Saturday, 23 February 2019

890

       हिन्दुस्तान -हमारे देश का नाम यदि हिन्दुस्तान न पड़ा होता तो यह देश न इतने दिन परतंत्र रहता और न ही टुकड़े होते !सनातन धर्मियों को हिंदू ,भारत को हिंदुस्तान ,रत्नाकर समुद्र को हिन्द महासागर तथा पारियात्र पर्वत को हिंदूकुश एवं 'संस्कृतजा' को हिंदी नाम से पुकारने वाले अपने उद्देश्य में सफल होगए यदि ऐसा न हुआ होता तो भारत कभी परतंत्र हो ही नहीं सकता था और न हिन्दू डरपोक होता न हिंदी उपेक्षित रही होती !तथा भारत टुकड़ों में विभाजित न हुआ होता !भारतीय शास्त्रों को पढ़कर अलबरूनी जैसे लोगों के द्वारा रचा गया यह खेल सफल हो गया !

    इंडिया - डा॰ एडवर्ड सी॰ सखाउ जैसे लोगों के हाथ भारतीय विद्याएँ लग जाने के दुष्परिणाम से हमारे देश इण्डिया और हम इंडियन कहलाते हुए शौक से परतंत्र  हो गए ! इंडिया बनकर हमें उनके सामने झुकना पड़ा भारत रह कर हम जिन्हें अपने कदमों पर झुकाया करते थे !

    सर और मैडम - शिक्षक शिक्षिकाओं को सर और मैडम कहने समाप्त हो गया शिक्षकों का सम्मान !ऐसे और भी बहुत सारे रहस्य समेटे हुए है हमारीपुस्तक'वर्णविज्ञान'!                                                                                                                                                                                     विशेष बात-किस अक्षर से नाम वाला कौन स्त्री या पुरुष किस नाम वाले स्त्री या पुरुष के सामने पड़ेगा तो उसके प्रति उसका चिंतन व्यवहार आदि किस प्रकार से बदलने लगता है इसका अध्ययन ही हमारी वर्ण विज्ञान में है !                                                                       किस नाम वाला व्यक्ति किस नाम के देश या शहर में रहेगा तो उसे कैसा अनुभव होगा ?

    किस नाम का व्यक्ति किस नाम के व्यक्ति से मिलेगा तो उन दोनों की एक दूसरे के प्रति सोच कैसी बनेगी ?

   






फीस जमा करवा कर हमारे साथ अपनी  शंकाओं का समाधान कर सकते हैं

     फीस प्रत्येक वर्ण पर RS . 1100   Note...     फ़ीस जमा करने के बाद हमें अपना प्रश्न हमारे जीमेल पर डाल सकते हैं जैसे किन्हीं दो लोगों के आपस में संबंध कैसे रहेंगे ये जानना है तो 1100 +1100 = 2200  RS जमा करना होगा ऐसे ही अधिक के लिए अधिक अर्थात प्रत्येक के लिए अलग अलग फीस जमा करनी होगी !

  MO . 9811226973 ,9811226983


      वर्ण वैज्ञानिक और समय वैज्ञानिक के रूप में मेरी अपनी पहचान है मैंने भी काशी हिंदू विश्व विद्यालय से इसी विषय में Ph.D.की है इसलिए ये प्रश्न हमसे भी पूछा जाने लगा कि 2019 के चुनावों में किस गठबंधन की विजय होगी और अगला प्रधान मंत्री बनेगा कौन ?इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए हमारे पास दो रास्ते ही थे या तो सभी नेताओं का जन्म समय लिया जाता और उस पर मंथन करके रिसर्च पूर्वक अगला प्रधानमन्त्री कौन बनेगा इसका पूर्वानुमान लगाया जाता !किंतु ये काम बहुत कठिन था क्योंकि दिन भर झूठ बोलने वाले नेता लोग हमें अपना समय सही कैसे बता देते !और किसी एक का भी जन्म समय गड़बड़ाते ही हमारा सारा रिसर्च बेकार हो जाता तो मैंने जन्म समय का सहारा ही नहीं लिया !    दूसरा रास्ता हमारे पास था नेताओं के नाम के पहले अक्षर का इसके आधार पर भी हम भावी प्रधानमंत्री के नाम का पूर्वानुमान लगा सकते थे मैंने इसी पर अपना रिसर्च प्रारंभ कर दिया वो रिसर्च इतना बड़ा हुआ कि मुझे इस प्रश्न का उत्तर खोजते खोजते एक पुस्तक तैयार कर देनी पड़ी जिसका नाम रखा 'वर्णविज्ञान' ! 

                                                   वर्ण का अर्थ होता है अक्षर इसलिए इसे 'अक्षर विज्ञान' भी कह सकते हैं लेकिन मैंने नाम 'वर्णविज्ञान' ही रखा है !अक्षरों में इतना बड़ा विज्ञान छिपा है मुझे इसका अनुभव इस रिसर्च काल में हुआ !यह रिसर्च मैंने तो भावी प्रधान मंत्री का नाम खोजने के लिए किया था किंतु इसमें बहुत सारे रहस्य खुले जिन्हें मैं क्रमशः यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ !आप भी पढ़ते रहिए बहुत काम की  बात है !राजनीति तो दूसरी बात है जब मुझे पता लगा कि नाम के पहले अक्षर के कारण घरों में कलह होता है पति पत्नी में तनाव बढ़ता है बड़ी बड़ी नाते रिस्तेदारियाँ टूट जाती हैं ! दो मित्रों में टकराव हो जाता है दो साझीदारों में मनमोटाव  होजाता है लोग एक देश छोड़कर दूसरे देश में प्रान्त में या शहर में बसने के लिए मजबूर हो जाते हैं !बड़े बड़े उद्योग संस्थाएँ संगठन राजनैतिक दल सरकारें सरकारी कार्यालय और नेता लोग अपने अपने नाम के पहले अक्षर के कारण बन बिगड़ जाते हैं !कुल मिलाकर बहुत नई चीजें इस खोज से सामने निकल कर आईं !

हिंदू हिंदी हिंदुस्तान जैसे शब्दों का क्या रहस्य है !

