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" ब्लॉगर पर जो आर्टिकल प्रकाशित किए जाते हैं उनमें यदि किसी आर्टिकल के बारे में यह प्रमाण देना हो कि इस आर्टिकल को प्रकाशित करने के बाद इसमें कोई एडिटिंग नहीं की गई है या इस तारीख़ के बाद कोई एडिटिंग नहीं की गई है और की गई है तो किस किस तारीख को !"
किसी आर्टिकल के विषय में प्रमाणरूप में यदि ये जानकारी कहीं प्रस्तुत करनी हो तो कैसे की जा सकती है ?
मानव संसाधन मंत्रालय -
भारतवर्ष में कुल कितने विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिनमें ज्योतिष पढ़ाई जाती है उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की कुल संख्या कितनी है और उनकी सैलरी पर खर्च होने वाली धनराशि का वार्षिक अमाउंट लगभग कितना होता है !
सूचना प्रसारण मंत्रालय -
भारत वर्ष में अनेकों टीवी चैनलों पर ज्योतिषसंबंधी विज्ञापन देने वाले या भविष्य बताने वाले ज्योतिषियों की संख्या कितनी है उनमें से ऐसे कितने हैं जिन्होंने भारतसरकार के विश्वविद्यालयों के ज्योतिष विभाग से ज्योतिष पढ़ी भी है और ज्योतिषसंबंधी डिग्रियाँ भी हासिल की हैं ? उनके नाम क्या हैं और कौन किस चैनल से जुड़ा हुआ है ?
श्रीमान प्रधानमंत्री जी
सादर नमस्कार !
विषय - चिकित्सा,मौसम,भूकंप आदि से संबंधित ज्योतिषीय रिसर्च के लिए सहयोग हेतु !
" ब्लॉगर पर जो आर्टिकल प्रकाशित किए जाते हैं उनमें यदि किसी आर्टिकल के बारे में यह प्रमाण देना हो कि इस आर्टिकल को प्रकाशित करने के बाद इसमें कोई एडिटिंग नहीं की गई है या इस तारीख़ के बाद कोई एडिटिंग नहीं की गई है और की गई है तो किस किस तारीख को !"
किसी आर्टिकल के विषय में प्रमाणरूप में यदि ये जानकारी कहीं प्रस्तुत करनी हो तो कैसे की जा सकती है ?
मानव संसाधन मंत्रालय -
भारतवर्ष में कुल कितने विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिनमें ज्योतिष पढ़ाई जाती है उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की कुल संख्या कितनी है और उनकी सैलरी पर खर्च होने वाली धनराशि का वार्षिक अमाउंट लगभग कितना होता है !
सूचना प्रसारण मंत्रालय -
भारत वर्ष में अनेकों टीवी चैनलों पर ज्योतिषसंबंधी विज्ञापन देने वाले या भविष्य बताने वाले ज्योतिषियों की संख्या कितनी है उनमें से ऐसे कितने हैं जिन्होंने भारतसरकार के विश्वविद्यालयों के ज्योतिष विभाग से ज्योतिष पढ़ी भी है और ज्योतिषसंबंधी डिग्रियाँ भी हासिल की हैं ? उनके नाम क्या हैं और कौन किस चैनल से जुड़ा हुआ है ?
श्रीमान प्रधानमंत्री जी
सादर नमस्कार !
विषय - चिकित्सा,मौसम,भूकंप आदि से संबंधित ज्योतिषीय रिसर्च के लिए सहयोग हेतु !
