वैदिक मौसमपूर्वानुमान :फरवरी - 2020
फरवरी के संपूर्ण महीने में देश के अधिकाँश भागों में बादल वर्षा आदि की संभावनाएँ बनती रहेंगी | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी का क्रम भी अभी बना रहेगा | इस महीने में भी देश का पूर्वी उत्तरी तथा मध्यभाग वर्षा के वातावरण से प्रायः प्रभावित होता रहेगा | उत्तर भारत में वर्षा बर्फवारी आदि की घटनाएँ अक्सर देखने सुनने को मिलेंगी | पूर्वीभारत एवं मध्यभारत में इसकी अपेक्षा वर्षा का प्रभाव कुछ कमजोर रहेगा | दक्षिण भारत में वर्षा संबंधी वातावरण बनने की संभावनाएँ अत्यंत कम हैं, दक्षिण में 10 फरवरी के बाद वर्षा होने संबंधी संभावनाएँ दिनों दिन कमजोर होती चली जाएँगी |
फरवरी के संपूर्ण महीने में देश के अधिकाँश भागों में बादल वर्षा आदि की संभावनाएँ बनती रहेंगी | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी का क्रम भी अभी बना रहेगा | इस महीने में भी देश का पूर्वी उत्तरी तथा मध्यभाग वर्षा के वातावरण से प्रायः प्रभावित होता रहेगा | उत्तर भारत में वर्षा बर्फवारी आदि की घटनाएँ अक्सर देखने सुनने को मिलेंगी | पूर्वीभारत एवं मध्यभारत में इसकी अपेक्षा वर्षा का प्रभाव कुछ कमजोर रहेगा | दक्षिण भारत में वर्षा संबंधी वातावरण बनने की संभावनाएँ अत्यंत कम हैं, दक्षिण में 10 फरवरी के बाद वर्षा होने संबंधी संभावनाएँ दिनों दिन कमजोर होती चली जाएँगी |
अब विस्तार से -
1,2 और 3 फरवरी को बादल तथा वर्षा आदि की संभावनाएँ अत्यंत कम हैं!1 से 5 फरवरी तक वायु का प्रवाह अच्छा बना रहेगा ! सामान्य बादलों के साथ ही कुछ क्षेत्रों में सामान्य वर्षा की संभावना है | देश के दक्षिण पश्चिमी भागों के साथ साथ कुछ अन्य भागों में भी 5, 6,7 फरवरी को अच्छी धूप निकलने की संभावना है | |8,9,10 फरवरी को वैसे तो देश के अधिकाँश भागों में मध्यम से अच्छी वर्षा तक होने की संभावना है किंतु जम्मूकश्मीर हिमाचल उत्तराखंड आदि उत्तर भारतीय क्षेत्रों में इसका विशेष असर देखा जा सकता है | इन दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फवारी एवं मैदानी भागों में वर्षा होने की संभावना है | 11,12,13,14 तारीखों में मध्यम बादल एवं सामान्य वर्षा हो सकती है| 15 और 16 फरवरी को बादलों की मात्रा तो रहेगी ही इसके साथ ही कुछ क्षेत्रों में मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना भी है | 17,18,19 को आकाश में जहाँ तहाँ कम मात्रा में बादल दिखाई देंगे इनमें सफेद रंग के बादलों की अधिकता रहेगी | 20 फरवरी को देश के पश्चिमोत्तर में सामान्य वर्षा हो सकती है | 21 फरवरी से वातावरण बदलना प्रारंभ होगा 22,23,24,25,27तारीखों में देश के भिन्न भिन्न स्थानों पर अच्छी वर्षा होने की विशेष संभावना है!28 और 29 तारीखों में मौसम का वातावरण सामान्य बना रहेगा |
आँधी तूफ़ान का पूर्वानुमान :
विशेषकर समुद्री क्षेत्रों में 1 से 4 फरवरी तक तथा 14 से 18 फरवरी तक चक्रवात एवं आँधी तूफ़ान जैसी घटनाओं के बनने का समय हैजिनका प्रभाव इस समय के दो तीन दिन बाद भी दिखाई पड़ सकता है | 1 से 8 तक तथा 14 से 27 तक वायु का प्रवाह अच्छा रहेगा !इसमें भी 24 एवं 26 फरवरी को अपेक्षा कृत वायु की गति अधिक रहेगी |
वायुप्रदूषण आदि बढ़ने का पूर्वानुमान :फरवरी 2020
फरवरी महीने में वर्षा की संभावना बहुत अधिक नहीं है वायु का प्रवाह बढ़ेगा इसलिए वायुप्रदूषण बढ़ने की संभावना अधिक नहीं है फिर भी जिन क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा कम तथा वायु प्रवाह कम रहेगा उन क्षेत्रों में 1 से 4 फरवरी तक तथा 14 से 18 फरवरी तक वायु प्रदूषण विशेष अधिक बढ़ जाने की संभावना है |
तापमान बढ़ने घटने का पूर्वानुमान !
1 से 8 फरवरी तक तापमान सामान्य बना रहेगा | 9 से 14 फरवरी तक देश के अधिकाँश भागों में तापमान क्रमशः कम होता चला जाएगा !15,16,17 को स्थिर रहेगा !कुछ दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्रों में 15 फरवरी से धूप निकलनी प्रारंभ होगी और तापमान बढ़ने लगेगा जो 20 फरवरी तक ऐसा ही बना रहेगा | 23 फरवरी से तापमान कम होना प्रारंभ होगा ये क्रम 26 फरवरी तक बना रहेगा 27 को तेज धूप निकलनी प्रारंभ होगी और तापमान बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा ! विशेष बात यह है कि भारत के अन्य भागों की अपेक्षा देश के दक्षिणी प्रदेशों में तापमान बढ़ने की संभावना अधिक है!इसके अलावा भी देश के जिन भागों में वर्षा कम होगी उनमें भी 10 से 29 फरवरी तक तापमान क्रमशः बढ़ता चला जाएगा |
आग लगने का पूर्वानुमान !
