यों न होती !

योगी जी ! विकासदुबे एक व्यक्ति नहीं एक प्रवृत्ति हैं उस प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी कुछ कीजिए !

राजनीति में भी तो आपराधी हैं उनका चरित्रचिन्तन भी तो होना चाहिए !

सपा बसपा आदि सरकारों में जाति के आधार पर कार्यवाही की जाती रही है और जातियों के आधार पर ही प्रोत्साहन मिलता रहा है इसलिए कार्यवाही सब पर हो वे खनन माफिया हों या भू माफिया या राजनैतिक माफिया !छूटे कोई न योगी सरकार से ऐसी अपेक्षा है !

योगी जी ! विकासदुबे एक व्यक्ति नहीं एक प्रवृत्ति हैं उस प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी कुछ कीजिए !
जनता पर अत्याचार करे तब अपराधी या पुलिस से खटपट हो तब ?

अपराधी जनता का उत्पीड़न करती रहे तब तक तो ठीक किंतु जिस दिन अपराधियों की खटपट पुलिस से हो जाए उसदिन उसे अपराधी मानकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाए ये ठीक नहीं है जनता का उत्पीड़न भी तो अपराध है उन पर उसी समय अंकुश क्यों न लगाया जाए !विकास इतने समय तक लोगों का उत्पीड़न करता रहा तब कहाँ था पुलिस प्रशासन और इतने वर्षों विरुद्ध कोई प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं हुई ?चौबेपुर थाने की तरह ही न जाने कितने थानों की पुलिस अभी भी अपराधियों की मदद करने में लगी हो किसी को क्या पता लोग उनके अत्याचार अभी भी सह रहे होंगे जिस दिन उनकी खटपट पुलिस से होगी उस दिन उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी !

योगी जी ! विकासदुबे एक व्यक्ति नहीं एक प्रवृत्ति हैं उस प्रवृत्ति को रोकने के लिए भी कुछ कीजिए !

अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही भी उसकी जाति देखकर न की जाए !

विकासदुबे के पिता जी ब्राह्मण हैं इसलिए विकास दुबे भी ब्राह्मण है ब्राह्मण होने के कारण विकास ने अपराध नहीं किया है अपितु अपराधी होने के कारण अपराध किया है !अपराध का उसके ब्राह्मण होने से कोई संबंध नहीं है किंतु अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करते समय भी यह याद रखा जाना चाहिए कि अपराधी सभी जातियों में हैं कार्यवाही सभी जातियों के अपराधियों पर हो !

Sunday, 12 July 2020

उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की अपेक्षा है !

  उत्तरप्रदेश पुलिस में कर्तव्यनिष्ठा में पर प्रश्न !  
     विकास दुबे को इतना बड़ा खुंखार अपराधी बनने से पहले उस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए था उसे इतना बढ़ने का अवसर पुलिस ने दिया ही क्यों कि वो पुलिस पर भारी पड़ गया !
   उत्तरप्रदेशपुलिस की विश्वसनीयता पर प्रश्न !  
     2 और 3 जुलाई की रात  को पुलिस के पहुँचने की सूचना विकास दुबे को  स्वयं पुलिस ने दी !पुलिस के अपने लोगों ने गद्दारी की थी जिसे जनता हमेंशा भोगती है अबकी बार पुलिस को भी अपने महकमें की  गद्दारी की कीमत चुकानी पड़ गई |  

   उत्तरप्रदेश पुलिस की सतर्कता पर प्रश्न !    
     विकास दुबे को अपने प्रदेश में ही घेर कर  पकड़ पाती तब तो उसकी क्षमता का पता लग पाता किंतु वह ऐसा नहीं कर पाई इसीलिए तो वह मध्यप्रदेश पहुँचने में सफल हो  गया !
   
   उत्तरप्रदेश पुलिस के पराक्रम पर प्रश्न !   
  मध्यप्रदेश का एक होमगार्ड जिस खुंखार अपराधी को घेर कर पकड़ने में कामयाब हो जाता है मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को सकुशल अपनी सीमा पार करवा देती है ! उसे इतनी भारी भरकम तैयारियों से गई उत्तर प्रदेश पुलिस कानून के कटघरे में खड़ा कर पाने में असफल रही !

    विकास के हथियार छीनते समय पुलिस क्या कर रही थी ?
  विकास दुबे ने पहले इनके हथियार छीन लिए ! फिर एक पैर का लँगड़ा विकास दुबे भागने में सफल हो गया ! विकास दुबे पुलिस पर फायर करने लगा ! जब विकास दुबे को ही सबकुछ करना था पुलिस के बस का कुछ था  ही नहीं तब पुलिस वहाँ करने ही क्या गई थी ! 

     उत्तरप्रदेश पुलिस और मध्यप्रदेश का गार्ड !
     जिस दुर्दांत विकास दुबे को मध्यप्रदेश का एक होमगार्ड काबू कर लेता है वही विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस की इतनी तैयारियों पर भारी पड़ जाता है !

     उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में रखे जाने चाहिए मध्यप्रदेश के कुछ होमगार्ड !
सरकार जनता के खून पसीने की कमाई से प्राप्त टैक्स के पैसों से जिन्हें सैलरी देती है आखिर किसलिए !

 उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की अपेक्षा है !
  पुलिस भर्ती प्रक्रिया  में अभ्यर्थियों को यदि उचित  मानदंडों की कसौटी पर कसा  गया होता तो विकास दुबे से निपटने के लिए परिष्कृत पुलिस पारदर्शिता पूर्वक आदर्श आचरण भी प्रस्तुत कर सकती थी !   
      
इनकाउंटर का विकल्प चिंताजनक !
   कोई आरोपी यदि भागने लगे तो उसका इनकाउंटर ये कैसा कानून !कोई भी आरोपी पुलिस के भय से भागना ही चाहता है तो क्या पुलिस हर किसी अपराधी का काउंटर ही करेगी !जीवन बहुमूल्य होता है अपराधियों जैसा आचरण करने की अपेक्षा पुलिस से नहीं की जा सकती !पुलिस के पास क्या केवल  गोली मारने का ही विकल्प बचता है ?

