Friday, 28 April 2017

भगवान् परशुराम जी के अवतरण दिवस पर बहुत बहुत बधाई !

शौर्य शांति एवं ज्ञान विज्ञान के साक्षात प्रतीक भगवान् परशुराम जी की जय हो!
   परशुराम जी से प्रेरणा लेकर लोग चरित्रवान बनें ! बलात्कारी भावनाओं को जड़ से उखाड़ फेंके !पराक्रम शील बनें और अपराधियों,आतंकवादियों एवं घूसखोर अधिकारियों कर्मचारियों तथा केवल सपने दिखाने वाले अशिक्षित मूर्ख घपले घोटालेवाज ऐय्यास नेताओं से देश और समाज को मुक्ति दिलाने के लिए अब सम्पूर्ण समाज ही शस्त्र और शास्त्र धारण करे !   बुद्धि विहीन अशिक्षित एवं अयोग्य लोगों को आरक्षण जैसी पक्षपाती बीमारू दुर्व्यवस्थाओं के द्वारा योग्य पदों पर प्रतिष्ठित होने के लालच में दर दर भटकने के दैन्य से मुक्ति दिलाकर ऐसी दुर्भावनाओं को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्प लीजिए और शिक्षित एवं गुणवान बनाकर देश की मुख्यधारा में अपने पराक्रम से जोड़ने का निश्चय कीजिए !
   महिलाएँ शालीन वेष भूषा में रहते हुए अपना पराक्रम प्रदर्शित करें और चरित्रवती बनें अपने पति बच्चों भाइयों नाते रिश्तेदारों के बीच चारित्रिक पवित्रता बढ़ाने के विषय में संवाद करें एवं इनके इन्हीं गुणों को महत्व दें इन्हीं पर आकर्षित होने की बातें करें और ऐसी पवित्रता को ही अपनी पहली पसंद बनावें !महिलाओं के ऐसा व्रत लेने मात्र से बलात्कार मुक्त समाज का निर्माण होगा !
   परशुराम जी के आशीर्वाद से सीता जी राक्षसों की नगरी में जाकर भी अपना शील सुरक्षित रख पाती हैं !ब्यूटी पार्लर की शौकीन सूर्पनखा श्री राम के पास जाकर भी नाक कटा लेती है !इसलिए सुरक्षा और असुरक्षा अपने ऊपर आधारित है महिलाओं के आधीन चलने वाला पुरुष समाज तो महिलाएँ जैसा चाहेंगी वैसा बन जाएगा !किंतु महिलाओं की वेषभूषा रहन सहन श्रृंगार परिधानों बात व्यवहारों से जिस दिन  लगने लगेगा कि महिलाएँ बलात्कार मुक्त समाज बनाना चाहती हैं उसी दिन से बंद हो जाएंगे बलात्कार !पुरुष बेचारे तो महिलाओं की पसंद पर कुर्वान होने को तैयार हैं किंतु दुर्भाग्य से महिलाओं की पहली पसंद बन ही नहीं पाया बलात्कार मुक्त  समाज !
      उनके उत्कट श्रृंगारों को देखकर लगता है कि मानों वो किसी को खोज रही हैं इसलिए उनकी ही पहली पसंद बनने के लिए पुरुषों ने भी तरह तरह की वेषभूषा धारण कर रखी है !स्त्रियों का अधिक से अधिक पुरुषों की पसंद बनने का प्रयास करना ही तो फैशन है यही पुरुषों का स्त्रियों के प्रति जानना चाहिए !जिनके जीवन में वेकेंसी ही न हो वो ऐसी वेषभूषा ही क्यों धारण करें !

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