राजनीति में गुण नहीं दुर्गुण गिने जाते हैं योग्य चरित्रवान और ईमानदार लोगों को ठेंगा रहे रहे हैं पतित नेतालोग !
"कभी सोचा भी नहीं था कि बिहार का उप मुख्यमंत्री बनूंगा : तेजस्वी यादव"
किंतु तेजस्वी जी !योग्यता और गुणों के आधार पर वोटिंग
होती तो उप मुख्यमंत्री जैसा पद तो बहुत बड़ी बात है ग्रामप्रधानी का चुनाव
भी आप तो नहीं ही जीत सकते हैं आपके पिताश्री और माता श्री भी नहीं जीत सकते थे योग्यता और सदाचरण के बलपर चुनाव !
जबतक राजनीति के मानक अयोग्यता अशिक्षा आदि हैं तब तक तो राजनीति है
ही अयोग्य और गुणहीन लोगों के लिए !इसलिए आपके उप मुख्यमंत्री बनने में किसी को कोई आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए वैसे भी आज की राजनीति ईमानदारी से ज्यादा बेईमानी को पसंद करती है । मूर्खता को पसंद करती है कानून पालन करने वालों से अधिक कानून तोड़ने वालों को पसंद करती है किसी के जीवन रक्षा करने वालों की अपेक्षा हत्यारों को पसंद करती है अच्छे लोगों की अपेक्षा अपराधियों को पसंद करती है !
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