        दशवीं सदी में जिनकी साजिश से योजना बद्ध ढंग से हिंदी हिंदू हिंदुस्तान हिंदमहासागर और हिन्दुकुश जैसे नाम गढ़े गए !सनातन धर्मी इस चाल को समझ नहीं पाए और देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ता चला गया देश के टुकड़े होते चले गए ! योजना बद्ध ढंग से रत्नाकर समुद्र को हिंदमहासागर बना दिया गया पारियात्र पर्वत को हिन्दुकुश बता दिया गया !और भारत को हिंदुस्तान कह दिया गया !बाहत लोग आज तक इस गफलत में हैं कि सिंध शब्द से हिंद बना है क्योंकि ईरानी लोग स नहीं बोल पाते थे !किंतु यदि ऐसा होता तो वो संस्कृत को हंस्कृत तो नहीं कहते थे और सिंधी सिंध और सिंधु नदी का नाम तो आज भी वही चलता आ रहा है उसे तो नहीं बदला !यदि स अक्षर की समस्या होती तब तो उसे भी बदल डालते !इसका रहस्य जिस दिन खोला जाएगा उस दिन सच्चाई को बहुत लोग सह नहीं पाएँगे !जो बड़े गर्व से हिंदुत्व कहते हैं उन्हें उस दिन घोर पछतावा होगा !जो लोग कहते हैं गर्व से कहो हम हिंदू हैं !किंतु ये नहीं सोचते कि जब हम अपने को हिंदू कहने ही लगे तब गर्व करने लायक हमारे पास कुछ बचा ही कहाँ !अन्यथा सनातन धर्मियों और भारत की ओर आँख उठाकर देखने हिम्मत किसी की नहीं हुई !हम यदि हिंदी हिंदू हिंदुस्तान न बने होते तो अपना प्यारा भारत आज भी अखंड होता !

     हमें हस्तिनापुर से सबक लेना चाहिए था !आसंदीवत राज्य में हाथियों की संख्या बढ़ गई तो उसे हस्तिना पुर कहा जाने लगा किंतु हस्तिनापुर बनने के बाद ये कई बार प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हुआ सात बार तो गंगा जी बहा ले गेन एक बार बलराम जीने हल से कहीं लिया था डुबाते डुबाते छोड़ा था! यही दुर्दशा आर्यावर्त को हिन्दुस्तान बना देने से हुई है !ऐसे बड़े सारे उदाहरण हैं !मुझे दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि हिंदी हिंदू हिंदुस्तान जैसे शब्द विदेशियों के द्वारा हमें पहनाए गए हैं हम इतने दीन  हीन  हैं कि भारतीय भाषाओँ में हम अपना नाम नहीं रख सके !हम क्या हैं ये हमें वे हमलावर सिखा कर चले गए और हम अपने उन्नत इतिहास को भूल गए !भारत सरकार चाहे तो इस भूलसुधार के लिए हम अपनी वर्ण वैज्ञानिक  सेवाएँ उपलब्ध करवाने को तैयार हैं!

   कुलमिलाकर जिस व्यक्ति के नाम का जो पहला अक्षर होता है वही उसका अपना अक्षर होता है इस दृष्टि से अ  अक्षर वाले किसी व्यक्ति के सामने जब कोई दूसरा अ अक्षर वाला व्यक्ति पहुँचता है बात व्यवहार  करता है या एक दूसरे के साथ काम करता है तो उन दोनों पर इसका असर पारस्परिक अच्छा बुरा दोनों होता है !उसके आधार पर उन दोनों के आपसी संबंध बन बिगड़ जाते हैं !इसी प्रकार से अन्य अक्षर वाले लोगों के सामने अन्य  अक्षर वाले लोगों के सामने किसी दूसरे अक्षर वाले व्यक्ति के आ जाने से एक दूसरे पर बहुत तेजी से असर पड़ता है !

 अ अक्षर वाले व्यक्ति के सामने अ अक्षर वाले व्यक्ति के जाने से क्या होता है आप स्वयं देखिए -



अब पढ़िए वर्ण विज्ञान के और अनगिनत चमत्कार -

    अब पढ़िए वर्ण विज्ञान के और अनगिनत चमत्कार -

   संस्कृतसुता हिंदी भाषा होने के साथ साथ विज्ञान भी है इसके वर्णों का भगवान शंकर की डमरू के स्वरों से प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए प्रत्येकवर्ण प्राण प्रतिष्ठित एवं सजीव है !

      विज्ञान में प्रत्येक अक्षर का अलग अलग स्वभाव एवं प्रभाव होता है ! जिस व्यक्ति आदि का नाम जिस अक्षर से प्रारंभ होता है उस व्यक्ति का स्वभाव उस अक्षर की तरह ही बन जाता है !ऐसी परिस्थिति में जिस व्यक्ति से भी जिस स्त्री पुरुष का कोई भी कैसा भी संबंध बन चुका हो या बनना हो वो निभ पाएगा या नहीं और नहीं तो क्यों ? कोई संबंध निर्वाह करना आवश्यक ही हो तो इस बात का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि ऐसे संबंधों को चलने के लिए किसको किसका क्या क्या सहना पड़ेगा ! इसके बाद उन संबंधों को प्रयास पूर्व आराम से चलाया जा सकता है !

       भारत में प्राचीन काल में इसी वर्ण वैज्ञानक प्रक्रिया का परिपालन करते हुए लोग बड़े बड़े संयुक्त परिवार बनाते चले जाया करते थे किसी का किसी से कोई द्वेष वैमनस्य नहीं होता था !अब तो सब सबसे असंतुष्ट हैं इसलिए संयुक्त परिवार की बात क्या करें अब तो पति पत्नी की नहीं पट रही है प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को मार डालने पर उतारू हैं नाते रिस्तेदारी के संबंध निभाना तो दूर  माँ बात से संबंधों का निर्वाह होना कठिन होता जा रहा है ऐसी परिस्थिति में वर्ण विज्ञान विषम से विषम परिस्थितियों में मानवता को जोड़ने और तनाव मुक्त करने में सहायक हो सकती है !

