Monday, 14 September 2015

laloo

राबर्ट वाड्रा ने सरकार से कहा कि उनका नाम उन विशिष्ट लोगों की सूची से हटा दिया जाए-एक खबर 
   किंतु वाड्रा साहब !यदि आप ईमानदारी से ऐसा करना ही चाहते थे तो दस वर्ष तक चली काँग्रेस सरकार के समय आपने क्यों नहीं ऐसा किया तब तो हो भी जाता और कानों कान किसी को पता भी नहीं चलता !किन्तु अब बेकार का आडम्बर करने का क्या लाभ !अब तो भाजपा की सरकार है उसे जो करना होगा वो तो करेगी ही वो आपसे परामर्श करके तो करेगी नहीं इसलिए अब आप  चुप ही रहें उसी में भलाई है !आप कितने आम आदमी हैं ये सबको पता है !

 लालू जी ! इसका मतलब 'असभ्य' तो आप पहले ही थे किंतु माना आज है !
            "जो मांस खाते हैं वे ‘सभ्य’ नहीं - लालू प्रसाद"
किंतु लालू जी ! मांस तो आप भी खाते थे अब शायद छोड़ दिया है तो भी क्या लालू जी आपको 'भूतपूर्व असभ्य' कहा जा सकता है !और जो अपने को भूतपूर्व असभ्य मानता है उसे वर्तमान में सभ्य कैसे मान लें हो न हो कुछ वर्षों बाद अपने वर्तमान जीवन को असभ्य मानने लगे  ऐसे व्यक्ति का क्या भरोस !जो अपने ही अतीत पर अँगुली उठा रहा हो !

      लालू जी दलितों और मुस्लिमों पर क्यों नहीं करते हैं विश्वास ?

       " कोई महिला आज तक संघ प्रमुख क्यों नहीं बनाई गई ?-लालू प्रसाद यादव "-एक खबर 

    किंतु लालू जी ! आपने किसी दलित या अल्प संख्यक को कभी क्यों नहीं दिया पार्टी अध्यक्ष ,या मुख्यमंत्री का पद ! आपने आवश्यकता पड़ने पर योग्यता एवं अनुभव विहीन पत्नी को तो बना दिया मुख्य मंत्री किन्तु योग्य और अनुभवी किसी दलित या अल्प संख्यक को क्यों नहीं ? अबकी बार ही बना देते दलित या अल्प संख्यक को मुख्यमंत्री का पद का प्रत्याशी !जहाँ तक बात संगठन की है तो संघ सेवा संगठन है जिसमें त्याग और बलिदान की संस्कृति है इतना बड़ा बोझ महिलाओं पर कैसे डाला जाए !


Thursday, 10 September 2015

Bihar

मोदी जी ने सूट पहना और हटा दिया किंतु काँग्रेस उसे आज तक ढोए जा रही है आखिर कितने खाली हैं ये लोग !

"राहुल का पीएम पर हमला, 'चायवाले' मोदी अब 15 लाख का सूट पहनते हैं -IBN-7"

      किंतु राहुल जी ! यही तो मोदी जी की खासियत भी है और पहचान भी !और इसी को जनता पसंद कर रही है जनता को भी लग रहा है कि एक चाय बेचने वाला मेहनत मशक्कत करके यदि पंद्रह लाख रुपए का सूट  पहन सकता है ये व्यक्ति अपनी यदि इतनी तरक्की कर सकता है वो मेरा भी भाग्य बदल सकता है !दूसरी ओर राहुल जी आप हैं जो सूट बूट से कुर्ते पजामें में आ गए ! कहाँ नेहरू जी इंद्रा जी राजीव जी की पूर्ण  बहुमत की सरकारें चला करती थीं  कहाँ आप चालीस सीटों में ही समिट गए !जनता तरक्की करने वाले के साथ जुड़ती है जबकि आपकी गाड़ी तो गड्ढे की ओर जा रही है !

 

 