Friday, 10 July 2020

विकास दुबे की हत्या पर उठती शंकाएँ !

  विकास दुबे केस !न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी !
    अपराधियों से साँठ गाँठ रखने वाले अफसरों एवं नेताओं के विकास के साथ संबंधों के सबूत विकास के घर में खोजे जा सकते थे या फिर विकास से पूछकर पता लगाए जा सकते थे !अब ये दोनों ही मिटा दिए गए !

 विकास दुबे की हत्या होते ही अचानक कटघरे में खड़ी हो गई कानून व्यवस्था !

     विकास दुबे अपने अपराधों के लिए कल तक कटघरे में खड़ा था समाज की संबेदनाएँ पुलिस के साथ थीं किंतु आज अचानक बाजी पलट गई !समाज का प्रशासन के प्रति रवैया बदल गया !हर कोई विकास दुबे को अपराधी मानकर उसे कानून सम्मत सजा दिए जाने के पक्ष में था भले वो फाँसी ही क्यों न होती !
   
 विकास दुबे की हत्या ही करनी थी तो ... !
     विकास दुबे की हत्या के लिए गढ़ी गई कहानी पर कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है! हर कोई एक दूसरे से पूछ रहा है कि विकास दुबे की हत्या ही करनी थी तो उज्जैन से लाया ही क्यों गया ?

      
विकास दुबे का घर गिराने के पीछे का कारण संदिग्ध सबूतमिटाना ही तो नहीं था ?
     कुछ प्रभावी राजनेताओं और  प्रशासन के कुछ भ्रष्ट प्रभावी अफसरों को विकास के साथ अपनी साँठ गाँठ के सबूत मिलने का भय तो नहीं था जिन्हें मिटाने के लिए गिराया गया था विकास दुबे का घर और ऐसे कोई राज न उगल दे इसलिए की गई विकास दुबे की हत्या | 

 प्रशासन से आदर्श आचरण की उम्मींद थी !
   विकास दुबे तो अपराधी था ही किंतु सरकार से अच्छे आचरण की उमींद थी अन्यथा कानून को कोई क्यों मानेगा !पुलिस यदि अपना बदला इस तरह ले सकती है तो समाज भी अपना बदला अपने तरह से लेने लगेगा कोई क्यों मानेगा कानून को ?
 कानून की किताबों का क्या होगा ?
      कानून की सीमाएँ लाँघकर पुलिस ने अपना बदला ले लिया तो क्या जनता को भी ऐसा ही करना चाहिए क्या !अपनी शत्रुता का बदला अपने तरीके से स्वयं लेना चाहिए ?
   विकास दुबे ने पुलिस पर हथियार उठाया तब पुलिस को बुरा लगा !
     पुलिस क्या केवल अपने विरोधियों पर कार्यवाही करती है जनता के उत्पीड़न पर नहीं ?जनता तो अपनी भी सुरक्षा की अपेक्षा पुलिस से ही करती है !आखिर जनता के उत्पीड़न पर विकास की हत्या नहीं की गई संतोष शुक्ल की हत्या को पुलिस सह गई भी और भी ऐसे बहुत अत्याचारों से जन उत्पीड़न हुआ उन्हें पुलिस सह गई किंतु अपने ऊपर हथियार उठाना पुलिस सह नहीं सकी |   
  पुलिसकर्मियोंकी दुर्भाग्यपूर्णमृत्यु के लिए जिम्मेदारकौन ?
     
विकास दुबे या पुलिस विभाग के अपने अंदर के लोगों के द्वारा की गई गद्दारी ! 
      पुलिस के अपने लोगों ने विश्वासघात न किया होता रात में दबिश देने गई पुलिस की सूचना उसे नहीं मिलती !अचानक वह पुलिस पर हमले की तैयारी कैसे कर सकता था अचानक रोड पर कैसे कड़ी कर दी जाती जीवीसी मशीन !विकास दुबे की दबंगई के कारण पुलिस वालों की दुर्भाग्य पूर्ण मृत्यु नहीं हुई ?विकास दुबे तो अपराधी था ही इसलिये उससे  तो अच्छे आचरण की उमींद उस दिन भी नहीं की जानी चाहिए थी किंतु पुलिसविभाग की अपने अंदर की तैयारियॉँ धोखा दे गईं !


 विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस की तैयारियों पर प्रश्न पराक्रम पर प्रश्न !
       विकास दुबे को ले कानून के दरवाजे तक ले जाने जैसी इतनी बड़ी जिम्मेदारी जिनके कंधों पर डाली गई उनका चयन किस आधार पर किया गया !यदि वे अपने हथियार पकड़कर रखने  में सक्षम नहीं थे यदि वे लँगड़े अपराधी के बराबर भागने में सक्षम नहीं थे !यदि गाड़ी को चलाने वाला ड्राइवर  सुरक्षित  ले जाने में सक्षम नहीं था या गाड़ी ही  इस योग्य नहीं थी | 
    वैसे भी इतनी कमजोर असहाय व्यवस्था के प्रतिनिधियों को उस रात दबिश देने के लिए भेजा नहीं जाना चाहिए था क्योंकि अच्छे आचरण की उम्मींद अपराधियों से तो की ही नहीं जा सकती है !

                     कानून जिम्मेदारी ऐसे निभाई जाती है  क्या ?
     विकास दुबे जैसे इतने  बड़े अपराधी  को अपने आधीन कर लेने के बाद उसे सुरक्षित कानून के कटघरे में खड़ा करना जिनकी जिम्मेदारी थी वे चूक गए या फिर ये पटकथा ही विश्वसनीय नहीं है !       
                     विकास दुबे ने हथियार छीन लिए ! 
      इतने बड़े अपराधी को लाने के लिए इतने सतर्क मजबूत और जिम्मेदार लोगों को लगाया जाना चाहिए जिनके हाथ कम से कम इतने मजबूत तो होते कि अपराधी के छीनने पर अपने हथियार तो सुरक्षित पकड़ कर रख पाते ! 