      प्रत्येक अक्षर के परस्पर एक दूसरे अक्षर के साथ शत्रु मित्र सम आदि संबंध होते हैं ! अक्षरों में ऐसी आश्चर्यजनक सजीवता होते हुए भी वो अक्षरों में भले न दिखाई दे किंतु जब यही अक्षर किसी नाम में प्रयुक्त होते हैं तो नाम का जो पहला अक्षर होता है वो उस  नाम वाले व्यक्ति का स्वभाव बदलकर अपने अनुशार कर लेता है ! ये अक्षर इतने अधिक सजीव संवेदनशील एवं प्रभावी होते हैं कि मनुष्यों की तो छोड़िए ये अक्षर देशों प्रदेशों जिलों ग्रंथों पंथों काव्यों फिल्मों संगठनों संस्थानों सरकारों एवं राजनैतिक दलों आदि के नाम के पहले अक्षर के कारण उनका भविष्य बना या बिगाड़ देते हैं !इन अक्षरों के कारण सरकारें गिर जाती हैं महा गठबंधन टूट जाते हैं राजनेताओं का भविष्य बन बिगड़ जाता है !घरों में कलह हो जाता है परिवार बिखर जाते हैं लोग मनोरोगी या तनाव ग्रस्त हो जाते हैं तलाक हो जाते हैं !कुछ नेता पार्टियों पर बोझ बन जाते हैं कुछ पर पार्टियाँ बोझ बन जाती हैं !प्रेमी प्रेमिका एक दूसरे को धोखा देते हैं !भाई भाई के संबंध बिगड़ जाते हैं नाते रिस्तेदारियाँ टूट जाती हैं !

   नाम का पहला अक्षर किसी को प्रभाववान तथा किसी को प्रभावशून्य बना देता है !अद्भुत चमत्कार है अक्षरों में बहुत शक्तिवान होता है नाम का पहला अक्षर !

   




Friday, 22 February 2019

11

सादर

आदरणीया रक्षामंत्री जी 
                         आपको सादर नमस्कार !

विषय - पुलवामा जैसी आतंकीघटनाओं से बचाव के लिए कुछ आवश्यक सुझाव देने हेतु !

  महोदया ,

     अपने देश को आतंकी घटनाओं से अक्सर सैनिकों एवं आमजनता का बहुमूल्य जीवन खोना पड़ता है!घटनाएँ घट जाने के बाद में सुरक्षा के बड़े सारे उपाय किए जाते हैं किंतु तब तक देश का जो नुक्सान  होना होता है वो तो हो ही चुका होता है!शहीद हुए सैनिकों का बहुमूल्यजीवन वापस तो नहीं लाया जा सकता है !
       ऐसी परिस्थिति में मौसम के पूर्वानुमान की तरह ही आतंकी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाना यदि संभव हो पाता तो देश की सक्षम खुपिया एजेंसियाँ,सेना,पुलिस बल आदि की प्राशासनिक सतर्कता से ऐसी आतंकी घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है !
       इसी उद्देश्य से मैंने ऐसी आतंकी घटनाओं के पूर्वानुमान के बिषय में कई वर्ष पहले अनुसंधान करना प्रारंभ किया था जिसके आधार पर कई बार बहुत सटीक जानकारी कोई आतंकी घटना घटित होने से पहले मिल जाती है जिसका सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण उपयोग किया जा सकता है !पुलवामा वाली घटना घटित होने से पहले भी ऐसा कुछ  हुआ था !जिसको हमने अपने ब्लाग पर प्रकाशित भी किया था !जो प्रमाण है ऐसा कई अन्य घटनाओं से पहले भी होता रहा है !
      पुलवामा की घटना घटित होने के बाद भी कुछ ऐसी जरूरी जानकारियाँ हैं जिसके आधार पर मैं देशहित में आपको कुछ जरूरी सुझाव देना अपना कर्तव्य समझता हूँ !यदि आप उचित समझें तो अपने बहुमूल्य समय में से  मुझे मिलने के लिए कुछ समय देने का कष्ट करें !
                                 -निवेदक -
              डॉ.शेष नारायण वाजपेयी                                                                                                           Ph.D. By बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी 
  A -7,41 कृष्णा नगर दिल्ली -51 
        9811226973,9811226983   

Sunday, 17 February 2019

उद्योग व्यापार आदि



आखिर इसका कोई समाधान क्यों नहीं खोजा जा रहा है इस ओर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ! 
         
 
 
विवाह करना बड़ी बात नहीं है अपितु विवाह का निर्वाह करना सबसे बड़ी बात है !दो मित्रों के संबंधों की तरह ही बहुतविवाह में भी दोनों पक्षों की ओर से बहुत सारी सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं !     जिसका जब समय ठीक होता है तब वो अपनी परिस्थितियों से प्रसन्न और संतुष्ट होता है समय न ठीक हो तो सुख सुविधा के साधन कितने भी अच्छे क्यों न बने रहें किंतु व्यक्ति को प्रसन्नता नहीं होती है !
      ऐसी परिस्थिति में पति पत्नी में से जिस किसी का समय जब ख़राब चल रहा होता है उस समय उसे तनाव होता है जिसका कारण उसका अपना समय होता है जबकि उसके लिए वो अपने सबसे अधिक करीबी अर्थात जीवन साथी को जिम्मेदार मानने लगता या लगती है !ऐसी परिस्थिति में जीवन साथी का समय यदि सही चल रहा होता है तो वो अपने ऊपर लगाए गए सारे झूठे आरोप सह जाता है और मानसिक सपोर्ट करते हुए अपने जीवन साथी का बुरा समय सहयोग पूर्वक पार करवा देता है !बुरा समय बीतने के बाद फिर दोनों अपना सामान्य जीवन आनंद पूर्वक व्यतीत करने लगते हैं !
      कई बार पति पत्नी दोनों का ही बुरा समय कुछ अंतर से एक साथ शुरू हो जाता है उसमें एक का तीन वर्ष है और दूसरे का एक वर्ष है ऐसी परिस्थिति में वो जो एक वर्ष का समय है जो कि दोनों का बुरा समय एक साथ आ गया उसमें दोनों ही लोग अपनी समस्याओं के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार मानने लगते हैं !ऐसी परिस्थिति में यदि एक दूसरे के प्रति थोड़ी भी गैर जिम्मेदारी असहनशीलता उग्रता आदि दिखाई गई तो संबंध विच्छेद (तलाक)जैसी घटनाएँ घटित होते देर नहीं लगती है !ऐसे बुरे समय को पार करने में दोनों ओर से बड़े धैर्य एवं सूझ बूझ की आवश्यकता होती है !दोनों यदि सहन शीलता पूर्वक ऐसे समय को व्यतीत कर लें तो बाद में फिर दोनों आनंद पूर्वक रहने लगते हैं !प्रेम या संबंधों की परीक्षा बुरे समय में भी होती है !
        ऐसी परिस्थिति पैदा होने पर सबसे बड़ी कठिनाई यह होती है कि उन दोनों को यह पता नहीं होता है कि उनमें से किसका कितने समय के लिए बुरा हैं इसमें उन्हें किस किस प्रकार की सावधानियाँ बरतनी पड़ेंगी !इसके लिए जो लोग हमारे यहाँ संपर्क करके अपने समय का पूर्वानुमान लगाकर उसके अनुसार चल जाते हैं उनका समय शांति पूर्वक बीत जाता है !
     इसी प्रकार से ऐसे दोनों लोगों के नाम के पहले अक्षरों में आपसी तालमेल यदि मधुर हुआ तब तो दोनों एक दूसरे के प्रति हमेंशा मधुर व्यवहार किया करते हैं यदि ये सम या शत्रु हुआ तो ऐसे दोनों लोग आपस आजीवन एक दूसरे से असहमत बने रहते हैं कई बार ये असहमति घृणा और शत्रुता में बदलते देखी जाती है !
     यहाँ सबसे बड़ी कठिनाई इस जगह  होती है कि नाम के कारण होने वाले तनावों या बिगड़ने वाले संबंधों में असावधानी दोनों ओर से बरती जा रही होती है !नाम के अक्षरों के असामंजस्य के कारण दोनों एक दूसरे को गलत समझने की भूल कर रहे होते हैं !जिससे दोनों को तनाव हो रहा होता है दोनों एक दूसरे को कोसा करते हैं कई बार संबंध अधिक भी बिगड़ते देखे जाते हैं !
     इसमें सबसे बड़ी समस्या इस जगह होती है कि उन दोनों को नहीं पता होता है कि दोनों के नाम के पहले अक्षरों के न मिलने के कारण ये तनाव बढ़ता जा रहा है !ऐसे लोग यदि हमारे यहाँ संपर्क करते हैं तो उन्हें जिस जिस प्रकार की परिस्थितियाँ पैदा हो सकती हैं उसका पूर्वानुमान करके पहले ही बता दिया जाता है इसके साथ साथ उन्हें किस किस प्रकार की सावधानियाँ वर्तनी चाहिए उसके लिए भी सावधान कर दिया जाता है !
       कई बार ऐसे विवाहित लोग जिस घर में रह रहे होते हैं दोष उस स्थान में ही होता है इसीलिए और सब जगह तो प्रसन्न रह लेते हैं किंतु अपने घर में पहुँचते ही दोनों का तनाव बढ़ने लगता है जिसका कारण वे एक दूसरे को समझने लगते हैं !ऐसी परिस्थिति से ग्रस्त लोगों को स्थान संबंधी दोष पता नहीं होते हैं !
       इसलिए ऐसे लोग हमारे यहाँ संपर्क करके अपने घर के सुख शान्ति के विषय में पूर्वानुमान लगा सकते हैं और समय नाम स्थान आदि के दोषों के निराकरण के विषय में आवश्यक सुझाव प्राप्त कर सकते हैं !


