जो लोग कहते हमें बेवकूफ बनाया गया किंतु वो बने क्यों क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं थी !जो कहते हैं ब्राह्मणों ने हमारा शोषण किया है किंतु यदि इसमें सच्चाई होती तो वे अधिसंख्य लोग सहते क्यों ?
बंधुओ ! ब्राह्मणों ने कभी किसी को बेवकूफ नहीं बनाया है और यदि किसी को ऐसा लगता है तो विनम्रता पूर्वक खुले मंच पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं !ऐसा केवल उन लोगों को लगता है जिनकी धर्म एवं शास्त्रों के स्वाध्याय में कमी होती है कई लोग पढ़ते तो साइंस हैं और फतवे जारी करते हैं पुराणों की कथाओं पर !ये उनका बड़बोलापन है !
किसी को यदि धर्म और पुराणों की कमियाँ ही खोजनी हैं तो उसे किसी विश्व विद्यालय के पुराण पाठ्य कर्म का सम्मान करना चाहिए और यदि हम ऐसा नहीं कर सके हैं तो केवल कुछ बोलने के लिए बोल देना ये ठीक आदत नहीं है !यद्यपि ऐसे लोगों के पास कुछ थोथे तर्क होते हैं जिनका कहीं कोई अाधार नहीं होता है !
ऐसे बंधुओं से निवेदन है कि यदि हमारे अपने संस्कार बिगड़ जाएँ तो इसका ये कतई अर्थ नहीं है कि और लोग भी वैसे ही होंगे बहुत लोगों ने आज भी अपने संस्कार सँभाल रखे हैं जो सभी वर्गों में हैं इसलिए अपनी दृष्टि से सभी को चुनौती दिया जाना ठीक नहीं है !मैं इस बात से भी कतई इनकार नहीं कर सकता कि ब्राह्मणों में गलत लोग नहीं हैं जैसे सभी वर्णों में हैं वैसे ब्राह्मणों में भी हैं किंतु जिस प्रकार से सभी वर्गों के अच्छे लोग अपने स्तर के अच्छे लोग सभी वर्णों में खोज ही लेते हैं उसी प्रकार से बुरे लोग सभी वर्णों के बुरे लोगों का संग्रह कर ही लेते हैं । ऐसी परिस्थिति में इसी सिद्धांत से दूसरों को बेवकूफ बनाने वालों को भी उनके कर्मानुशार मिल ही जाते हैं बेवकूफ बनाने वाले !अगर संयोगवश वो ब्राह्मण निकल आया तो ऐसे लोग चिल्लाने लगते हैं कि ब्राह्मणों नें हमेंशा बेवकूफ बनाया है किंतु यदि वे अपने अंदर झाँक कर देखें तो इसबात का एहसास उन्हें भी हो ही जाएगा हमें अब औरों को बेवकूफ बनाना छोड़ देना चाहिए !यहीं से समाज का सुधरना प्रारम्भ हो जाएगा !
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