महोदय
निवेदन है कि मैंने ज्योतिष विषय से संपूर्णानंदविश्व विद्यालय
वाराणसी से आचार्य (MA)किया है और "तुलसी साहित्य का ज्योतिष शास्त्र की
दृष्टि से अनुशीलन " विषय पर 'बनारसहिन्दूयूनिवर्सिटी' से Ph.D. किया है
अन्य विषयों की तरह ही ज्योतिष विषय में भी पूरा समय लगता है और
परिश्रम करना पड़ता है ।ज्योतिष शिक्षक बनने के अलावा हम लोगों के पास और
कोई विकल्प नहीं होता है किंतु शिक्षक के रूप में ज्योतिष के सभी छात्रों
को आजीविका मिल पाना असम्भव होता है।सरकार सहयोग करे तो ज्योतिष के छात्र
भी भारत के प्राचीन ज्ञानविज्ञान के द्वारा कई बड़ी समस्याओं का समाधान
निकालसकते हैं ।
श्रीमान जी !समय का बहुत बड़ा महत्त्व होता है स्वास्थ्य समाज एवं देश की तरक्की के लिए किए जाने वाले संपूर्ण प्रयास सफल तभी होते हैं जब समय अनुकूल होता है ऐसा ही सभी क्षेत्रों में है , इसलिए समय से संबंधित पूर्वानुमान पर रिसर्च किया जाना बहुत आवश्यक है जो केवल ज्योतिषविज्ञान के द्वारा ही संभव है । यह रिसर्च विज्ञान और चिकित्सा जैसे कई क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है ।
प्राचीन भारत में वर्षा ,भूकंप, बाढ़,तूफान या सामूहिक महामारी फैलने जैसी आपदाओं का ज्योतिषीय पूर्वानुमान लगाने के लिए राजाओं के पास राजज्योतिषियों की टीम हुआ करती थी जो इन्हीं विषयों से संबंधित पूर्वानुमानों पर अनुसंधान किया करते थे उनकी की हुई भविष्यवाणियाँ सटीक होती थीं तभी तो लोग उन पर भरोसा किया करते थे ।चिकित्सा के क्षेत्र में जिन रोगियों का अपना समय अच्छा नहीं होता उन पर अच्छी औषधि का भी अच्छा असर नहीं होता है इसलिए जीवन के सभी क्षेत्रों में ज्योतिष संबंधी पूर्वानुमानों की प्राचीन काल में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी इसीलिए तब कई चीजें आज की अपेक्षा अधिक भावशाली दिखती थीं !
अतएव मेरा आपसे निवेदन है कि हमारे संस्थान के द्वारा समय संबंधी पूर्वानुमानों के लिए किए जाने वाले ज्योतिषीयरिसर्च में आप सरकार हमारा सहयोग करे !
श्रीमान स्वास्थ्यमंत्री जी \ प्रधानमंत्री जी
सादर नमस्कार !
विषय- चिकित्सा के लिए औषधि से भी अधिक महत्त्व है समय का ! समय संबंधी ज्योतिषीय रिसर्च में सहयोग प्राप्ति हेतु !
महोदय
जिस रोगी का ज्योतिषीय दृष्टि से अपना समय ठीक अर्थात अनुकूल होता है वो बिना चिकित्सा के भी स्वस्थ हो जाते हैं आदिवासी क्षेत्रों में जंगलों में रहने वाले लोगों के पास चिकित्सा व्यवस्थाएँ उतनी अच्छी नहीं होती हैं फिर भी जब तक रोगी का समय ठीक रहता है तब तक बिना चिकित्सा के भी रोगी स्वस्थ होते देखे जाते हैं । जंगल में दो पशु आपस में लड़ते हैं घायल होते हैं और बिना किसी औषधि के भी उनके घाव ठीक हो जाते हैं । दूसरी ओर बड़े बड़े उद्योगपति राजा महाराजा आदि के अस्वस्थ होने पर अच्छी से अच्छी चिकित्सा व्यवस्था की जाती है फिर भी जिनका समय अनुकूल नहीं होता उन्हें बचा पाना कठिन ही नहीं अपितु असम्भव भी होता है ।इसलिए यदि स्वास्थ्य रक्षा का करण केवल औषधि होती तो राजा लोग कभी न मरते !इसलिए स्वास्थ्य रक्षा में समय का विशेष महत्त्व है ।
