Sunday 30 August 2015

'स्वाभिमान रैली' के विशेष अवशेषों पर श्रद्धा सुमन हमारी ओर से भी.... !

      भारतीय राजनीति के इस विस्फोटक बारूद को रुई में लिपेटकर रखा आखिर कब तक जा सकेगा ?
     लालू जी,सोनियाँ जी,मुलायम सिंह जी,शरद जी ,नितीश जी और धर्मराज केजरीवाल जी जैसे योद्धाओं को मोदी भय ने इकठ्ठा तो कर दिया है किंतु समेटकर कौन रखेगा वो भी कब तक ?
                दो. कहु रहीम कब तक रही रुई लिपटी आग !
यादवों को भैंस नहीं पटक पाई तो मोदी क्या पटकेगा ? -लालू यादव
     किंतु लालू जी ! पटकने का काम न भैंस का है और न ही मोदी जी का !भैंस का काम दूध देना है और देश की जनता ने मोदी जी को देश सेवा का दायित्व दिया है तो मोदी जी जनता के आदेश का पालन करते हुए अपने सेवा कर्म से देश को सींचने का प्रयास निरंतर कर रहे हैं और अपने को कहते भी देश का प्रधान सेवक ही हैं, वो पटकने और पटकाने का नाम तो लेते भी नहीं हैं वैसे भी मोदी जी इतनी गिरी भाषा नहीं बोल सकते ! ऐसे शब्द तो आपको ही मुबारक हों महोदय जी !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
जब तबला बजेगा धीन  धीन  तब एक आदमी पर बैठेगा तीन तीन !
    किंतु नितीश जी लालू जी और सोनियाँ जी ये तीन तीन हैं तो सही और तीनों मोदी जी की निंदा में लगे भी  रहे फिर भी अकेले मोदी जी बिहार की जनता के मन में विश्वास पूर्वक उतर गए और लोकसभा चुनावों में जनता का आशीर्वाद जीतने में सफल हुए ! हे लालू जी महाराज ! तब न तबला बज सका  धीन  धीन और न ही एक आदमी पर बैठ ही पाए  तीन तीनऔर जिन्होंने बैठने का मन किया वो कहाँ फेंका गए किसी को होश ही नहीं रहा !वैसे भी लालू जी ! चंद्रमा अकेला होने पर भी लाखों तारों पर भारी होता है।see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
यह बिहार नब्बे के पहले वाला नहीं हैं -लालू यादव
   किंतु लालू जी ! नब्बे के पहले वाले बिहार का इतिहास तो अत्यंत गौरव पूर्ण रहा है कैसे कैसे प्रतिभा संपन्न ज्ञानी गुणवान लोग हुए हैं बिहार की पवित्र भूमि में किंतु ये बिहार का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि 1990 के बाद वर्तमान में विहार की पहचान आज वो लोग बन चुके हैं जिन्हें न देश गंभीरता से लेता है और न ही बिहार प्रदेश के बुद्धिजीवी मतदाता   !फिर भी अपने मुख मियाँ मिट्ठू बनते  जा  रहे हैं ! हे लालू जी ! 1990 के पहले के बिहार में और उसके बाद के बिहार में सबसे बड़ा अंतर ये है कि तब बिहारी कहलाने में कोई शर्म नहीं करता था अपितु लोग गर्व करते थे किन्तु अब अक्सर लोग बिहारी होने की अपनी पहचान छिपाते देखे जा सकते हैं कुछ प्रदेश तो अपने यहाँ से खदेड़ रहे हैं उन भारती सपूतों को जिनके साथ बड़े बड़े महापुरुषों का गौरवपूर्ण इतिहास जुड़ा है ! हे लालू जी !ये आपकी ही तपस्या और बयानबाजी और आचरण शैली का परिणाम है जिसे पावन प्रदेश की पवित्र मिट्टी में पले बढ़े देशवासी भुगतने को मजबूर हैं !ये है नब्बे के बाद के बिहार पर आपका असर !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
मोदी जी ! दिहाड़ी मजदूरी करने वाले किस जाति के लोग   हैं ?-लालू प्रसाद जी 
     किंतु लालू जी !वो किसी भी जाति  के क्यों न हों  किंतु बिहार में शासन तो हमेंशा आपका या मंच पर अगल बगल बैठे आपके साथियों का ही रहा है आखिर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं क्यों ? उनका  हिस्सा खाया किसने है ये तो बिहार के पशुओं को भी पता है !इसलिए अभी तक जिन दलों और नेताओं को बिहार बासियों ने परख लिया है उन्हें ईमानदारी पूर्वक अब पीछे हो जाना चाहिए और भाजपा को भी बिहार की सेवा करने के लिए उदारता पूर्वक एक  मौका तो दिया जाना चाहिए !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html
  भाजपा के लोगों ने राम को धोखा दिया और गंगा को धोखा दिया !-लालू यादव जी
किंतु लालू जी ! कोई करोड़ों के घोटाले का आरोपी किसी और को धोखे बाज कैसे कह सकता है और जनता मानेगी क्यों ? भाजपा श्री राम मंदिर और गंगा सफाई के पावन पथ पर चलते चलते पड़ाव तक पहुँच पाई है किंतु अभी मंजिल मिलना अभी भी बाकी है वो भी मिलेगी देर सबेर ही सही किंतु धोखे का तो सवाल ही नहीं उठता है । एक साल से अधिक सरकार चलते हो गया और मोदी विरोध के लिए रखी गई इतनी बड़ी रैली में मोदीनिंदा स्पेस्लिस्ट कोई नेता भाजपा सरकार  पर एक रूपए के भ्रष्टाचार का आरोप तक नहीं लगा सका क्या ये भाजपा की नैतिक विजय नहीं मानी जानी चाहिए !कहाँ मिल पाते हैं वर्तमान राजनीति में ऐसे बहुमूल्य आचार व्यवहार !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html        
'स्वाभिमान रैली' के नाम पर हुआ  स्वाभिमान मुक्त रैली का आयोजन वो भी केवल मोदी जी निंदा के लिए !
      बारे शूरमाओ ! जो नीतीश जी और शरद जी पूर्वजन्म में लालू जी और सोनियाँ जी की आलोचना किया करते थे और सोनियाँ जी लालू जी भी वही करते थे ! किंतु रैली में बातें तो स्वाभिमान की थीं बाकी हमेंशा एक दूसरे की आलोचनाओं में लगे रहने वाले लोग एक साथ बैठे बड़े अटपटे से लग रहे थे किंतु अपनी आपसी झेंप मिटाने के लिए सभी कर रहे थे मोदी जी की आलोचना !और आलोचनाओं में भी दम नहीं था करोड़ों अरबों के घोटालों के स्पेशलिस्ट लोगों ने  मोदीनिंदा के लिए ही जिस रैली का आयोजन किया हो फिर भी मोदी जी पर एक रूपए के घोटाले का आरोप न  लगा सके हों ! ये केंद्र सरकार की नैतिक विजय ही मानी जाएगी ! जिसकी सराहना होनी ही चाहिए !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html