                   हथियार छीन कर भागने लगा विकास दुबे !

     विकास दुबे पैरों में दिक्कत होने के कारण लँगड़ाकर चलता है इसलिए दौड़कर भागना उसके लिए संभव न था फिर भी यदि किसी तरह भगा भी हो तो भी उसकी गति इतनी तीव्र नहीं हो सकती कि स्वस्थ पैरों वाले व्यक्ति को  दौड़कर पछाड़ सके !

    विकास दुबे : इतने कमजोर थे जिम्मेदारी सँभाल रहे लोह !
       "गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों का हथियार छीनकर भाग निकला. उसे सरेंडर करने का मौका दिया गया था, लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई है!"

                          विकासबध से क्या संदेश दिया गया ?              
     कोई अपराधी समाज को कितना भी पीड़ित करे फिर भी उसका तब तक बाल बांका नहीं होगा जब तक वो पुलिस से पंगा नहीं लेगा ? 

                       विकास दुबे की हत्या की इतनी जल्दी भी क्या थी ?
     विकास के संपर्क  में  रहे पुलिस अफसरों और  प्रभावी नेताओं को यदि अपने काले कारनामे  खुलने का भय नहीं था तो विकास दुबे की तुरंत हत्या न करके भ्रष्टाचारी अफसरों और अपराधी नेताओं के भी काले कारनामें सामने लाए जाने चाहिए थे !

विकास दुबे : न्याय प्रक्रिया पर भरोसा किया जाना चाहिए था !
     बड़े बड़े आतंकवादियों को कानूनी कटघरे में खड़ा करके उनसे पूछताछ  की जाती है उन्हें उनकी बात कहने का अवसर दिया जाता है दोषी पाए जाने पर उन्हें फाँसी की सजा सुना दी जाती है ये विकल्प विकास दुबे के प्रकरण में भी खुला था !ऐसा न किए जाने के पीछे का सच सामने लाया जाना चाहिए !

 विकास का मुख खुलने से किसको भय था उनका नाम सार्वजनिक क्यों न किया जाए ?
     आतंकियों की तरह ही कानूनी कटघरे में खड़ा करके विकास का भी मुख खुलने दिया जाता तो संभव था अपराधियों को प्रोत्साहित करने वाले कुछ बड़े बड़े सफेदपोश नेताओंअफसरों एवं अन्य अपराध सहयोगियों के नाम सामने लाए जा सकते थे और उनके विरुद्ध कार्यवाही करके अपराधी समूह पर अंकुश लगाया जा सकता था !ऐसा न करने के पीछे कोई ईमानदार कारण नहीं दिखता है !

         विकास की मौत का खेल खेलने की इतनी जल्दबाजी क्यों ?  
      विकास बध का उद्देश्य जो भी रहा हो किंतु इस कायरता से ऐसा संदेश गया है कि किसी प्रभावी व्यक्ति के विकास के साथ रहे संबंधों को उजागर न होने देने के लिए इतनी जल्दबाजी में खेला गया विकास की मौत का खेल !

    
कानून पर विश्वास बरकरार रखने के लिए दिए जाने चाहिए इन प्रश्नों के उत्तर !
  • उज्जैन में विकास ने खुद सरेंडर किया तो भौंती के पास दुर्घटना के बाद भागने की कोशिश क्यों की?
  •  उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तारी क्यों नहीं दिखाई, उसे ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट क्यों नहीं ले गई?
  •  कानपुर की सीमा में आने के बाद ही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी क्यों और कैसे पलटी?
  •  पलटने से पहले 50-100 मीटर तक गाड़ी घिसटी पर उसके निशान सड़क पर नहीं दिखे ?
  •  तेज गति में गाड़ी पलटती है तो काफी नुकसान होता है, लेकिन इसमें सिर्फ शीशा टूटा क्यों ?
  •  भारी ट्रैफिक के बीच हाईवे पर पुलिस के अलावा किसी औऱ को यह हादसा क्यों नहीं दिखा ?
  •  विकास का एक पैर खराब था, क्या हादसे के बाद हथियार छीनकर भागने में समर्थ था ?
  •  एसटीएफ ने इतनी सावधानी भी क्यों नहीं बरती, उसके हाथ क्यों नहीं बांधे गए थे ?
  •  विकास के साथी एवं शॉर्प शूटर प्रभात वाले घटनाक्रम से पुलिस ने सबक क्यों नहीं लिया?
  •  24 घंटे में एक गाड़ी पंचर हुई और दूसरी पलट गई, आखिर किस तरह की हैं पुलिस की गाड़ियां ?
  •  एनकाउंटर के ठीक 10 मिनट पहले मीडिया को बारा टोल प्लाजा पर जबरन क्यों रोका गया ?

Thursday, 9 July 2020

korona 3

कुछ हफ्ते में शरीर से गायब हो सकती हैं कोरोना ऐंटिबॉडीज ! 
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जब इस बीमारी से ठीक हो जाता है। यानी जब उसके टेस्ट नेगेटिव आने लगते हैं, इसके बाद भी करीब 2 सप्ताह तक उसके शरीर में इस वायरस की मौजूदगी रह सकती है। जो अन्य व्यक्तियों को संक्रमित करने कर सकती है।see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/lifestyle/health/corona-effects-after-recovery-people-may-loose-their-immunity-within-a-month-in-hindi/articleshow/76942345.cms

 Updated Dec 29, 2017 | 13:13 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल
 ट्रंप ने ग्‍लोबल वार्मिंग का बनाया मजाक, कहा- बर्फीली हवाओं से दिलाएगा राहतदुनिया
अमेरिका का पूर्वी क्षेत्र इन दिनों कड़ाके की सर्दी से गुजर रहा है। सर्द हवाओं ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्‍त-व्‍यस्‍त कर दिया है, पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस मौके का इस्‍तेमाल ग्‍लोबल वार्मिंग पर तंज कसने के लिए किया। उन्‍होंने मजाकिया लहजे में कहा कि धरती के बढ़ते तापमान से शायद कड़ाके की सर्दी से निपटने में मिल सके।see more...https://hindi.timesnownews.com/world/article/extreme-cold-wave-in-us-trump-mocks-global-warming-in-tweet/183392


