Friday, 1 January 2016

केजरीवाल जी केवल मोदीसरकार की निंदा करने की सैलरी लेते हैं ? 'निंदामंत्रालय' भी होना चाहिए दिल्ली सरकार में !

   निकम्मे मुख्यमंत्री का निकम्मा प्लान है ऑड - इवेन फार्मूला ! यह दिल्लीवालों की स्वतन्त्र जीवन शैली में रोड़ा है !जो व्यापारी कर्मचारी सुबह आफिस चले जाते हैं शाम घर लौट आते हैं उनसे कैसे फैलता है प्रदूषण ?दिल्लीवासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सँभालने वाली पुलिस को ब्यर्थ के कामों में फँसाया जा रहा है !
   भारत का पहला मुख्यमंत्री जिसके पास कोई काम अर्थात मंत्रालय नहीं है फिर भी सैलरी लेता है और जैसे खाली बैठा दूकानदार अपने 'बाँट' ही तौलता रहता है उसी प्रकार का है केजरीवाल का ऑड - इवेन फार्मूला !जलभराव रोकने के लिए जैसे पेशाब करना ही बंद करा दिया जाए उस प्रकार का है दिल्ली सरकार का ऑड - इवेन फार्मूला !एक ऐसा मुख्यमंत्री जो चलनी में गाय दुहता है किंतु जब दूध फैलता है तो केंद्र सरकार को दोषी ठहराता है ।
    निकम्मा शब्द का अर्थ होता है जिसके पास कोई काम न हो ! भारतवर्ष के इतिहास में किसी को यदि 'निकम्मामुख्यमंत्री'  चुनना हो तो केजरीवाल जी का नाम बड़े आदर पूर्वक लिया जा सकता है दिल्ली सरकार में केजरीवाल जी के पास कोई मंत्रालय नहीं हैं और केजरीवाल जिस निंदामंत्रालय का काम देखने के लिए पार्टी के द्वारा केजरीवाल जी गॉड लिए गए हैं  दिल्ली सरकार में वो मंत्रालय नहीं होता है ये कैसी बिडम्बना है कि जिस निंदा गुण से पार्टी सत्ता में आई 63 बेरोजगार लोगों को रोजगार मिला आज भी इसी गुण के द्वारा केंद्र में पहुँचने के सपने देखे जा रहे हैं उस निंदागौरव  के लिए केजरीवाल सरकार में कोई स्थान ही नहीं है उचित तो ये है कि दिल्ली सरकार में होना चाहिए एक 'निंदामंत्रालय' और उसकी जिम्मेदारी सँभालें केजरीवाल जी ! 
    निकम्मे मुख्यमंत्री का निकम्मा प्लान !ये मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल की पहली बड़ी उपलब्धि है जो दिल्ली वालों की दिनचर्या में रोड़ा लगा रही है ।प्रदूषण इससे रुकेगा या नहीं ये तो समय ही बताएगा किंतु दिल्ली इससे जरूर रुकती दिखाई दे रही है !निकम्मा शब्द का अर्थ होता है जिसके पार कोई काम न हो ,भारत के पहले मुख्यमंत्री हैं केजरीवाल जिनके पार किसी मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं है फिर भी मुख्यमंत्री हैं सैलरी लेते हैं ।
 अरे केजरी वाल जी ! प्रदूषण कम करने के लिए रोड रोकने नहीं अपितु बनाने होते हैं रोड बनाने और अतिक्रमण हटाने से घटेगा प्रदूषण !इसीलिए तो मोदी जी रोड बना रहे हैं और आप रोड रोक रहे हैं । रोड बनने से जाम घटेगा तब हटेगा प्रदूषण !केजरीवाल जी !रोडों  से अतिक्रमण हटवाइए स्वतः रुक जाएगा प्रदूषण !मुख्यमंत्री जी !आपका ऑड - इवेन फार्मूला तो बिलकुल उस ढंग की व्यवस्था है कि जलभराव रोकने के लिए पेशाब करना ही बंद करा दिया जाए ! 
    फूल क्यों बँटवा रहे हैं आप !अरे दिल्ली के नौसिखिया मुख्यमंत्री जी ! इसमेंशर्मिंदा होने की बात ही क्या है आजतक तो आप भी ऐसे ही चलते रहे जब आप कभी शर्मिंदा नहीं हुए तो दिल्ली वाले आज शर्मिंदा क्यों हों !मुख्य मंत्री जी !आपने अपने निजी जीवन में पहले कभी पालन किया ऑड इवेन फार्मूले का !और यदि नहीं तो आज अचानक इतना पसंद क्यों आ गया आपको ये फार्मूला केजरी वाल जी !
     अरे केजरी वाल जी ! मोदी जी से कुछ सीखिए कि प्रदूषण से कैसे निपटा जाए !प्रदूषण से मुक्ति के लिए ही मोदी जी रास्ता बना रहे हैं तो केजरीवाल जी  आप रास्ता रोक रहे हैं ! अपने अपने संस्कार ! RSS  और अन्ना हजारे के संस्कारों में इतना बड़ा अंतर है ! प्रदूषण कम करने के लिए मोदी जी ने  RSS  के संस्कारों से रोड बनाना सीखा है रास्ता साफ करना सीखा है जब रास्ते खुले होंगे तब तो जाम नहीं लगेगा और जाम में जो स्टार्ट बाहन घंटों फँसे रहते हैं वे फँसेंगे नहीं तो कैसे होगा धुआँ और कैसे बढ़ेगा प्रदूषण !
    मोदी जी इधर रास्ता बना रहे हैं तो दूसरी ओर केजरीवाल जी रास्ता रोक रहे हैं । बंधुओ !'आप'के ऑड इवेन फार्मूले से क्या धुआँ नहीं होगा क्या प्रदूषण नहीं फैलेगा !जिस दिन जिस नम्बर की गाड़ी का टर्न होगा वो एक की जगह दो चक्कर लगा लेगी !तो इससे प्रदूषण कम कैसे हो जाएगा !   
  ऑड- इवन फॉर्मूला है या दाँव ? जिन व्यापारियों ,अफसरों को केवल आफिस जाना-आना ही होता है उनसे कैसे बढ़ता है प्रदूषण ! 
केजरीवाल सरकार चाहती  तो रोडों और गलियों का अतिक्रमण हटाकर भी  जाम घटा सकती थी और जाम हटते ही समाप्त हो सकता था प्रदूषण ! रोडों और गलियों में जाम खुलने की प्रतीक्षा में घंटों  खड़े रहते हैं स्टार्ट बाहन,दिल्ली सरकार ने उसके लिए क्याकिया है ?
     विधायकों की सैलरी बढ़ाने से  डरे हुए केजरीवाल ने जनता की  गालियों  से बचने तथा जनता का ध्यान भटकाने के लिए केजरीवाल ने खेला है ये  ऑड  -  इवन दाँव !
अरे नौसिखिए मुख्यमंत्री !अगर दूसरों की निंदा चुगली से समय हो तो हिम्मत करके रोडों पर से अवैध निर्माण हटवाइए रोड़ों को अतिक्रमण मुक्त कराइए !फिर देखिए कहाँ है प्रदूषण !घंटों के लगते हैं जाम उन्हें खुलवाइए ! दिल्ली में जाम की सबसे बड़ी समस्या है रोडों पर अवैध निर्माण दिल्ली की लगभग सभी जगहों पर हैं जो ओड बचे भी है उनमें भी दुकानदार लोग दुकानों के बाहर रोडों पर दूर दूर तक फैला लेते हैं सामान !तो निकलने का रास्ता बिलकुल नहीं बचता है वहाँ कई कई घंटे तक फँसे रहते हैं बाहन !कई बार तो ऐसा होता है कि कुछ बाहन जिनके जाने का रास्ता ही आधे घंटे का होता है वे घंटों फंसे रहते हैं । ऐसी रोडों से बचने के लिए लोग गलियों में घुसने लगे हैं कि गलियां खली होंगी किंतु गलियों में उससे अधिक जाम होता है !कहाँ जाएं बाहन ? जहाँ तक ये  ऑड  -  इवन फॉर्मूला है ये बिलकुल बेहूदा है !यदि जाम न खुला प्रदूषण ख़त्म होना नहीं है तो क्या रोडें बिलकुल खाली करवा दी जाएंगी ?   ये बिल्कुल बेहूदा बिलकुल बकवास बिलकुल अप्रासंगिक बिलकुल अतार्किक बिलकुल हास्यास्पद बिलकुल अदूरदर्शी बिलकुल रोलबैक  करने वाला है । केजरीवाल भी इस सच्चाई को अच्छे ढंग से जानते होंगे कि ये चल नहीं पाएगा फिर भी विधायकों की सैलरी बढ़ाने का बिल पास किया था उन्हें पता था कि इस हरकत पर जनता जम कर  गालियाँ देगी कि अभी तक तुम बड़े त्यागवीर सादगी पसंद अादि बने रहे और अब सत्ता पाते ही  कँगलों की  तरह  पैसे पर टूट पड़े !विज्ञापन से लेकर सैलरी तक केवल दरिद्रता !बस दिल्ली की जनता को भटकने के लिए लाया गया ये ऑड  -  इवन फॉर्मूला !