लोग जिस घर में




व्यापार विज्ञान-
        व्यापार शुरू करने  वाले कुछ व्यक्ति धन संसाधन और अच्छा अनुभव होने के बाद भी असफल  होते  देखे जाते हैं जबकि वे परिश्रम भी बहुत करते हैं फिर भी सफलता नहीं मिलती है ! ऐसे समय लोग कर्म भाग्य लक कुदरत आदि का दोष  मानकर निराश हो जाते हैं !ऐसे हैरान परेशान निराश हताश लोग पंडितों पुजारियों तांत्रिकों मुल्ला मौलवियों वास्तु वालों के यहाँ चक्कर लगाने लगते हैं जहाँ उनकी समस्याओं का समाधान तो होना तो संभव होता ही नहीं है उलटे वो लोग तमाम प्रकार के बहम डाल कर चले जाते हैं पैसे भी ले जाते हैं ऐसे असफल व्यापारी लोग लुट-पिट कर तनाव अवसाद डिप्रेशन आदि में चले जाते हैं !
       इसलिए ऐसे वैज्ञानिक युग में तमाम अंधविश्वासों के चक्कर में न पढ़कर  'समयविज्ञान' 'नामविज्ञान' और  'स्थानविज्ञान' का सहयोग हमारे यहाँ से लेकर अपने व्यापार को प्रारंभ करना या बिगड़े हुए व्यापार को ठीक ढंग से व्यवस्थित करना चाहिए !
    उद्योग व्यापार आदि के लिए समय ,नाम और स्थान का महत्त्व !
    किसी व्यापारी का समय सही न हो तो कितना भी प्रयास और परिश्रम किया जाए तो भी लाभ न होकर अपितु घाटा होता जाता है !इसी प्रकार से नाम का  दोष होने पर किसी से संबंध ही नहीं बन पाते हैं लेबर कारीगर ग्राहक आदि साथ छोड़ देते हैं !इसलिए व्यापार नष्ट हो जाता है !ऐसे ही यदि व्यापार करने का स्थान ठीक न हो
तो ऐसे स्थान पर काम करने से न अपने को   यदि आपको  नया उद्योग व्यापार आदि नया शुरू करना है या चलते हुए उद्योग व्यापार आदि को अच्छा लगता है न अपने कर्मचारियों कारीगरों ग्राहकों आदि को !सबको बेचैनी घबड़ाहट अरुचि आदि होने लगती है !इस कारण से व्यापार नहीं चल पाता है !इन्हीं 'समय' 'नाम' 'स्थान' आदि  'तीनों बातों को अब आप विस्तार से समझिए -
       1. 'समय' का महत्त्व -
       जिसका समय जिस प्रकार के काम के लिए अच्छा होता है उसे ही उस समय में और उस प्रकार के काम में या उद्योग व्यापार आदि में लाभ होता है !इसलिए अच्छे प्रयास तो बहुत लोग करते देखे जाते हैं उसके लिए परिश्रम भी बहुत करते हैं धन लगाते हैं आवश्यक संसाधन जुटाते हैं किंतु इतना सब कुछ होने पर भी उस काम से आपको लाभ तभी होता है जब आपका समय अच्छा होता है ! इसलिए आपके उद्योग व्यापार आदि की सफलता में आपके समय की बहुत बड़ी भूमिका होती है !
      यदि आप कोई फर्म या उद्योग लगाना चाहते हैं तो आपके घर के सदस्यों में से जिसका समय सबसे अच्छा हो उसी के नाम से काम शुरू किया जाना चाहिए !साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि उसका अच्छा समय है कब तक एवं उसके बाद आपके घर के किस सदस्य का समय कब अच्छा आएगा ?उसी के अनुसार उद्योग स्थापित करना चाहिए !
      जिसका समय जिस प्रकार के काम के लिए अच्छा हो उसके नाम से उसी प्रकार का कार्य व्यापार या उद्योग प्रारंभ करना चाहिए ! 
     वह उद्योग आदि यदि आप किसी पार्टनर के साथ लगाते हैं तो उस पार्टनर का भी उस प्रकार के काम के लिए समय अच्छा होना चाहिए !
      उस काम में आपका साथ देने वाले जितने कर्मचारियों का समय जितना अधिक  अच्छा होता है वे उस काम में आपकी उतनी अच्छी मदद कर पाते हैं !
  नोट - प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव उसके समय के अनुसार बदलता रहता है उसका उसके बात व्यवहार पर भी असर  पड़ता है !एक समय उसे जो बात व्यवहार आदि पसंद होता है दूसरे समय में उसे उन्हीं परिस्थितियों में तनाव होने लगता है इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए !
 विशेष - जिस कर्मचारी का समय अच्छा होता है वो परेशान होकर नहीं रह सकता है इसलिए ऐसे कर्मचारियों की दूसरे कर्मचारियों से तुलना किए बिना इन्हें कुछ अतिरिक्त सुविधाएँ देकर भी बनाए रखना चाहिए !
      