मोदी जी ने पंद्रह पंद्रह लाख रुपए सबके अकाउंट में आने की बात कही थी -राहुल गांधी 

   किंतु राहुल जी !काँग्रेस ने भी तो गरीबी हटाने का नारा दिया था गरीबी हट गई क्या ? कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी होने के नाते देश की राजनीति में सबकी आदर्श काँग्रेस ही बनी रही !नेता लोग घपले घोटाले भ्रष्टाचार झूठ बोलना झूठे नारे देना झूठे सब्जबाग दिखाना आदि  सारे दुर्गुण  काँग्रेस से ही सीखते रहे हैं । राहुल जी !दूसरी किसी पार्टी में कोई ऐसा दुर्गुण नहीं मिलेगा जो पहले काँग्रेस  में देखा गया हो !देश की राजनीति को झूठे वायदों आश्वासनों भयों से काँग्रेस ने इतना प्रदूषित कर दिया था कि उसमें सम्पूर्ण सच के सहारे खड़ा हो पाना अत्यंत कठिन ही नहीं अपितु असंभव भी था, अटल जी की सरकार एक वोट से गिरी नहीं अपितु गिराई गई थी जैसे अभिमन्यु को कौरवों नें घेर के मारा था वैसे ही उस सरकार के साथ हुआ था !जो काँग्रेस ही करवा रही थी इसलिए उस प्रदूषण को शांत करने के लिए जहर जहर को मारता है इसी भावना  से कुछ वायदे ऐसे हुए हैं जो पूरे कर पाना कठिन है किन्तु यदि ऐसा न किया जाता तो सम्पूर्ण सत्य के सहारे कांग्रेस को पराजित कर पाना कठिन था क्योंकि वो गरीबी हटाओ जैसे पुराने जुमले दोहराती रहती और जनता इनके बहकावे में फिर भटक जाती इसलिए करना कहना पड़ा कुछ ऐसा !

 

 

 

 

 

 

 

बिना सिर वाले चिकन' की तरह भाग रही है BJP: Lalu Prasad Yadav
किंतु लालू जी !बिना सिर के कोई भाग नहीं सकता इसलिए अगर भाजपा आपको भागते हुई दिख रही है तो ये भाजपा के लिए शुभ शकुन है किंतु आपको बिना शिर की दिखाई दे रही है इसलिए ये आपके लिए बहुत बड़ा अपशकुन है !वैसे एक बार आप आँखें चेक करवाइए अन्यथा अपशकुन तो अपशकुनही होता है !

राहुल की रैली से लालू-नीतीश को परहेज -प्रभात खबर
किंतु डूबते जहाज में बैठना कौन चाहता है हर कोई दूर भागना चाहता है !
 
बिहार में मुलायम ने मोदी, नीतीश व लालू के खिलाफ बनाया तीसरा मोर्चा -एक खबर 
   किंतु  मोदी जी इसमें कहाँ से आ गए वस्तुतः ये मोर्चा नीतीश व लालू को सबक सिखाने के लिए बनाया गया है और ये वोट भी उन्हीं के काटेगा !वैसे भी लालू जी की बातों के जाल में फँसने से बच निकले मुलायम सिंह जी अन्यथा इन्हें सम्मानित नेता और अपना समधी बताते बताते उन्हें पाँच सीटों में समेट  दिया गया था जिसमें सारी  सीटें जीतकर भी खुशी नहीं होती क्योंकि पांच सीट वाले की परवाह ही कौन करता कह देता जाओ जो करना है कर लो !रही बात अब तो जीतें या न जीतें किंतु चुनाव लड़ने में धमक तो रहेगी साथ ही यह भी दिखा दिया कि लालू जी ! समधी का सम्मान करना सीखो अन्यथा हम लड़के वाले हैं हमें सम्मान करवाना भी आता है !चलो हमारी ओर से अग्रिम बधाई मुलायम सिंह जी को !

 डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी को भी कैस करने पर उतारू हैं केजरीवाल !
" सियासत छोड़ डेंगू के खि‍लाफ लड़ने में मदद करें विरोधी पार्टियां-CM केजरीवाल की अपील "
     किन्तु केजरीवाल जी आप तो ये वक्तव्य भी सियासत के लिए ही दे रहे हो ताकि जनता का ध्यान आपकी नाकामियों की ओर न जाकर अपितु विरोधी नेताओं और पार्टियों की ओर बना रहे बारी चालाकी भरी आपकी सोच !दूसरी बात जिन विरोधी नेताओं को भ्रष्ट  बेईमान लुटेरे आदि सब तरह की गालियाँ देते रहे हैं आप !उनसे  मदद की अपील करने का नाटक क्यों और वैसे भी हो सकता है कि वो आपसे अधिक मदद स्वेच्छा से ही कर रहे हों !क्योंकि आपको तो होश अब आया है वो तो पहले  से ही लगे हुए होंगे !

मोदीराज में गरीबों के पेट पिचके और BJP नेताओं के पेट फूले' -  लालू प्रसाद जी 

     किंतु लालू प्रसाद जी !आपका पेट क्यों फूल रहा  है क्या आपने भी BJP ज्वाइन कर ली है या ऐसा करने का मन बना लिया है अन्यथा ये बात बोलने से पहले एक बार अपना भारी भरकम शरीर तराजू पर रख कर तो देख लेते या फिर चार लोगों से पूछ ही लेते कि आप फूल रहे हो या पिचक रहे हो ! 