 By Rahul Kumar | Published: Tuesday, January 29, 2019, 13:44 [IST] नई दिल्li
ट्रंप ने 'ग्लोबल वार्मिंग' का फिर उड़ाया मजाक, 
दरअसल 29 जनवरी को शाम में भयानक ठंड का शिकार हुए मिडवेस्ट रीजन का हवाला देते हुए ट्रंप ने ग्लोबल वार्मिंग को ताना मारते हुए उसे तेजी से वापस आने के लिए कहा है। ट्रंप
ट्वीट किया कि, 'खूबसूरत मिडवेस्ट में ठंडी हवाओं के चलते तापमान माइनस 60 डिग्री तक पहुंच गया है। ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आने वाले दिनों में और भी ठंडा होने की उम्मीद है। लोग एक मिनट के लिए भी बाहर नहीं आ पा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग के साथ क्या हो रहा है?see more...https://hindi.oneindia.com/news/international/donald-trump-says-we-need-global-warming-as-extreme-cold-weather-490896.html

5 मई 2020   जलवायु परिवर्तन
दुनिया के प्रमुख वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि जलवायु परिवर्तन मानव-प्रेरित है और चेतावनी देता है कि तापमान में प्राकृतिक उतार-चढ़ाव मानव गतिविधि द्वारा बढ़ाए जा रहे हैं। इसे जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। मानव गतिविधियों ने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में वृद्धि की है, जिससे तापमान बढ़ रहा है। चरम मौसम और पिघलने वाली ध्रुवीय बर्फ संभावित प्रभावों में से हैं। पृथ्वी का औसत तापमान लगभग 15C है लेकिन अतीत में बहुत अधिक और कम रहा है।जलवायु में प्राकृतिक उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान अब कई गुना अधिक तेजी से बढ़ रहा है।
see more....https://translate.google.com/translate?hl=hi&sl=en&u=https://www.bbc.com/news/world-us-canada-46351940&prev=search

 aajtak.in 22 मई 2020
कोरोना को लेकर अपने देश के वैज्ञानिकों पर भड़के ट्रंप, कही ये बातडोनाल्ड ट्रंप ने इस हफ्ते दो बार कहा कि हमारे देश के वैज्ञानिकों की बात बेसिर पैर की है. उनकी बातों में कोई सबूत नहीं है.see more...https://aajtak.intoday.in/gallery/us-president-donald-trump-lashes-out-scientists-whose-findings-contradict-him-on-covid19-tstr-1-50674.html 

 मानसी दाश बीबीसी संवाददाता14 मई 2020
 कोरोना वायरस: इस बार मई के महीने में भी गर्मी नहीं, क्या हैं कारण
क्या ये जलवायु परिवर्तन है?सेंटर ऑफ़ साइंस ऐंड एनवायर्नमेन्ट में जलवायु मामलों पर नज़र रखने वाले तरुण गोपालकृष्णण ने बीबीसी को बताया कि केवल उत्तर भारत या पूर्वी भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में मौसम बीते सालों की अपेक्षा इस साल अलग ही है. see more...https://www.bbc.com/hindi/india-52647738


 aajtak.in14 मई 2020
दुनिया में बढ़ते जा रहे मामले, WHO ने दी चेतावनी- कभी खत्म नहीं होगा कोरोना
see more....https://aajtak.intoday.in/gallery/who-warns-coronavirus-may-never-go-away-as-new-clusters-emerge-tlif-1-50272.html

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 02 May 2020, 11:04:00 AM IST
 WHO के डॉक्टर बोले, प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ है कोरोना
पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ऐसी जानकारी देखी है, जिससे साफ होता है कि कोरोना वायरस चीन के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में पैदा हुआ। अब WHO ने कहा है कि कोरोना वायरस प्राकृतिक (coronavirus natural origin) तरीके से पैदा हुया है।see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/world/america/who-chief-reiterates-that-coronavirus-had-natural-origin-trump-claim-its-originated-at-china-virology-institute/articleshow/75501306.cms

 लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्लीLast updated: Tue, 05 May 2020 02:07 PM
 क्या आ गई खुशखबरी? इजरायल के रक्षा मंत्री का दावा, हमने बना ली कोरोना की वैक्सीन
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। इस खतरनाक कोविड-19 से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी इसका इलाज नहीं मिल पाया है। मगर इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री ने दावा किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है। रक्षा मंत्री नैफ्टली बेन्‍नेट ने अपने एक बयान में कहा कि इजरायल केsee more...https://www.livehindustan.com/international/story-covid19-update-israeli-defense-minister-naftali-bennett-claims-our-research-team-have-developed-coronavirus-vaccine-3194606.html


लाइव हिन्दुस्तान,वाशिंगटन।Last updated: Fri, 01 May 2020 01:07 AM 
अमेरिका ने अब माना, 'मानवनिर्मित' नहीं है कोविड-19 वायरस, मगर लैब में होती रहेगी जांच
see more...https://www.livehindustan.com/international/story-coronavirus-not-manmade-still-studying-lab-theory-says-us-intelligence-3185926.html

 Publish Date:Tue, 28 Apr 2020 01:27 AM (IST)
हवा में पाया गया कोरोना का जेनेटिक मटेरियल, कैसे कम होगा जोखिम, वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह
बीजिंग, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने हवा में कोरोना वायरस की आनुवंशिक सामग्री की उपस्थिति पता लगाया है। लेकिन, वे कहते हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि इन वायरल कणों से बीमारी हो सकती है या नहीं। वुहान, चीन में दो see more...https://www.jagran.com/world/china-coronavirus-genetic-material-detected-in-air-unclear-about-it-causes-disease-20226577.html

