आदरणीय आडवाणी जी
आपको सादर नमस्कार !
विषय - ' प्रकृति और जीवन में समय की भूमिका ' से संबंधित अनुसंधान में सहयोग हेतु !
महोदय
हमारे रिसर्च का उद्देश्य "प्रकृति और 'जीवन' में समय की भूमिका का पता लगाना है! प्रकृति में सभी प्रकार की घटनाएँ घटित होने का समय निश्चित है सूर्य चंद्र उदित कब होंगे अस्त कब होंगे !ग्रहण किस अमावस्या पूर्णिमा में पड़ेगा किसमें नहीं ,समुद्र में ज्वार भांटा कब कब होगा ,सर्दी कब आएगी गर्मी कब होगी वर्षा कब होगी आदि घटनाओं के घटित होने का समय निश्चित है ये सब अपने अपने समय पर घटित हो रही हैं !प्राचीन काल में गणित विद्या से अनुसंधान पूर्वक इन घटनाओं के पूर्वानुमान की विधि खोजी जा सकी थी !जिसके द्वारा सुदूर आकाश में स्थित सूर्य चंद्र ग्रहणों का पूर्वानुमान लगा पाना भी संभव हो पाया था !
इससे ये सिद्ध होता है कि प्रकृति और जीवन की अधिकाँश घटनाएँ अपने अपने समय सिद्धांत के अनुसार घटित होती हैं !सर्दी गर्मी वर्षा आदि किस वर्ष कम होगी किस वर्ष अधिक होगी ! सूखा कब पड़ेगा, आँधी तूफ़ान कब होगा ,बाढ़ कब आएगी ,वायुप्रदूषण कब बढ़ेगा ,भूकंप कब आएँगे ,आग लगने की घटनाएँ कब अधिक घटित होंगी, समाज में उन्माद कब फैलेगा !किन किन देशों या व्यक्तियों में आपसी संबंध कब बनेंगे कब बिगड़ेंगे !किस समय किस प्रकार के रोग फैलेंगे ? कौन कब रोगी होगा कब स्वस्थ होगा !किसे कब मानसिक तनाव होगा कब नहीं होगा आदि और भी बहुत सारी प्रकृति एवं जीवन से संबंधित घटनाएँ हैं वो समय सिद्धांत के अनुसार अपने अपने पूर्व निर्धारित निश्चित समय से घटित होती हैं किंतु इनके पूर्वानुमान की कोई विधा न होने के कारण ऐसी सभी घटनाओं के पूर्वानुमान की विधि अभी तक नहीं खोजी जा सकी है!इसीलिए मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा किए जाने वाले मौसमसंबंधी सभी पूर्वानुमान प्रायः ढुलमुल होते हैं !
इसीलिए मैं लगभग पिछले तीस वर्षों से वेदविज्ञान की उसी प्राचीनविधा से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ जिसमें अत्यंत उत्साह वर्धक परिणाम प्राप्त हुए हैं मुझे विश्वास है कि इस विधा से प्रकृति और जीवन से सम्बंधित अनेकों विषयों के सटीक पूर्वानुमान लगाए जा सकेंगे साथ ही उन घटनाओं के घटित होने के कारणों पर भी अध्ययन करना आसान होगा !
इस अनुसंधान को और अधिक विस्तार दिया जाना चाहिए जिसके लिए मुझे और अधिक धन एवं संसाधनों की आवश्यकता है!अतएव मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मेरे इस अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाने में मेरी मदद करें !
होंगी सबका समय निश्चित होता है और सभी घटनाएँ अपने अपने समय से घटित होती चली जा रही हैं !
पुराने समय में ऐसे विषयों पर अनुसंधान हुए जिससे प्रकृति संबंधी कई बड़े रहस्यों को खोलने में सफलता भी मिली !किस दिन सूर्य चंद्र कितने समय पर उदित होंगे कब अस्त होंगे, किस अमावस्या या पूर्णिमा को ग्रहण पड़ेगा कब नहीं पड़ेगा सर्दी गर्मी वर्षा आदि ऋतुओं का क्रम क्या होगा ,आदि बातों का गणित के द्वारा सटीक पूर्वानुमान लगाने में सफलता उसी युग में मिल गई थी !इससे ये सिद्ध होता है कि संसार की सभी घटनाएँ समय से संबंधित हैं किन्हीं कारणों से जिनका पूर्वानुमान लगाने का उस युग में प्रयास नहीं किया जा सका उन विषयों में आज तक पूर्वानुमान लगा पाना संभव नहीं हो सका है !
विश्व के आधुनिक मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा सटीक मौसमपूर्वानुमान लगाने में अभी तक सफलता हासिल नहीं की जा सकी है !इसीलिए उनके मौसम पूर्वानुमान जब जब गलत हो जाते हैं तब तब उन्हें ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन जैसी झूठी कहानियाँ गढ़नी पड़ती हैं जबकि प्राचीन वेद विज्ञान के आधार पर आज भी काफी पहले मौसम पूर्वानुमान लगा लिया जाता है !
