Sunday, 11 September 2016

नितीशकुमार जी ! ये आपका पर्सनल पतन है या फिर लालू जी के डर से पतित हुए हैं आप !

    जिसे आपने अपराधी मानकर जेल में डाला था आज उन्हीं अपराधियों की शोभायात्राएँ क्यों निकाली जा रही हैं आपके बिहार में !जिन्हें 11 वर्ष पहले  अपराधी माना था आज वे निरपराध हो गए क्या ?आखिर जनता उन्हें क्या माने और उनके सताए हुए लोग कैसे सुरक्षित माने  जाएँ अब आपके बिहार में !
   हे मुख्यमंत्री जी ! भाजपा के साथ रहकर तो आप अपराध को अपराध और अपराधियों को अपराधी न केवल माना करते थे अपितु उनके खिलाफ कई बार कठोर कदम भी उठाए थे आपने किंतु भाजपा के साथ गठबंधन टूटते ही कहाँ गई आपकी नैतिकता !गठबंधन बदलते ही नैतिकता भी बदल गई जिन्हें तब जेल भेजा था उन्हें  ही अब गले लगाना पड़ रहा  है आपको !अरे मनीषी !मुख्यमंत्री बनना आपके लिए इतना जरूरी हो गया था क्या कि जिसके लिए अपनी नैतिकता की बलि देनी पड़ गई आपको !देश  के अच्छे लोग जंगल राज को समाप्त करने की आपसे अपेक्षा रखा करते थे किंतु पूर्व कैदी के साथ गठबंधन करने के कारण कैदियों को  मुक्त करने लगे हैं आप !

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