Monday, 28 January 2019

पूर्वानुमान

                पूर्वानुमान लगाने के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल !      
                                        मैथ से मौसम का पूर्वानुमान -
                         Forecasting All Subjects  - Nature And Life 
         मौसम के संबंध में पूर्वानुमान  की परिकल्पना है तो जीवन के संबंध में क्यों नहीं ?जीवन क्या मौसम से कम मूल्यवान है !जब जीवन ही नहीं रहेगा तब मौसम कैसा भी हो उससे क्या लेना देना !इसलिए मौसम के साथ साथ जीवन से संबंधित संभावित प्रत्येक घटना का भी पूर्वानुमान खोजा जाना चाहिए ये मनुष्य का अधिकार है ताकि वो जीवन से संबंधित किसी भी क्षेत्र में संभावनाओं का लाभ जितना अधिक से अधिक ले सकता हो उसमें कोई कोर कसर छूटे नहीं !कोई व्यक्ति अपनी शिक्षा गुणों आदि का उपयोग करते हुए उसका पूर्ण लाभ ले सके !इसलिए पूर्वानुमान जीवन के क्षेत्र में भी परम आवश्यक हैं !
     वर्षा-बाढ़,आँधी-तूफान आदि कब होगा हमारे लिए जितना जरूरी यह जानना है उससे कम जरूरी नहीं हैं हमारे लिए जीवन से संबंधित घटनाओं के पूर्वानुमान !जीवन के जिस क्षेत्र में जो जैसा जितना कुछ पाने की चाह में प्रयास कर रहा होता है निरंतर प्रयासों के बाद भी वो उसमें से क्या कितना हासिल कर पाएगा नहीं कर पाएगा !या सारा जीवन उसी में घुट घुट कर उसे मरना होगा !ऐसी परिस्थिति उसके सामने इसीलिए घटित होती है क्योंकि उसे जीवन से संबंधित पूर्वानुमान पता नहीं होते हैं चाहे अनचाहे उनके जीवन में ऐसी अप्रिय घटनाएँ घटित होती चली जाती हैं उसके पास सहने के अलावा और कोई दूसरे विकल्प नहीं होते हैं !
       पूर्वानुमान शब्द से हम सभी परिचित हैं किसी भी घटना के घटित होने से पहले ही यदि उस घटना के विषय में पूर्वानुमान लगाकर भविष्यवाणी कर दी जाए और वो सच निकल जाए तो ये उसका सटीक पूर्वानुमान है! पूर्वानुमान लग जाने से अच्छी घटनाओं का लाभ लेने के अधिक से अधिक प्रयास कर लिए जाते हैं जिससे लाभ की मात्रा प्रयास पूर्वक बढ़ा ली जाती है ठीक इसी प्रकार से हानिकर संभावना वाले प्रकरणों में अपने बचाव के लिए अधिक से अधिक प्रयास कर लिए जाते हैं!जिनमें कुछ प्रतिशत तक बचाव हो भी जाता है !कोई घटना घटने से रोकी तो नहीं जा सकती है किंतु उससे बचाव का प्रयास अवश्य कर लिया जाता है !इसप्रकार से पूर्वानुमानों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है इसीलिए हमारे लिए ये बहुत आवश्यक भी हैं !
     सूखा-वर्षा-बाढ़,आँधी-तूफान आदि घटनाएँ मानव जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं ऐसी घटनाओं से  काफी नफा नुकसान होते देखा जाता है !इसलिए मनुष्य स्वभाव से ही हानि की आशंका से हमेंशा आशंकित रहता है और लाभ के प्रति हमेंशा आशान्वित रहता है!इसलिए उसे किसी भी विषय से संबंधित पूर्वानुमान जानने की जिज्ञासा हमेंशा बनी रहती है !  
  मनुष्य की  प्रकृति से संबंधित चिंताएँ -
    कब सूखा पड़ेगा ?कब पानी बरसेगा या बाढ़ आएगी ? कब आँधी तूफान आएगा ? इस प्रकार की प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान जानना हमारे लिए महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि ऐसी प्राकृतिक घटनाएँ हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं !
    हमारे लिए जितना जरूरी प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान विषय में यह सब जानना है उससे कम जरूरी  जीवन से संबंधित चिंताएँ भी नहीं हैं उनके विषय में भी पूर्वानुमान लगाना हमारे लिए बहुत आवश्यक है !
                   जीवन से संबंधित चिंताएँ 