 

          चुनावविजयी आँधी में कहाँ फेंका गए केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी !
बिहार में दिल्ली का हश्र दोहराएगी BJP -नितीश 
    किंतु नितीश जी कौन वाला हश्र ! फिलहाल तो सीजन भाजपा की दिग्विजय  का ही दीख रहा है देखो DUSU चुनावों में आम आदमी पार्टी के तने तंबू उड़ा ले गई ABVP की आँधी ! इस चुनावविजयी आँधी में तो पता ही न चला कि कहाँ फेंका गए केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी ! ABVP ने जीत ली हैं सभी सीटें, अब सँभलो नितीश जी ! BJP का दिग्विजय रथ कूच कर रहा है बिहार की ओर ! आप चाहें तो दिल्ली सरकार के शीर्ष सरदार श्री केजरीवालजी महाराज को बुला सकते हैं अपनी मदद के लिए जिन्होंने अभी गरमागरम पराजय का स्वाद चखा है उनसे लीजिए आप भी कुछ प्रेरणा और पराजय का असह्य अहसास ! इस चुनावविजयी आँधीसे इतना तो साफ ही गया है कि दिल्ली की शिक्षित तरुणाई (युवाओं) के भरोसे को बचाकर रखने में असफल रहे हैं केजरीवाल ! नीतीश जी !आप आप से भी पूछेगी बिहार की प्रबुद्ध जनता कि जिसे तब जंगलराज कहते थे उसी के  सरदार को आज मंगल राज की भूमिका में कैसे खड़ा किया है आपने !हे नीतीश जी ! आप सच बता दो कि लालू जी के विषय में आप तब झूठ बोल रहे थे या आज !आखिर बिहार की जनता आप पर भरोसा करे या न करे और करे तो कैसे !जो केजरीवाल जी सभी नेताओं को बेईमान भ्रष्ट लुटेरा कहते थे उन्हीं से ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेने पहुंचे आप !इसका मतलब क्या  कि आप ने उनके आरोप स्वीकार कर लिए !
      

 

 

हवा में "हवालाबाज" !घबराने लगे हैं न जाने कब गिर जाए गाज !

       " कालेधन पर कानून से हवालाबाज परेशान - प्रधानमंत्री "
  मोदी जी ठीक कह रहे हैं वास्तव में पराजय पचा पाना काँग्रेस के लिए  कठिन हो रहा है !वो मोदी जी पर मनमाने आरोप लगाए जा रही है
मोदी को गद्दी सौंपी है जनता ने और हिसाब माँगती है काँग्रेस !जो न देश में प्रदेश में न रेस में फिर भी इतनी तैस ! बारी काँग्रेस !!
 जनता ने काँग्रेस को बनबास और भाजपा का राजतिलक किया है इसलिए जनता को ही दिया जाएगा हिसाब !काँग्रेस का बायकाट !काँग्रेस अखवार पढ़े समाचार देखे और करे विदेश भ्रमण !नहीं तो सत्संग श्रवण !
       काँग्रेस को भूलना नहीं चाहिए कि काँग्रेस केवल पराजित ही नहीं हुई है अपितु see more.....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/06/blog-post_29.html

 कहाँ हैं अच्छे दिन ?- राहुलगाँधी   जी खोज रहे हैं उड़ीसा में -
   किंतु राहुल जी !अब क्यों खोजते फिर रहे हैं अच्छे दिन !वैसे भी अच्छे दिनों की खोज 
     "  हे खग हे मृग मधुकर श्रेनी । तुम देखी  सीता मृगनैनी ॥ की तर्ज पर नहीं की जा सकती जैसे पूछते घूम रहे हैं !अरे अच्छे दिनों का तो एहसास करना होता है जैसे पहले गैस सिलेंडर खूब मिलते थे फिर आपने नौ करवा दिए फिर चुनावों से कुछ पहले आपने प्रधानमंत्री जी से कहा कि अब हमें बारह सिलेंडर चाहिए (क्योंकि चुनाव हैं )किंतु अब तो सबको मिल रहे हैं जरूरत भर के लिए सिलेंडर !ऐसे कीजिए अच्छे दिनों का एहसास ,राहुल जी !
    पहले सोनियाँ जी को बार बार विदेश जाना होता था इलाज के लिए किंतु जब से मोदी सरकार आई तब से कहाँ और कितने बार जाना पड़ा उन्हें इलाज के लिए विदेश !ये है अच्छे दिनों का एहसास ! 
     राहुल गांधी जी ! आप जो भाषण पहले देते थे और जो भाषण मोदी जी के प्रधान मंत्री बनने के बाद देते हैं दोनों की सीढियाँ सुन लीजिए कितना अंतर आया है आपके भाषणों में आपको खुद हो जाएगा 'अच्छे दिनों का एहसास !' राहुल जी ! 'कहाँ हैं अच्छे दिन ?' यह जानने के लिए दुनियां में भटकते क्यों घूम रहे हैं आप !
        या फिर दिग्विजय सिंह जी से पूछ लीजिए कि मोदी सरकार आने पर उन्हें अच्छे दिनों का एहसास हुआ या नहीं ! इस प्रकार से अच्छे दिनों का एहसास तो अंदर अंदर ही होगा अनुभव करने पर !
     दो. कस्तूरी कुण्डल बसे मृग ढूँढे बन माहिं ।
 