Edited By Shailesh Shukla | नवभारत टाइम्स | Updated: 05 May 2020, 09:28:00 AM IST 
तंजानिया में बकरी और फल भी कोरोना पॉजिटिव, राष्ट्रपति ने कहा-टेस्ट किट सही नहींsee more...https://navbharattimes.indiatimes.com/world/other-countries/goat-and-fruit-are-also-coronavirus-positive-in-tanzania-president-john-magufuli-said-test-kit-not-correct/articleshow/75546399.cms

News18Hindi Last Updated: April 28, 2020, 9:12 AM IST
 भारत से 26 जुलाई और दुनिया से 9 दिसंबर तक खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस- रिसर्च में दावा
दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक 30 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं.
अध्ययन में ये भी बताया गया है कि अमेरिका में 27 अगस्त, स्पेन में 7 अगस्त, इटली में 25 अगस्त और भारत में 26 जुलाई तक कोरोना का अंत हो जाएगा.
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 भारत में कोरोना: शोध में दावा, रूप बदलकर ज्यादा खतरनाक बन रहा है कोविड-19 वायरस
Coronavirus India Update: भारत में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस (corona in india) अब तरह-तरह के रूप बदलकर दुनिया में फैल गया है। यह जानलेवा वायरस अब तक दुनिया में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। एक नए रिसर्च में पता चला है कि अभी दुनिया के ज्यादातर मुल्कों में अब A2a वायरस कोहराम मचा रहा है।SEE MORE...https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/mumbai/other-news/coronavirus-has-mutated-into-10-types-1-dominant-across-regions-study/articleshow/75421576.cms


 Publish Date:Sun, 26 Apr 2020 10:49 PM (IST)
वायु प्रदूषण के कणों पर कोरोना वायरस का चला पता, ज्यादा प्रदूषित इलाके में देखा गया उच्च संक्रमण
पिछले अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण के कण रोगाणुओं को पनाह देते हैं और इसके जरिये बर्ड फ्लू, खसरा और अन्य बीमारियों के संक्रमण की संभावना रहती है। वायु प्रदूषण के कणों की संभावित भूमिका व्यापक प्रश्न से जुड़ी है कि कोरोना वायरस कैसे फैलता है? संक्रमित लोगों की खांसी और छींक से वायरस से भरी बड़ी बूंदेंsee more....https://www.jagran.com/news/national-scientists-in-italy-find-coronavirus-on-air-pollution-particles-high-infection-seen-in-more-polluted-area-20224117.html

Publish Date:Mon, 27 Apr 2020 07:28 AM (IST)
अमेरिका में कम हो रहा कोरोना वायरस का कहर, 24 घंटों में हुई 1330 लोगों की मौत
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 नदी के पानी में कोरोना के लक्षण !
20-4-2020
पेरिस की सीन नदी और अवर्क नहर के पानी में कोरोना कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है !seemore..... https://www.patrika.com/miscellenous-world/coronavirus-found-in-water-in-paris-6019070/

17-7-2020 कोरोना वायरस: स्पेन में एक लाख ऊदबिलाव को मारने का आदेश ! 
उत्तर-पूर्वी स्पेन के एक फ़ार्म में कई ऊदबिलाव कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं जिसके बाद यह फ़ैसला किया गया है.see more....https://www.bbc.com/hindi/international-53441767

aajtak.in 22 अप्रैल 2020
 कोरोना, सूखा और तूफान से अमेरिका खस्ताहाल, ट्रंप पर बड़ी आफत
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लॉकडाउन का 1 महीना: 22 से घटकर 8 पर्सेंट तक आ गए कोराना वायरस के मामले
Edited By Vaibhava Pandey | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 25 Apr 2020, 07:55:00 AM IST see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/india/during-one-month-of-lockdown-coronavirus-cases-falls-from-22-percent-to-8-percent-in-india/articleshow/75367047.cms


 Last updated: Fri, 24 Apr 2020 10:34 AM
 सनलाइट से जल्दी खत्म हो जाता है कोरोना वायरस, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया रिसर्च में दावा
होमलैंड सुरक्षा सचिव के विज्ञान और तकनीकी विभाग के सलाहकार विलियम ब्रायन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों कहा कि सरकारी वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि सूरज की पराबैंगनी किरणें पैथोगेन यानी वायरस पर प्रभावशाली असर डालती हैं। उम्मीद है कि गर्मियों में इसका प्रसार कम होगा।
विलियम ब्रायन ने कहा कि हमारी रिसर्च में अब तक सबसे खास बात यह पता चली है कि सोलर लाइट सतह और हवा दोनों में इस वायरस को मारने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने यह भी पाया है कि तापमान और नमी में भी इसी तरह के नतीजे सामने आए हैं। यानी तापमान और नमी में वृद्धि वायरस के लिए फायदेमंद नहीं है।see more....https://www.livehindustan.com/international/story-sunlight-destroys-coronavirus-quickly-say-us-scientists-3171690.html


Updated Date Thu, Apr 23, 2020, 8:13 PM IST
पर्यावरण सचिव ने जानकारी दी है कि कोरोना एक बड़ी चुनौती है. हमारा मूलमंत्र है कि जिंदगी कैसे बचाएं? हम लगातार टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. 23 मार्च तक हमने देशभर में महज 14,915 टेस्ट किए थे और अब 22 अप्रैल तक हमने 5 लाख से ज्यादा टेस्ट कर लिए हैं . हालांकि यह पर्याप्त नहीं है और हमें देश में रैंप टेस्टिंग की जरूरत है. see more...https://www.prabhatkhabar.com/national/corona-virus-ministry-of-health-ministry-of-home-affairs-data-country


दम घोंट देता है कोरोना, देखते रह जाते हैं डॉक्टर, वेंटिलेटर भी काम नहीं आता
aajtak.in23 अप्रैल 2020
कोरोना वायरस की वजह से मरीजों का दम घुट रहा है. वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी बेकार साबित हो रहे हैं. डॉक्टर मरीजों को मरते हुए देखते रह जाते हैं. ऐसा हो रहा है दुनिया के कई जगहों पर. लेकिन ये दिक्कत है क्या? क्योंsee more....https://aajtak.intoday.in/gallery/coronavirus-kills-patients-by-silent-hypoxia-low-oxygen-no-solution-tstr-1-49294.html