      ये ऐसी चिंताएँ हैं जिससे प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी रूप में जूझना पड़ता है !ऐसी आशंकाओं से अधिकाँश लोग पीड़ित हैं उन्हें लगता है कि उनकी बातों के विषय में भी उन्हें पूर्वानुमान उपलब्ध कराया जाए !उनकी यही पूर्वानुमान जानने की व्याकुलता उन्हें बेचैन किए रहती है!किंतु जीवन से संबंधित क्षेत्र में पूर्वानुमान लगाने की कोई उचित व्यवस्था न होने के कारण हैरान परेशान लोग बाबाओं,तांत्रिकों एवं मुल्ला मौलवियों के द्वारा फैलाए जा रहे अंधविश्वास में फँसा लिए जाते हैं !
        यदि मौसम से संबंधित पूर्वानुमान आवश्यक है तो जीवन से संबंधित पूर्वानुमान जानना आवश्यक क्यों नहीं है !
       - स्त्री पुरुषों के मन में अक्सर कौंधते रहने वाले सवाल-
  • हमारा स्वास्थ्य कब तक ठीक रहेगा ?
  • हमें जो रोग है वह कब ठीक होगा ?
इसी प्रकार से -  
  • हमारा मानसिक स्वास्थ्य कब तक ठीक रहेगा ?
  • हमें जो तनाव है वह कब ठीक होगा ?
इसी प्रकार से -  
  • हमारी शिक्षा कैसी रहेगी ?
  • शिक्षा के लिए कौन कौन वर्ष अच्छे या बुरे होंगे ?
  • हमारे लिए किस वर्ष में किस विषय को पढ़ना ठीक रहेगा ?
  • किस विषय को पढ़कर हमें आजीविका प्राप्त हो सकती है ?
इसी प्रकार से -   
  • हमारा विवाह कब होगा ?
  • हमारा विवाह यदि इस लड़की या लड़के के साथ होगा तो कब तक शांति पूर्ण निर्वाह होगा ?तनाव किस किस वर्ष होगा और कितने समय के लिए होगा ?किस पक्ष से होगा ?
  • हमारी पत्नी या पति हमारे साथ जो कलह करते हैं वो कब तक चलेगा ?
 इसी प्रकार से -
  • इस लड़के और इस लड़की का विवाह कर दिया जाए तो इन्हें संतान होने की संभावना किस वर्ष होगी ?
  • संतान पाने के लिए ये पति पत्नी जो चिकित्सा ले रहे हैं उससे लाभ कब तक होगा ?
इसी प्रकार से - 
  •  हमें व्यापार में लाभ होगा या नौकरी में ?
  • हमें जीवन के किस वर्ष में व्यापार से लाभ होगा ?
  •  जो काम हम करना चाह रहे हैं या कर रहे हैं क्या उससे लाभ होगा ?
  • जिस साझेदार के साथ हम काम कर रहे हैं या करना चाह रहे हैं क्या उसके साथ लाभ होगा ?
  • नौकरी में सीनियर से परेशानी कब तक चलेगी ?
     इसी प्रकार से -  
  • यह घर हमारे लिए सुख शांतिप्रद रहेगा क्या ?
  • जिस घर में हम रह रहे हैं वहाँ स्वास्थ्य एवं सुख शांति का वातावरण कब बनेगा ? 
 इसी प्रकार से -   
  •   हम जिस परिवार ,संस्था,संगठन,कंपनी आदि में जिन जिन लोगों के साथ रह रहे हैं उनमें से किस स्त्री या पुरुष सदस्य के साथ संबंध अच्छे रखने के लिए कैसा वर्ताव करना होगा ?जिसके जिससे साथ संबंध बिगड़ चुके हैं उन्हें सुधारने के लिए किसे किस प्रकार का कितना सुधार करना होगा ?  
 इसी प्रकार से -    
  •  हम राजनैतिक क्षेत्र में सफल हो सकेंगे क्या ?
  • हमें राजनीति में किस वर्ष में सफलता मिलेगी ?
  • हमें किस नाम के राजनैतिक दल में सफलता मिल सकती है ?
  • किस नेता का मन जीतने के लिए उसके साथ हमें कैसा व्यवहार करना ठीक रहेगा ?
  • राजनीति में हमारे चारों ओर जितने भी लोग हैं उनमें से किस पर किस विषय में कितना विश्वास करना चाहिए ?
        इस प्रकार की और भी बहुत सारी दुविधाएँ जीवन में आती हैं जिस जगह व्यक्ति को ये समझ में नहीं आता है कि वो इधर जाए या उधर !कई बार तो उसे एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई दिखाई पड़ती है ऐसी दुविधापूर्ण परिस्थिति में उसे ये समझ में नहीं आता है कि वो कौन सा रास्ता चुने !किधर जाए किधर न जाए ! ऐसे समय में बढ़ते तनाव को रोकने के लिए एक ही विकल्प होता है कि वो संभावित मार्गों का पूर्वानुमान पता लगाए और जिधर अधिक सुरक्षित और सुविधापूर्ण आशा दिखाई पड़े वो उधर ही जाए !
                              Forecasting All Subjects  - Nature And Life    
                    