          चुनावविजयी आँधी में कहाँ फेंका गए केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी !
बिहार में दिल्ली का हश्र दोहराएगी BJP -नितीश 
    किंतु नितीश जी कौन वाला हश्र ! फिलहाल तो सीजन भाजपा की दिग्विजय  का ही दीख रहा है देखो DUSU चुनावों में आम आदमी पार्टी के तने तंबू उड़ा ले गई ABVP की आँधी ! इस चुनावविजयी आँधी में तो पता ही न चला कि कहाँ फेंका गए केजरीवाल और कहाँ गए अत्याधुनिक गाँधी ! ABVP ने जीत ली हैं सभी सीटें, अब सँभलो नितीश जी ! BJP का दिग्विजय रथ कूच कर रहा है बिहार की ओर ! आप चाहें तो दिल्ली सरकार के शीर्ष सरदार श्री केजरीवालजी महाराज को बुला सकते हैं अपनी मदद के लिए जिन्होंने अभी गरमागरम पराजय का स्वाद चखा है उनसे लीजिए आप भी कुछ प्रेरणा और पराजय का असह्य अहसास ! इस चुनावविजयी आँधीसे इतना तो साफ ही गया है कि दिल्ली की शिक्षित तरुणाई (युवाओं) के भरोसे को बचाकर रखने में असफल रहे हैं केजरीवाल ! नीतीश जी !आप आप से भी पूछेगी बिहार की प्रबुद्ध जनता कि जिसे तब जंगलराज कहते थे उसी के  सरदार को आज मंगल राज की भूमिका में कैसे खड़ा किया है आपने !हे नीतीश जी ! आप सच बता दो कि लालू जी के विषय में आप तब झूठ बोल रहे थे या आज !आखिर बिहार की जनता आप पर भरोसा करे या न करे और करे तो कैसे !जो केजरीवाल जी सभी नेताओं को बेईमान भ्रष्ट लुटेरा कहते थे उन्हीं से ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेने पहुंचे आप !इसका मतलब क्या  कि आप ने उनके आरोप स्वीकार कर लिए !
      


Monday, 7 September 2015

पाक युद्ध के लिए नहीं अपितु मरने के लिए तैयार है और यदि मरना ही है तो समुद्र में डूब मरो भारत को क्यों तंग करते हो !

पाक के आर्मी चीफ की भारत को धमकी ,हम युद्ध के लिए तैयार !-एक खबर 
    किंतु अरे कायर ! युद्ध तो तुम्हारे बश का नहीं है और यदि ऐसा होता तो पहले भी कई बार ऐसे अवसर आए हैं जब तुम मैदान छोड़कर भागे हो !अन्यथा आपके द्वारा गद्दारी करके  जो कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था उसमें पाक के कायरों को जब भारत निपटाने लगा  तब पाक के बजीर ने क्यों पकड़े  थे अमेरिका के पैर !आखिर उसने भी तो पाक के बजीर को मिलने का दो दिन तक समय ही नहीं दिया था यदि थोड़ी भी शर्म थी तो लौट आते बिना मिले  और सामना करते भारतीय रण बाँकुरों का किंतु तब पाक के फकीरों  को कुचलते जा रहे भारतीय शूरवीरों के पराक्रम से दहले पाक ने अमेरिका से हाथ जोड़े थे तब बंद हुआ था कारगिल युद्ध दया भाव से छोड़ दिया था भारत ने जीने के लिए अब फिर बहादुरी की बातें !अरे ! गीदड़ो तब कहाँ चले गए थे जब तुम्हारे यहाँ घुस कर अमेरिका ने उठा  लिया था लादेन को आखिर क्या कर लिया तुमने अमेरिका का ! पाक के अलावा कोई दूसरा स्वाभिमानी देश होता तो इतनी जलालत सहकर जीना  उसके लिए कठिन हो जाता वो भले समुद्र में डूब मरता किंतु ये अपेक्षा पाक से नहीं की जा सकती उसके पास इतनी शर्म कहाँ है ! और जहाँ तक अभी भारत को दी गई धमकी की बात है कि हम युद्ध के लिए तैयार हैं किंतु भारत पाककी भावनाएँ समझता है कि पाक युद्ध के लिए नहीं अपितु मरने के लिए तैयार है और यदि भारत का अनुमान सही है तो समुद्र में डूब मरो भारत को क्यों तंग करते हो ! 
   कुल मिलाकर भारत वर्ष विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है इसी बल पर भारत की विश्व में अपनी प्रतिष्ठा है वो भारत कभी नहीं खोना चाहेगा साथ ही वो ये भी कभी नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान की तरह बेरोजगारी से आहत होकर भारत के जवान कभी आतंकवादी बनें वो हमारे भारतीय मुस्लिम भाई बहन ही क्यों न हों वो भी तरक्की करना चाहते हैं और कर रहे हैं !इसका मतलब ये भी नहीं है कि भारत युद्धों से डरता है किंतु भारत को सबक सिखाना आता है वो समय पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने में हिचकेगा भी नहीं !
  भारत अपने जवानों को आतंकवादी कभी नहीं बनने देगा !