महोदय ! कौन समय किसके लिए कैसा है इसका पूर्वानुमान लगाने के लिए ज्योतिषशास्त्र ही एक मात्र विकल्प है इसीलिए पुराने समय में प्रायः सभी वैद्य लोग ज्योतिषी भी हुआ करते थे ज्योतिष के द्वारा वो पहले ही समझ लिया करते थे कि किस रोगी के लिए किस समय कौन सा रोग कितना गंभीर है उसी हिसाब से चिकित्सा किया करते थे ।
वर्तमान समय की चिकित्सा प्रक्रिया में रोगी के समय संबंधी पूर्वानुमान को महत्त्व नहीं दिया जाता है किंतु समय अपना प्रभाव तो दिखाता ही है ।चिकित्सक लोग सभी रोगियों की अच्छी से अच्छी चिकित्सा करते हैं किंतु उस चिकित्सा से जिसका जैसा समय वैसा उसको लाभ मिलता है कुछ रोगी स्वस्थ होते हैं कुछ अस्वस्थ ही रहते हैं कुछ मर भी जाते हैं । यदि केवल औषधि से स्वस्थ होना होता तब तो सभी रोगी स्वस्थ हो जाते !जब चिकित्सक एक चिकित्सा और बीमारी एक जैसी औषधि भी एक जैसी तो रोगियों पर उसका फल अलग अलग होते क्यों देखा जाता है ? इसका कारण रोगियों का अपना अपना अच्छा बुरा समय ही है ।इसलिए चिकित्सा के क्षेत्र में औषधि के साथ साथ समय का बहुत बड़ा महत्त्व है ?
श्रीमान जी ! अतएव आपसे निवेदन है कि चिकित्सा के लिए अत्यंत उपयोगी समय संबंधी रिसर्च का कार्य हमारे संस्थान के तत्वावधान में चलाया जा रहा है जिसमें सरकार से मदद की अपेक्षा है ।
श्रीमान जी !समय का बहुत बड़ा महत्त्व होता है स्वास्थ्य समाज एवं देश की तरक्की के लिए किए जाने वाले संपूर्ण प्रयास सफल तभी होते हैं जब समय अनुकूल होता है ऐसा ही सभी क्षेत्रों में है , इसलिए समय से संबंधित पूर्वानुमान पर रिसर्च किया जाना बहुत आवश्यक है जो केवल ज्योतिषविज्ञान के द्वारा ही संभव है । यह रिसर्च विज्ञान और चिकित्सा जैसे कई क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है ।
प्राचीन भारत में वर्षा ,भूकंप, बाढ़,तूफान या सामूहिक महामारी फैलने जैसी आपदाओं का ज्योतिषीय पूर्वानुमान लगाने के लिए राजाओं के पास राजज्योतिषियों की टीम हुआ करती थी जो इन्हीं विषयों से संबंधित पूर्वानुमानों पर अनुसंधान किया करते थे उनकी की हुई भविष्यवाणियाँ सटीक होती थीं तभी तो लोग उन पर भरोसा किया करते थे ।चिकित्सा के क्षेत्र में जिन रोगियों का अपना समय अच्छा नहीं होता उन पर अच्छी औषधि का भी अच्छा असर नहीं होता है इसलिए जीवन के सभी क्षेत्रों में ज्योतिष संबंधी पूर्वानुमानों की प्राचीन काल में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी इसीलिए तब कई चीजें आज की अपेक्षा अधिक भावशाली दिखती थीं !
अतएव मेरा आपसे निवेदन है कि हमारे संस्थान के द्वारा समय संबंधी पूर्वानुमानों के लिए किए जाने वाले ज्योतिषीयरिसर्च में आप सरकार हमारा सहयोग करे !
निवेदक भवदीय -
आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी
संस्थापक : राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973,श्रीमान स्वास्थ्यमंत्री जी \ प्रधानमंत्री जी
सादर नमस्कार !
विषय- चिकित्सा के लिए औषधि से भी अधिक महत्त्व है समय का ! समय संबंधी ज्योतिषीय रिसर्च में सहयोग प्राप्ति हेतु !