       आधुनिक मौसम विज्ञान के क्षेत्र में पूर्वानुमान के लिए कोई उपयुक्त विधा है ही नहीं इसीलिए वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि के विषय में उनके द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान प्रायः गलत ही होते हैं !क्योंकि उनके पास इसके लिए कोई उचित आधार नहीं है !यही कारण है कि जब वो लोग मौसम से संबंधित पूर्वानुमान ही सही  बता पाने में अभी तक असमर्थ हैं तो वो जीवन से संबंधित पूर्वानुमान लगाने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके !वैसे भी प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान वे कितने भी झूठ बताया करते हैं लोग उतना ध्यान नहीं देते हैं !लंबे समय तक पूर्वानुमान लगातार गलत निकलते रहने के कारण किसानों का भारी नुक्सान होता रहा किसान आत्महत्या करते चले जा रहे थे !इसलिए अब अधिकाँश लोगों ने मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर ध्यान देना ही छोड़ दिया है !किंतु इतना बढ़ा झूठ यदि मौसम वैज्ञानिक किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन के संबंध में बोलेंगे तो वो कैसे सह पाएगा फिर इन्हें जवाब देना मुश्किल हो जाएगा इसलिए उन बेचारों ने पहले से ही हाथ खड़े कर रखे हैं कि जीवन के विषय में वे भविष्यवाणियाँ कर ही नहीं सकते हैं !
     अब बात Forecasting All Subjects  - Nature And Life  की करें तो हमारे यहाँ   प्रकृति से लेकर जीवन तक से संबंधित प्रत्येक क्षेत्र का पूर्वानुमान लगाया जाता है जो लगभग 70 प्रतिशत सही घटित होता ही है अधिक भी हो सकता है किंतु कम नहीं !वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान वायुप्रदूषण आदि का पूर्वानुमान सफलता पूर्वक लगा लिया जाता है !भूकंप की पहेली सुलझाने में भी एक सीमा तक सफलता मिली है संभव है कुछ वर्षों में भूकंपों  के पूर्वानुमान के विषय में भी कोई बड़ा रहस्य उद्घाटित हो !ऐसी आशा की जानी चाहिए !
       इसी प्रकार से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से संबंधित पूर्वानुमान लगाने में भी हमें सफलता मिली है !जिससे बहुत लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं !अपनी सभी प्रकार की शंकाओं का समाधान ले रहे हैं !
         समयविज्ञान के आधार पर मैथ के माध्यम से हम सूर्य चंद्र के विषय में गंभीर अनुसंधान कर रहे हैं !सूर्य चंद्र का प्रभाव जितना प्रकृति पर पड़ता है उतना ही जीवन पर पड़ता है इस विधा से किए जाने वाले पूर्वानुमान प्रकृति से लेकर जीवन तक सही एवं सटीक घटित होते हैं !

       
 
    प्रकृति की तरह ही जीवन से संबंधित पूर्वानुमान भी लगाए जाने चाहिए जिससे मनुष्य शरीर ,मन,संबंधों एवं बनती बिगड़ती रहने वाली परिस्थितियों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है !जिसके विषय में आधुनिक विज्ञानं के क्षेत्र में अभी तक कोई अनुसंधान किया जा रहा हो ऐसा मुझे नहीं लगता है !जबकि प्राचीन विज्ञान में जीवन से संबंधित पूर्वानुमान लगाने की पद्धतियाँ हैं !