Wednesday, 2 September 2015

नेता लोग सिक्योरिटी लेना छोड़ दें तो बंद हो सकते हैं अपराध और बलात्कार !

  नेताओं की सोर्स सिपारिस का सहारा लेकर ही अपराधी करते हैं अपराध !अन्यथा अपराधियों में इतनी हिम्मत कहाँ होती है कि वो रिस्क लेकर किसी वारदात  को अंजाम दें  !जिन भैंसों में प्रायः कोई पहचान नहीं होती है वो अपना एवं अपने मालिक का नाम तक नहीं बता सकतीं वो भी यदि नेताओं की हैं तो खोज ली जाती हैं किंतु जनता का बच्चा भी अगर खो जाता है तो मिलना कठिन हो जाता है !ये अपराध और राजनीति की आपसी साँठ गाँठ के प्रत्यक्ष उदाहरण  हैं । 

     बंधुओं ! जेल जाने से तो अपराधी भी डरते हैं बीबी बच्चों से उन्हें भी लगाव होता है अपराधी भी अच्छा खाना पहनना एवं अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं किंतु कम परिश्रम में अच्छी कमाई करने के लालच में वे करते हैं अपराध !किंतु यदि नेता लोग सिक्योरिटी छोड़ दें तो  नेताओं को भी अपराधियों का भय होगा तब उन्हें भी सभी प्रकार के अपराधियों के विरुद्ध जनता के साथ ईमानदारी पूर्वक खड़ा होना होगा !उन्हें भी बलात्कारियों का विरोध राजनैतिक नहीं अपितु वास्तविक रूप से करना पड़ेगा आखिर उनकी भी बहू बेटियाँ तो निकलेंगी रोडों पर तब उन्हें कौन बचाएगा !

  अत्याधुनिक शार्टकटी  नेताओं ने पाल रखे हैं अपराधी और बड़े बड़े हाईटेक अपराधियों ने पाल रखे हैं नेता ! दोनों अपनी अपनी सुविधानुशार करते करवाते हैं अपराध ! और दिखाने के लिए अपराधों के विरोध में निकालते हैं धूमधाम से रैलियाँ !

  वैसे भी नेताओं को सिक्योरिटी क्यों ? नेता लोग अपने एवं अपनों के लिए तो ले लेते हैं सिक्योरिटी और जनता को छोड़ देते हैं मरने के लिए !

    इन नेताओं ने देश की जनता को अपनापन  देने की जगह इन कपटी देश सेवकों ने जनता को शर्मिन्दा किया है !क्या इन नेताओं के भरोसे छोड़ देना चाहिए देश !जो जनता के प्रति इतनी गंदी सोच रखते हों ! 

   जनता के साथ जीने मरने की कसमें खाने वाले  ये कपटी देश सेवक जनता के साथ मर क्यों नहीं सकते ?मरने का खतरा जब सबको है तो सिक्योरिटी केवल अपने एवं अपने लिए क्यों ?ऐसे नेताओं पर भरोसा करने का मतलब अपने साथ धोखा करना है !एक एक नेता की सिक्योरिटीमें बीसों लोग लगा दिए जाते हैं जबकि एक मोहल्ले की जनता की सुरक्षा  के लिए बीस पुलिस वाले नहीं होते !ये नेता   मरने को इतना डरते हैं  तो राजनीति करते क्यों हैं !घर बैठें !क्या डाक्टर ने बताया है कि राजनीति ही करो ! मेहनत करके बच्चे पालो ! 

  सिक्योरिटी गरीबों ,किसानों और मजदूरों को  क्यों नहीं चाहिए ? क्या उन्हें मृत्यु भय नहीं होता है या वो घर से इफरात होते हैं क्या ?आखिर नेताओं का जीवन इतना बहुमूल्य क्यों होता है उनमें ऐसी खूबी क्या है अथवा देश हित में उन्होंने ऐसा किया क्या है ?की नियत पर संदेह क्यों न किया जाए !