      सत्ता सुंदरी के प्रति आकृष्ट नीतीश जी का आचार व्यवहार किसी प्रेमिका का प्रति समर्पित पागल प्रेमी की तरह !
      आजकल नितीश जी एकदम बदले बदले से लग रहे हैं अद्भुत विनम्रता आ गई है उनमें बिलकुल उस प्रेमी की तरह जो किसी सुंदरी से एक पक्षीय न केवल प्रेम करता हो अपितु शादी भी करना चाहता हो जबकि वो प्रेमिका अपने घर वालों एवं नाते रिश्तेदारों की असहमति दिखाकर शादी से इनकार करती जा रही हो किंतु प्रेमी फिर भी पीछा न छोड़ने को तैयार हो जिस पर उसने कह दिया हो कि हमारे पिता जी ,भाई साहब और मामा जी बिलकुल इस शादी के पक्ष में ही नहीं हैं इस पर प्रेमी ने उन  लोगों को मना लेने की ठानी ली हो और सब लोगों से बड़े शिष्टाचार से मिल रहा हो सबकी प्रशंसा में दुम हिला रहा हो सबसे कुछ सीखने की बातें दोहरा रहा हो सबसे आशीर्वाद माँगने की मुद्रा बनाए मिल रहा हो !
       बंधुओ ! श्रीमान नीतीश जी आजकल बिलकुल उसी मुद्रा में दिखाई देते हैं नेताओं को चोर भ्रष्टाचारी आदि कहने वाले केजरीवाल जी से विनम्रता पूर्वक मिलना ,लालू जी  के साथ विनम्र व्यवहार करना और सोनियाँ जी के उपकारों के प्रति नत मस्तक दिखना आदि आदि और भी बहुत कुछ !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html

   भाजपा के झूठे वादे और उसकी सांप्रदायिक सोच के खिलाफ हम एक मंच पर आए हैं -सोनियाँ गांधी जी
   किंतु सोनियाँ जी ! आपका सांप्रदायिकता का आरोप कोई कैसे मान लेगा !लालू जी भी कहते हैं सांप्रदायिक झगड़ा कराना चाह रहे हैं भाजपाई ! जिन मोदी जी ने दशकों से झगड़ रहे नेताओं और दलों के दल दल जनता दल को इकट्ठे कर दिया हो लालू जी मुलायम सिंह जी सोनियाँ जी आप तथा शरद जी, नीतीश जी एवं देश के अधिकांश नेताओं को बेईमान और भ्रष्ट बताने वाले ईमानदारी की प्रतिमूर्ति साक्षात धर्मराज श्री केजरीवाल जी महाराज को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इकठ्ठा करने का श्रेय तो श्रीमान मोदी जी को ही जाता है भले भयबश ही लोगों में ऐसी मिलनसारिता आई हो ये बात और है किंतु इसी बहाने सही एक मंच पर इकट्ठे तो हुए ही हैं ! वैसे भी मुशीबत में मिल लेने में ही भलाई होती है । भारतीय राजनीति में इतना बड़ा चमत्कार करने वाले मोदी जी जाति  या संप्रदायवाद के आधार पर झगड़ा कैसे करवा सकते हैं वो तो झगड़ने वालों को एक मंच पर बैठाकर मिला देते हैं बधाई भाई मोदी जी को !see more...http://sahjchintan.blogspot.in/2015/08/biihar.html 