2. 'नाम' का महत्त्व -

          यदि आप कोई कंपनी या फैक्ट्री चलाते हैं या कोई अन्य उद्योग है तो आपको उसमें  कर्मचारी रखने होते हैं   उन्हें उनकी योग्यता काम या विश्वसनीयता के आधार पर सबको अलग अलग जिम्मेदारी देनी पड़ती है जिनके अनुसार उन्हें आपके प्रति  समर्पित भावना से एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होता है !यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो आपका नुक्सान होता है !
         ऐसी परिस्थिति में हमारे यहाँ से आपको सलाह मिल सकती है कि जिस नाम के व्यक्ति को जिस नाम की फर्म में आप काम के लिए रख रहे हैं वो व्यक्ति अपनी सेवाओं से उस फर्म को कितना लाभ पहुँचा पाएगा !
         दूसरी बात उस व्यक्ति के नाम के आधार पर आपको बताया जाएगा कि वो व्यक्ति आपके साथ कितनी ईमानदारी और कितनी बफादारी से जुड़कर कितने समय तक काम कर पाएगा !उसका विश्वास आपको कितना करना चाहिए !
         तीसरी बात उस व्यक्ति के स्वभाव के विषय में आपको बताया जाएगा कि वो व्यक्ति आपकी या अपने साथ काम करने वाले लोगों की किस किस प्रकार की बातों एवं व्यवहारों  को सह पाएगा और क्या नहीं सह पाएगा !         
         चौथी बात  उस व्यक्ति की रूचि किस किस प्रकार के कामों को करने की होगी जिन्हें वो आसानी से उत्साह पूर्वक अच्छे से करता जाएगा !
          पाँचवीं बात वो व्यक्ति किस नाम वाले आपने से सीनियर कर्मचारी की बात मान पाएगा और किस नाम के अपने से जूनियर कर्मचारी को अपनी बात मनवा पाएगा !
         6  वो  व्यक्ति किन किन नामों वाले कर्मचारियों के साथ ग्रुप बनाकर आपके या  आपकी फर्म के विरुद्ध कोई  षडयंत्र कर सकता है !इसे रोकने के लिए आपको अपने किस नाम के  अपने बफादार कर्मचारी को उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रखा जाना चाहिए !
          7 आपकी फर्म में आपके पति पत्नी पुत्र पुत्री भाई बहन या पार्टनर आदि कई मालिक हैं तो उनमें से किस नाम का मालिक किस नाम के कर्मचारी से कितने अच्छे ढंग से काम ले पाएगा !
         8. जिस कर्मचारी का समय जितना अधिक अच्छा होता है उसके रहने से उस फर्म को उतना अधिक लाभ होता है !  
3.स्थान का महत्त्व -          
       कोई भी उद्योग व्यापार आदि आप जिस स्थान पर प्रारंभ करना चाहते हैं वो भूमि इतनी अच्छी हो जहाँ बहुत लोगों का मन बार बार आने का हो वहाँ रुकने का हो ! जो जगहें बहुत अच्छी होती हैं वहाँ बाजार मेला आदि सफल हो पाते हैं !इसीप्रकार से बाजार या शहरों आदि में भी जो छोटे छोटे भूखंड अलग अलग प्रकार के होते हैं जो कुछ कम या कुछ अधिक अच्छे होते हैं उनमें से जो जितना अधिक अच्छा होगा वो भूखंड  स्थान विज्ञान की दृष्टि से उद्योग व्यापार के लिए बहुत अच्छी होती है !
नौकरी आदि वालों के लिए विशेष बात -
  यदि आप कहीं नौकरी करते हो तो जो समय आपका अच्छा होता है उसमें तो उस कंपनी का मालिक या आपका सीनियर आपको महत्त्व देता है और आपकी सुख सुविधाओं का ख्याल रखता है आपकी इच्छा का सम्मान करता है आपको महत्त्व देता है आपकी प्रशंसा करता है !आपकी अधिकाँश माँगें मानते जाता है क्योंकि आपके अच्छे समय का उसे लाभ हो रहा होता है !किंतु जब आपका समय खराब चलने लगता है तब ये सभी बातें उलटी होती जाती हैं उससे दुःख होता है !
     जिस जिस व्यक्ति के साथ आपका नामदोष नहीं है उस उस व्यक्ति के साथ आपके संबंध मधुर हो जाते हैं इसलिए आपके साथ काम करने वाले लोगों का तालमेल यदि आपके साथ ठीक बैठ जाता है तब तो कार्यस्थल पर बहुत लोग आपसे प्रेम पूर्वक व्यवहार करने लगते हैं किंतु यदि आपका उन लोगों के साथ तालमेल ठीक न हो तो  आपके साथ अच्छा वर्ताव नहीं करते हैं !इसलिए जहाँ भी जिसके साथ भी सीनियर या जूनियर के रूप में आपको काम करना पड़े तो आपको इस  बात का पूर्वानुमान लगा लेना चाहिए कि आपकी किस नाम के व्यक्ति से मित्रता हो सकती है और किससे नहीं !आपको किसका विश्वास करना चाहिए किसका नहीं उसी हिसाब से आपको सबके साथ तालमेल बनाकर चलना चाहिए !
     कई बार जिस स्थान पर आपको  काम करना पड़ रहा है वो स्थान ही अच्छा नहीं होता है उस कारण से वहाँ पहुँचते ही आपको तनाव घबड़ाहट बेचैनी आदि होने लगती है जिससे आपकी परेशानी उस स्थान के कारण बढ़ती चली जाती है जबकि आप अपने उस तनाव का कारण अपने आस पास वाले सीनियर जूनियर आदि सहयोगियों को मानकर आप उनके साथ कलह किया करते हैं !जिसका नकारात्मक असर आपकी इमेज पर पड़ने लगता है !
परिवार विज्ञान -
समय, नाम और स्थान का होता है बहुत महत्त्व ! 
     परिवार में आपसी सदस्यों में प्रेम हो यह आवश्यक है इसके लिए आवश्यक है कि घर का प्रत्येक सदस्य  एक दूसरे के प्रति कपट न करे अच्छे विचार रखे खुद प्रसन्न रहे और दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास करे !परिवार के सदस्यों के बीच आपस में जब प्रेम होगा एक दूसरे के प्रति विश्वास होगा तभी सुख शांति का वातावरण बन पाएगा !इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव एक दूसरे को पसंद आने लायक हो !
      किसी का किसी के साथ अच्छा या बुरा संबंध उसके स्वभाव के अनुसार होता है प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव तीन बातों के अनुसार बनता या बिगड़ता रहता है पहली बात किसी के ऊपर जब जैसा समय चल रहा होता है तब तैसा स्वभाव बनता बिगड़ता रहता है !दूसरी बात जिस नाम का व्यक्ति जिस नाम के व्यक्ति से मिलता या बात व्यवहार करता है उसी के अनुसार उसका स्वभाव बनता या बिगड़ता रहता है!तीसरी बात जो व्यक्ति जिस स्थान पर रहता या काम करता है उस स्थान पर रहने या काम करने वाले लोगों के स्वभाव पर उस स्थान के अच्छे बुरे होने का भी असर पड़ता है !इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के संबंधों पर उसके समय का उसके नाम का और उस स्थान का बहुत बड़ा असर होता है !इन तीनों बातों के सामान्य हुए बिना किसी परिवार में सुख शांति की परिकल्पना नहीं की जा सकती है !
  सुखी परिवार के लिए समय का महत्त्व - 
      प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव उसके समय के अनुशार बदलता रहता है जिसका जब जैसा समय होता है तब वैसा स्वभाव बनता है !स्वभाव सँभलता है तो घर में शांति होती है और स्वभाव बिगड़ता है तो घर में अशांति अर्थात तनाव होता है !
     किसी भी परिवार में जब जितने समय तक जितने प्रतिशत सदस्यों का समय अच्छा चल रहा होता है उस परिवार में उतने समय तक उतने प्रतिशत वातावरण शांति का रहता है !इसी प्रकार से जितने प्रतिशत लोगों का समय खराब चल रहा होता है उस परिवार का उतने प्रतिशत वातावरण कलह युक्त और तनाव पूर्ण रहता है !
     परिवार में जब जिन लोगों का समय अच्छा चल रहा होता है उतने समय तक उन लोगों की दिनोंदिन तरक्की होती चली जाती है उनके सभी प्रकार के प्रयास सफल होते चले जाते हैं इसलिए ऐसे लोग उतने समय तक अत्यंत प्रसन्न रह लेते हैं इसीलिए ये दूसरों को भी परेशान नहीं करना चाहते हैं इनके पास अपने विषय में अच्छा सोचने और करने के अलावा इतना समय ही नहीं होता है कि ये किसी दूसरे के विषय में बुरा सोचें और बुरा करें !इसलिए ये खुद भी अच्छे रहते हैं और चाहते हैं कि उनका परिवार भी प्रसन्न रहे!
      इसलिए जिस परिवार में जिस समय में जितने अधिक सदस्यों का शुभ समय चल रहा होता है उस परिवार में उतने समय तक सुख शांति बनी रहती है!यदि अशुभ समय वाले सदस्यों की संख्या अधिक होती है तो उस परिवार में सब कुछ उल्टा होता चला आता है ऐसे समय में कलह से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी पड़ती हैं !उससे कुछ सुधार हो जाता है !
       इसलिए किसी घर में कभी कलह न हो आपस में एक दूसरे के प्रति प्रेम प्यार बना रहे उन्हें अपने परिवार के सभी सदस्यों के आने वाले समय का हमेंशा पूर्वानुमान लगाते रहना चाहिए!इसके अलावा जिस घर में जब कलह बढ़ने लगे तो समझदारी इसी में है कि किसी से बिना कुछ कहे या लड़े भिड़े अपने परिवार के सभी सदस्यों का हमारे यहाँ से समय चेक करवावे उसके अनुसार अपने घर में शांति स्थापित करने का प्रयास करे !
    नोट- ऐसी परिस्थितियाँ पैदा होने पर पंडों पुजारियों तांत्रिकों मुल्ला मौलवियों से पूछने जाने या उनके मनगढंत उपायों जादूटोनों आदि अंधविश्वासों पाखंडों से उस परिवार में तनाव और अधिक बढ़ जाता है !इसलिए परिवार में किसी प्रकार की अशांति होने पर हमारे यहाँ से अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों के विषय में उचित पूर्वानुमान प्राप्त करें ! 