      जनता के साथ जीने मरने की कसमें खाने वाले हमारे देश के प्रिय नेताओ !तुम जनता के साथ जी सकते हो तो जनता के साथ मर क्यों नहीं सकते !और यदि तुम्हारे मन में कोई कपट और धोखा देने का भाव नहीं है तो खुद सिक्योरिटी लिए क्यों फिरते हो जैसे जनता रहती है वैसे रहने में आप क्यों डरते हैं ? 

    अरे नेताओ ! सिक्योरिटी के बल पर नहीं अपितु अपने अच्छे कर्मों के बल पर जियो वही सत्कर्म मुसीबत में तुम्हारी भी रक्षा करेंगे! ब्यर्थ में  सिक्योरिटी वाले लोगों को क्यों परेशान करना ! और यदि परेशान ही करना है तो उन्हें देश और देशवासियों की सुरक्षा में लगाओ !जब सब सुरक्षित होंगे तो आपकी भी सुरक्षा होगी ही और यदि सब मार ही दिए गए तो अकेले आप ज़िंदा रहकर भी क्या करोगे !

     जब चारों ओर हाहाकार मचा होगा घायल लोग तड़प रहे होंगे चारों ओर लाशों के अम्बार लगे होंगे जन सुविधाओं का कोई बन्दोंबस्त  नहीं होगा, हे नेता जी !उस समय घायलों का करुण क्रंदन क्या सहा जा पाएगा तुमसे ?इन सबके बीच क्या तुम सो पाओगे चैन की नींद ?क्या तुम्हारे गले से निगले जा पाएँगे भोजन के निवाले ?और यदि नहीं तो सिक्योरिटी का आडम्बर केवल अपने लिए क्यों ?तुम अपने को आम आदमी कहते हो और जनता के साथ जीवन जीते हो  क्या जनता के साथ मर नहीं सकते !

  अरे नेता बंधुओ !जिनके पास पाप का पैसा नहीं होता वे गरीब ,किसान,मजदूर अपने चरित्र और पुण्यों के बल पर जिंदा रहते हैं एकांत में अथवा कोई दुर्घटना घटने पर जब आपका साथ देने वाला वहाँ कोई आस पास नहीं होता है तब भी आपके किए हुए आपके अच्छे कर्म कवच बनकर आपको न केवल घेर लेते हैं अपितु आपकी रक्षा भी कर लेते हैं किंतु जिस दिन पुण्य आपका साथ छोड़ देंगे उस दिन सिक्योरिटी की सारी  श्रेणियाँ निष्फल सिद्ध होंगी !  

   एक बार जो नेता सरकार में पहुँच जाता है उसके भाग्य में पीढ़ियों तक धन्नासेठ बन कर ऐश की जिंदगी जीना लिख ही जाता है वो भी बिना कोई व्यापार कामकाज आदि किए भी !एक बार सरकार में चले जाने वाले लोग आम आदमी कहाँ रह जाते हैं । 

   सरकारों में रहकर लोग अपना एवं अपनी संतानों की ऐशो आराम के लिए संपत्ति जुटाने के लिए उन्होंने कम से कम इतने पाप तो कर ही लिए होते हैं कि उनकी आत्मा उन्हें मरने से हमेंशा डराया करती है कि बिना सिक्योरिटी मत रहना अन्यथा तुम्हारे पाप तुम्हें अकेला पाकर अपनी चपेट में ले लेंगे !इसीलिए कई नेता सरकारों में पहुँचने से पहले अपनी सिक्योरिटी की परवाह नहीं करते थे और घूमते थे अकेले बिलकुल आम लोगों की तरह किंतु सरकार में पहुँचने के बाद ये बात उन्हें भी समझ में आ गई कि सिक्योरिटी की जरूरत पड़ती क्यों है !बंधुओ !पाप का पैसा हमेंशा भय पैदा करता है !

   देखो किसानों मजदूरों को खेतों में काम करने जाते हैं बरसते पानी की अँधेरी रातों में बड़ी बड़ी घासों पर साँप बिच्छुओं का भय किए बिना अपने पुण्यों के भरोसे चले जाते हैं अन्यथा कभी कोई बिषैला जीव जंतु काट भी सकता है कोई हिंसक जानवर हमला कर सकता है कोई शत्रु हमला कर सकता है किंतु वो अपने पुण्य बल के भरोसे घर छोड़कर निकल पड़ता है  अँधेरी रातों में और करने लगता है खेतों में काम किंतु पापी लोग बड़ी बड़ी साफ सुथरी जगहों पर बड़ी बड़ी कोठियों में रहने के बाद भी दिन रात सिक्योरिटी सिक्योरिटी चिल्लाते रहते हैं !अंधेर तो देखो - जो बाबा जी लोग हिंसक और बिषैले जीव जंतुओं से भरे बियाबान जंगलों में रहने के लिए ही जाने जाते थे किंतु पाप से आज वे भी अछूते नहीं रहे वो भी आश्रम नाम की बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में रहते हुए भी माँगते हैं सिक्योरिटी !आश्चर्य !!



