Friday, 24 April 2015

'आप' नेता आशुतोष का राजनैतिक विलाप या हकीकत ?और यदि हकीकत है तो इस संवेदना के लिए उन्हें साधुवाद !

   आशुतोष जी !गजेंद्र की मृत्यु के समय या प्रेस कांफ्रेंस में जो दुःख नहीं दिखा वो आज चैनल पर कैसे प्रकट हुआ ?
     आज आशुतोष जी के रुदन ने हर दर्शक को हिला दिया जो सबको यह सोचने पर विवश करता है कि किसी भी नागरिक के प्राणों को राजनैतिक सफलता असफलता के लिए दाँव पर नहीं लगाया जा सकता है किसी भी बड़े से बड़े राजनेता को इतना नैतिक तो होना ही चाहिए कि वो एकांत में अपने आचरणों की सफाई अपनी आत्मा को दे सके !राजनैतिक आरोप प्रत्यारोप से अलग हटकर मानवीय दृष्टि से भी कहा जा सकता है कि एक व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए मंच  और पेड़ के बीच की दूरी आत्मीयता पूर्वक लाँघी जा सकती थी और बचाया जा सकता था एक महत्वपूर्ण जीवन !आखिर आज भी तो राजस्थान गए पार्टी के लोग इसे आत्मीयता कैसे कहा जाए !उस दिन 'आप' का कोई राजनेता तड़पते किसान के पास क्यों नहीं पहुँचा ?रैली क्यों नहीं रोकी गई भाषण क्यों नहीं रोके गए !आदि आदि जहाँ संवेदना झलकनी चाहिए थी वहाँ क्यों नहीं झलकी आत्मीयता ?जो स्वाभाविक रूप से होनी चाहिए थी !इसके बाद उस दिन की प्रेस कांफ्रेंस में जिन आप नेताओं के बयानों में नहीं झलकी वह संवेदना उन्हें उसी घटना पर आज इतना दुःख कि वो इतनी जोर जोर से रोने लगे टीवी चैनल पर !देखिए आशुतोष जी का उस दिन का बयान - 
" पुलिस से बार-बार कहा गया। पुलिस वाले इसके लिए ट्रेंड होते हैं। एक भी पुलिसवाला उस पेड़ के पास नहीं गया। मैं अपील करना चाहता हूं। उस इलाके के इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, सिर्फ जांच से काम नहीं चलेगा। (इस सवाल पर कि क्या मुख्यमंत्री को उसे नहीं बचाना चाहिए था तो तंज कसते हुए आशुतोष कहते हैं) ये अरविंद जी की गलती है कि वो पेड़ पर नहीं चढ़े। शाखा पर नहीं चढ़े। अगली बार ऐसा होगा तो हम उसने ऐसा करने को कहेंगे। (हालांकि बाद में आशुतोष ने अपने इस बयान के लिए ट्वीट कर माफी मांगी।)"-IBN7
 इसी विषय में देखिए हमारा ये लेख -
आमआदमीपार्टी के लिए शुभ नहीं हैं 'अ'अक्षर वाले नेतालोग ! भले ही वो अरविंद ,आशीष, आशुतोष जैसे नेता ही क्यों न हों लेनी उन्हें भी होगी विदाई !-ज्योतिष 
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आशुतोष का आमआदमीपार्टी में लंबे समय तक रह पाना कठिन है वो कभी भी बोल सकते हैं अच्छा यदि ऐसा है तो मैं चला !
   'आप'नेता आशुतोष जी 'अ'अक्षर वाले'आजतक' हो'आईबीएन' छोड़ आए तो 'आप see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/04/blog-post_24.html 


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