News18Hindi Last Updated: April 23, 2020, 12:28 AM IST
 कोरोना पर WHO की नई चेतावनी-'गलती मत करना, लंबे समय तक साथ रहेगा वायरस'
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ये नई चेतावनी कोरोना वायरस (Coronavirus) के लगातार बदलते ट्रेंड को लेकर की है !दुनियाभर में जारी कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर के बीच WHO ने नई चेतावनी (Warning) जारी see more...https://hindi.news18.com/news/world/rest-of-world-who-warns-corona-virus-will-be-with-us-for-long-time-3042733.html

Last Updated: April 21, 2020, 10:30 AM IST
कोरोना ने बदला मौसम का मिजाज़! भारत में सबसे ठंडा अप्रैल, ब्रिटेन में चल रही लू !
नई दिल्ली/लंदन. कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच ब्रिटेन में गर्मी ने पिछले 361 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहां अप्रैल में भीषण गर्मी और लू चल रही है. ब्रिटेन के मौसम विभाग के मुताबिक, हीथ्रो और पश्चिमी लंदन के नोर्थोल्ट में सोमवार को तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया see more...https://hindi.news18.com/news/nation/britain-is-tipped-for-hottest-april-in-361-years-india-is-coldest-3036361.ht

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा- देश के 730 जिलों में से 353 में संक्रमण का कोई असर नहीं Last Updated: April 19, 2020, 4:38 PM IST
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने कहा, ‘हम कोविड-19 से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के कुल 730 जिलों में से 353 में संक्रमण का कोई असर नहीं है. संतोष की बात है कि उपचार के बाद स्वस्थ होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.उन्होंने कहा कि अगर देश में 25 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन नहीं लागू किया गया होता तो भारत की हालत यूरोप के देशों जैसी ही खराब होती ‘तीसरे चरण की स्थिति बनने के कोई आसार नहीं’see more...https://hindi.news18.com/news/nation/health-minister-harsh-vardhan-said-out-of-730-districts-in-the-country-353-have-no-effect-of-infection-3031324.html

Ashish Kumar | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 18 Apr 2020, 07:20:00 AM IST
भारत में मई के तीसरे हफ्ते तक ही जोर मारेगा कोरोना, उसके बाद मामले घटने के आसार
कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप भारत समेत पूरी दुनिया में फैला हुआ है। हालांकि मई के तीसरे हफ्ते तक कोरोना के भारत में कमजोर पड़ने के आसार हैं। उसके बाद कोरोना के मामले घटेंगे, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितना ऐहतियात बरतते हैं।see more....https://navbharattimes.indiatimes.com/india/corona-will-continue-to-be-strong-in-india-till-the-third-week-of-may-after-that-cases-will-decrease/articleshow/75214143.cms

 

 17 अप्रैल 2020 : 19 राज्यों में घटने लगा कोरोना - स्वास्थ्य मंत्रालय
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मई के पहले सप्ताह में बढ़ेंगे कोरोना के मरीज, फिर तेजी से आएगी कमी!Last Updated: April 17, 2020, 9:44 AM IST
गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से किए गए एक आंतरिक सर्वेक्षण में पता चला है कि मई के पहले सप्ताह में कोरोना के मरीजों में काफी तेजी देखने को मिलेगी. हालांकि इसके बाद कोरोना मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगेगी.see more... https://hindi.news18.com/news/nation/corona-patients-will-increase-in-first-week-of-may-then-will-decrease-rapidly-3024058.html

 

 संक्रमण के फैलाव में थोड़ी राहत !16 अप्रैल, 2020
see more... https://epaper.livehindustan.com/imageview_43172_78973406_4_1_16-04-2020_2_i_1_sf.html

देश में 3 दिन से कम हो रहे कोरोना मरीज, दिल्ली-मुंबई से राहत, राजस्थान-मध्य प्रदेश ने बढ़ाई टेंशन
एजेंसियां,नई दिल्ली!Last updated: Thu, 16 Apr 2020 12:14 PM
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Covid-19: देश में क्या उतर रहा कोरोना का ग्राफ? मुंबई में नए मामलों में 35 % कमी, दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस !
Chandra Pandey | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 16 Apr 2020,
देश में 15 april बुधवार को कोरोना वायरस के नए मामलों में करीब एक चौथाई की कमी आई। सबसे बुरी तरह प्रभावित मुंबई में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह दिल्ली में बुधवार को सिर्फ 17 नए केस आए जो पूरे अप्रैल महीने में सिंगल डे केस का सबसे कम आंकड़ा है see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/india/coronavirus-in-india-curve-flattening-new-cases-dip-in-hotspots-delhi-mumbai-25-percent-drop-in-national-level/articleshow/75172364.cms

 तब्लीगी जमातियों ने दिया झटका तो लॉकडाउन ने थामी कोरोना संक्रमण की रफ्तारPublish Date:Thu, 16 Apr 2020 09:57 AM (IST)
लॉकडाउन से एक सप्ताह पहले यानी 18 से 24 मार्च के बीच के आंकड़े पर यदि हम गौर करें तो उस समय संक्रमितों की संख्या 3.3 दिन में दोगुनी हो रही थी, जबकि लॉकडाउन के पहले सप्ताही यानी 25 से 31 मार्च के बीच मरीजों के दोगुनी होने की दर पांच दिन तक खिंची see more...https://www.jagran.com/news/national-tablighi-jamaat-blow-gave-lockdown-halts-corona-infection-jagran-special-20194710.html

अधिक वायु प्रदूषण क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर कोरोना से मरने का अधिक खतरा: शोध
पीटीआई, बोस्टन Updated Wed, 08 Apr 2020 06:35 PM IST
अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने से कोविड-19 के कारण मौत होने का अधिक जोखिम है। ऐसा अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है।
हार्वर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध में सबसे पहले लंबी अवधि तक हवा में रहने वाले सूक्ष्म प्रदूषक कण (पीएम2.5) और अमेरिका में कोविड-19 से मौत के खतरा के बीच के संबंध का जिक्र किया गया है। ये सूक्ष्म प्रदूषक कण कारों, रिफाइनरियों और बिजली संयंत्रों में see more...https://www.amarujala.com/world/high-air-pollution-to-higher-coronavirus-death-rates-research