  सुखी परिवार के लिए नाम का महत्त्व -
       किसी परिवार के कुछ सदस्यों का परिवार के अन्य सदस्यों के साथ उनके नाम के पहले अक्षर का आपस में ठीक तालमेल न होने से उस परिवार में कलह होने या बढ़ने लगता है !क्योंकि किसी भी व्यक्ति के नाम के पहले अक्षर के अनुसार उस व्यक्ति का स्वभाव बनता है!चूँकि सभी अक्षर आपस में एक दूसरे के मित्र नहीं होते कुछ अक्षर एक दूसरे में मित्र होते हैं तो कुछ सम  और कुछ शत्रु होते हैं !कुछ अक्षर ऐसे भी होते हैं जो जिस अक्षर के प्रति मित्रता का भाव रखते हैं जबकि वो अक्षर उस अक्षर के प्रति मित्रता की भावना नहीं रखता है अपितु उस अक्षर को सम या शत्रु मानता है !
       ऐसी परिस्थिति में जिस घर में सदस्यों के नाम आपस में एक दूसरे के प्रति मित्र भावना वाले अधिक होते हैं !उस घर में लोग एक दूसरे के प्रति समर्पित होते हैं वहाँ कलह कम होता है बिपरीत परिस्थितियों में या गरीबत के दिनों में भी ऐसे घरों के सदस्य आपस में प्रेम पूर्वक रह लिया करते हैं !यदि परिवार के सदस्यों के नाम अक्षर एक दूसरे के मित्र न होकर अपितु शत्रु हुए तो ऐसे लोग एक दूसरे के प्रति हमेंशा बुरा सोचते बुरा करते एवं बुरा बोलते रहते हैं !
     इसलिए किसी घर में कभी कलह न हो घर के सदस्यों में आपस में एक दूसरे के प्रति प्रेम प्यार बना रहे उन्हें अपने परिवार के सभी सदस्यों के आने वाले समय का हमेंशा पूर्वानुमान लगाते रहना चाहिए !इसके अलावा जिस घर में जब कलह बढ़ने लगे तो समझदारी इसी में है कि किसी से बिना कुछ कहे या लड़े भिड़े अपने परिवार के सभी सदस्यों का नाम हमारे यहाँ से अवश्य चेक करवावें !उके अनुसार अपने घर में शांति स्थापित करने का प्रयास करे !   
 