महोदय
जिस रोगी का ज्योतिषीय दृष्टि से अपना समय ठीक अर्थात अनुकूल होता है वो बिना चिकित्सा के भी स्वस्थ हो जाते हैं आदिवासी क्षेत्रों में जंगलों में रहने वाले लोगों के पास चिकित्सा व्यवस्थाएँ उतनी अच्छी नहीं होती हैं फिर भी जब तक रोगी का समय ठीक रहता है तब तक बिना चिकित्सा के भी रोगी स्वस्थ होते देखे जाते हैं । जंगल में दो पशु आपस में लड़ते हैं घायल होते हैं और बिना किसी औषधि के भी उनके घाव ठीक हो जाते हैं । दूसरी ओर बड़े बड़े उद्योगपति राजा महाराजा आदि के अस्वस्थ होने पर अच्छी से अच्छी चिकित्सा व्यवस्था की जाती है फिर भी जिनका समय अनुकूल नहीं होता उन्हें बचा पाना कठिन ही नहीं अपितु असम्भव भी होता है ।इसलिए यदि स्वास्थ्य रक्षा का करण केवल औषधि होती तो राजा लोग कभी न मरते !इसलिए स्वास्थ्य रक्षा में समय का विशेष महत्त्व है ।
महोदय ! कौन समय किसके लिए कैसा है इसका पूर्वानुमान लगाने के लिए ज्योतिषशास्त्र ही एक मात्र विकल्प है इसीलिए पुराने समय में प्रायः सभी वैद्य लोग ज्योतिषी भी हुआ करते थे ज्योतिष के द्वारा वो पहले ही समझ लिया करते थे कि किस रोगी के लिए किस समय कौन सा रोग कितना गंभीर है उसी हिसाब से चिकित्सा किया करते थे ।
वर्तमान समय की चिकित्सा प्रक्रिया में रोगी के समय संबंधी पूर्वानुमान को महत्त्व नहीं दिया जाता है किंतु समय अपना प्रभाव तो दिखाता ही है ।चिकित्सक लोग सभी रोगियों की अच्छी से अच्छी चिकित्सा करते हैं किंतु उस चिकित्सा से जिसका जैसा समय वैसा उसको लाभ मिलता है कुछ रोगी स्वस्थ होते हैं कुछ अस्वस्थ ही रहते हैं कुछ मर भी जाते हैं । यदि केवल औषधि से स्वस्थ होना होता तब तो सभी रोगी स्वस्थ हो जाते !जब चिकित्सक एक चिकित्सा और बीमारी एक जैसी औषधि भी एक जैसी तो रोगियों पर उसका फल अलग अलग होते क्यों देखा जाता है ? इसका कारण रोगियों का अपना अपना अच्छा बुरा समय ही है ।इसलिए चिकित्सा के क्षेत्र में औषधि के साथ साथ समय का बहुत बड़ा महत्त्व है ?
श्रीमान जी ! अतएव आपसे निवेदन है कि चिकित्सा के लिए अत्यंत उपयोगी समय संबंधी रिसर्च का कार्य हमारे संस्थान के तत्वावधान में चलाया जा रहा है जिसमें सरकार से मदद की अपेक्षा है ।
निवेदक भवदीय -
आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी
संस्थापक : राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973,
राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोधसंस्थान(रजि.)
आदरणीय कानून मंत्री जी सादर नमस्कार ! |
विषय : फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषी या बिना डिग्री वाले झोलाछाप ज्योतिषियों पर कठोर कार्यवाही हेतु !
महोदय ,
भारत सरकार के द्वारा संचालित बनारस के ' संपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय' ,'बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी' एवं दिल्ली के 'लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ' जैसे बड़े विश्व विद्यालय में 'ज्योतिषाचार्य (MA in Jyotish )जैसी डिग्री लेने में अन्य विषयों की तरह ही 10 वर्ष लग जाते हैं !