10 से 29 फरवरी तक आग लगने की दुर्घटनाएँ अधिक घटित होंगी | इसका प्रभाव वैसे तो देश के विभिन्न भागों में दिखाई पड़ेगा किंतु दक्षिण पश्चिम भारत इससे विशेष अधिक प्रभावित होगा !17 से 29 फरवरी तक ऐसी घटनाएँ पूर्वी तथा मध्य भारत में भी देखने को मिल सकती हैं |विशेषकर 5 ,13,14,18,26,27 तारीखों में आग से संबंधित किसी भी कार्य में अत्यंत सावधानी वरती जानी चाहिए अन्यथा कभी भी कहीं भी आग लगने से संबंधित दुर्घटनाएँ घटित हो सकती हैं |
उत्पात संबंधी समय का पूर्वानुमान-
फरवरी महीने की 2,3,4,5 एवं 15,16,17,18,19 तारीखों में हिंसक वातावरण बनने का समय होगा!इन तारीखों में ऐसे समय का असर सारे संसार पर पड़ता है !पृथ्वी की गहराई से लेकर आकाश की ऊँचाई तक सब कुछ इस समय के प्रभाव से प्रभावित होता है| इसीलिए इस समय में भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,देश की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी आदि से संबंधित घटनाओं के घटित होने की संभावनाएँ अधिक रहेंगी |
तनाव बढ़ने का पूर्वानुमान -
9 फरवरी से मनोबल गिरना प्रारंभ हो जाएगा जो क्रमशः 18 फरवरी तक बढ़ता चला जाएगा |इस समय में अक्सर ऐसे विषयों व्यक्तियों बातों से सामना करना पड़ता है जिनसे तनाव बढ़ने की संभावना बानी रहती है | तनाव देने वाले लोगों से मुलाकात होती है ऐसे लोगों के ही अधिक फोन आते हैं ऐसे लोगों से बातें करने एवं उस प्रकार के मुद्दे उखाड़ने का मन करता है |यहाँ तक कि परिवारों में भी स्वजनों के साथ ऐसे ही मुद्दे पर बहस छिड़ जाती है जो विषय विवादित होकर तनाव दे जाते हैं |
10 से 29 फरवरी तक आग लगने की दुर्घटनाएँ अधिक घटित होंगी | इसका प्रभाव वैसे तो देश के विभिन्न भागों में दिखाई पड़ेगा किंतु दक्षिण पश्चिम भारत इससे विशेष अधिक प्रभावित होगा !17 से 29 फरवरी तक ऐसी घटनाएँ पूर्वी तथा मध्य भारत में भी देखने को मिल सकती हैं |विशेषकर 5 ,13,14,18,26,27 तारीखों में आग से संबंधित किसी भी कार्य में अत्यंत सावधानी वरती जानी चाहिए अन्यथा कभी भी कहीं भी आग लगने से संबंधित दुर्घटनाएँ घटित हो सकती हैं |
उत्पात संबंधी समय का पूर्वानुमान-
फरवरी महीने की 2,3,4,5 एवं 15,16,17,18,19 तारीखों में हिंसक वातावरण बनने का समय होगा!इन तारीखों में ऐसे समय का असर सारे संसार पर पड़ता है !पृथ्वी की गहराई से लेकर आकाश की ऊँचाई तक सब कुछ इस समय के प्रभाव से प्रभावित होता है| इसीलिए इस समय में भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,देश की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी आदि से संबंधित घटनाओं के घटित होने की संभावनाएँ अधिक रहेंगी |
तनाव बढ़ने का पूर्वानुमान -
9 फरवरी से मनोबल गिरना प्रारंभ हो जाएगा जो क्रमशः 18 फरवरी तक बढ़ता चला जाएगा |इस समय में अक्सर ऐसे विषयों व्यक्तियों बातों से सामना करना पड़ता है जिनसे तनाव बढ़ने की संभावना बानी रहती है | तनाव देने वाले लोगों से मुलाकात होती है ऐसे लोगों के ही अधिक फोन आते हैं ऐसे लोगों से बातें करने एवं उस प्रकार के मुद्दे उखाड़ने का मन करता है |यहाँ तक कि परिवारों में भी स्वजनों के साथ ऐसे ही मुद्दे पर बहस छिड़ जाती है जो विषय विवादित होकर तनाव दे जाते हैं |
ऐसे समय में भी जिन लोगों का
अपना समय सामान्य चल रहा है उन्हें तनाव के इस समय का विशेष अधिक अनुभव नहीं
होता है किंतु जिनका अपना समय भी ख़राब है उस कारण कोई समस्या पहले से ही
तनाव देती चली आ रही है उन लोगों का ऐसे समय में तनाव बहुत आधिक बढ़ जाता है |
इसलिए ऐसे समय में अत्यंत सावधानी पूर्वक किसी से बात व्यवहार करना चाहिए एवं जितने ऐसे विषय हों
जिनसे तनाव बढ़ सकता हो उन्हें इस समय में नहीं छेड़ना चाहिए |
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