ऑड- इवन फॉर्मूले से क्या होगा केजरीवाल जी !प्रदूषण कम करना ही है तो चलिए पैदल और चलाइए ताँगे !!
ऑड- इवन फॉर्मूला !इससे विधायकों के बच्चों की स्कूल फीस भरने के लिए कुछ पैसे भले मिल जाएँ किंतु प्रदूषण कैसे घटेगा !वैसे भी यह केजरीवाल जी की निंदा चुगली और अपवित्र बयानबाजी से बढ़े दिमागी प्रदूषण के जितना हानिकारक तो नहीं ही है !
ऑड- इवन फॉर्मूला !इससे विधायकों के बच्चों की स्कूल फीस भरने के लिए कुछ पैसे भले मिल जाएँ किंतु प्रदूषण कैसे घटेगा !वैसे भी यह केजरीवाल जी की निंदा चुगली और अपवित्र बयानबाजी से बढ़े दिमागी प्रदूषण के जितना हानिकारक तो नहीं ही है !
वर्ष के पहले दिन रोड रोककर अपशकुन किया गया था अगले ही दिन हो गया था आतंकवादियों का हमला ! अब भारतीय नवरात्रों में शुरू किया जा रहा है ड्रामा !दहशत में दिल्ली भी है किंतु जिन्हें देख रेख पूर्वक सतर्कता बरतनी चाहिए थी वे उलझा दिए गए हैं ऑड- इवन फॉर्मूले में ।विधायकों
की सैलरी बढ़ाने से डरे हुए केजरीवाल जी ने जनता की गालियों से बचने के लिए खेला है ये ऑड - इवन दाँव !सैलरीकांड भूलते ही बंद कर दिया जाएगा ऑड - इवन , फिर लोग देवता बनने की इच्छा छोड़ देंगे और इंसानी शरीरों से ही करने लगेंगे गुजर बसर ! केजरीवाल सरकार
चाहती तो रोडों और गलियों का अतिक्रमण हटाकर भी जाम घटा सकती थी और जाम
हटते ही समाप्त हो सकता था प्रदूषण ! रोडों और गलियों में जाम खुलने की
प्रतीक्षा में घंटों खड़े रहते हैं स्टार्ट बाहन,दिल्ली सरकार ने उसके लिए क्या किया है ?
अरे
नौसिखिए मुख्यमंत्री !अगर दूसरों की निंदा चुगली से समय हो तो हिम्मत करके
रोडों पर से अवैध निर्माण हटवाइए रोड़ों को अतिक्रमण मुक्त कराइए !फिर देखिए
कहाँ है प्रदूषण !घंटों के लगते हैं जाम उन्हें खुलवाइए ! दिल्ली में जाम
की सबसे बड़ी समस्या है रोडों पर अवैध निर्माण दिल्ली की लगभग सभी जगहों पर
हैं जो रोड बचे भी है उनमें भी दुकानदार लोग दुकानों के बाहर रोडों पर दूर
दूर तक फैला लेते हैं सामान
मोदी जी ने तो वर्षारम्भ की पूर्व संध्या पर रोड का शुभारंभ किया था किंतु केजरीवाल जी ने वर्ष के पहले दिन रोड रोककर अपशकुन किया गया है। जो 31दिसंबर तक गलत नहीं था और 15 जनवरी केबाद भी गलत नहीं रहेगा ऐसी कल् पित गलती के लिए वसूले जा रहे हैं 2000 रूपए !15 दिनों के लिए लोग गाड़ी खरीदते फिरें सरकार तो खरीद सकती हैं उसके पास फ्री का पैसा है जनता कैसे ख़रीदे !
ऑड- इवन फॉर्मूला है या दाँव ? जिन व्यापारियों , अफसरों को केवल आफिस जाना-आना ही होता है उनसे कैसे बढ़ता है प्रदूषण !केजरीवाल सरकार
चाहती तो रोडों और गलियों का अतिक्रमण हटाकर भी जाम घटा सकती थी और जाम
हटते ही समाप्त हो सकता था प्रदूषण ! रोडों और गलियों में जाम खुलने की
प्रतीक्षा में घंटों खड़े रहते हैं स्टार्ट बाहन,दिल्ली सरकार ने उसके लिए क्या किया है ?