दूसरी ओर टीवी चैनलों और अखवारों में प्रदर्शित या प्रकाशित किए जाने वाले ज्योतिष संबंधी राशिफल या भविष्यबताने और उसे बदलने जैसे दावे करने वाले अन्य ज्योतिषियों के समूह ज्योतिष बिना पढ़े ही अपने नाम के साथ 'ज्योतिषाचार्य (MA in Jyotish )जैसी डिग्री लगा लेते हैं जिनका ज्योतिष शास्त्र की शिक्षा से कोई लेना देना ही नहीं होता है है ।ऐसे लोगों के द्वारा ज्योतिष के विषय में बताई गई बातों का ज्योतिष शास्त्र से कोई संबंध नहीं होता है । ऐसे फर्जी डिग्री या बिना डिग्री वाले ज्योतिषियों के ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रकार के कार्यव्यापार पर अविलंब रोक लगाई जाए !
ज्योतिष संबंधी प्रेक्टिस कौन कर सकता है कौन नहीं आदि बातों का कोई विशेष प्रभावी नियम बनाया जाए अन्यथा कई बार अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी ज्योतिषाचार्य के रूप में अपने को प्रचारित और सम्मानित सिद्धकर लेते हैं !जब उनकी आपराधिक घटनाओं की पोल खुलती है तब उससे ज्योतिष शास्त्र की और वास्तविक ज्योतिषाचार्यों की बदनामी होती है! इसलिए ऐसे सभी फर्जी डिग्री या बिना डिग्री वाले ज्योतिषकर्मियों और उनके विज्ञापनों को प्रतिबंधित किया जाए !डॉक्टरों की तरह ही ज्योतिष कर्मियों के भी ज्योतिष संबंधी डिग्री प्रमाण पत्र आदि अवश्य चेक किए जाएँ अन्यथा फर्जी लोगों को ज्योतिष संबंधी कार्य करने से प्रतिबंधित किया जाए !
निवेदक भवदीय -
आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी
संस्थापक : राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973,
राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोधसंस्थान(रजि.)
श्रीमान सूचनाप्रसारण मंत्री जी सादर नमस्कार |
विषय : टीवी चैनलों पर फर्जी ज्योतिषियों के द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को रोकने हेतु !
महोदय ,
भारत सरकार के द्वारा संचालित बनारस के ' संपूर्णानंद संस्कृत विश्व
विद्यालय' ,'बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी' एवं दिल्ली के 'लाल बहादुर शास्त्री
संस्कृत विद्यापीठ' जैसे बड़े विश्व विद्यालय में 'ज्योतिषाचार्य (MA in
Jyotish )जैसी डिग्री लेने में अन्य विषयों की तरह ही 10 वर्ष लग जाते हैं !
दूसरी ओर टीवी चैनलों और अखवारों में प्रदर्शित या प्रकाशित किए
जाने वाले ज्योतिष संबंधी राशिफल या भविष्यबताने और उसे बदलने जैसे दावे
करने वाले अन्य ज्योतिषी लोग अपने नाम के साथ
'ज्योतिषाचार्य (MA in Jyotish )जैसी डिग्री लगाकर अपना विज्ञापन करते हैं लोगों को झूठे सपने दिखाते एवं नग नगीने बेचते हैं जिन बातों की ज्योतिषशास्त्र में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ज्योतिष के नाम पर वो भी बोलते हैं और समाज सुनता है ।
इसी प्रकार से कुछ वे लोग जिन्होंने न तो ज्योतिष पढ़ी होती है और न ही ज्योतिष से कोई मतलब किंतु टीवी चैनलों पर आकर ज्योतिष को झूठ पाखंड अंधविश्वास आदि बोल जाते हैं उनके द्वारा की गई ज्योतिष की निंदा को तो टीवी चैनल धूम धाम से दिखाते हैं कई बार तो इसके लिए पैनल तक बैठाकर चर्चा करवा देते हैं जिससे ज्योतिष की निंदा का तो खूब प्रचार प्रसार हो जाता है ।
महोदय ! ज्योतिष की निंदा से आहत होकर यदि कोई वास्तविक ज्योतिषाचार्य जिसने ज्योतिष के लिए अपना जीवन सौंपा हुआ होता है वो यदि चाहे कि ज्योतिष की निंदा करने वाले को जवाब दे या ज्योतिष संबंधी विवादित बनाए गए विषय पर शास्त्रीय सफाई दे तो इसके लिए कोई चैनल ज्योतिष के वातविक विद्वानों की ज्योतिष सम्बन्धी बात समाज तक नहीं पहुँचाते हैं जबकि भारत सरकार के द्वारा संचालित ये विश्व विद्यालय हैं जहाँ ज्योतिष की पढ़ाई होती है इसलिए उनकी रक्षा करना तो मीडिया का भी दायित्व है ।
अतएव है कि फर्जी डिग्री वाले या बिना डिग्री वाले ज्योतिषियों का विज्ञापन टीवी चैनलों पर बंद करवाया जाए !साथ ही ज्योतिष की निंदा करने वालों की बात यदि टीवी चैनलों पर दिखाई जाए तो ज्योतिष के विषय में शास्त्रीय सफाई देने का अवसर भी ज्योतिष विद्वानों को मिलना चाहिए !
