Friday, 22 December 2017

संसद आदि सदनों में हुल्ल्ड मचाकर कार्यवाही रोकी क्यों जाती है ?

 शिक्षा योग्यता आदि के बलपर लोग अपनी बात समझा भी सकते हैं और दूसरों की समझ भी सकते हैं अन्यथा हुल्लड़ मचा मचाकर समय पास किया करते हैं !
क्या सांसदों में इतनी भी योग्यता शिक्षा आदि नहीं होती है कि वे अपनी बात दूसरे सम्मानित सदस्यों को समझा सकें और उनकी भावना को समझ सकें !अशिक्षा एवं अयोग्यता के कारण संसद आदि सदनों में मचाया जाने वाला हुल्ल्ड शोर शराबा असभ्य आचरण ऊट पटाँग बयानबाजी आदि तभी तो देखने सुनने को मिलती है !राजनीति में प्रत्याशी बनाते समय यदि शिक्षा  और योग्यता का ध्यान दिया जाता तो ऐसे लोग संसद का बहुमूल्य समय बर्बाद न कर रहे होते और कार्यवाही सुचारु रूप से चल रही होती !
     राजनैतिक पार्टियों के मालिक लोग शिक्षा योग्यता आदि की उपेक्षा करके अपने घर खान दान वाले नाते रिश्तेदारों आदि को टिकट देते समय या पैसे लेकर टिकट बेचते समय उनकी शिक्षा योग्यता आदि का ध्यान ही नहीं दे पाते हैं बेचारे !जिसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ती है आखिर जनता के खून पसीने की कमाई से ही तो चलती है संसद ! 
     इतना सब होने के बाद भी प्रसन्नता इस बाद की है कि यदि राजनैतिक क्षेत्र निश्चित न होता और उद्दंड नेता लोग इसी समाज में बिना राजनीति के ऐसे ही छुटा घूम रहे होते तो अब तक समाज का न जाने कितना नुकसान कर चुके होते ऐसे  आर्थिक नुक्सान तो हो रहा है किंतु येलोग एक जगह में सीमित तो हैं !

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