 सितंबर में अपने चरम पर होगा Coronavirus, भारत की 58% आबादी हो सकती है संक्रमित: CM अमरिंदर
Apr 11, 2020, 11:26 AM IST
वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने एक चौंकाने वाली बात कही. उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले समय में कोरोना वायरस से स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है |
उन्होंने कहा, ''हमारे कुछ सीनियर और टॉप मेडिकल ऑफिसर्स ने इस बात की चिंता जलाई है कि ये महामारी सितंबर के मध्य तक अपने चरम पर होगी. इस वायरस की वजह से देश की 58 प्रतिशत आबादी संक्रमित होगी, जबकि पंजाब के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे."  see more...https://zeenews.india.com/hindi/india/states/cm-captain-amarinder-singh-says-covid-19-will-be-on-its-peak-by-mid-september/666176

अमेरिकन स्टडी का दावा- गर्म मौसम नहीं करेगा कोरोना वायरस को रोकने में मदद!
स्टडी में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और निजी सुरक्षा ही फिलहाल कोरोना वायरस का इलाज है. Last Updated: April 10, 2020, 11:17 AM IST
see more...https://hindi.news18.com/news/world/american-study-claims-hot-weather-will-not-help-prevent-corona-virus-3002263.html

चीन के वैज्ञानिक का दावा- 4 हफ्तों में कम होंगे कोरोना वायरस के मामले !
02 अप्रैल 2020
see more...https://aajtak.intoday.in/gallery/china-top-coronavirus-expert-says-pandemic-will-decline-in-four-weeks-tstr-1-48285.html 

कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं फिर भी देश में कैसे ठीक हो रहे हैं लोग?
बीबीसी Updated Wed, 01 Apr 2020 11:06 AM IST
see more...https://www.amarujala.com/india-news/india-fights-coronavirus-by-immunity-social-distancing-good-food-and-lock-down

24 मार्च 2020 |कोरोना वायरस क्या हवा से भी फैल सकता है?see more...https://www.bbc.com/hindi/india-52017709

Last updated: Thu, 26 Mar 2020 09:54 AM
प्राकृतिक है कोरोना वायरस, लैब में नहीं बनाया गया ! 
अमेरिका समेत कई देशों की मदद से हुए एक वैज्ञानिक शोध में दावा किया गया है कि यह वायरस प्राकृतिक है। स्क्रीप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोध को नेचर मेडिसिन जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित किया गया है। शोध को अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ, ब्रिटेन के वेलकम ट्रस्ट, यूरोपीय रिसर्च काउंसिल तथा आस्ट्रेलियन लौरेट काउंसिल ने वित्तीय मदद दी है तथा आधा दर्जन संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए।see more....https://www.livehindustan.com/health/story-coronavirus-covid19-is-natural-not-lab-made-according-to-research-3108806.html
News Nation Bureau | Edited By : Nitu Pandey | Updated on: 20 Apr 2020, 05:30:38 PM

इस देश में पानी में मिला COVID-19

कोरोना वायरस फ्रांस में लगातार कोहराम मचा रखा है. कोरोना से निपटने के लिए यहां लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत जब शोध हो रहा था तब गैर पीने योग्य पानी में नए कोरोना वायरस के 'माइनसक्यूल' सूक्ष्म निशान पाए गए !अमेरिका में एक बाघ में कोरोना पाया गया. वहीं कई जगहों में कुत्तों में भी कोरोना के निशान मिले. अब फ्रांस की राजधानी पेरिस में पानी में कोविद-19 (COVID-19) पाया गया है.कोरोना वायरस फ्रांस में लगातार कोहराम मचा रखा है. कोरोना से निपटने के लिए यहां लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत जब शोध हो रहा था तब गैर पीने योग्य पानी में नए कोरोना वायरस के 'माइनसक्यूल' सूक्ष्म निशान पाए गए. यहां के एक अधिकारी सेलिया ब्लाउज के मुताबिक गैर पीने योग्य पानी में कोरोना के बेहद ही बारीक निशान (Minuscule traces) मिले हैं.see more... https://www.newsnationtv.com/world/news/coronavirus-new-threat-in-paris-due-to-covid-19-found-in-water-138826.html 

 

तुमकुरू, 30 जून 2020, अपडेटेड 21:37 IST
चरवाहे को हुआ कोरोना वायरस, बकरियों और भेड़ों को सांस लेने में दिक्कत!
see more... https://aajtak.intoday.in/story/coronavirus-covid-19-sheep-sample-positive-tumkur-bengaluru-tstc-1-1205813.html 


तंजानिया में बकरी और पपीता फल भी कोरोना पॉजिटिव, राष्ट्रपति ने कहा-टेस्ट किट सही नहींकोरोना वायरस के ये सैंपल बकरी, पॉपॉ फल और भेड़ से लिए गए थे। सैंपल को जांच के लिए तंजानिया की लैब में भेजा गया, जहां बकरी और पॉपॉ फल कोरोना पॉजिटिव निकले।see more... https://navbharattimes.indiatimes.com/world/other-countries/goat-and-fruit-are-also-coronavirus-positive-in-tanzania-president-john-magufuli-said-test-kit-not-correct/articleshow/75546399.cms


