          'मौसम' शब्द से  हमसभी केवल प्राकृतिक वातावरण के रूप में ही परिचित रहे हैं!सूखा वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि प्राकृतिक घटनाएँ ही मौसम के अंतर्गत जानी जाती रही हैं !प्रकृति जब अस्वस्थ होती है तब इस प्रकार की प्राकृतिक घटनाएँ घटित होती हैं !इस प्रकार से सूखा वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि ये सभी प्रकृति में होने वाले बदलाव हैं जो समय के साथ साथ होते जाते हैं जैसे जैसे समय बदलते जाता है वैसे वैसे सब कुछ बदलता जाता है !उसी बदलाव में सूखा वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि प्राकृतिक घटनाएँ घटती चली जाती हैं !प्रकृति में इस प्रकार के होने वाले परिवर्तनों के पीछे समय होता है !भविष्य में जब जैसा समय आएगा तब तैसी घटनाएँ घटित होती चली जाएँगी किंतु कब कैसा समय आएगा इसका पूर्वानुमान समयगणित से ही गणना कर के लगाया जा सकता है !
        इस संसार में जो जो कुछ दिखाई पड़ता है वो सब समय के अधीन है समय जैसे जैसे बदलता जाता है वैसे वैसे सब कुछ बदलता है !शरीर बदलता है स्वरूप बदलता है स्वास्थ्य बदलता है स्वभाव बदलता है संबंध बदलते हैं परिस्थितियाँ धन संपत्ति बदलती है पद प्रतिष्ठा बदलती है !ये सभी परवर्तन समय के साथ साथ होते देखे जाते हैं !

    जिस प्रकार से प्रकृति रोगी होती हैं उसी प्रकार से शरीर मन स्वभाव संबंध परिवार व्यापार आदि सब कुछ रोगी होता जाता है 
 इसीप्रकार से शरीर में भी रोग होते हैं शरीर स्वस्थ रहते रहते अचानक अस्वस्थ होने लगता है !पेट रोग ज्वर रोग आदि कुछ भी होते देखा जाता है !
      ऐसे ही मन में रोग होते हैं स्वस्थ और प्रसन्न मन अचानक चिंता तनाव भय ग्रस्त रहने लगता है!इससे तरह तरह के मानसिक रोग होते देखे जाते हैं !
       ऐसे ही संबंधों को रोगी होते देखा जाता है कुछ संबंध हैं जो अच्छे भले चल रहे होते हैं अचानक उनमें बिगाड़ आने लगता है!
     ऐसे ही परिस्थितियों को रोगी होते देखा जाता है अपने चारों ओर की परिस्थितियाँ अचानक रोगी होने लगती हैं !सभी लोग अचानक रूठने लग जाते हैं सभी काम अचानक बिगड़ने लग जाते हैं व्यापार चौपट होने लगता है बहुत लोग अचानक घृणा करने लगते हैं बिना किसी गलती के केस मुकदमों आदि का सामना करना पड़ जाता है !समाज में अकारण अपमानित होना पड़ता है !
    कुछ मकान रोगी हो जाते हैं उस समय वहाँ रहने वालों का मन नहीं लगने लगता है घर में लोग रोगी होने लग जाते हैं संतान होने में बाधा होती है !घर का धन नष्ट होने लगता है अच्छे तरीके और अच्छी लागत से बना हुआ भोजन भी स्वादहीन होने लगता है! घर की शोभा बिगड़ने लग जाती है घर को सजाने सँवारने सुंदर बनाने आदि श्रृंगार के सारे प्रयास असफल होने लगते हैं घर से प्रकाश समाप्त होने लगता है घर का कुछ भाग टूटने लगता है !आपसी कलह बढ़ जाता है  आग लग जाती है!घर में रखी हुई खाने पीने की चीजें अनुमान से कम दिन चल पाती हैं!घर में लाया गया धन अति शीघ्र समाप्त हो जाता है !सोते समय अच्छी नींद नहीं आती है!कोई परछाईं दिखाई पड़ती है कुछ अज्ञात आवाजें सुनाई  पड़ती हैं किसी के हँसने या रोने का स्वर सुनाई पड़ता है कुछ चीजें इधर उधर फैली या बिखरी मिलती हैं !जलाए हुए दीपक अतिशीघ्र बुझ जाते हैं अच्छे से अच्छा बल्व लगाने से भी उतना प्रकाश नहीं हो पता है जितना होना चाहिए पेंट पोताई कराने पर अतिशीघ्र पुराना लगने लगता है !
     कुछ संस्थाएँ सरकारें राजनैतिकदल गैर राजनैतिक संगठन कंपनियाँ उद्योग आदि अचानक रोगी होने लगते हैं और वो अकारण बर्बाद होने लगते हैं !लोगों में आपसीविवाद होने लगते हैं !
      ऐसे और भी बहुत सारे विषय हैं जो अकारण बनने या बिगड़ने लग जाते हैं !इनका बनना और विगड़ना भी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है !इसलिए प्राचीन भारत में ऐसे सभी विषयों में पूर्वानुमान लगाकर इस बात को जाना जाता है कि निकट भविष्य में हमें किस किस प्रकार की घटनाओं का सामना करना पड़  सकता है उससे बचाव या सावधानी के लिए हमें क्या क्या करना चाहिए !
     वर्तमान समय में हम इसप्रकार की परंपरा धीर धीरे लुप्त होती जा रही है जिससे तरह तरह की समस्याएँ असहन शीलता उन्माद रोग तनाव अपराध आदि बढ़ते चले जा रहे हैं ! जिससे समाधान के  लिए वही प्राचीन विद्या ही मैंने  अत्यंत अनुसंधान पूर्वक इस सेवा को प्रारंभ किया है !जिससे बहुत लोग लाभान्वित हो रहे हैं !                                                                                                                                                                                 आधुनिक विज्ञान के द्वारा केवल मौसम पूर्वानुमान ही लगाने का दावा किया जाता है ये अलग बात है कि उसमें से अधिकाँश पूर्वानुमान गलत निकल जाते हैं !फिर भी जितने प्रतिशत सही निकल पते हैं उनका लाभ तो समाज को मिलता ही है !                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                               