      
       

जिस भी व्यक्ति का जब समय अच्छा होता है उस समय में ऐसे व्यक्ति की सोच विचार पसंद  निर्णय लेने की क्षमता आदि सब कुछ बहुत अच्छा हो जाता है !ऐसे समय में वह व्यक्ति जो निर्णय लेता है या जो व्यापार काम काज आदि करता है घर या जगह जमीन आदि खरीदता है जो संबंध बनाता है या मित्र चुनता है वो सब उसे अच्छे एवं सहयोग करने वाले मिल जाते हैं !ऐसे समय में विवाह करता है तो उसे जीवन साथी अच्छा मिल जाता है !ऐसे समय में अपने लोग तो उसकी बात मानते ही हैं विरोधी लोग भी उसमें बुराई खोजना कम कर देते हैं !ऐसे लोगों को कई कामों का श्रेय (क्रेडिट)बिना कुछ किए भी मिलते देखा जाता है !ऐसे लोगों के हाथ में यदि घर की मलकियत पहुँच जाती है और घर के सभी सदस्य उनका समर्थन करने लग जाते हैं!
     किसी परिवार में अधिक सदस्य जब अच्छे समय वाले होते हैं तब उस घर में सुख शांति संपन्नता स्वयं ही होने लगती है दिनों दिन विकास होता चला जाता है!प्रसन्नता का वातावरण बनने लगता है !
     यद्यपि किसी का समय हमेंशा एक जैसा नहीं रहता है !इसलिए जैसे जैसे अच्छे  समय वाले सदस्यों की संख्या घटने लगती है वैसे वैसे परिस्थितियाँ विगड़ने लगती हैं और घर के काम बिगड़ने लगते हैं निर्णय गलत होने लगते हैं कार्य व्यापार रुक जाता है अच्छे मित्र छोड़ छोड़कर जाने लग जाते हैं और बुरे लोगों का साथ दुखदायी होने लगता है !
    जिस घर में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के समय वाले सदस्य एक साथ रह रहे होते हैं उनमें बुरे समय वाले सदस्य यदि बहुमत में होते हैं तो परिणाम अच्छे नहीं निकलते हैं और अच्छे समय वाले सदस्य यदि बहुमत में होते हैं तो उस घर का वातावरण सुख शांति पूर्ण बना रहता है !
       नोट - प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव उसके समय के अनुसार बदलता रहता है उसका उसके बात व्यवहार पर भी असर  पड़ता है !एक समय उसे जो बात व्यवहार आदि पसंद होता है दूसरे समय में उसे उन्हीं परिस्थितियों में तनाव होने लगता है इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए !
 विशेष - घर के जिस सदस्य का समय अच्छा होता है वो परेशान होकर नहीं रह सकता है इसलिए ऐसे सदस्यों  की दूसरे सदस्यों से तुलना किए बिना इन्हें कुछ अतिरिक्त महत्त्व देकर भी साथ बना रखना चाहिए ताकि उनके अच्छे समय का लाभ घर के सभी सदस्यों को मिलता रहे !
    परिवार में नाम का महत्त्व -

          यदि आप कोई कंपनी या फैक्ट्री चलाते हैं या कोई अन्य उद्योग है तो आपको उसमें  कर्मचारी रखने होते हैं   उन्हें उनकी योग्यता काम या विश्वसनीयता के आधार पर सबको अलग अलग जिम्मेदारी देनी पड़ती है जिनके अनुसार उन्हें आपके प्रति  समर्पित भावना से एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होता है !यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो आपका नुक्सान होता है !
         ऐसी परिस्थिति में हमारे यहाँ से आपको सलाह मिल सकती है कि जिस नाम के व्यक्ति को जिस नाम की फर्म में आप काम के लिए रख रहे हैं वो व्यक्ति अपनी सेवाओं से उस फर्म को कितना लाभ पहुँचा पाएगा !
         दूसरी बात उस व्यक्ति के नाम के आधार पर आपको बताया जाएगा कि वो व्यक्ति आपके साथ कितनी ईमानदारी और कितनी बफादारी से जुड़कर कितने समय तक काम कर पाएगा !उसका विश्वास आपको कितना करना चाहिए !
         तीसरी बात उस व्यक्ति के स्वभाव के विषय में आपको बताया जाएगा कि वो व्यक्ति आपकी या अपने साथ काम करने वाले लोगों की किस किस प्रकार की बातों एवं व्यवहारों  को सह पाएगा और क्या नहीं सह पाएगा !         
         चौथी बात  उस व्यक्ति की रूचि किस किस प्रकार के कामों को करने की होगी जिन्हें वो आसानी से उत्साह पूर्वक अच्छे से करता जाएगा !
          पाँचवीं बात वो व्यक्ति किस नाम वाले आपने से सीनियर कर्मचारी की बात मान पाएगा और किस नाम के अपने से जूनियर कर्मचारी को अपनी बात मनवा पाएगा !
         6  वो  व्यक्ति किन किन नामों वाले कर्मचारियों के साथ ग्रुप बनाकर आपके या  आपकी फर्म के विरुद्ध कोई  षडयंत्र कर सकता है !इसे रोकने के लिए आपको अपने किस नाम के  अपने बफादार कर्मचारी को उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रखा जाना चाहिए !
          7 आपकी फर्म में आपके पति पत्नी पुत्र पुत्री भाई बहन या पार्टनर आदि कई मालिक हैं तो उनमें से किस नाम का मालिक किस नाम के कर्मचारी से कितने अच्छे ढंग से काम ले पाएगा !
         8. जिस कर्मचारी का समय जितना अधिक अच्छा होता है उसके रहने से उस फर्म को उतना अधिक लाभ होता है !
  