केंद्र में धन्नासेठों की सरकार चलती है Rss के इशारे पर - UP की पूर्वमुख्यमंत्री

  किंतु हे UP की  रिटायर्ड मुख्यमंत्री जी ! Rss तो राष्ट्रवादी संस्कारों का संगठन है वो तो हर सरकार को भ्रष्टाचार से दूर रहने का इशारा किया करता है किंतु जो संस्कार प्रिय हैं वो तो मान लेने हैं उनकी बात किंतु कुछ लोग Rssके नैतिक विचारों को मानना तो दूर उन्हें भी गालियाँ देने लगते हैं ये उनका अपने मन का पाप है !  

     हे नेता जी ! धन्नासेठों की सरकार कभी कहीं भी हो ही नहीं सकती क्योंकि जो धन्नासेठ होगा वो राजनीति में धक्के खाएगा क्यों और क्यों सुनेगा किसी की गाली गलौच ! तथा बिना राजनीति में जाए सरकार में घुसने का कोई सॉर्टकट फार्मूला होता नहीं है !हाँ एक बात तो है कि राजनीति में जाते समय एक से एक दीन हीन अकिंचन लोग धन्नासेठ बनकर ही बाहर निकलते हैं जबकि धन्नासेठ बनने का स्रोत बरमूडा ट्रायंगल की तरह आजतक खोजा  नहीं जा सका है ये रहस्य ही बना हुआ है !

   एक बार जो सरकार में पहुँच जाता है उसके भाग्य में पीढ़ियों तक धन्नासेठ बन कर ऐश की जिंदगी जीना लिख ही जाता है वो भी बिना कोई व्यापार कामकाज आदि किए भी !एक बार सरकार में चले जाने वाले लोग आम आदमी कहाँ रह जाते हैं । 

   सरकारों में रहकर लोग अपना एवं अपनी संतानों की ऐशो आराम के लिए संपत्ति जुटाने के लिए उन्होंने कम से कम इतने पाप तो कर ही लिए होते हैं कि उनकी आत्मा उन्हें मरने से हमेंशा डराया करती है कि बिना सिक्योरिटी मत रहना अन्यथा तुम्हारे पाप तुम्हें अकेला पाकर अपनी चपेट में ले लेंगे !इसीलिए कई नेता सरकारों में पहुँचने से पहले अपनी सिक्योरिटी की परवाह नहीं करते थे और घूमते थे अकेले बिलकुल आम लोगों की तरह किंतु सरकार में पहुँचने के बाद ये बात उन्हें भी समझ में आ गई कि सिक्योरिटी की जरूरत पड़ती क्यों है !बंधुओ !पाप का पैसा हमेंशा भय पैदा करता है !

   देखो किसानों मजदूरों को खेतों में काम करने जाते हैं बरसते पानी की अँधेरी रातों में बड़ी बड़ी घासों पर साँप बिच्छुओं का भय किए बिना अपने पुण्यों के भरोसे चले जाते हैं अन्यथा कभी कोई बिषैला जीव जंतु काट भी सकता है कोई हिंसक जानवर हमला कर सकता है कोई शत्रु हमला कर सकता है किंतु वो अपने पुण्य बल के भरोसे घर छोड़कर निकल पड़ता है  अँधेरी रातों में और करने लगता है खेतों में काम किंतु पापी लोग बड़ी बड़ी साफ सुथरी जगहों पर बड़ी बड़ी कोठियों में रहने के बाद भी दिन रात सिक्योरिटी सिक्योरिटी चिल्लाते रहते हैं !अंधेर तो देखो - जो बाबा जी लोग हिंसक और बिषैले जीव जंतुओं से भरे बियाबान जंगलों में रहने के लिए ही जाने जाते थे किंतु पाप से आज वे भी अछूते नहीं रहे वो भी आश्रम नाम की बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में रहते हुए भी माँगते हैं सिक्योरिटी !आश्चर्य !!




दिल्ली सरकार में एक कानून मंत्री औसतन दो महीने चलता है फिर क्यों जाना पड़ता है जेल !

   इस हिसाब से पांच वर्ष में चाहिए 30 !  अब देखो  किसका नंबर ? वैसे भी  दिल्ली सरकार में  कानून मंत्री सहता नहीं है ! 