हो सकती हैं हमारे
            
     


    ऐसे ही मन में रोग होते हैं    

 प्रकार से शरीर जब अस्वस्थ होता है

' प्रकृति और जीवन में समय की भूमिका ' से संबंधित अनुसंधान में सहयोग हेतु !

    महोदय
      हमारे रिसर्च का उद्देश्य "प्रकृति और 'जीवन' में समय की भूमिका का पता लगाना है! प्रकृति में सभी प्रकार की घटनाएँ घटित होने का समय निश्चित है सूर्य चंद्र उदित कब होंगे अस्त कब होंगे !ग्रहण किस अमावस्या पूर्णिमा में पड़ेगा किसमें नहीं ,समुद्र में ज्वार भांटा कब कब होगा ,सर्दी कब आएगी गर्मी कब होगी वर्षा कब होगी आदि घटनाओं के घटित होने का समय निश्चित है ये सब अपने अपने समय पर घटित हो रही हैं !प्राचीन काल में गणित विद्या से अनुसंधान पूर्वक इन घटनाओं के पूर्वानुमान की विधि खोजी जा सकी थी !जिसके द्वारा सुदूर आकाश में स्थित सूर्य चंद्र ग्रहणों का पूर्वानुमान लगा पाना भी संभव हो पाया था !
     इससे ये  सिद्ध होता है कि प्रकृति और जीवन की अधिकाँश घटनाएँ अपने अपने समय सिद्धांत के अनुसार घटित होती हैं !सर्दी गर्मी वर्षा आदि किस वर्ष कम होगी किस वर्ष अधिक होगी ! सूखा कब पड़ेगा, आँधी तूफ़ान कब होगा ,बाढ़ कब आएगी ,वायुप्रदूषण कब बढ़ेगा ,भूकंप कब आएँगे ,आग लगने की घटनाएँ कब अधिक घटित होंगी, समाज में उन्माद कब फैलेगा !किन किन देशों या व्यक्तियों में आपसी संबंध कब बनेंगे कब बिगड़ेंगे !किस समय किस प्रकार के रोग फैलेंगे ? कौन कब रोगी होगा कब स्वस्थ होगा !किसे कब मानसिक तनाव होगा कब नहीं होगा आदि और भी बहुत सारी प्रकृति एवं जीवन से संबंधित घटनाएँ हैं वो समय सिद्धांत के अनुसार अपने अपने पूर्व निर्धारित निश्चित समय से  घटित होती हैं किंतु इनके पूर्वानुमान की कोई विधा न होने के कारण ऐसी सभी घटनाओं के पूर्वानुमान की विधि अभी तक नहीं खोजी जा सकी है!इसीलिए मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा किए जाने वाले मौसमसंबंधी सभी पूर्वानुमान प्रायः ढुलमुल होते हैं !
     इसीलिए मैं लगभग पिछले तीस वर्षों से वेदविज्ञान की उसी प्राचीनविधा से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ जिसमें अत्यंत उत्साह वर्धक परिणाम प्राप्त हुए हैं मुझे विश्वास है कि इस विधा से प्रकृति और जीवन से सम्बंधित  अनेकों विषयों के सटीक पूर्वानुमान लगाए जा सकेंगे साथ ही उन घटनाओं के घटित होने के कारणों पर भी अध्ययन करना आसान होगा !

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