इसी प्राचीन वेदविद्या के आधार पर मैं लगभग पिछले तीस वर्षों से प्रकृति और जीवन से संबंधित अनेकों विषयों पर अनुसंधान करता चला रहा हूँ जिसके परिणाम अत्यंत उत्साह बर्धक एवं सटीक सिद्ध हुए हैं !जिन्हें मैं आज भी कहीं किसी के सामने प्रस्तुत करने को तैयार हूँ जो झुठलाए नहीं जा सकते !इसी अनुसन्धान को और अधिक विस्तार देने के लिए मुझे धन एवं संसाधनों की आवश्यकता है !
मेरी आपसे अपेक्षा है कि आप इस अनुसन्धान कार्य को और अधिक विस्तार देने के लिए हमारी मदद करें !
सरकार केवल आधुनिक विज्ञानं को ही विज्ञानं मानती है
वर्षा बाढ़ आँधीतूफान भूकंप बर्फवारी यहाँ तक कि जैसी प्राकृतिक घटनाएँ भी एक ही समय में कई देशों शहरों में घटित होते देखी जाती हैं!
इसी प्रकार से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों प्रकार की होती हैं सामूहिक बीमारियों में बहुत सारे लोग एक ही समय में एक जैसे रोग से पीड़ित हो जाते हैं ऐसे रोगियों पर एक निश्चित समय तक चिकित्सा का असर नहीं होता है !व्यक्तिगत रोग पर यदि चिकित्सा का असर न हो रहा हो तो ऐसे रोग समय से होते हैं और समय से ही जाते हैं !
इससे ये सिद्ध होता है कि प्रकृति और जीवन की अधिकाँश घटनाएँ अपने अपने समय सिद्धांत के अनुसार घटित होती हैं !सर्दी गर्मी वर्षा आदि किस वर्ष कम होगी किस वर्ष अधिक होगी ! सूखा कब पड़ेगा, आँधी तूफ़ान कब होगा ,बाढ़ कब आएगी ,वायुप्रदूषण कब बढ़ेगा ,भूकंप कब आएँगे ,आग लगने की घटनाएँ कब अधिक घटित होंगी, समाज में उन्माद कब फैलेगा !किन किन देशों या व्यक्तियों में आपसी संबंध कब बनेंगे कब बिगड़ेंगे !किस समय किस प्रकार के रोग फैलेंगे ? कौन कब रोगी होगा कब स्वस्थ होगा !किसे कब मानसिक तनाव होगा कब नहीं होगा आदि और भी बहुत सारी प्रकृति एवं जीवन से संबंधित घटनाएँ हैं वो समय सिद्धांत के अनुसार अपने अपने पूर्व निर्धारित निश्चित समय से घटित होती हैं किंतु इनके पूर्वानुमान की कोई विधा न होने के कारण ऐसी सभी घटनाओं के पूर्वानुमान की विधि अभी तक नहीं खोजी जा सकी है!इसीलिए मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा किए जाने वाले मौसमसंबंधी सभी पूर्वानुमान प्रायः ढुलमुल होते हैं !
इसीलिए मैं लगभग पिछले तीस वर्षों से वेदविज्ञान की उसी प्राचीनविधा से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ जिसमें अत्यंत उत्साह वर्धक परिणाम प्राप्त हुए हैं मुझे विश्वास है कि इस विधा से प्रकृति और जीवन से सम्बंधित अनेकों विषयों के सटीक पूर्वानुमान लगाए जा सकेंगे साथ ही उन घटनाओं के घटित होने के कारणों पर भी अध्ययन करना आसान होगा !
इस अनुसंधान को और अधिक विस्तार दिया जाना चाहिए जिसके लिए मुझे और अधिक धन एवं संसाधनों की आवश्यकता है!अतएव मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मेरे इस अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाने में मेरी मदद करें !
होंगी सबका समय निश्चित होता है और सभी घटनाएँ अपने अपने समय से घटित होती चली जा रही हैं !
पुराने समय में ऐसे विषयों पर अनुसंधान हुए जिससे प्रकृति संबंधी कई बड़े रहस्यों को खोलने में सफलता भी मिली !किस दिन सूर्य चंद्र कितने समय पर उदित होंगे कब अस्त होंगे, किस अमावस्या या पूर्णिमा को ग्रहण पड़ेगा कब नहीं पड़ेगा सर्दी गर्मी वर्षा आदि ऋतुओं का क्रम क्या होगा ,आदि बातों का गणित के द्वारा सटीक पूर्वानुमान लगाने में सफलता उसी युग में मिल गई थी !इससे ये सिद्ध होता है कि संसार की सभी घटनाएँ समय से संबंधित हैं किन्हीं कारणों से जिनका पूर्वानुमान लगाने का उस युग में प्रयास नहीं किया जा सका उन विषयों में आज तक पूर्वानुमान लगा पाना संभव नहीं हो सका है !
