Sunday, 30 August 2015

'स्वाभिमान रैली' के विशेष अवशेषों पर श्रद्धा सुमन हमारी ओर से भी.... !

      भारतीय राजनीति के इस विस्फोटक बारूद को रुई में लिपेटकर रखा आखिर कब तक जा सकेगा ?
     लालू जी,सोनियाँ जी,मुलायम सिंह जी,शरद जी ,नितीश जी और धर्मराज केजरीवाल जी जैसे योद्धाओं को मोदी भय ने इकठ्ठा तो कर दिया है किंतु समेटकर कौन रखेगा वो भी कब तक ?
                दो. कहु रहीम कब तक रही रुई लिपटी आग !
यादवों को भैंस नहीं पटक पाई तो मोदी क्या पटकेगा ? -लालू यादव
     किंतु लालू जी ! पटकने का काम न भैंस का है और न ही मोदी जी का !भैंस का काम दूध देना है और देश की जनता ने मोदी जी को देश सेवा का दायित्व दिया है तो मोदी जी जनता के आदेश का पालन करते हुए अपने सेवा कर्म से देश को सींचने का प्रयास निरंतर कर रहे हैं और अपने को कहते भी देश का प्रधान सेवक ही हैं, वो पटकने और पटकाने का नाम तो लेते भी नहीं हैं वैसे भी मोदी जी इतनी गिरी भाषा नहीं बोल सकते ! ऐसे शब्द तो आपको ही मुबारक हों महोदय जी !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
जब तबला बजेगा धीन  धीन  तब एक आदमी पर बैठेगा तीन तीन !
    किंतु नितीश जी लालू जी और सोनियाँ जी ये तीन तीन हैं तो सही और तीनों मोदी जी की निंदा में लगे भी  रहे फिर भी अकेले मोदी जी बिहार की जनता के मन में विश्वास पूर्वक उतर गए और लोकसभा चुनावों में जनता का आशीर्वाद जीतने में सफल हुए ! हे लालू जी महाराज ! तब न तबला बज सका  धीन  धीन और न ही एक आदमी पर बैठ ही पाए  तीन तीनऔर जिन्होंने बैठने का मन किया वो कहाँ फेंका गए किसी को होश ही नहीं रहा !वैसे भी लालू जी ! चंद्रमा अकेला होने पर भी लाखों तारों पर भारी होता है।see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
यह बिहार नब्बे के पहले वाला नहीं हैं -लालू यादव
   किंतु लालू जी ! नब्बे के पहले वाले बिहार का इतिहास तो अत्यंत गौरव पूर्ण रहा है कैसे कैसे प्रतिभा संपन्न ज्ञानी गुणवान लोग हुए हैं बिहार की पवित्र भूमि में किंतु ये बिहार का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि 1990 के बाद वर्तमान में विहार की पहचान आज वो लोग बन चुके हैं जिन्हें न देश गंभीरता से लेता है और न ही बिहार प्रदेश के बुद्धिजीवी मतदाता   !फिर भी अपने मुख मियाँ मिट्ठू बनते  जा  रहे हैं ! हे लालू जी ! 1990 के पहले के बिहार में और उसके बाद के बिहार में सबसे बड़ा अंतर ये है कि तब बिहारी कहलाने में कोई शर्म नहीं करता था अपितु लोग गर्व करते थे किन्तु अब अक्सर लोग बिहारी होने की अपनी पहचान छिपाते देखे जा सकते हैं कुछ प्रदेश तो अपने यहाँ से खदेड़ रहे हैं उन भारती सपूतों को जिनके साथ बड़े बड़े महापुरुषों का गौरवपूर्ण इतिहास जुड़ा है ! हे लालू जी !ये आपकी ही तपस्या और बयानबाजी और आचरण शैली का परिणाम है जिसे पावन प्रदेश की पवित्र मिट्टी में पले बढ़े देशवासी भुगतने को मजबूर हैं !ये है नब्बे के बाद के बिहार पर आपका असर !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
मोदी जी ! दिहाड़ी मजदूरी करने वाले किस जाति के लोग   हैं ?-लालू प्रसाद जी 
     किंतु लालू जी !वो किसी भी जाति  के क्यों न हों  किंतु बिहार में शासन तो हमेंशा आपका या मंच पर अगल बगल बैठे आपके साथियों का ही रहा है आखिर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं क्यों ? उनका  हिस्सा खाया किसने है ये तो बिहार के पशुओं को भी पता है !इसलिए अभी तक जिन दलों और नेताओं को बिहार बासियों ने परख लिया है उन्हें ईमानदारी पूर्वक अब पीछे हो जाना चाहिए और भाजपा को भी बिहार की सेवा करने के लिए उदारता पूर्वक एक  मौका तो दिया जाना चाहिए !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
  भाजपा के लोगों ने राम को धोखा दिया और गंगा को धोखा दिया !-लालू यादव जी
किंतु लालू जी ! कोई करोड़ों के घोटाले का आरोपी किसी और को धोखे बाज कैसे कह सकता है और जनता मानेगी क्यों ? भाजपा श्री राम मंदिर और गंगा सफाई के पावन पथ पर चलते चलते पड़ाव तक पहुँच पाई है किंतु अभी मंजिल मिलना अभी भी बाकी है वो भी मिलेगी देर सबेर ही सही किंतु धोखे का तो सवाल ही नहीं उठता है । एक साल से अधिक सरकार चलते हो गया और मोदी विरोध के लिए रखी गई इतनी बड़ी रैली में मोदीनिंदा स्पेस्लिस्ट कोई नेता भाजपा सरकार  पर एक रूपए के भ्रष्टाचार का आरोप तक नहीं लगा सका क्या ये भाजपा की नैतिक विजय नहीं मानी जानी चाहिए !कहाँ मिल पाते हैं वर्तमान राजनीति में ऐसे बहुमूल्य आचार व्यवहार !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html        
'स्वाभिमान रैली' के नाम पर हुआ  स्वाभिमान मुक्त रैली का आयोजन वो भी केवल मोदी जी निंदा के लिए !
      बारे शूरमाओ ! जो नीतीश जी और शरद जी पूर्वजन्म में लालू जी और सोनियाँ जी की आलोचना किया करते थे और सोनियाँ जी लालू जी भी वही करते थे ! किंतु रैली में बातें तो स्वाभिमान की थीं बाकी हमेंशा एक दूसरे की आलोचनाओं में लगे रहने वाले लोग एक साथ बैठे बड़े अटपटे से लग रहे थे किंतु अपनी आपसी झेंप मिटाने के लिए सभी कर रहे थे मोदी जी की आलोचना !और आलोचनाओं में भी दम नहीं था करोड़ों अरबों के घोटालों के स्पेशलिस्ट लोगों ने  मोदीनिंदा के लिए ही जिस रैली का आयोजन किया हो फिर भी मोदी जी पर एक रूपए के घोटाले का आरोप न  लगा सके हों ! ये केंद्र सरकार की नैतिक विजय ही मानी जाएगी ! जिसकी सराहना होनी ही चाहिए !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html