अपने नौसिखिया मुख्यमंत्री की गलतियों के लिए दिल्ली वाले किस किस से माफी माँगें !उधर "केजरीवाल के जाँच आयोग को LG साहब ने बता दिया है  अवैध! उधर प्रधान मंत्री जी के लिए अपशब्द बोलने के बाद सब तो सब लोग कहने लगे हैं कि इन्हें बातचीत की तमीज नहीं है बारे केजरीवाल !
 "केजरीवाल के जाँच आयोग को LG ने बताया अवैध !-एक खबर "
        किंतु केजरीवाल जैसे नौसिखिया राजनेता को वैध अवैध क्या पता ये तो उसे पता हो जिसने  पहले कभी सरकार चलते देखी हो अखवार पढ़े हों नियम कानून पता हों !ये तो CM शीला जी की निंदा करके CM बने हैं अब PM की निंदा करके PM बनना चाह रहे हैं !जानकारी कुछ है नहीं किसी को कुछ भी बोल जाते हैं दिल्ली वाले इनकी मूर्खता के लिए कहाँ तक माफी माँगें ! केजरीवाल हैं कि मानने का नाम ही नहीं ले रहे हैं अपने को प्रधान मंत्री मान बैठे हैं और अपनी अज्ञानता के कारण कभी PM को ऊटपटांग बोलते हैं कभी LGको कभी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को !देखो दिल्ली वाले कब तक ढो  पाते हैं इन्हें !तब तक के लिए सभी अरुण जेटली नरेंद्र मोदी आदि सभी संभ्रांत शालीन नेताओं से निवेदन है कि माफ कर  देना इस अनाड़ी दिल्ली के मुख्य मंत्री को !


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