इसी प्रकार से कुछ वे लोग जिन्होंने न तो ज्योतिष पढ़ी होती है और न ही ज्योतिष से कोई मतलब किंतु टीवी चैनलों पर आकर ज्योतिष को झूठ पाखंड अंधविश्वास आदि बोल जाते हैं उनके द्वारा की गई ज्योतिष की निंदा को तो टीवी चैनल धूम धाम से दिखाते हैं कई बार तो इसके लिए पैनल तक बैठाकर चर्चा करवा देते हैं जिससे ज्योतिष की निंदा का तो खूब प्रचार प्रसार हो जाता है ।
महोदय ! ज्योतिष की निंदा से आहत होकर यदि कोई वास्तविक ज्योतिषाचार्य जिसने ज्योतिष के लिए अपना जीवन सौंपा हुआ होता है वो यदि चाहे कि ज्योतिष की निंदा करने वाले को जवाब दे या ज्योतिष संबंधी विवादित बनाए गए विषय पर शास्त्रीय सफाई दे तो इसके लिए कोई चैनल ज्योतिष के वातविक विद्वानों की ज्योतिष सम्बन्धी बात समाज तक नहीं पहुँचाते हैं जबकि भारत सरकार के द्वारा संचालित ये विश्व विद्यालय हैं जहाँ ज्योतिष की पढ़ाई होती है इसलिए उनकी रक्षा करना तो मीडिया का भी दायित्व है ।
अतएव है कि फर्जी डिग्री वाले या बिना डिग्री वाले ज्योतिषियों का विज्ञापन टीवी चैनलों पर बंद करवाया जाए !साथ ही ज्योतिष की निंदा करने वालों की बात यदि टीवी चैनलों पर दिखाई जाए तो ज्योतिष के विषय में शास्त्रीय सफाई देने का अवसर भी ज्योतिष विद्वानों को मिलना चाहिए !
ज्योतिष संबंधी प्रेक्टिस कौन कर सकता है कौन नहीं आदि बातों का कोई विशेष
प्रभावी नियम बनाया जाए अन्यथा कई बार अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी
ज्योतिषाचार्य के रूप में अपने को प्रचारित और सम्मानित सिद्धकर लेते हैं
!जब उनकी आपराधिक घटनाओं की पोल खुलती है तब उससे ज्योतिष शास्त्र की और
वास्तविक ज्योतिषाचार्यों की बदनामी होती है! इसलिए ऐसे सभी फर्जी डिग्री
या बिना डिग्री वाले ज्योतिषकर्मियों और उनके विज्ञापनों को प्रतिबंधित
किया जाए !डॉक्टरों की तरह ही ज्योतिष कर्मियों के भी ज्योतिष संबंधी
डिग्री प्रमाण पत्र आदि अवश्य चेक किए जाएँ अन्यथा फर्जी लोगों को ज्योतिष
संबंधी कार्य करने से प्रतिबंधित किया जाए !
निवेदक भवदीय -
आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी
संस्थापक : राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
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