Friday, 28 November 2014

राहुल गाँधी जी !अब आप ