Wednesday, 19 August 2015

सरकारी प्राथमिक स्कूलों

सरकारी स्कूलों ,सरकारी शिक्षकों,सरकारी कर्मचारियों ,सरकारी शिक्षा ,शिक्षा



अधिकारी अधिकारी होते हैं वो बड़ों बड़ों को लगा लेते हैं लाइन में !भले वो मंत्री ही क्यों न हों !!
पढ़े लिखे अधिकारियों की विद्या का सम्मान करते हुए से पढ़े लिखे नेता ही करा पाते हैं अपने काम !
   बिना पढ़े लिखे नेता तो अक्सर रौब दिखाने के लिए आते हैं राजनीति में तो रौब देखना अधिकारियों की लोकतांत्रिक मजबूरीsee…http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/04/blog-post_16.html

केवल किसानों की सहायता में कंजूसी ? वीआईपियों की सुरक्षा हो या कर्मचारियों की सैलरी इसमें कितना भी खर्च हो आखिर अपनों के लिए क्यों सोचना ! 
  देश के संसाधनों में अब किसानों को भी मिलना चाहिए उनका अधिकार !अब आजादी को सरकार एवं सरकारी कर्मचारियों को अकेले  नहीं भोगने दिया जाएगा !see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/04/blog-post_13.html

सैलरी बढ़ी हजारों में  और  किसानों को चेक दिए गए दस बीस रूपए के ! 
 किसान आत्म हत्या न करे तो क्या करे उनके बलिदान का इतना बड़ा उपहासकर रही हैं सरकारें ! ऐसी आजादी को लेकर वो चाटें क्या ?जिसे केवल सरकार और सरकारी कर्मचारी ही भोग रहे हों बाकी देश तो पहले गोरे  अंग्रेजों का गुलाम था अब काले अंग्रेजों का गुलाम है  see more... http://bharatjagrana.blogspot.in/2015/04/blog-post_8.html      

 स्वच्छ भारत या पवित्र भारत या स्वच्छ और पवित्र दोनों ?पवित्रता की आज बहुत आवश्यकता है !
     केवल स्वच्छता ही क्यों पवित्रता भी चाहिए !
     पहले से फैली हुई गन्दगी को साफ करना स्वच्छता एवं गंदगी को फैलाने से ही बचने की भावना पवित्रता है गंदगी से अभिप्राय सभी प्रकार की गंदगी से है भले  वो भ्रष्टाचार की ही see more....http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post.html 

 धिक्कार है ऐसे तुच्छ कन्या पूजन को जिसमें कन्याओं के प्रति कोई संवेदना ही न हो !
   हम कन्याएँ भी पूजते हैं गौएँ भी पूजते हैं दोनों पर अत्याचार होते रहते हैं फिर भी हम सहते  रहते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं। बंधुओ !हमारी इस कायरता पर हमें धिक्कार है !हमारे जितना प्राणलोलुप और कौन हो सकता है !क्या हमें इतना कायर होना चाहिए ?
   हम कन्याएँ भी पूजते हैं गौएँ भी पूजते हैं दोनों से अपने सुख शांति समृद्धि के वरदान और see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post_3.html 

 ऐसे सरकारी कर्मचारियों को आखिर कैसे सुधारेगी सरकार ?
    जिन कर्मचारियों के भरण पोषण की सारी जिम्मेदारी जनता के पैसे से सरकार उठाती है क्या उस जनता के प्रति इनका कोई कर्तव्य नहीं है !कहीं तो वो लापरवाह होते हैं कहीं वो भ्रष्टाचार में सम्मिलित होते हैं कहीं कहीं तो वो स्वयं अपराध में सम्मिलित पाए जाते हैं आखिर इन्हें कैसे ठीक see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/06/24-6-6-see-more.html 


आरक्षण है या हथियार ?जातियों के नाम पर विकास की योजनाओं  से सवर्णों का बहिष्कार क्यों ?
    सवर्णों ने किसका शोषण कब किस प्रकार से किया था आखिर उन बहुसंख्य लोगों ने शोषण सहा क्यों होगा !इसलिए शोषण आरोप ही गलत है ! आखिर सवर्ण मिट्टी खाएँ क्या या चोरी करें ? आखिर उन्हें किस अपराध का दंड दिया जा रहा है ?see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/04/blog-post_5788.html 

 अब भ्रष्ट सरकारों और सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध जनता को लड़ना होगा एक बड़ा युद्ध !
  सरकार एवं सरकारी कर्मचारियों के व्यवहार से बहुत निराश हैं देशवासी ! 
     पुलिस तो बदनाम है ही किन्तु हर विभाग बिक रहा है !किसी कवि ने कितना आहत होकर लिखा होगा कि
 "हर चेहरे पर दाम लिखे हैं हर कुर्सी उपजाऊ है"
        अर्थात पैसे लिए बिना लोग काम ही नहीं करना चाह रहे हैं एक साधारण सा पोस्टमैन see more....http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/02/blog-post_8.html

 जातिगत आरक्षण को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए ।
  जाति  क्षेत्र  सम्प्रदाय देखकर गरीबत नहीं आती है तो इनके आधार पर आरक्षण या अन्य सुविधाएँ क्यों दी जाती हैं ?
     योग्य लोगों को अयोग्य एवं अयोग्य लोगों को योग्य स्थान देना ही आरक्षण है। इससे काम की गुणवत्ता में कमी आना स्वाभाविक है।गधों को घोड़े बताने से तो उन्हें घोड़ा सिद्ध नहीं किया see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/01/blog-post_19.html


 सरकारी प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा में भारी भ्रष्टाचार! आखिर क्या कर रही है सरकार ?
आखिरप्राइवेटविद्यालयोंकीओरक्यों भाग रहे हैं लोग?
     हमारा संस्थान शिक्षा एवं धर्म के क्षेत्र में प्रदूषण समाप्त करके दोनों ही क्षेत्रों की पवित्रता के लिए काम करने का पक्षधर है इसी क्रम में मैं अक्सर प्रयास और संपर्क किया करता हूँ शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती रुकावटों के विषय में जो कुछ हमारे अनुभव में आया वो आपके साथ सम्मिलित see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/01/blog-post_10.html

                                                                                                                                                                                                                                                                                 
 आखिरप्राइवेटविद्यालयोंकीओरक्यों भाग रहे हैं लोग?
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 सरकार एवं सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही ने बिगाड़ा सार खेल !
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http://bharatjagrana.blogspot.in/2013/09/bhrashtachar-mukt-rajniti-kaise-sambhav.html

 

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