      सत्ता सुंदरी के प्रति आकृष्ट नीतीश जी का आचार व्यवहार किसी प्रेमिका का प्रति समर्पित पागल प्रेमी की तरह !
      आजकल नितीश जी एकदम बदले बदले से लग रहे हैं अद्भुत विनम्रता आ गई है उनमें बिलकुल उस प्रेमी की तरह जो किसी सुंदरी से एक पक्षीय न केवल प्रेम करता हो अपितु शादी भी करना चाहता हो जबकि वो प्रेमिका अपने घर वालों एवं नाते रिश्तेदारों की असहमति दिखाकर शादी से इनकार करती जा रही हो किंतु प्रेमी फिर भी पीछा न छोड़ने को तैयार हो जिस पर उसने कह दिया हो कि हमारे पिता जी ,भाई साहब और मामा जी बिलकुल इस शादी के पक्ष में ही नहीं हैं इस पर प्रेमी ने उन  लोगों को मना लेने की ठानी ली हो और सब लोगों से बड़े शिष्टाचार से मिल रहा हो सबकी प्रशंसा में दुम हिला रहा हो सबसे कुछ सीखने की बातें दोहरा रहा हो सबसे आशीर्वाद माँगने की मुद्रा बनाए मिल रहा हो !
       बंधुओ ! श्रीमान नीतीश जी आजकल बिलकुल उसी मुद्रा में दिखाई देते हैं नेताओं को चोर भ्रष्टाचारी आदि कहने वाले केजरीवाल जी से विनम्रता पूर्वक मिलना ,लालू जी  के साथ विनम्र व्यवहार करना और सोनियाँ जी के उपकारों के प्रति नत मस्तक दिखना आदि आदि और भी बहुत कुछ !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html

   भाजपा के झूठे वादे और उसकी सांप्रदायिक सोच के खिलाफ हम एक मंच पर आए हैं -सोनियाँ गांधी जी
   किंतु सोनियाँ जी ! आपका सांप्रदायिकता का आरोप कोई कैसे मान लेगा !लालू जी भी कहते हैं सांप्रदायिक झगड़ा कराना चाह रहे हैं भाजपाई ! जिन मोदी जी ने दशकों से झगड़ रहे नेताओं और दलों के दल दल जनता दल को इकट्ठे कर दिया हो लालू जी मुलायम सिंह जी सोनियाँ जी आप तथा शरद जी, नीतीश जी एवं देश के अधिकांश नेताओं को बेईमान और भ्रष्ट बताने वाले ईमानदारी की प्रतिमूर्ति साक्षात धर्मराज श्री केजरीवाल जी महाराज को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इकठ्ठा करने का श्रेय तो श्रीमान मोदी जी को ही जाता है भले भयबश ही लोगों में ऐसी मिलनसारिता आई हो ये बात और है किंतु इसी बहाने सही एक मंच पर इकट्ठे तो हुए ही हैं ! वैसे भी मुशीबत में मिल लेने में ही भलाई होती है । भारतीय राजनीति में इतना बड़ा चमत्कार करने वाले मोदी जी जाति  या संप्रदायवाद के आधार पर झगड़ा कैसे करवा सकते हैं वो तो झगड़ने वालों को एक मंच पर बैठाकर मिला देते हैं बधाई भाई मोदी जी को !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html 

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