आदरणीय प्रधानमंत्री जी
आपको सादर नमस्कार !
महोदय ,
निवेदन है कि आज 29 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर एवं कानपुर आदि के आसमान में
जितनी धूल छायी हुई है वो मनुष्यकृत नहीं है आकाशीय धूल है जिसका
पूर्वानुमान लगाकर मैंने आपको इसी ईमेल पर 13 अक्टूबर को भेजकर आपसे मिलने
का समय माँगा था संभवतः आपकी व्यस्तता के कारण मुझे समय नहीं दिया जा सका
है !
मैं आपसे पुनः निवेदन करता
हूँ कि मौसम का पूर्वानुमान लगा पाना आधुनिक विज्ञान के बश का है ही नहीं
ये समय का विषय है समय का अध्ययन किए बिना केवल तीर तुक्के लगाए जा सकते
हैं जो आधे से अधिक गलत हो जाते हैं मौसम विभाग के द्वारा लगाए गए
दीर्घावधि पूर्वानुमान तेरह वर्षों में केवल 5 वर्षों के ही सही निकले हैं
परीक्षण में आधे से कम सही निकलने वालों को पूर्वानुमान कैसे माना जा सकता
है !
मौसम विभाग के द्वारा 3
अगस्त 2018 को घोषित किए गए मौसम पूर्वानुमानों में केरल में 7 अगस्त से
हुई भीषण बारिस का कहीं जिक्र तक नहीं हैं !2018 मई जून में आए भीषण आँधी
तूफानों का पहले से किए गए पूर्वानुमान में कोई जिक्र तक नहीं है !2016 मई
में हुई भीषणगर्मी एवं आग लगने की घटी बीसों हजार घटनाओं के विषय में कोई
पूर्वानुमान नहीं घोषित किया गया था !
ऐसी परिस्थिति में वर्षा बाढ़ आँधी तूफानों वायु प्रदूषणों का पूर्वानुमान
लगाने के लिए या ढुलमुल भविष्यवाणियाँ करने के लिए मौसमविज्ञान पर सरकार के
द्वारा खर्च किया जाने वाला 80 प्रतिशत खर्च सिद्धांततः निरर्थक श्रेणी
में आता है !इसी प्रकार से वायु प्रदूषण के मामले में पर्यावरण मंत्रालय
अपनी भूमिका खोज ही नहीं पा रहा है !वे लोग वायु प्रदूषण बढ़ने के अजीब अजीब अस्वीकरणीय कारण गिनाए जा रहे हैं ! महोदय !मौसम और पर्यावरण के मामले में पारदर्शिता न निभाए जाने पर भी
ऐसे मंत्रालयों के संचालन पर सरकार भारी भरकम धनराशि खर्च कर रही है !तो
दूसरी तरफ देश की जनता 2-2 पैसे के लिए परेशान है !ऐसी परिस्थिति में ये
मंत्रालय जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना तो दूर समझ भी नहीं पाए हैं जनता
उनसे वर्षा ,आँधी तूफान,एवं वायुप्रदूषण का आँकड़ा नहीं जानना चाहती है
अपितु उसे सटीक पूर्वानुमान चाहिए !
प्रधानमंत्री जी !आप हमारे आदरणीय अभिभावक हैं इसलिए सच्चाई आपके सामने
रखने का प्रयास किया है फिर भी गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ !इसके साथ
साथ ही आपसे मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि मौसम संबंधी पूर्वानुमान 'वेदविज्ञान' के द्वारा ही लगाया जा सकता हैजिसे मैं प्रमाणों के साथ सिद्ध भी
सकता हूँ ! !जो मैं कर रहा हूँ किंतु मेरी सरकार में कहीं सुनी नहीं जा
रही है इसलिए आपसे निवेदन है कि आप मेरी बात सुनने के लिए मुझे समय दें !
निवेदक - भवदीय
No comments:
Post a Comment