इस युग में व्यापार करने के लिए जितना झूठ बोलना जरूरी होता है वो व्यापारियों के बस का नहीं है !वो तो बाबा ही बोल सकते हैं ! धर्म और धर्म से जुड़े लोगों के प्रति समाज की आस्था पर कब्ज़ा जमाए बैठे हैं बड़े बड़े भ्रष्ट झूठे और मक्कार लोग !धर्म की आड़ में तो जहर भी खा सकते हैं लोग इस आस्था विक्रय को व्यापार नहीं कहा जा सकता है ।
अब तो बाबालोग जो बेचेंगे वही बिकेगा क्योंकि भ्रष्ट बाबाओं ने ईमानदार व्यापारियों को भ्रष्ट और मिलावटखोर धोखाधड़ी करने वाला सिद्ध कर दिया है और व्यापारी बेचारे धर्मभावना के कारण बाबाओं की आलोचना नहीं कर सकेत तो बाबा सिर उठाए घूम रहे हैं कहते हैं हम तो चैरिटी करते हैं किंतु चैरिटी करने वालों की संपत्ति बढ़ेगी कैसे ! कहते हैं हम तो ब्रह्मचारी हैं किंतु सेक्स की दवाएँ बेचते फिरते हैं कहते हैं हम तो स्वदेशी को अपनाते हैं किंतु विदेशी मशीनों और विदेशी पद्धतियों से दवाएँ बनाते हैं ये कैसा स्वदेश प्रेम !कहते हैं हम तो योगी हैं कोई चरित्रवान योगी प्रपंचों में फँसेगा ही क्यों वो तो सांसारिक प्रपंच छोड़ता है !कहते हैं कि हम तो संन्यासी है अरबों का व्यापार करने वाले भी यदि संन्यासी हैं तो संन्यास की परिभाषा क्या है वो समझा दें !कहते हैं "योग से रोग ठीक होते हैं "तो दवाएँ क्यों बेचते हैं योग से ही रोग ठीक कीजिए !कहते हैं कि "दवाओं से रोग ठीक होते हैं" तो दवाओं से ठीक कीजिए फिर शुद्ध खाने पीने के सामान बेचने का मतलब क्या है जब लोग शुद्ध खाने ही लगेंगे तो बीमार क्यों होंगे शुद्ध आहार विहार पर स्वास्थ्य टिका हुआ है इन सब बातों की सच्चाई क्या ये नहीं है कि न योग न आयुर्वेद शुद्ध खाओगे तो स्वस्थ रहोगे बाकी सारी बातें बकवास हैं ! आखिर सच्चाई क्या है ये समाज को भी तो पता लगे !
योगियों ज्योतिषियों तांत्रिकों पंडितों एवं साधूसंतों का एक बहुत बड़ा वर्ग भयंकर भ्रष्टाचारी है जो इन विषयों से पाप की कमाई करके ऐय्यासी में उड़ाया करता है इसलिए इनके
आचार व्यवहार योग्यता तपस्या जीवन शैली आदि को समझने का निरंतर प्रयास करे
धीरे धीरे उनके विषय में हुए अनुभवों को सँजो कर रखता जाए और उनके विषय में
जैसे जैसे अनुभव बढ़ते जाएँ वैसे वैसे भरोसा बढ़ाता चला जाए अन्यथा
विज्ञापन आदि देखकर किसी पर अचानक भरोसा करने लगने से कई बार उनके द्वारा
विश्वासघात मिलता है वो परेशान लोगों के मुख से उनके घर गृहस्थी की कच्ची
पक्की सारी बातें उगलवा लेते हैं जिन्हें चुपचाप टेप कर लिया करते हैं
फिर वो टेप सुना सुनाकर अपने भक्तों को ब्लैकमेल किया करते हैं जिससे सामने
वाले को दबाव में लाकर उसके साथ बनाए गए सेक्सुअल संबंधों के वीडियो बनवा
कर रख लिया करते हैं जिनके डर से वे स्त्री पुरुष ऐसे ज्योतिषियों
तांत्रिकों पंडितों कथाबाचकों एवं साधूसंतों आदि के पीछे पीछे घूमा करते
हैं उन्हें आशा होती है कि शायद वो उनके ऑडियो वीडियो लौटा दें इसके लिए
ऐसे लोगों के जहाँ जो कार्यक्रम होते हैं वहाँ वहाँ भीड़ बढ़ाने पहुँचा करते
हैं वीडियो वाले उनके अनुयायी !वे वहाँ जाकर उनकी प्रशंसा करते उनके
कार्यक्रमों में नाचते गाते रोते गिड़गिड़ाते आदि सबकुछ करते हैं लेकिन बाबा
वीडियो वापस नहीं करते हैं। ये वो अश्लील वीडियो होते हैं जिनके बल पर वो
सारे सुख भोग रहे होते हैं करोड़ों अरबों खरबों की संपत्ति इकट्ठी करते
चले जाते हैं इसी बल पर वे बड़े बड़े कारोबार फैला लेते हैं जिनके जिनके
वीडियो बाबाओं के पास होते हैं उन्हें तो उनके प्रोडक्ट खरीदने ही होते
हैं और जो जो उनके शिविरों जाते हैं उनके वीडियो तो प्रायः बनते ही हैं बिरला ही कोई भले बच जाए इसलिए धार्मिक अपराधों से दूर रहना चाहिए !see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_5.html
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