Friday, 21 November 2014

स्वच्छता अभियान !

                            स्वच्छता अभियान में तीन बड़ी पार्टियाँ शामिल !
       आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू को काँग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ से पकड़कर भाजपा स्वच्छता अभियान चला रही है !
      लगता है कि अब नेता बनने के लिए झाड़ू पकड़े हुए फोटो खिंचाकर फेस बुक पर डालना या पत्र पत्रिकाओं में छापना स्टेटस सिम्बल सा बन गया है और है भी ! क्या पता किसी दिन ऐसे चेहरों पर भी प्रधानमंत्री जी की दृष्टि पड़ ही जाए और हो जाए उद्धार !see more .... http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post.html




         प्रधान मंत्री जी का स्वच्छता अभियान !  इसमें बाकी सारे गुण हैं दोष केवल एक ही है !
     दोष केवल एक यही है कि अगर नेताओं अभिनेताओं या इस स्वच्छता अभियान में सम्मिलित बड़े बड़े प्रसिद्ध पुरुषों के झाड़ू पकड़ने के ढंग की नक़ल करने की शौक कहीं उन सफाई कर्मचारियों में आ  गई जिनके ऊपर सफाई करने की वास्तविक जिम्मेदारी है ! सैलीब्रेटियों की नक़ल तो लोग वैसे भी  अक्सर करते हैं इसलिए जिन्हें झाड़ू पकड़ना भी न आता हो स्वच्छता अभियान के नाम पर ऐसे सैलीब्रेटियों की नक़ल करना ठीक नहीं होगा !see more .... http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post.html




              स्वच्छता अभियान  के बहाने जानिए  झाड़ूविज्ञान का महत्त्व !
      स्वच्छता अभियान एक अच्छी पहल है किन्तु केवल देश से बाहरी कूड़ा ही नहीं अपितु कुसंस्कारों का कूड़ा तो  दिमागों से भी निकाला ही जाना चाहिए लोगों को झाड़ू पकड़ने में आखिर शर्म क्यों लगती है ?
      ये लोग झाड़ू जैसी महत्वपूर्ण चीज श्रद्धा से पकड़ते भी नहीं हैं हम लोगों को तो बचपन से ही  सिखाया गया है कि यदि झाड़ू में पैर लग जाए तो उसके पैर छूना होता है इसलिए झाड़ू विज्ञान पर मेरी निजी आस्था तो है ये आस्था ही है कि मुझे यह लिखने के लिए बाध्य करती कि बड़े लोग झाड़ू लगावें या न   लगावें किन्तु पकड़ें तो श्रद्धा से क्योंकि इस काम को हम किसान और ग्रामीण लोग गलत नहीं मानते और बहुत श्रद्धा से करते हैं हम लोगों का तो शुभ प्रभात ही झाड़ू बुहारू से ही प्रारम्भ  हुआ करता है दोपहर तक जिसने अपने दरवाजे और घर में झाड़ू न लगाई हो उसे लोग अच्छी दृष्टि से नहीं देखते हैं । घर के लोग जब घर से बाहर तक साफ सफाई कर लेतें हैं तब उनके चहरे पर कृतकार्यता का अद्भुत उत्साह होता है इसलिए झाड़ू बुहारू के काम को हलके से नहीं लेना चाहिए ! और न ही अपने को इससे छोटा ही समझना चाहिए !see more .... http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post.html





हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी तो झाड़ू भी अच्छे ढंग से लगा लेते हैं !

     आजकल चार चार पैसे कमाने वाले लोग झाड़ू लगाने जैसे काम करने में शर्म समझते हैं कई लोग तो झाड़ू लगा लेते हैं किन्तु उन्हें यह स्वीकार करने में शर्म लगती है कि कहीं कोई उन्हें छोटा न समझ ले उन्हें मोदी जी के झाड़ू पकड़ने एवं झाड़ू लगाने के वास्तविक ढंग से बहुत कुछ सीखना चाहिए । 
     मोदी जी ने झाड़ू पकड़ा भी ठीक से था और लगाया भी ठीक से था वो फार्मिलिटी नहीं कर रहे थे कई अन्य लोगों ने  भी ऐसा किया होगा जिसे मैं देख नहीं पाया या यहाँ पर उन सबके नाम गिना पाना भी संभव नहीं है किन्तु कई लोग श्री कलराज मिश्र जी की तरह से भी झाड़ू लगा रहे थे जिनके पीछे खड़े उनके सहयोगी दो लोग  हँस रहे थे  जब श्री मिश्र जी झाड़ू लगानेकी जगह हिला रहे थे संभवतः उनके झाड़ू लगाने पर ही वो हँसते होंगें या फिर और भी कोई कारण  रहा हो ! झाड़ू लगाने की रीति पर इसका मुझे  ठीक ठीक अंदाजा नहीं है किन्तु लग बिलकुल ऐसा रहा था जैसे कोई विवाहआदि  काम काज की कोई रस्म झाड़ू पकड़ कर निभाई जा रही हो !यद्यपि केवल मिश्र जी ही ऐसे नहीं होंगें और भी होंगे किन्तु हमारी जानकारी इतनी ही है कुछ लोग तो A C वाले कमरे में कूड़ा फैलवा कर भी झाड़ू लगवा रहे थे क्या कहा जाए किसी को !आखिर इसे स्वच्छता अभियान  क्यों न माना जाए !see more .... http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post.html









स्वच्छ भारत या पवित्र भारत या स्वच्छ और पवित्र दोनों ?पवित्रता की आज बहुत आवश्यकता है ! 

    इसलिए केवल स्वच्छता ही क्यों पवित्रता भी तो चाहिए !

     पहले से फैली हुई गन्दगी को साफ करना स्वच्छता एवं गंदगी को फैलाने से ही बचने की भावना पवित्रता है गंदगी से अभिप्राय सभी प्रकार की गंदगी से है भले  वो भ्रष्टाचार की ही गन्दगी क्यों न हो !उसे भी पैदा ही न होने देना पवित्रता की भावना है !see more .... http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/10/blog-post.html

     


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