Saturday 29 August 2015

kejarivaal

 नीतीश जी आखिर क्यों बोलने लगे इतनी झूठ !
"फिर से सत्ता में आया तो नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण देंगे : नीतीश"
       किंतु चुनाव जीतने के लिए नितीश कुमार जी इतना झूठ पहले तो  कभी नहीं बोलते थे क्या ऐसी झूठी घोषणाओं को अन्ना शिष्य की कुसंगति का दुष्परिणाम माना जाए !नीतीश जी पहले जब भाजपा के साथ थे तब झूठे वायदे करने में हिचक थी किंतु अब झूठों के सरदार का साथ मिलते ही नितीश जी की शर्म छूट गई !अन्यथा 35% आरक्षण हो या पचास प्रतिशत ये पहले भी तो दे सकते थे इतने लम्बे समय से मुख्यमंत्री तो वही थे !आखिर अब तक उन्हें किसने रोका था !
मोदी से भयभीत केजरीवाल जी चिपक रहे हैं नीतीश के साथ !नीतीश जी को मिला डूबते को तिनके का सहारा !
    बंधुओ ! मोदी भय से एक दूसरे के पीछे छिपने की मजबूरी ने दोनों को इकठ्ठा कर दिया, दूसरी बात केजरीवाल जी  को अभी तक न कोई नेता मानने को तैयार है और न ही मुख्यमंत्री और न ही वो बेचारे जनहित में ऐसा कुछ कर ही पा रहे हैं जो नेता या मुख्यमंत्री टाइप लगें ही !उनका प्रसिद्ध स्लोगन भ्रष्टाचार तो समाप्त हुआ नहीं हाँ उन्होंने भ्रष्टाचार समाप्त करने का नारा लगाना जरूर बंद कर दिया है बारे अरविन्द जी ! अब उन्होंने सोचा होगा कि घूम टहल कर लोगों को स्वयं ही बताया जाए कि भाई मैं भी मुख्यमंत्री टाइप ही हूँ कोई काम करने के लिए जरूर केंद्र की खड़ाऊँ आगे रख कर चलना पड़ता है !इसलिए हम कोई काम नहीं कर पा रहे हैं और न ही हमसे किसी काम की आशा रखना !
              नीतीश जी !आप अपने शासन की उपलब्धियों के बलपर क्यों नहीं लड़ पा रहे हैं चुनाव !
लालू जी वा केजरीवाल जी के पल्लू के पीछे मुख छिपाकर आखिर क्यों घूम रहे हैं आप ! गंभीर राजनेता के रूप में आपकी प्रतिष्ठा है किन्तु ये आचरण आपकी छवि के अनुरूप नहीं है !आखिर आपको   भय किस बात का है ?पूर्व सरकारों और उनके नेताओं को भ्रष्टाचारी और उनके राज को जंगलराज बताने वाले नीतीश जी अब उन्हीं जंगलराजाओं की प्रशंसा में कसीदे पढ़ते क्यों फिर रहे हैं आखिर ये घबराहट क्यों ? जीतन राम माँझी को अच्छा बताकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया और फिर उन्हें बुरा बताकर कुर्सी से उतार देने के जरूरी  कारण क्या थे ?नीतीश जी ! जनता को अभी तक इन बातों  के जवाब नहीं दिए जा सके हैं कि तब माँझी में ऐसी अच्छाइयाँ क्या दिखी थीं और बाद में किन बुराइयों के कारण  उन्हें हटाना अपरिहार्य हो गया था! जिन नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक बताकर छोड़ा था NDA , आज उनकी सरकार चलते चलते एक वर्ष से अधिक हो गया आखिर क्या साम्प्रदायिकता दिखी उनके शासन में ! और यदि नहीं तो क्या सार्वजनिक रूप से आपको गलती नहीं स्वीकार करनी चाहिए कि आपने नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ने की अकारण कोशिश की थी !क्या यही वो भय हैं जिनसे बचने के लिए केजरीवाल जी से स्वच्छ राजनेता होने का ठप्पा लगवाने के लिए परेशान हैं आप ! बारे नितीश जी ! 
 ईमानदारी के घोषित आचार्य केजरीवाल जी के शक्तिपात से नितीश जी का उद्धार हो पाएगा क्या ?
       नितीश जी का सबसे बड़ा संकट ये है कि वे पिछले नौ दस वर्षों में कुछ खास कर नहीं सके तो अब राजनीति में ईमानदारी के अवतार को आमंत्रित करके उनका पादुका पूजन करने से ही शायद लोग उन्हें ईमानदार समझने  लगें और ईमानदारी का केजरीबाली ठप्पा लगते ही जीत जाएं चुनाव ! किंतु केजरीवाल जी अन्ना जी के अप्रकट आक्रोश से शापित हैं जिससे कि स्वयं 'आप' की ही साख दिनों दिन धूमिल होती जा रही है ऐसे में वो अपनी छवि कितने दिन सुधार कर रख पाएँगे यही कह  पाना कठिन है तो नितीश जी की उनकी ईमानदार छवि की आड़ में छिपकर चुनाव जीतने की आशा रखना ठीक नहीं है आखिर वो अभी से क्यों से आशा तब नहीं कर सके तो अब कर सकेंगे इसकी क्या गारंटी ! इसलिए किसी अन्य पार्टी को बिहार में मौका क्यों न दिया जाए जो सत्ता में अभी तक न रही हो आखिर उसे भी देख लिया जाए कि वो बिहार की सेवा कैसे करना चाहते हैं उन्हें भी कर लेने दी जाए !
     

Saturday 22 August 2015

महान जातिवैज्ञानिक महर्षि मनु

 जातियों का आधार ही है मनुस्मृति ! फिर मनुवाद का विरोध और जातिगत आरक्षण साथ साथ नहीं चल सकते ?
    महान जातिवैज्ञानिक महर्षि मनु ने हजारों लाखों वर्ष पहले जो बात कही थी उसे आज भी झुठलाया नहीं जा सका !उन्होंने तब जो कहा था वो आज भी सच हो रहा है जातियों के विषय में कितने बड़े भविष्य दृष्टा थे महर्षि मनु ! विश्वास संरक्षण की भावना का see more...http://samayvigyan.blogspot.in/2014/12/blog-post_27.html

 दलित नेता हों या सवर्ण दलितों के हक़ मारे सभी ने हैं आम सवर्णों का तो इससे कभी कोई लेना देना नहीं रहा !
   ब्राह्मणों ने नहीं अपितु सभी वर्ग के नेताओं ने किया है सभी वर्गों का शोषण ! नेताओं की अकूत संपत्ति एवं अज्ञात आय स्रोत इस बात के ज्वलंत प्रमाण हैं !     नेताओं ने आरक्षण  का लालच देकर दलितों का शोषण सबका किया है और दोष सवर्णों के मत्थे मढ़ दिया है !बहती गंगा में हाथ तो सभी नेताओं ने धोए हैं !
     अपने देश के ब्राह्मणों के साथ सौतेला बर्ताव करती हैं सरकारें !समाज को लूट कर संपत्ति बनाते हैं नेता !और अपनी चोरी न पकड़ जाए see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/11/blog-post.html

Friday 21 August 2015

Surbhi Kumud Shreendu

हड्ड‍ियों को मजबूत बनाने के उपाय



हड्डी शरीर के महत्‍वपूर्ण हिस्‍सों में से एक है, ये जितना मजबूत होगी आप भी उतने ही स्‍वास्‍थ्‍य और फिट रहेंगे। लेकिन आहार में पोषक तत्‍वों की कमी के चलते बडे ही नहीं बच्‍चों की हड्डियां भी कमजोर होने लगी है।
  • हड्ड‍ियों में मजबूती
    हड्डी शरीर के महत्‍वपूर्ण हिस्‍सों में से एक है, ये जितना मजबूत होगी आप भी उतने ही स्‍वास्‍थ्‍य और फिट रहेंगे। लेकिन आहार में पोषक तत्‍वों की कमी के चलते बडे ही नहीं बच्‍चों की हड्डियां भी कमजोर होने लगी है। इसके अलावा आधुनिक जीवनशैली और कंप्यूटर पर लगातार निर्भरता के कारण युवाओं में हड्डी से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। व्यायाम न करने से शरीर कैल्शियम ग्रहण नहीं कर पाता और हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन यहां दिये उपायों को अपनाकर आप अपनी हड्डियों में मजबूती ला सकते हैं। image courtesy : getty images
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    कैल्शियम की मात्रा बढ़ाइए कैल्शियम अपनी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रहने के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। कैल्शियम के सबसे अच्छे स्रोतों में से दूध एक है। दो गिलास स्किम, लो फैट और फूल क्रीम आपके दैनिक आवश्यकता के लिए पर्याप्त कैल्शियम की आपूर्ति करता है। लैक्‍टोज असहिष्‍णु लोगों के लिए दूध की जगह दही और चीज बहुत अच्‍छा भोजन विकल्‍प हैं। image courtesy : getty images
    नमक कम करेंनमक शरीर से कैल्शियम को वंचित कर देता है। बहुत ज्‍यादा नमक यूरीन से कैल्शियम को निकाल देता है। डॉक्टरों के मुताबिक हड्डियों के लिए नमक अति आवश्यक है क्योंकि नमक में आयोडीन होता है, जो हमारी हड्डियों को ताकत देता है। लेकिन नमक के ज्‍यादा सेवन से हड्डियां गल भी जाती हैं। इसलिए अपनी हड्डियों की मजबूती के लिए आपको अपने आहार में नमक का सेवन कम करना चाहिए। image courtesy : getty images 
  • हड्डी के फायदे के लिए नाश्ते