Publish Date:Thu, 07 May 2020 09:07 PM (IST)कुत्तों और बल्लियों के बाद, अब ये जानवर भी पाया गया कोरोना वायरस पॉज़ीटिव
 कुत्ते, बिल्ली, बाघ और शेर के कोरोना वायरस से शिकार होने के बाद अब ऊदबिलाव (Mink) भी इस बीमारी से संक्रमित होने वाले जानवरों की लिस्ट में शामिल हो गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड्स के एक फर फार्म में दो ऊदबिलाव नए कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए।
 डॉक्टर हिचेंस ने कहा कि ऊदबिलाव का कोरोना वायरस से संक्रमित होना हैरान करने वाली बात नहीं है। साल 2003 में जब SARS फैला था, तो कम से कम 16 प्रजातियां इसकी चपेट में आई थीं, जिसमें ऊदबिलाव, बिज्जू (palm civet), चमगादड़, होर्सशू चमगादड़ की कई प्रजातियां, लाल लोमड़ी, जंगली सूअर, रैकून और पाल्तू बिल्ली व कुत्ते जैसे जानवर शामिल थे।साल 2013 में ही ऊदबिलाव को पालना बैन कर दिया था
see more... https://www.jagran.com/lifestyle/health-coronavirus-in-animals-after-dogs-and-cat-now-mink-found-to-be-covid-19-positive-20250792.html

Updated Sat, 20 Jun 2020 10:43 AM IST
कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी, इंसानों में काबू के बावजूद जानवर फैला सकते हैं संक्रमण !see more...https://www.amarujala.com/photo-gallery/lifestyle/fitness/coronavirus-latest-research-updates-today-pet-animals-may-spread-second-wave-of-covid-19

  वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Updated Wed, 06 May 2020 06:50 AM IST
कोरोना ‘बहुरूपिये’ की रफ्तार धीमी न होती तो ज्यादा खतरनाक होता संक्रमण
see more... https://www.amarujala.com/world/the-infection-would-have-been-more-dangerous-if-the-corona-polymorphism-had-not-slowed-down?pageId=2

 

 Last Updated: May 7, 2020, 1:50 PM IST 

कोरोना स्वरूप बदल रहा है ! 
    वायरस खुद को लंबे समय तक प्रभावी रखने के लिए लगातार अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं ताकि उन्हें मारा न जा सके. ये सर्वाइवल की प्रक्रिया ही है, जिसमें जिंदा रहने की कोशिश में वायरस रूप बदल-बदलकर खुद को ज्यादा मजबूत बनाते हैं.  ये प्रक्रिया वायरस को काफी खतरनाक बना देती है और ये जब होस्ट सेल यानी हमारे शरीर की किसी कोशिका पर हमला करते हैं तो कोशिका कुछ ही घंटों के भीतर उसकी हजारों कॉपीज बना देती है. यानी शरीर में वायरस लोड तेजी से बढ़ता है और मरीज जल्दी ही बीमारी की गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है !
      रूप बदलने पर अगर वायरस खतरनाक हो जाए तो नई बनाई गई वैक्सीन उस पर असर नहीं करेगी. यही बात पुराने हो चुके वायरस पर भी लागू होती है. जैसे इंफ्लूएंजा की कई तरह की वैक्सीन बन चुकी हैं लेकिन चूंकि कोरोना फैमिली से आने वाला ही इसका वायरस लगातार रूप बदलकर मजबूत हो रहा है, लिहाजा इंफ्लूएंजा में कभी वैक्सीन काम करती है तो कभी नहीं. म्यूटेशन (बदलाव) होना वैक्सीन की प्रक्रिया पर असर डाल सकता है.
      न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में जीनोम टेक्नोलॉजी सेंटर की प्रोफेसर एड्रियाना हेगेय कहती हैं कि वायरस सर्वाइव करने के लिए हरदम म्यूटेट होते रहते हैं लेकिन इसका उनके फैलने या गंभीरता से संबंध नहीं है. इसी कड़ी में अमेरिका के एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी दावा किया कि समय के साथ वायरस कमजोर होगा और शरीर की इम्युनिटी उसका मुकाबला कर सकेगी, जैसा कि सार्स के दौरान हुआ था, जब उसका जेनेटिक सीक्वेंस कमजोर पड़ता गया
     अलग-अलग देशों, महाद्वीपों में इसके अलग-अलग प्रकार सामने आए हैं. ये अपने रूप के अनुसार घातक से लेकर माइल्ड असर कर रहे हैं.चीन में भी Zhejiang University के वैज्ञानिकों ने मिलती-जुलती स्टडी की. इसके नतीजे बताते हैं कि दिसंबर से लेकर 5 महीनों के भीतर वायरस 30 रूप बदल चुका है. इसका सबसे घातक रूप (deadliest virus) दूसरे वायरसों से 270 गुना तेजी से बढ़ता है.see more...https://hindi.news18.com/news/knowledge/coronavirus-mutation-more-dangerous-and-deadly-says-research-mrj-3089446.html 



भारत में रूप बदल रहा है कोरोना, वैक्सीन की खोज को लग सकता है पलीता!
aajtak.in16 अप्रैल 2020ताइवान के नेशनल चेंग्गुआ यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन के वी-लुंग वांग और ऑस्ट्रेलिया में मर्डोक विश्वविद्यालय के सहयोगियों ने किया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के रूप बदलने पर यह पहली रिपोर्ट है जिससे वैक्सीन की खोज पर खतरा मंडरा सकता है. . स्वरूप बदलने के कारण संभव है कि इस वायरस की वर्तमान में बन रही वैक्सीन बेकार हो जाए.see more... https://aajtak.intoday.in/gallery/coronavirus-mutation-threatens-race-develop-vaccine-tlif-2-49024.html




Last updated: Sat, 02 May 2020 09:20 AMसमय के साथ कोरोना बदल रहा रूप   
            वक्त के साथ-साथ कोरोना बीमारी का स्वरूप भी बदलता हुआ दिख रहा है। तकरीबन एक महीने पहले कोरोना से ज्यादातर ऐसे लोगों की मौतें हो रही थीं जो पहले से किसी अन्य बीमारी से भी ग्रस्त थे। अब इन आंकड़ों में बदलाव आ रहा है। ऐसे लोगों के मरने का प्रतिशत बढ़ा है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी।see more...https://www.livehindustan.com/national/story-people-with-no-symptoms-of-illness-are-now-dying-more-from-coronavirus-3188033.html