'रोग ' और 'मनोरोग' किसको किस वर्ष में कितने समय के लिए होगा ! उसका समय निश्चित है पता लगे तो बुरे प्रभाव से कुछ बचाव हो सकता है किंतु पता कैसे लगे ?
जीवन में समय का सबसे बड़ा महत्त्व है !समय पर रिसर्च करके समयसंबंधी पूर्वानुमान लगाने के लिए ज्योतिष ही एक मात्र विकल्प है !मैंने ज्योतिषसब्जेक्ट से संबंधित विषय पर Ph.D. की है बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ( BHU) से इसलिए मैंने ज्योतिष के द्वारा स्वास्थ्य और प्राकृतिक आपदाओं के विषय पर किया है गम्भीर रिसर्च !जिसमें मौसम,भूकंप से लेकर योग आयुर्वेद समेत सभी विषयों पर हमारा ज्योतिषीय दृष्टिकोण !
इसी प्रकार से चिकित्सा के क्षेत्र में 'रोगी के लिए औषधि अधिक महत्त्वपूर्ण है या समय !" विषय पर मैंने जो रिसर्च की है उसके अनुसार -"रोगियों का समय यदि उनके अनुकूल हो तो जंगलों में रहने वाले लोग और आपस में लड़ झगड़ कर घायल हो जाने वाले पशु आदि के घाव बिना औषधि के भी ठीक होते देखे जाते हैं दूसरी ओर जिस
रोगी का समय ही ठीक न हो तो उसे अच्छे से अच्छे चिकित्सक बहुत अच्छी दवा देकर भी स्वस्थ नहीं कर सकते !यदि ऐसा न होता तो बड़े बड़े राजा महाराजा सेठ साहूकार
आदि धनी लोग न तो बीमार होते और न ही मरते !चिकित्सकों को यदि औषधियों इंजेक्सनों आप्रेशनों पर इतना ही भरोसा होता तो रोगी को बचा लेने की गारंटी ले सकते थे जबकि डॉक्टर लोग ही रोगी के परिजनों से साइन करवा लेते हैं कि इलाज से रोगी यदि मर गया तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी !ये चिकित्सा पद्धति पर चिकित्सकों के अविश्वास को दर्शाता है ।इसी प्रकार से एक चिकित्सक एक जैसे कई रोगियों को उत्तम औषधि देते हैं किंतु उसका असर सभी रोगियों पर अलग अलग होता है कोई स्वस्थ होता है कोई अस्वस्थ रहता है कोई मर जाता है जिसका जैसा समय उस पर वैसा असर !
मनोरोग -
'मन' को जो मानते नहीं हैं 'मन'विषय में जो जानते नहीं हैं 'मन'की जाँच के लिए जिनके पास कोई मशीन नहीं है 'मन'के रोग की जिनके पास कोई औषधि नहीं है मन को न समझने वाले मनोचिकित्सक रोगी के स्वभाव को कैसे समझ पाते होंगे और कैसे कर पाते होंगे काउंसलिंग !जबकि ज्योतिष के द्वारा किसी बच्चे के जन्मसमय के आधार पर रिसर्चपूर्वक यह पता लगाना संभव है कि किसी को 'मनोरोग' या मानसिकतनाव जीवन के किस वर्ष होगा !क्यों होगा ! कितने समय के लिए होगा और किससे संबंधित होगा !जिससे बचने के प्रिवेंटिव प्रयास एवं सहने का अभ्यास किया जा सकता है ।
जन्म समय के आधारपर सारे जीवन के सुख दुःख बीमारी आरामी हानि लाभ मित्रता शत्रुता आदि के विषय में ज्योतिष के द्वारा पूर्वानुमान लगा लिया जाता है इसके द्वारा वर्षा बाढ़ भूकंप जैसी परिस्थितियों के संकेतों पर रिसर्च करके पता किया जा सकता है । किस उम्र में क्या बीमारी होगी ,किस स्त्री या पुरुष ,लड़के या लड़की के साथ कितने दिन कैसी निभेगी या नहीं निभेगी ,कब किससे कितना और कैसा तनाव होगा !
रोगी के गारंटी ले सकते थे किंतु रोगी का स्वस्थ होना न होना तो समय के अधीन होता है इसीलिए रोगी के आदि आदि !!इसका मतलब रोगी चिकित्सा के आधीन है और चिकित्सा समय के आधीन है ।
जितना महत्त्व है समय का उससे कम नहीं है क्योंकि
इसलिए लगता है कि रोगी की चिकित्सा के लिए औषधि से अधिक महत्त्वपूर्ण है समय और किसी के अच्छे बुरे समय का पता ज्योतिष से ही लगाया जा सकता है ।
मनोरोग -
'मन' को जो मानते नहीं हैं 'मन'विषय में जो जानते नहीं हैं 'मन'की जाँच के लिए जिनके पास कोई मशीन नहीं है 'मन'के रोग की जिनके पास कोई औषधि नहीं है मन को न समझने वाले मनोचिकित्सक रोगी के स्वभाव को कैसे समझ पाते होंगे और कैसे कर पाते होंगे काउंसलिंग !जबकि ज्योतिष के द्वारा किसी बच्चे के जन्मसमय के आधार पर रिसर्चपूर्वक यह पता लगाना संभव है कि किसी को 'मनोरोग' या मानसिकतनाव जीवन के किस वर्ष होगा !क्यों होगा ! कितने समय के लिए होगा और किससे संबंधित होगा !जिससे बचने के प्रिवेंटिव प्रयास एवं सहने का अभ्यास किया जा सकता है ।
जन्म समय के आधारपर सारे जीवन के सुख दुःख बीमारी आरामी हानि लाभ मित्रता शत्रुता आदि के विषय में ज्योतिष के द्वारा पूर्वानुमान लगा लिया जाता है इसके द्वारा वर्षा बाढ़ भूकंप जैसी परिस्थितियों के संकेतों पर रिसर्च करके पता किया जा सकता है । किस उम्र में क्या बीमारी होगी ,किस स्त्री या पुरुष ,लड़के या लड़की के साथ कितने दिन कैसी निभेगी या नहीं निभेगी ,कब किससे कितना और कैसा तनाव होगा !
रोगी के गारंटी ले सकते थे किंतु रोगी का स्वस्थ होना न होना तो समय के अधीन होता है इसीलिए रोगी के आदि आदि !!इसका मतलब रोगी चिकित्सा के आधीन है और चिकित्सा समय के आधीन है ।
जितना महत्त्व है समय का उससे कम नहीं है क्योंकि
इसलिए लगता है कि रोगी की चिकित्सा के लिए औषधि से अधिक महत्त्वपूर्ण है समय और किसी के अच्छे बुरे समय का पता ज्योतिष से ही लगाया जा सकता है ।
समय की सीमा के बाहर जाकर हम कुछ भी नहीं कर सकते !हमारे जीवन में जितना जो कुछ निश्चित हो चुका होता है उसमें जो अच्छा हो उसे हमें अपने प्रयासों से कैस करना होता है और जो बुरा हो उसे कम करने के प्रयास करने होते हैं जो ब्यर्थ नहीं जाते !वर्षा होना निश्चित होने पर भी छाता अपना बचाव तो कर ही देता है किंतु इसके लिए जरूरी है कि हमें अपने अच्छे बुरे समय का ज्ञान हो !तभी बुरे समय के दुष्प्रभाव को टालने के लिए हम प्रिवेंटिव प्रयास कर सकते हैं !सरकार को कई पत्र लिखे पर मेरी बात पहुँचे कैसे !
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