    स्‍वस्‍थ स्‍नैक्‍स कई मायनों में आपकी हड्डी के स्‍वास्‍‍थ्‍य में सुधार कर सकते हैं। मूंगफली और बादाम प्रोटीन और अन्‍य पोषक तत्‍वों से भरपूर होने के कारण अस्थि-निर्माण में मदद करते हैं। इसके अलावा अखरोट और अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। image courtesy : getty images
  • 7

    पोटेशियम की भरपूर मात्रा

    पोटेशियम हड्डी स्‍वास्‍थ्‍य की सहायता में प्रत्‍यक्ष रूप से सहयोग नहीं देता है, लेकिन यह कोशिकाओं अपशिष्ट को हटाने में मदद करता है। पोटेशियम शरीर से कैल्शियम हटाने वाले बेअसर एसिड के लिए जाना जाता है। खाद्य पदार्थ जैसे मीठे आलू, सफेद आलू (छिलके सहित), दही और केले हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। image courtesy : getty images
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    हड्डी स्वास्थ्य के लिए एक्‍सरसाइज

    एक्‍सरसाइज से हड्डी स्‍वास्‍‍थ्‍य सहित, होने वाली लाभों की सूची बहुत लंबी है। बोन बूस्टिंग एक्‍सरसाइज में रस्‍सी कूदना, वॉंकिंग, रॉनिंग, स्‍कीइंग और सीढ़ी चढ़ना शामिल है। इसके अलावा, नियमित एक्‍सरसाइज ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करती है। image courtesy : getty images
  • 9

    मजबूत हड्डियों के लिए धूम्रपान छोड़ें

    कई शोधों के अनुसार, धूम्रपान शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने से रोकता है। इस तरह, यह हड्डियों और घनत्व में कमी का कारण बनता है। इसलिए हड्डी के साथ-साथ फेफड़े और हृदय रोग से बचने के लिए इस आदत को छोड़ दें। image courtesy : getty images
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    कैफीन में कटौती

    एक दिन में दो कप कॉफी ठीक है, लेकिन कैफीन की बहुत अधिक मात्रा कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए शरीर की क्षमता को प्रभावित करती है। इसलिए जो दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का उपभोग नहीं करते हैं, उन लोगों के लिए, कैफीन की खपत हड्डी हानि को तेज कर सकती हैं। कॉफी का आनंद लें, लेकिन कम मात्रा में। image courtesy : getty images
  • 11

    कुछ देर धूप में रहें

    धूप शरीर को विटामिन डी का उत्‍पादन करने में मदद करती है, इसके बिना हमारा शरीर ठीक से खाद्य पदार्थों से कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर सकता हैं। इसलिए रोज सुबह जल्दी उठें और सूरज की हल्की धूप में केवल 10 मिनट का समय व्यतीत करें। इससे आपके शरीर में विटामिन डी का स्‍तर बढ़ने लगेगा। 

    हड्डियां मजबूत बनाने के उपचार.

          अस्थि भंगुरता,कमजोर हड्डियों  के सरल उपचार
                                                                         -  डाँ.दयाराम आलोक
                                                                                            9926524852
     ५० वर्ष की आयु के बाद शरीर की अस्थियां कमजोर होने लगती हैं,इसे अस्थि भंगुरता,अस्थि मृदुता या अस्थि  क्षरण कहते हैं। हड्डिया  पतली और खोखली होने लगती हैं और इतनी कमजोर व भंगुर हो जाती है कि झुककर किसी वस्तु को उठाने या साधारण भार पडने अथवा मामूली सी चोंट लगने पर भी  अस्थि-भंग(बोन फ़्रेक्चर)हो जाता है। केल्सियम,फ़ास्फ़ोरस व अन्य  तत्व की कमी हो जाने से  अस्थि मृदुता रोग होता है। इन तत्वों की कमी से अस्थि-घनत्व( बोन डेन्सिटी)का स्तर गिर जाता है। यह रोग पुरुषों की बजाय महिलाओं में ज्यादा होता है। कुल्हे की हड्डी, कलाई की हड्डी और रीढ की हड्डी के  फ़्रेक्चर  की घटनाएं  ज्यादा होती हैं।

      अस्थि भंगुरता के लिये निम्न कारण जिम्मेदार माने जाते हैं---

    १) अधिक आयु होना

    २) शरीर का वजन कम होना

    ३) कतिपय अंग्रेजी दवाएं अस्थि भंगुरता जनक होती हैं

    ४) महिलाओं में रितु निवृत्ति होने पर एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है। एस्ट्रोजन हार्मोन हड्डियों की मजबूती के लिये अति आवश्यक  हार्मोन होता है।

    ५) थायराईड हारमोन

    ६)  कोर्टिकोस्टराईड दवाएं लंबे समय तक उपयोग करना।

    ७)भोजन में केल्सियम तत्व-अल्पता

    ८)  तम्बाखू,और शराब का अधिक सेवन करना

    ९)  केमोथिरेपी

      अस्थि भंगुरता का इलाज कुदरती पदार्थों से करना आसान ,कम खर्चीला ,आशु प्रभावी और साईड इफ़ेक्ट रहित होने से प्रयोजनीय है ---

