Monday, 18 January 2016

हे अन्ना जी ! आपकी की रासलीला मंडली चारबूँद स्याही पड़ने से इतना घबड़ा गई कि केंद्र पर लगाने लगी हत्या का आरोप !

बारे अन्ना हजारे जी ! कमाल का है आप का कुनबा !
    अन्ना हजारे जी !ये आपके वही पालतू शेर हैं जो सिक्योरिटी न लेने की बातें किया करते थे!बारे अन्ना जी ! अच्छी बीमारी डाली है दिल्ली वालों के गले ! इनका  ऑड इवेन फॉर्मूला तो बाढ़ रोकने के लिए पेशाब करने वालों पर प्रतिबंध लगाने जैसा था उसकी सफलता का जश्न मनाते घूम रहे हैं !एक रोड भी बनाया नहीं गया कोई रोड अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया कहीं से जाम काम नहीं हुआ ये तो महँगाई कम करने के लिए खाना बंद करा देंगे सीवर ठीक रखने के लिए पाखाना बंद कराएँगे ऊपर से दिल्ली वालों की गाढ़ी कमाई का धन जश्न मनाने में लुटाएँगे !ऐसा कौन सा तीर मार दिया है इन्होंने !
   "हे अन्ना जी !पुराने लोग कहा करते थे कि नेताओं का विरोध करना हो तो उनपर स्याही फेंके !तैरना सीखना हो तो गंगा में सीखे और कर्ज देना हो तो ब्राह्मण को दे !"मतलब साफ है स्याही फेंकते समय तवज्जो मिल जाती तब तो कहा जाता कि ऑड इवेन फॉर्मूला की सफलता पर हम लोग होली खेल रहे थे अन्यथा नेतागिरी चमक गई !इसी प्रकार गंगा में तैरना सीख गए तो बड़ी नदी में तैरने का अनुभव और डूब गए तो मोक्ष !इसी प्रकार ब्राह्मण ने कर्ज लौटा दिया तो ठीक अन्यथा दान तो हो ही गया !
हे अन्ना जी !आप ही बताइए -
  • जो नेता दूसरों के चरित्र पर कीचड़ उछालता रहा हो वो चार छींटे स्याही के पड़ने से घबड़ा गया और कोसने लगा केंद्र सरकार को ! 
  • वैसे भी जब हम किसी को गालियाँ देते या अपमानित करते हैं या उन पर अकारण भ्रष्टाचार के या चरित्र संबंधी आरोप लगाते हैं तब कुछ कर्तव्य तो उनका भी बन जाता है कि वो भी जवाब दें !
  • जिसने अधिकांश नेताओं को भ्रष्टाचारी चोर लुटेरे बताया हो और फिर उन्हीं से पेट रगड़ने पटना पहुँचा हो ! 
  •     जो सादगी और विरक्ति के बड़े बड़े सपने दिखाए हों और सत्ता में आते ही भोगने लगा हो सारी सुख सुविधाएँ ! 
  •    जिसने डेंगू की रोकथाम के लिए संचित की गई सैकड़ों करोड़ की धनराशि विज्ञापन पर खर्च कर दी हो जिसके परिणाम स्वरूप डेंगू ने 19 साल का रिकार्ड तोड़ा हो और कई मौतें हुई हों ! 
  •   इसी प्रकार से राजनीति को सेवा बताने वाले नेता सैलरी लूटने लगे हों ! 
  •  सिक्योरिटी न लेने के नाम पर राजनीति शुरू करने वाला नेता चार बूँद स्याही पड़ते ही केंद्र सरकार को सिक्योरिटी के नाम पर कटघरे इन खड़ा करने लगा !

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