    वैसे भी केजरीवाल जी को या सिसोदिया जी को किसी कानून या कानून मंत्री से क्या लेना देना ऐसा कानून मंत्रालय तो वो जेब में डालकर चलते हैं जैसे अभी किया है बात और है इस सरकार  में कानून मंत्रालय जिसे मिलता है वो ठहरता नहीं है क्या अबकी बार भी ऐसा ही होगा !सुना है कि अबकी बार चार्ज सिसोदिया जी के पास है !छह महीने के अंदर तीसरी बार कानून मंत्री बदल दिया गया है। कुल मिलाकर दिल्ली सरकार में औसतन एक कानून मंत्री दो महीने चलता है इस हिसाब से पांच वर्ष में कानून मंत्री बनने के लिए 30 बिधायक चाहिए अब देखो सिसोदिया के बाद किसका नंबर आता है जून में कानून मंत्री के पद पर नियुक्त किए गए कपिल मिश्रा को हटाकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मंत्रालय का कार्यभार सौंप दिया है। 

    वैसे भी कानूनों एवं कानून मंत्रियों को केजरीवाल जी कहाँ कुछ मानते हैं वो तो खुद में कानून भी हैं,कानून मंत्री भी हैं और कानून मंत्रालय भी हैं उन्हें किसी के बनाए कानून पसंद ही नहीं हैं सारे कानून वो खुद बनाएंगे उनके सहयोगी पालन करेंगे जो नहीं करेंगे सो बाहर ! और जिन्हें बाहर नहीं कर सकेंगे उनकी बुराई करेंगे !जैसे उपराज्यपाल साहब हों या मोदी जी ! 


Tuesday, 1 September 2015

मोदी

             हिन्दू मुस्लिम क्यों ?देश के एक नागरिक की हत्या हुई है !
"दादरी मर्डर :PM मोदी अपने कार्यकर्ताओं को सँभालें - आजम -NBT "
  किंतु आजम साहब ! घटना ग्रेटर नोएडा की है सरकार यू.पी.में आपकी है इसलिए कानून व्यवस्था बनाकर रखने की जिम्मेदारी आपकी है जिसमें आपकी सरकार नाकाम रही है । इसमें मोदी जी का नाम घसीट कर आप घटना की गंभीरता को कम कर रहे हैं जो ठीक नहीं है । आपको केजरीवाल की तरह लगता है कि मोदी जी की आलोचना करने से हमारी भी नेतागिरी चमक उठेगी और हमारी भी गणना बड़े नेताओं में होने लगेगी ।किंतु हे नेताजी ! ऐसे लोमहर्षक कांडों  का राजनीति करण करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है आप राजनीति कहीं और कर लेना ! यहाँ तो देश के उस सम्मानित नागरिक के विषय में संवेदना पूर्वक व्यवहार करने का समय है जिसकी हत्या हुई है जिसके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है जिन्हें रोते बिलखते देखकर मानवता दहल उठती है उन्हें हिन्दू मुस्लिम की दृष्टि से मत देखिए !उन्हें उस दृष्टि से देखिए कि अपने अपने काम से थका हारा पूरा परिवार सायंकाल घर पर इकठ्ठा हुआ होगा दिन भर के अपने अपने अनुभव एक दूसरे से कह सुन रहा होगा तभी अचानक अपने परिवार के सदस्यों के सामने मौत का सामना करना पड़ा होगा उसे ,बेबस परिवारवाले बेचारे देखकर रह गए होंगे !
      आजम साहब ! आज आप मोदी जी की ओर इशारा कर रहे हैं कि वे अपने कार्यकर्ताओं को रोकें !अरे !आप कहना क्या चाहते हैं !क्या मोदी जी आपसे कहने आए कि आप अपने प्रदेश की कानून व्यवस्था न ठीक करें दोषियों पर कार्यवाही न करें !इसलिए यू.पी.सरकार निष्पक्ष रूप से राजधर्म का पालन करे !उसे जनता ने बिजयी बनाया है वो जनता को जवाब दे कि आपके प्रदेश में किसी परिवार को ऐसे  दर्दनाक अत्याचार का सामना क्यों करना पड़ा !क्या करती रही आपकी सरकार और आप जैसे सरकार के सूरमा मंत्री !



गुजरात में आग लगाने वालों ने लगाई थी मोदी जी की ड्यूटी तो आग बुझाने की थी चूँकि मोदी जी ने समय से न केवल आग लगाने वालों की पहचान करवाई अपितु उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की उसी का परिणाम था कि आग लगाने वाले दोबारा घुस नहीं पाए गुजरात में इसी लिए गुजरात में अमनचैन रहा और मोदी जी के नेतृत्व में ही विकास के पथ पर गुजराज तेजी से आगे बढ़ा !यही कारण है कि गुजरात की जनता मोदी जी से इतना अधिक स्नेह करने लगी कि मोदी जी गुजरात में कभी चुनाव हारे नहीं और लगातार जीतते रहे फिर भी मोदी जी पर ही आरोप !खैर कोई समझदार आदमी ऐसा कैसे कर सकता है !