    २)  प्रतिदिन १००० एम.जी.केल्सियम और ५०० एम.जी. मेग्नेशियम उपयोग करें। यह  ओस्टियो पोरोसिस( अस्थि मृदुता) का उम्दा इलाज है।खोखली और कमजोर अस्थि-रोगी को यह उपचार अति उपादेय है।
    एक चम्मच शहद नियमित तौर पर लेते रहें। यह आपको अस्थि भंगुरता  से बचाने का बेहद उपयोगी नुस्खा है।

    ४)  वसा रहित पावडर का दूध केल्सियम की आपूर्ति के लिये श्रेष्ठ है। इससे हड्डिया ताकतवर बनती हैं। गाय या बकरी का दूध भी लाभकारी है।

    ५)  विटामिन "डी " अस्थि मृदुता में परम उपकारी माना गया है।  विटामिन डी की प्राप्ति सुबह के समय धूपमें बैठने से हो सकती है। विटामिन ’डी" शरीर में केल्सियम  संश्लेशित करने में सहायक होता है।शरीर का २५ प्रतिशत भाग खुला रखकर २० मिनिट धूपमें बैठने की आदत डालें।


    ६)   अधिक दूध वाली चाय पीना हितकर है। दिन में एक बार पीयें।

    ७) सोयाबीन के उत्पाद अस्थि मृदुता निवारण में महत्वपूर्ण हैं। इससे औरतों में एस्ट्रोजिन हार्मोन का संतुलन बना रहता है। एस्ट्रोजिन हार्मोन की कमी  महिलाओं में अस्थि मृदुता पैदा करती है।सोयाबीन का दूध पीना उत्तम फ़लकारक होता है।




    ८)  केफ़िन तत्व की अधिकता वाले पदार्थ के उपयोग में सावधानी बरतें।  चाय और काफ़ी में अधिक केफ़िन तत्व होता है। दिन में बस एक या दो बार चाय या काफ़ी ले सकते हैं।




    ९) बादाम अस्थि मृदुता निवारण में उपयोगी है। ११ बादाम रात को पानी में गलादें। छिलके उतारकर गाय के २५० मिलि दूध  के साथ मिक्सर या ब्लेन्डर में चलावें।  नियमित उपयोग से हड्डियों को भरपूर केल्शियम मिलेगा और अस्थि भंगुरता का निवारण करने में मदद मिलेगी।



    १०) बन्द गोभी में बोरोन तत्व पाया जाता है। हड्डियों की मजबूती में इसका अहम योगदान होता है। इससे खून में एस्ट्रोजीन का स्तर बढता है जो महिलाओं मे अस्थियों की मजबूती बढाता है। पत्ता गोभी की सलाद और सब्जी प्रचुरता से इस्तेमाल करें।



    ११)  नये अनुसंधान में जानकारी मिली  है कि मेंगनीज तत्व अस्थि मृदुता में अति उपयोगी है। यह तत्व साबुत गेहूं,पालक,अनानास,और सूखे मेवों में पाया जाता है। इन्हें भोजन में शामिल करें।

    १२)  विटामिन  "के" रोजाना ५० मायक्रोग्राम  की मात्रा में लेना  हितकर है। यह अस्थि भंगुरता में लाभकारी है।

    १३)  सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि हड्डियों की मजबूती के लिये नियमित व्यायाम करें और स्वयं को  घर के कामों में लगाये रखें।

    १४)  भोजन में नमक की मात्रा कम कर दें।  भोजन में नमक ज्यादा होने से सोडियम अधिक मात्रा मे उत्सर्जित होगा  और इसके साथ ही केल्शियम भी बाहर निकलेगा।



    १५)  २० ग्राम तिल थोडे से गुड के साथ मिक्सर में चलाकर तिलकुट्टा बनालें। रोजाना सुबह उपयोग करने से अस्थि मृदुता निवारण में मदद मिलती है।




    १६) टमाटर का जूस आधा लिटर प्रतिदिन पीने से दो तीन माह में हड्डियां बलवान बनती  है और अस्थि भंगुरता में आशातीत लाभ होता है।






    १७) केवल एक मुट्ठी  मूंगफली से आप हड्डियों से सम्बन्धित सभी परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं|  मूंगफली आयरन, नियासीन,फोलेट,केल्सियम और जिंक का अच्छा स्रोत है| इसमें विटामिन ई , के और बी ६ प्रचुर मात्रा में होते हैं| केल्सियम और विटामिन  डी अधिक मात्रा में होने से यह हड्डियों की कमजोरी दूर करती है|  इससे दांत भी मजबूत होते हैं|  इसमें पाया जाने वाला विटामिन बी-३ हमारे दिमाग को तेज करने में मदद करता है|  मूंगफली में मौजूद फोलेट तत्त्व  गर्भा में पल रहे बच्चे के लिए लाभकारी होता है|



    उम्र भर बनाए रखें हड्डियां मजबूत

    हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन के अलावा कई तरह के मिनरल से मिल कर बनी होती हैं। अनियमित जीवनशैली की वजह से ये मिनरल खत्म होने लगते हैं, जिससे हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है और धीरे- धीरे वे घिसने और कमजोर होने लगती हैं। कई बार यह कमजोरी इतनी होती है कि मामूली चोट पर भी फ्रैक्चर हो जाता है। उम्र के अनुसार हड्डियों की जरूरत और उनकी देखभाल के बारे में बता रहे हैं मूलचंद मेडसिटी के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय गुप्ता 

    भारत मे हड्डियों से जुड़ी समस्या बहुत आम बात है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, हड्डी, जोड़ और कमर का दर्द जीवन का अभिन्न अंग बन जाता है। आज हर दस में से लगभग चार स्त्रियों और चार में से एक पुरुष को हड्डी से जुड़ी कोई न कोई समस्या घेरे रहती है। पर ध्यान रहे, हड्डियां रातों-रात कमजोर नहीं होतीं। यह प्रक्रिया सालों-साल चलती है। डॉक्टरों का मानना है कि 15-25 वर्ष तक की उम्र में हड्डियों का मास यानी द्रव्यमान पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है। ऐसे में बचपन और युवावस्था के समय का खान-पान, पोषण, जीवनशैली और व्यायाम आगे चल कर हड्डियों की सेहत को निर्धारित करने वाले कारक बनते हैं।

    बचपन से ही रखें ख्याल
    बिगड़ती जीवनशैली, जंक फूड, बढ़ता वजन, घटती आउट डोर एक्टिविटी का असर बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। बच्चों में हड्डी की कमजोरी को रिकेट्स कहते हैं, जबकि बड़ों में इसे ऑस्टियोमैलेशिया व ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। बच्चों में रिकेट्स  विटामिन डी, कैल्शियम की कमी तथा पूर्ण रूप से सूर्य की किरणें न मिल पाने के कारण होता है। इसके अलावा आंतों द्वारा भोजन का अपर्याप्त अवशोषण, फॉस्फोरस की कमी तथा गुर्दो व जिगर के रोग भी रिकेट्स का कारण हो सकते हैं। प्राय: छह माह से दो वर्ष की उम्र में यह रोग अधिक होता है। इससे बच्चों की लम्बाई भी कम हो जाती है। क्या करें..