अरे
नौसिखिए मुख्यमंत्री !अगर दूसरों की निंदा चुगली से समय हो तो हिम्मत करके
रोडों पर से अवैध निर्माण हटवाइए रोड़ों को अतिक्रमण मुक्त कराइए !फिर देखिए
कहाँ है प्रदूषण !घंटों के लगते हैं जाम उन्हें खुलवाइए ! दिल्ली में जाम
की सबसे बड़ी समस्या है रोडों पर अवैध निर्माण दिल्ली की लगभग सभी जगहों पर
हैं जो रोड बचे भी है उनमें भी दुकानदार लोग दुकानों के बाहर रोडों पर दूर
दूर तक फैला लेते हैं सामान !तो निकलने का रास्ता बिलकुल नहीं बचता है वहाँ
कई कई घंटे तक फँसे रहते हैं बाहन !कई बार तो ऐसा होता है कि कुछ बाहन
जिनके जाने का रास्ता ही आधे घंटे का होता है वे घंटों फंसे रहते हैं । ऐसी
रोडों से बचने के लिए लोग गलियों में घुसने लगे हैं कि गलियां खली होंगी
किंतु गलियों में उससे अधिक जाम होता है !कहाँ जाएं बाहन ? जहाँ तक ये ऑड
- इवन फॉर्मूला है ये बिलकुल बेहूदा है !यदि जाम न खुला प्रदूषण ख़त्म
होना नहीं है तो क्या रोडें बिलकुल खाली करवा दी जाएंगी ? ये बिल्कुल
बेहूदा बिलकुल बकवास बिलकुल अप्रासंगिक बिलकुल अतार्किक बिलकुल हास्यास्पद
बिलकुल अदूरदर्शी बिलकुल रोलबैक करने वाला है । केजरीवाल भी इस सच्चाई को
अच्छे ढंग से जानते होंगे कि ये चल नहीं पाएगा फिर भी विधायकों की सैलरी
बढ़ाने का बिल पास किया था उन्हें पता था कि इस हरकत पर जनता जम कर गालियाँ
देगी कि अभी तक तुम बड़े त्यागवीर सादगी पसंद अादि बने रहे और अब सत्ता
पाते ही कँगलों की तरह पैसे पर टूट पड़े !विज्ञापन से लेकर सैलरी तक केवल
दरिद्रता !बस दिल्ली की जनता को भटकने के लिए लाया गया ये ऑड - इवन
फॉर्मूला !
अपने नौसिखिया मुख्यमंत्री की गलतियों के लिए दिल्ली वाले किस किस से माफी माँगें !उधर "केजरीवाल
के जाँच आयोग को LG साहब ने बता दिया है अवैध! उधर प्रधान मंत्री जी के
लिए अपशब्द बोलने के बाद सब तो सब लोग कहने लगे हैं कि इन्हें बातचीत की
तमीज नहीं है बारे केजरीवाल !
"केजरीवाल के जाँच आयोग को LG ने बताया अवैध !-एक खबर "
किंतु केजरीवाल जैसे नौसिखिया राजनेता को वैध अवैध क्या पता ये तो उसे पता
हो जिसने पहले कभी सरकार चलते देखी हो अखवार पढ़े हों नियम कानून पता हों
!ये तो CM शीला जी की निंदा करके CM बने हैं अब PM की निंदा करके PM बनना
चाह रहे हैं !जानकारी कुछ है नहीं किसी को कुछ भी बोल जाते हैं दिल्ली वाले
इनकी मूर्खता के लिए कहाँ तक माफी माँगें ! केजरीवाल हैं कि मानने का नाम
ही नहीं ले रहे हैं अपने को प्रधान मंत्री मान बैठे हैं और अपनी अज्ञानता
के कारण कभी PM को ऊटपटांग बोलते हैं कभी LGको कभी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर
को !देखो दिल्ली वाले कब तक ढो पाते हैं इन्हें !तब तक के लिए सभी अरुण
जेटली नरेंद्र मोदी आदि सभी संभ्रांत शालीन नेताओं से निवेदन है कि माफ कर
देना इस अनाड़ी दिल्ली के मुख्य मंत्री को !
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