Monday, 11 February 2019

वायुप्रदूषण fi

 श्रीमान   जी नमस्कार
 
 महोदय

       वायुप्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है सरकार ने इसे कम करने के लिए बहुत सारे प्रयास प्रारंभ किए हुए हैं !किंतु न तो प्रदूषण में कमी लाने में सफलता मिल पाई है और न ही वायु प्रदूषण बढ़ेगा कब इसका पूर्वानुमान लगाना ही संभव हो पाया है !वस्तुतः वायुप्रदूषण हमेंशा घटता बढ़ता रहता है !बढ़े हुए प्रदूषणकाल में जब तक प्रदूषण घटाने के प्रयास प्रारंभ किए जाते हैं तब तक प्रदूषण स्वयं घट जाता है!फिर जब बढ़ जाता है तब प्रयास प्रारंभ होते हैं हमेंशा यही क्रम चला करता है!ऐसी परिस्थिति में वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाए बिना वायुप्रदूषण को नियंत्रित कर पाना कठिन ही नहीं अपितु असंभव भी है !
       श्रीमान जी ! मैं पिछले लगभग तीस वर्षों से वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाने के विषय पर अनुसंधान करता आ रहा हूँ अब मैं एक महीना पहले ही ये बता सकता हूँ कि आनेवाले महीने में किस तारीख से प्रदूषण बढ़ेगा !किस तारीख़ तक बढ़ा रहेगा और किस तारीख़ से वायु प्रदूषण घटना शुरू हो जाएगा !
     हमने सरकार को कई बार सूचित किया जिसका मुझे कोई जवाब तक नहीं मिला है !
      सरकार वायुप्रदूषण से संबंधित पूर्वानुमान यदि हमसे लेना चाहे तो हम सशुल्क उपलब्ध करा सकते हैं !
                                                                                                                       डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
                                                                                                                    9811226973 ,9811226983



Tuesday, 5 February 2019

विषय :वायुप्रदूषण से संबंधित पूर्वानुमान के विषय में !

माननीय श्रीमान जितेंद्र जी
                   (सलाहकारपर्यावरण, नीतिआयोग) 

विषय :वायुप्रदूषण से संबंधित पूर्वानुमान के विषय में !

         महोदय,

      मैं वायुप्रदूषण घटने बढ़ने के पूर्वानुमान के लिए लगभग 20 वर्षों से अनुसंधान करता आ रहा हूँ !हमारे द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान लगभग 80 प्रतिशत तक सही सिद्ध हो रहे हैं !इस प्रक्रिया से वायुप्रदूषण प्रारंभ होने के कुछ सप्ताह पहले ही इस बात का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है कि वायु प्रदूषण कब बढ़ेगा और कितने दिन के लिए बढ़ेगा !
     हमारे द्वारा ये सरकार के कुछ मंत्रालयों में भेजे जाते रहे हैं जो बाद में सही एवं सटीक सिद्ध हुए हैं !ईमेल पर भेजे गए वे पत्र हमारे पास प्रमाण हैं एवं वायुप्रदूषण से संबंधित अखवारों में छपने वाले समाचार पत्रों की कटिंग हमारे पास है ! इसका परीक्षण अभी और आगे भी किया जा सकता है !
          इसी अनुसंधान को और आगे बढ़ने के लिए मुझे धन एवं संसाधनों की और अधिक आवश्यकता है जिसमें मुझे सरकार से मदद चाहिए !
        महोदय !इसी विषय में आपसे मिलने के लिए मुझे समय चाहिए कृपया समय देने का कष्ट करें !



आप अपनी संतुष्टि के आधार पर कर सकते हैं !यदि हमारी


एवं इसके बढ़ने के निश्चित कारणों को खोजने में भी मुझे सफलता मिली है !इनकी एक और विशेषता यह है कि वायुप्रदूषण घटने या बढ़ने से संबंधित पूर्वानुमान महीनों पहले  लगाया जा सकता है !इससे सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के लिए पर्याप्त समय मिल पाता है !
    इसमें सिद्धांतगणित के अनुशार बदलती खगोल परिस्थितियों के बनस्पतियों पर पड़ने वाले प्रभाव एवं उससे होने वाले वायु मंडल में बदलावों का अध्ययन अनुसंधान आदि करना होता है !
    श्रीमान जी !इस वर्ष अक्टूबर के महीने से लेकर अभी तक के पूर्वानुमान मैंने प्रधानमंत्री जी की एवं कुछ मुख्यमंत्रियों की ईमेल पर भी भेजे हैं जो प्रत्येक महीने के प्रारंभ होने से पूर्व ही मैं भेज देता रहा  हूँ वो हमारे पास प्रमाण हैं !इसके बाद हमारे द्वारा किए जाने वाले पूर्वानुमानों की सच्चाई का निर्णय मैं अखवारों में प्रकाशित वायु प्रदूषण से संबंधित समाचारों के आधार पर करता रहा हूँ उसकी कटिंग हमारे पास है !
       इसके अलावा और जिस भी माध्यम से हमारे द्वारा किए जाने वाले पूर्वानुमानों का परीक्षण करना उचित लगे उस प्रकार से कर लिया जाए !यदि वायु प्रदूषण से संबंधित हमारे पूर्वानुमान सही सिद्ध हों तो इस अनुसंधान को और आगे बढ़ाने में हमारी मदद की जाए !
     महोदय ! इसी संदर्भ में मैं आपसे मिलने का समय चाहता हूँ कृपा करके समय देने का कष्ट करें !
 महोदय !आपको सादर नमस्कार !

      कृपया पीडीऍफ़ देखने का कष्ट करें -

Saturday, 2 February 2019

पालघर


11 और 24 नवंबर एवं 2, 5 ,6, 8 व 10 दिसंबर को भूकंप के





  •                        11 नवंबर को मूल - जल 
  •                        24 नवंबर को मृगशिरा -वायु 
  •                        2 दिसंबर को हस्त -  वायु 
    •              5  दिसंबर को  विशाखा -अग्नि                        
                    6  दिसंबर को अनुराधा -इंद्र 
  •                         8 दिसंबर को ज्येष्ठा 4 - इंद्र 
  •                        10 दिसंबर को    उषा  -  इंद्र 
  • 1 महीना बाद     20 -1 -2019 पुनर्वसु - वायु
  •                        २ फरवरी पूफा  1      -अग्नि