Friday, 19 October 2018

punjab

  माननीय प्रधानमंत्री जी !
                        सादर नमस्कार 
  विषय -प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित पूर्वानुमान आपतक पहुँचाने के विषय में विनम्र निवेदन !
        महोदय,
      मैंने बनारस से ज्योतिषाचार्य एवं B. H. U. से Ph.D. की है !मैं 'समय' पर पिछले तीस वर्षों से अनुसंधान कर रहा हूँ!मेरा प्रश्न है कि "प्रकृति और जीवन में समय की क्या एवं कितनी भूमिका है ?" कहा जाता है कि समय बहुत बलवान होता है!प्रत्येक काम का समय होता है इसीलिए तो  कोई कितने भी प्रयास क्यों न कर ले किंतु उन्हें सफलता  या असफलता  देने वाला तो समय ही है !प्रकृति में या जीवन में कब किस प्रकार की अच्छी या बुरी घटना घटित हो सकती है वो भी समय के गर्भ में ही छिपी होती है जब उसका समय आता है तब घटित हो जाती है !उसके घटित होने के लिए आवश्यक संसाधन स्वयं ही उपलब्ध हो जाते हैं !
     सूर्य और चंद्र के ग्रहण भी प्राकृतिक घटना हैं जो अपने निश्चित समय पर ही घटित होते हैं !इसीलिए तो  'समय' से संबंधित गणित करके सूर्य और चंद्र के ग्रहणों का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है !उसी प्रकार से प्रकृति में और जीवन में घटित होने वाली घटनाएँ भी समय से ही प्रेरित होती हैं उनसे संबंधित पूर्वानुमान भी सिद्धांतगणित के द्वारा लगा लिया जा सकता है !        
           इसी संदर्भ में अपने अनुसंधान पर आधारित  एक पूर्वानुमान -
 महोदय आपसे क्षमा याचना के साथ -
        10 अक्टूबर 2018 से लेकर 30 नवंबर 2018 तक लगभग 50 दिन का समय सारे विश्व के लिए ही अच्छा नहीं है !ये समय जैसे जैसे आगे बढ़ता जाएगा वैसे ही वैसे इस समय का दुष्प्रभाव उत्तरोत्तर क्रमशः और अधिक बढ़ता जाएगा !इसमें प्राकृतिक आपदाएँ हों या मनुष्यकृत लापरवाही उत्तेजना उन्माद आदि का अशुभ असर  इस समय विशेष अधिक होगा ! 
     वायुजनित प्रकृतिक  आपदाओं का जोर विशेष अधिक रहेगा !आँधी तूफान चक्रवात भूकंप आदि से जनधन हानि होगी !आतंकवादी घटनाएँ बढ़ेंगी,आंदोलनों के नाम पर फैलाया जाने वाला जन उन्माद इस समय अतिशीघ्र हिंसक रूप ले जाएगा इसलिए सावधानी और संयम का ध्यान विशेष अधिक रखा जाना चाहिए !वायु प्रदूषण सीमा से काफी अधिक बढ़ जाएगा !इन 50 दिनों में जन धन की हानि की  संभावनाएँ हैं !स्वाँस,सूखी खाँसी की समस्याएँ काफी अधिक बढ़ जाएँगी !घबड़ाहट बेचैनी कमजोरी चक्कर आने की बीमारी एवं अतिसार जैसे रोगों से भय फैलेगा !हृदय रोगियों एवं मनोरोगियों के लिए यह समय काफी कठिन है !इस समय थोड़ा सा विवाद भी बहुत बड़े संघर्ष का स्वरूप धारण कर सकता है !यद्यपि ऐसी घटनाएँ इस समय में सारे विश्व में घटित होंगी !
      सन 2018 के अक्टूबर महीने की 24, 25, 26, 27, 28 तारीखों में चक्रवात उठेंगे सुनामी और भूकंप जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं !इसमें भी 25,26,27 तारीखों में आँधी तूफ़ानों जैसी प्राकृतिक आपदाएँ अधिक जोर पकड़ेंगी !29,30 और 31 आदि तारीखों में वायु प्रदूषण की मात्रा भी काफी अधिक बढ़ जाएगी !आकाश से गिरने वाली धूल से वातावरण धूलि धूसरित दिखेगा!
       नवंबर महीने में आँधी तूफ़ान जैसी प्राकृतिक आपदाएँ एवं चक्रवात सुनामी भूकंप जैसी घटनाएँ कुछ देशों को बिचलित कर सकती हैं इनका वेग और आवृत्तियाँ अधिक होंगी !सतर्क सरकारों के द्वारा बचाव कार्यों के लिए किए जाने वाले अधिकतम प्रयास भी जन धन की हानि रोक पाने में अक्षम होंगे !कुछ देशों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण कुछ दशकों के रिकार्ड टूट सकते हैं ! इसमें वायु प्रदूषण की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाएगी !जिसका कारण फैक्ट्रियों या वाहनों से निकला हुआ धुआँ नहीं होगा और न ही फसलों के अवशेष जलाने के कारण ही ऐसा हो रहा होगा !
        अक्टूबर की अपेक्षा नवंबर में तीव्रता काफी अधिक होगी और कई बार ऐसी आपदाएँ दिखेंगी !इसमें भी 6 नवंबर 2018 के बाद प्राकृतिक आपदाओं की विकरालता दिनोंदिन और अधिक बढ़ती चली जाएगी !विशेषकर 6 ,7,8,9,10 नवंबर में भीषण आँधी तूफ़ान ,चक्रवात ,बज्रपात एवं भूकंप जैसी घटनाओं की काफी अधिकता रहेगी !बृहस्पति ग्रह से गिरी हुई आकाशीय धूल के कारण  वायुप्रदूषण भी इस समय बहुत बढ़ा रहेगा !भूकंप भी 6 ,7,8,9 तारीख़ में घटित होंगे !इन तारीखों के अलावा नवंबर महीने की ही 20,21,22,23,24 तारीखें आँधी तूफानों ,चक्रवातों,बज्रपातों एवं भूकंप जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदाओं से विश्व के अनेकों देशों को अत्यंत पीड़ित करेंगे !इससे जनधन की बड़ी हानि हो सकती है !

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