    - अगर  माता-पिता में से किसी को ऑस्टियोपोरोसिस है तो वे अपने बच्चों के पर्याप्त खान-पान और स्वस्थ दिनचर्या पर शुरुआत से ध्यान दें।
    - बच्चों को उचित मात्रा में कैल्शियम एवं प्रोटीनयुक्त आहार दें। बढ़ती उम्र में बच्चों को कम से कम 1300 मि.ग्रा. कैल्शियम अवश्य दें।
    9 बच्चों को  घर से बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें।  

    युवाओं में बढ़ती हड्डी से जुड़ी समस्याएं
    आधुनिक जीवनशैली और कंप्यूटर पर लगातार निर्भरता के कारण युवाओं में हड्डी से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। व्यायाम न करने से शरीर कैल्शियम ग्रहण नहीं कर पाता और हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर, जांघ की हड्डियों में फासला बढ़ने, जोड़ों के क्षतिग्रस्त होने और स्लिप डिस्क की समस्याएं घेरने लगती हैं।

    क्या करें 
    - व्यायाम घर में करें या जिम में, अच्छे जानकार की सलाह से ही करें। व्यायाम करना ही काफी नहीं है, सही तरीके से करना अधिक जरूरी है। शारीरिक क्षमताओं को ध्यान में रख कर व्यायाम करें। व्यायाम के साथ सही खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है।
    - एक वयस्क शरीर को कम से कम 1000 मि.ग्रा. कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इसके लिए रोज 600 मि.ली. दूध या दूध से बने उत्पादों का सेवन करें। सतुलित आहार लें।
    - धूम्रपान, अल्कोहल, काबरेनेटेड ड्रिंक, चाय व कॉफी का कम से कम सेवन करें। ये शरीर की कैल्शियम ग्रहण करने की क्षमता को कम करते हैं।

    ड्राइव करते हुए
    - सीट पर बैठते समय घुटने हिप्स के बराबर या थोड़े ऊंचे हों। सीट को स्टेयरिंग के पास रखें, ताकि कमर के लचीलेपन को सपोर्ट मिल सके।
    - कमर के निचले हिस्से में सपोर्ट के लिए छोटा तौलिया या लंबर रोल रखें। इतना लेग-बूट स्पेस जरूर हो, जिसमें आराम से घुटने मुड़ सकें और पैर पैडल पर आराम से पहुंच सकें।      

    कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम करते हुए
    - स्क्रीन पर देखने के लिए झुकना न पड़े और न ही गर्दन को जबरन ऊपर उठाना पड़े।  कुहनी और हाथ कुर्सी पर रखें। इससे कंधे रिलैक्स्ड रहेंगे।
    - कुर्सी लोअर बैक को सपोर्ट करने वाली हो। पैरों के नीचे सपोर्ट के लिए छोटा स्टूल या चौकी रखें। किसी भी मुद्रा में 30 मिनट से ज्यादा लगातार न बैठें। दो घंटे के बाद सीट से अवश्य उठें।
    - कुर्सी के पीछे तक बैठें। शरीर का भार  दोनों कूल्हों पर बना कर रखें। रोजाना गर्दन की एक्सरसाइज करें।

    गर्भावस्था और स्तनपान
    गर्भवती महिलाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तन के कारण उनकी हड्डियां भी प्रभावित होती हैं। गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान महिलाओ में 3 से 5 % हड्डियों का घनत्व कम होता है, इसीलिए इस समय भरपूर मात्रा में कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी महिला को 25 % और स्तनपान के दौरान 40 %  अधिक कैल्शियम की जरूरत पड़ती है, ताकि हड्डियों का सही रूप से विकास हो। कैल्शियम ग्रहण करने के लिए विटामिन डी जरूरी होता है। विटामिन डी के लिए शरीर के 20-25 फीसदी हिस्से को ढंके बिना 15-20 मिनट धूप में बैठना चाहिए।

    मेनोपॉज के बाद खतरा
    स्त्रियों में मेनोपॉज के बाद बोन डेंसिटी  को बनाए रखने के लिए जरूरी  हार्मोन  एस्ट्रोजन  के स्तर में कमी आती है। मेनोपॉज के दौरान शारीरिक और मानसिक स्तर पर बदलाव आने के साथ  हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। साथ ही नई हड्डियों के निर्माण की दर भी कम होने लगती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि 35 की उम्र के बाद से महिलाओं को नियमित कैल्शियम और विटामिन ‘डी’ के सेवन की सलाह दी जाती है। फूड एंड न्यूट्रिशन बोर्ड के अनुसार, मेनोपॉज के बाद स्त्रियों को रोजाना 1200 एम.जी. कैल्शियम लेना चाहिए।

    कैल्शियम व विटमिन डी की कमी ऑस्टियोपोरोसिस का प्रमुख कारण है। शुरुआत में दर्द के अलावा इसके कुछ खास  लक्षण नजर  नहीं आते, पर जब बार-बार फ्रैक्चर होने लगते हैं, तब पता चलता है कि ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो चुकी है। मेनोपॉज के बाद 5  से 10 वर्षों में स्त्रियों की बोन डेंसिटी में हर साल 2 से 4 % तक कमी आती है। यानी 55-60 वर्ष की आयु तक बोन डेंसिटी 25-30% तक कम हो जाती है। इसी कारण कुछ स्त्रियां हार्मोन  रिप्लेसमेंट  थेरेपी भी लेती हैं, लेकिन इसका असर भी मेनोपॉज के पांच-छह वर्ष तक ही दिखता है। 

    कौन से टेस्ट हैं जरूरी
    डॉक्टरों के अनुसार 30 साल की उम्र के बाद हर पांच वर्ष में एक बार विटामिन डी, कैल्शियम फॉस्फोटेज, व एल्कलाइन फास्फोटेज का टेस्ट कराना चाहिए।

