Tuesday, 11 August 2015

योगेंद्र यादव की मदद करने के लिए मचल रहा है केजरीवाल का मन !

 योगेंद्र से ज्यादती का केजरीवाल ने भी किया विरोध -एक खबर
केजरीवालजी की स्थिति-"नाच न आवे आँगन टेढ़ा !"

   बंधुओ !योगेंद्र जी से केजरीवाल जी को अब इतनी सहानुभूति क्यों हो रही है उन्हें समाज को भ्रमित नहीं करना चाहिए !

बंधुओ ! अरविन्द जी का लक्ष्य तो योगेंद्र जी का पक्ष लेना नहीं अपितु पुलिस का विरोध करना है उसका बहाना  केंद्र बने या महिला सुरक्षा या गजेंद्र जी की दुखद मौत या और कुछ हो !उन्हें तो पुलिस के बहाने केंद्र सरकार को ही बदनाम करने में मजा आता है और वही वो कर रहे हैं !जनता उनकी इस प्रवृत्ति से तंग आ चुकी है उनके किसी भी आचार  व्यवहार से आम आदमियत दूर दूर तक नहीं झलक रही है और न ही कानून व्यवस्था में ही कोई बदलाव आया है ऑटो वाले तक मीटर से जाने को तैयार नहीं होते हैं
      फिर भी केजरीवाल जी का नारा है "वो हमें परेशान करते रहे ,हम काम करते रहे "किंतु पता ये नहीं चल पा रहा है कि केंद्र सरकार को बदनाम करने के अलावा केजरीवाल जी काम क्या करते रहे ! पानी शुद्ध नहीं हैं सरकारी आफिस हों या स्कूल पहले के जैसे ही चल रहे हैं परिवर्तन आखिर हुआ कहाँ है अगर किसी एक आदमी की बचपन से आने वाली खाँसी ठीक हो गई तो इसका मतलब ये तो कतई नहीं है कि दिल्ली ठीक हो गई ! स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट कितना भी बढ़ा लिया गया हो किन्तु खाँसी दिल्ली में नहीं ठीक हो सकी इसका मतलब दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएँ विश्वसनीय नहीं थीं तब तो बहार जाकर कराया गया इलाज !
  इसलिए उनका अब ये नारा होना चाहिए था कि देश विदेश में घूम घूम कर"मोदी जी काम करते रहे फिर भी हम उन्हें बदनाम करते रहे !"
     केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए बाकायदा बजट पास किया गया ! आखिर इससे जनता का क्या लाभ हुआ क्या इससे जनहित के जरूरी काम नहीं किए जा सकते थे ! 

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