माननीय प्रधानमंत्री जी
सादर प्रणाम !
विषय - महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय रिसर्च कार्य के लिए सहायता प्राप्ति हेतु !
महोदय ,
मैंने भारतसरकार के प्रमाणित सपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय से ज्योतिष शास्त्र में आचार्य अर्थात (M. A.)किया है इसके बाद "बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी" से Ph.D की है । ज्योतिष आयुर्वेद सहित वेदों और पुराणों आदि में वर्णित प्राचीनविज्ञान के आधार पर समयविज्ञान की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण शोधकार्य किए हैं इसके आधार पर बच्चे का जन्म होने की साथ साथ ही बच्चों की मनोवृत्तियों का अध्ययन किया जा सकता है कोई बच्चा किस उम्र में जाकर किस अवसर का कैसे और कितने अच्छे ढंग से सदुपयोग कर सकता है साथ ही किस उम्र में कितने वर्ष या मास तक उसे किस की प्रकार की बुरी लतों या आपराधिक आदतों से बचाया जाना चाहिए जिससे उसके भविष्य की रक्षा हो सकती है
बच्चों के भविष्य एवं वैवाहिक जीवन को रहित तथा तलाकमुक्त बनाने के लिए कई महत्त्वपूर्ण रिसर्च कार्य किए हैं !संयुक्त परिवारों के टूटने के कारण और निवारण के क्षेत्र में
महोदया , ज्योतिष शास्त्र
जिसके आधार पर मैं कह सकता हूँ कितो हमारे इस रिसर्च कार्य को आगे बढ़ाने में सरकार हमारी मदद करे !
राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस् थान(रजि.)
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973,
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय \ PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
Tele: +91-11-22002689, +91-11-22096548
Mobile : +919811226973,
और किसी । रे अनुभव दूसरे मनोरोगी पर
ने पर ग्रंथों के एवं अल्पप्रभावी है ,मनोरोग एवं भावी प्राकृतिक आपदाओं के विषय में लगाए गए पूर्वानुमान काफी सटीक साबित हुए हैं आपदा प्रबंधन जैसे कार्यों में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं ।
महोदय !उस बेरोजगारी से जूझते हुए भी मैंने 'चिकित्सा में ज्योतिष का योगदान' 'मनोरोग का ज्योतिष से निदान' 'टूटते वैवाहिक संबंधों को बचाने का ज्योतिष निदान" 'वर्षा संबंधी पूर्वानुमान' के विषय में कई प्रभावी शोधकार्य किए हैं । मैं विश्वास पूर्वक कह सकता हूँ कि चिकित्सा विज्ञान ज्योतिष के बिना अधूरा है मनोरोग विषय ही ज्योतिष का है इसमें चिकित्सा की विशेष भूमिका नहीं है
श्रीमान जी ! इतना ही नहीं ज्योतिषशास्त्र के सहयोग से
भूकंपों के विषय में पूर्वानुमान लगाने की दिशा में भी शोध जारी है उसमें भी तीस से चालीस प्रतिशत सफलता मिल चुकी है आगे भी प्रयास जारी हैं ! संभव है कि भूकंप जैसे विषयों में पूर्वानुमान लगाने का गौरव भी भारत को मिले !
महोदय ! भूकंप विज्ञान आपदा संबंधी पूर्वानुमान संबंधी रिसर्च पर सरकार इतनी मदद करती है योगासन जैसे विषयों को प्रोत्साहित करने में सरकार इतनी रूचि ले सकती है तो ज्योतिषविज्ञान के विषय में इतनी उदासीनता क्यों है । सरकार की दृष्टि में इतना पक्षपात क्यों ?
अतएव आपसे निवेदन है कि हमने भी परिश्रम पूर्वक ज्योतिष के विषय में पढ़ाई करके सरकारी विश्व विद्यायों से डिग्री हासिल की है तो हमें भी आजीविका देना एवं हमारे भी अनुसंधानकार्यों में हमारी भी मदद करना सरकार का नैतिक दायित्व है ताकि हम भी अपने विषयों से सम्बंधित शोध सरकार के माध्यम से देश समाज और विश्व सामने रख सकें !
'राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोधसंस्थान" के तत्वावधान में
पर सरकार इतना भरी न के ,पर इतने इतने वर्षों से हमारी सबसे बड़ी समस्या ये
वेदों
का नेत्र है ज्योतिषशास्त्र शास्त्रों की निंदा करने वाले पाखंडियों को
मुख लगाने का नुक्सान भोगना पड़ेगा सरकार को !मैं तो कहता हूँ कि ज्योतिष के
विषय में बेकार की बकवास करने से अच्छा है वो सीधे कहें कि ज्योतिष
शास्त्र मुझे समझ में नहीं आता तो मैं समझाने का प्रयास करूँगा !वो कहें कि
ज्योतिष शास्त्र में मुझे एलर्जी है इसलिए मैं घृणा करता हूँ तो मैं ऐसे
लोगों से कहना चाहता हूँ कि मैं आयुर्वेद के बड़े और प्रमाणित ग्रंथों में
अनेकों जगह दिखा दूँगा जहाँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर ज्योतिष,
ग्रहनक्षत्र, वास्तु, सामुद्रिक, स्वप्न और शकुनों का प्रयोग न केवल किया
गया है अपितु इनके प्रभाव प्रभावों के विषय में भी बताया गया है यदि कोई
कि मैंने आयुर्वेद पढ़ा है तो उसे ये पता होना चाहिए और यदि आयुर्वेद को
मानता है तो इसे भी मानना चाहिए एक और बड़ी बात आयुर्वेद
के ही एक बड़े ग्रंथ में मिलती है कि जो लोग केवल आयुर्वेद पढ़कर आयुर्वेद
समझना चाहते हैं वो ठीक नहीं है आयुर्वेद समझने के लिए उन्हें हर शास्त्र
का अध्ययन करना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद की जड़ें हर शास्त्र तक फैली हैं !इतना सब होने के बाद भी कोई कहे कि मैं आयुर्वेद को तो जनता हूँ किंतु ज्योतिष पाखंड है ये कहाँ तक उचित है !
जिस ज्योतिष शास्त्र को आयुर्वेद केवल मानता ही नहीं है अपितु आयुर्वेद अधूरा है ज्योतिष शास्त्र के बिना !आयुर्वेद के बड़े बड़े ग्रंथों में ज्योतिष शास्त्र संबंधित बातों को उद्धृत किया गया है गया है !यदि कोई व्यक्ति ज्योतिष शास्त्र न भी
जिस ज्योतिष शास्त्र को आयुर्वेद केवल मानता ही नहीं है अपितु आयुर्वेद अधूरा है ज्योतिष शास्त्र के बिना !आयुर्वेद के बड़े बड़े ग्रंथों में ज्योतिष शास्त्र संबंधित बातों को उद्धृत किया गया है गया है !यदि कोई व्यक्ति ज्योतिष शास्त्र न भी
No comments:
Post a Comment