    ‌हाल में हुए शोध की मानें तो दिन में दो बार दस दफा कूदने को अगर कसरत के तौर पर नियमित किया जाए तो इससे हड्डियां काफी मजबूत होंगी।

    पढ़ें - हड्डियों में दर्द को हल्के में न लें, हो सकता है यह रोग

    अमेरिकन जर्नल ऑफ हेल्थ प्रमोशन में प्रकाशित शोध की मानें तो सुबह और शाम लगातार दस-दस बार कूदने की प्रक्रिया में हड्डियों को मजबूती मिलती है और इससे जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है।

    शोध के दौरान 25 से 50 वर्ष की आयु वाली 60 महिलाओं को कूदने की कसरत का अभ्यास दिन में दो बार नियमित तौर पर करवाया गया और पाया गया कि इससे उनकी हड्डियों में पांच प्रतिशत का सुधार देखा गया।

    शोधकर्ता डॉ. लैरी टकर के अनुसार, यह कसरत चलने या जॉगिंग करने की अपेक्षा अधिक फायदेमंद है और इससे हड्डियों के घनत्व में 1.3 प्रतिशत सुधार देखा गया है।



      विटामिन डी

      मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
      विटामिन डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं:विटामिन डी (या अर्गोकेलसीफेरोल) एवं विटामिन डी (या कोलेकेलसीफेरोल).[1] सूर्य के प्रकाश, खाद्य एवं अन्य पूरकों से प्राप्त विटामिन डी निष्क्रीय होता है। इसे शरीर में सक्रिय होने के लिये कम से कम दो हाईड्रॉक्सिलेशन अभिक्रियाएं वांछित होती हैं। शरीर में मिलने वाला कैल्सीट्राईऑल (१,२५-डाईहाईड्रॉक्सीकॉलेकैल्सिफेरॉल) विटामिन डी का सक्रिय रूप होता है। त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है। यह मछलियों में भी पाया जाता है। विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं।[2] इसके अलावा विटामिन डी कैंसर, क्षय रोग जैसे रोगों से भी बचाव करता है।[3]
      विटामिन डी के रक्त में स्तरों पर विभिन्न हड्डी-रोगों का चित्रण[4]
      डेनमार्क के शोधकर्ताओं के अनुसार विटामिन डी शरीर की टी-कोशिकाओं की क्रियाविधि में वृद्धि करता है, जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं। इसकी मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मुख्य भूमिका होती है और इसकी पर्याप्त मात्रा के बिना प्रतिरक्षा प्रणालीकी टी-कोशिकाएं बाहरी संक्रमण पर प्रतिक्रिया देने में असमर्थ रहती हैं।[5] टी-कोशिकाएं सक्रिय होने के लिए विटामिन डी पर निर्भर रहती हैं।[6] जब भी किसी टी-कोशिका का किसी बाहरी संक्रमण से सामना होता है, यह विटामिन डी की उपलब्धता के लिए एक संकेत भेजती है। इसलिये टी-कोशिकाओं को सक्रिय होने के लिए भी विटामिन डी आवश्यक होता है। यदि इन कोशिकाओं को रक्त में पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलता, तो वे चलना भी शुरू नहीं करतीं हैं।
      अधिकता: विटामिन डी की अधिकता से शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे गुर्दों में, हृदय में, रक्त रक्त वाहिकाओं में और अन्य स्थानों पर, एक प्रकार की पथरी उत्पन्न हो सकती है। ये विटामिन कैल्शियम का बना होता है, अतः इसके द्वारा पथरी भी बन सकती है। इससे रक्तचाप बढ सकता है, रक्त में कोलेस्टेरॉल बढ़ सकता है और हृदय पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द, आदि भी हो सकता है। पेट खराब होने से दस्त भी हो सकता है।[2]

      स्रोत

      इसके मुख्य स्रोतों में अंडे का पीला भाग, मछली के तेल, विटामिन डी युक्त दूध और मक्खन होते हैं। इनके अलावा मुख्य स्रोत धूप सेंकना होता है।
      दूध और अनाज प्रायः विटामिन डी के भरपूर स्रोत होते हैं।
      वसा-पूर्ण मछली, जैसे साल्मन विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोतों में से एक हैं।
      मानव शरीर में कैल्शियल नियमन।[7] विटामिन डी की भूमिका नारंगी रंग में दर्शित
      धूप सेंकना विटामिन डी का प्रमुख प्राकृतिक स्रोत होता है।
      विटामिन क्षेष्ठ स्रोत भूमिका आर. डी. ए.
      विटामिन ए दूध, मक्खन, गहरे हरे रंग की सब्जियां। शरीर पीले और हरे रंग के फल व सब्जियों में मौजूद पिग्मैंट कैरोटीन को भी विटामिन ‘ए’ में बदल देता है। यह आंख के रेटिना, सरीखी शरीर की झिल्लियों, फ़ेफ़डों के अस्तर और पाचक-तंत्र प्रणाली के लिए आवश्यक है। 1 मि, ग्राम.
      थायामिन बी साबुत अनाज, आटा और दालें, मेवा, मटर फ़लियां यह कार्बोहाइड्रेट के ज्वलन को सुनिशचित करता है। 1.0-1.4 मि. ग्राम1.0-1.4 मि. ग्राम
      राइबोफ़्लैविन बी दूध, पनीर यह ऊर्जा रिलीज और रख–रखाव के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। 1.2- 1.7
      नियासीन साबुत अनाज, आटा और एनरिच्ड अन्न यह ऊर्जा रिलीज और रख रखाव, के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्कता होती है। 13-19 मि. ग्रा
      पिरीडांक्सिन बी साबुत अनाज, दूध रक्त कोशिकाओं और तंत्रिकाओं को समुचित रुप से काम करने के लिए इसकी जरुरत होती है। लगभग 2 मि. ग्रा
      पेण्टोथेनिक अम्ल गिरीदार फ़ल और साबुत अनाज ऊर्जा पैदा करने के लिए सभी कोशिकाओं को इसकी जरुरत पडती है। 4-7 मि. ग्रा
      बायोटीन गिरीदार फ़ल और ताजा सब्जियां त्वचा और परिसंचरण-तंत्र के लिए आवश्यक है। 100-200 मि. ग्रा
      विटामिन बी दूग्धशाला उत्पाद लाल रक्त कोशिकाओं, अस्थि मज्जा-उत्पादन के साथ-साथ तंत्रिका-तंत्र के लिए आवश्यक है। 3 मि.ग्रा
      फ़ोलिक अम्ल ताजी सब्जियां लाल कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है। 400 मि. ग्रा
      विटामिन ‘सी’ सभी रसदार फ़ल. टमाटर कच्ची बंदगोभी, आलू, स्ट्रॉबेरी हडिडयों, दांत, और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है। 60 मि, ग्रा
      विटामिन ‘डी’ दुग्धशाला उत्पाद। बदन में धूप सेकने से कुछ एक विटामिन त्वचा में भी पैदा हो सकते है। रक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हडिडयों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है। 5-10 मि. ग्रा
      विटामिन ‘ई’ वनस्पति तेल और अनेक दूसरे खाघ पदार्थ वसीय तत्त्वों से निपटने
      वाले ऊतकों तथा कोशिका झिल्ली की रचना के लिए जरुरी है। 8-10 मि. ग्रा