विश्व के आधुनिक मौसम वैज्ञानिकों के द्वारा सटीक मौसमपूर्वानुमान लगाने में अभी तक सफलता हासिल नहीं की जा सकी है !इसीलिए उनके मौसम पूर्वानुमान जब जब गलत हो जाते हैं तब तब उन्हें ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन जैसी झूठी कहानियाँ गढ़नी पड़ती हैं जबकि प्राचीन वेद विज्ञान के आधार पर आज भी काफी पहले मौसम पूर्वानुमान लगा लिया जाता है !
इसी प्राचीन वेदविद्या के आधार पर मैं लगभग पिछले तीस वर्षों से प्रकृति और जीवन से संबंधित अनेकों विषयों पर अनुसंधान करता चला रहा हूँ जिसके परिणाम अत्यंत उत्साह बर्धक एवं सटीक सिद्ध हुए हैं !जिन्हें मैं आज भी कहीं किसी के सामने प्रस्तुत करने को तैयार हूँ जो झुठलाए नहीं जा सकते !इसी अनुसन्धान को और अधिक विस्तार देने के लिए मुझे धन एवं संसाधनों की आवश्यकता है !
मेरी आपसे अपेक्षा है कि आप इस अनुसन्धान कार्य को और अधिक विस्तार देने के लिए हमारी मदद करें !
सरकार केवल आधुनिक विज्ञानं को ही विज्ञानं मानती है
वर्षा बाढ़ आँधीतूफान भूकंप बर्फवारी यहाँ तक कि जैसी प्राकृतिक घटनाएँ भी एक ही समय में कई देशों शहरों में घटित होते देखी जाती हैं!
इसी प्रकार से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों प्रकार की होती हैं सामूहिक बीमारियों में बहुत सारे लोग एक ही समय में एक जैसे रोग से पीड़ित हो जाते हैं ऐसे रोगियों पर एक निश्चित समय तक चिकित्सा का असर नहीं होता है !व्यक्तिगत रोग पर यदि चिकित्सा का असर न हो रहा हो तो ऐसे रोग समय से होते हैं और समय से ही जाते हैं !
इस विषय में मैं पिछले लगभग तीस वर्षों से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ !जिसमें प्रकृति और जीवन से संबंधित अधिकाँश घटनाओं में मैंने पाया कि प्रकृति या जीवन में जो कुछ भी घटित हो रहा है वो सब समय के अनुसार ही घटित हो रहा होता है !अच्छे समय में सब कुछ अच्छा अच्छा होता है जबकि बुरे समय में बुरा होते देखा जाता है !
स्वास्थ्य के क्षेत्र में समय की बड़ी भूमिका है !किसी व्यक्ति का जब समय ख़राब होता है तभी उसे शारीरिक रोग और मानसिक तनाव बढ़ता है !उस समय अच्छे लोग उसका साथ छोड़ने लगते हैं काम बिगड़ने लगते हैं !कुल मिलाकर मनुष्य के द्वारा किए गए सभी प्रकार के प्रयास उसके समय के अनुसार ही सफल या असफल होते देखे जाते हैं !
इसी प्रकार से प्रकृति में भी सूखा वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि प्राकृतिक दुर्घटनाएँ एवं सामूहिक रोग भी समय के कारण घटित होते हैं! ऐसा होते अनुभव किया जाता रहा है !
सूर्य और चंद्र के ग्रहण भी प्राकृतिक घटना हैं जो अपने निश्चित समय पर ही
घटित होते हैं !जिस प्रकार से 'समय' से संबंधित गणित करके सूर्य और चंद्र के
ग्रहणों का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है !उसी प्रकार से प्रकृति में और
जीवन में घटित होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान भी सिद्धांतगणित के द्वारा लगाया जा सकता है !ऐसा विचार करके इस प्रक्रिया से मैंने अभी तक प्रकृति और जीवन के विषय में जो भी पूर्वानुमान लगाए हैं वे काफी सच होते दिखाई देते हैं !
प्रकृति में या जीवन में कब कैसी घटनाएँ घटित होंगी इसके लिए सिद्धांतगणित ,आयुर्वेद ,बनस्पति एवं जीवजंतुओं के आकारों प्रकारों तथा स्वभाव परिवर्तनों का विस्तृत अध्ययन अनुसंधान करना आवश्यक है !इसके द्वारा सूखा वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि प्राकृतिक घटनाओं का महीनों पहले पूर्वानुमान लगाया जा सकता है !
मुझे विश्वास है कि यह अनुसंधान प्राकृतिक एवं जीवन से संबंधित घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है !जो मौसम और मानव जीवन से संबंधित घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए महत्वपूर्ण सहयोगी सिद्ध होगा !इस अनुसंधान को मैं और अधिक आगे बढ़ाना चाहता हूँ इसके लिए हमें आपसे आर्थिक मदद की अपेक्षा है !
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