    कैल्शियम और हड्डियों की कमजोरी

    कैल्शियम एक आवश्यक खनिज शरीर द्वारा मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए और उन्हें अपने जीवन भर में मजबूत रखने के लिए आवश्यक है। कैल्शियम भी ऐसे मांसपेशियों में संकुचन के रूप में अन्य उद्देश्यों के लिए आवश्यक है।
    लगभग सभी कैल्शियम (99 प्रतिशत) हड्डियों में संग्रहीत किया जाता है। शेष एक प्रतिशत के शरीर में circulates. अगर शरीर पर्याप्त कैल्शियम तुम खून में सही राशि परिसंचारी रखने के लिए खाना खाने से नहीं मिलता है, तुम शरीर हड्डियों से होने वाले कैल्शियम ले जाएगा। वैज्ञानिक अध्ययन के सैकड़ों कि समय के साथ, हड्डियों से होने वाले कैल्शियम के नुकसान "कभी कभी बुलाया"जो पतले हड्डियों और अस्थि भंग के अधिक से अधिक जोखिम बढ़ सकता है भंगुर हड्डियों,"हड्डी रोग ऑस्टियोपोरोसिस", के लिए नेतृत्व कर सकते हैं दिखा।
    हर किसी की जरूरत है कैल्शियम का निर्माण और मजबूत हड्डियाँ रखें और सामान्य शरीर कार्य के लिए। लेकिन कुछ लोगों को अधिक से अधिक जोखिम पर ऑस्टियोपोरोसिस हो रही के रूप में वे बड़े हो रहे हैं। खतरे को पुरुषों की तुलना, विशेष रूप से महिलाओं को जो छोटे हड्डियों है महिलाओं के लिए अधिक है। ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम करने के लिए, आपको पर्याप्त कैल्शियम बचपन और युवा वयस्कता, के दौरान खाना होगा जब हड्डी द्रव्यमान का गठन किया है। एक वयस्क के रूप में, तुम खा कैल्शियम तुम जब तुम बढ़ रहे थे तुम विकसित हड्डियों रखने के लिए मदद मिलती है।
    खाद्य पदार्थ है कि कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं डेयरी उत्पाद, दूध, दही और पनीर और हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे कि गोभी और शलजम साग जैसे शामिल हैं। वहाँ भी कुछ खाद्य पदार्थ है कि कैल्शियम, जैसे संतरे का रस कैल्शियम दृढ़ और अंगूर का रस के रूप में जोड़ रहे हैं।
    कई वर्षों के वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है, पोषण विशेषज्ञ के रूप में वे बड़े हो बारे में कितना कैल्शियम लोगों को जरूरत मजबूत हड्डियों के निर्माण और बनाए रखने के अपने हड्डी के लिए हर रोज खाने के लिए बड़े पैमाने पर सीखा है। राशि है तुम खाने की जरूरत है तुम्हारी उम्र की तरह बातों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए:
    18 साल पुराने करने के लिए बच्चों के 9 - 1300 मिलीग्राम (एमजी)
    से 50 साल पुराने वयस्कों 19 - 1000 मिलीग्राम (एमजी)
    वयस्कों के 50 से अधिक - 1200 मिलीग्राम (एमजी)
    हालांकि यह बहुत अधिक कैल्शियम (अधिक से अधिक 2500 मिलीग्राम प्रतिदिन) खाने के लिए हो सकता है, कि ज्यादातर अमेरिकियों कैल्शियम की जरूरत है वे प्रत्येक दिन की सिफारिश की राशि नहीं खाती अध्ययनों से पता चला है।
    यदि आप लैक्टोज असहिष्णु हैं, इसे पर्याप्त कैल्शियम मिलना बहुत मुश्किल हो सकता है। लैक्टोज असहिष्णुता का अर्थ है शरीर को आसानी से पचा फूड्स कि लैक्टोज या चीनी कि दूध जैसे डेयरी उत्पादों में पाया जाता है शामिल करने में सक्षम नहीं है। गैस, सूजन, पेट में ऐंठन, दस्त, और मतली लक्षणों तुम हो सकता है कर रहे हैं। यह किसी भी उम्र में शुरू कर सकते हैं, लेकिन अक्सर के रूप में हम बड़े होने शुरू होता है।
    लैक्टोज-कम और लैक्टोज मुक्त उत्पादों खाद्य दुकानों में बेचा जाता है। वहाँ एक महान विविधता, दूध, पनीर, और आइस क्रीम शामिल है। किराने की दुकान या दवा की दुकान पर पाया, तुम भी विशेष की गोलियाँ या तरल पदार्थ के मदद से आप पचाने में डेयरी खाद्य पदार्थ खाने से पहले ले जा सकते हैं।
    तुम भी खाद्य पदार्थ है कि कैल्शियम जोड़ा है खा सकते हैं (गढ़वाले), कुछ अनाज और संतरे का रस की तरह। इसके अलावा कैल्शियम गोलियां लेने के बारे में सोचो। लेकिन अपने डॉक्टर या नर्स पहली बार देखने के लिए जो एक तुम्हारे लिए सबसे अच्छा है के लिए बात करते हैं। कृपया ध्यान दें: यदि आप लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षण है, अपने डॉक्टर या नर्स देखें। ये लक्षण भी एक अलग है, या और अधिक गंभीर बीमारी से हो सकता है।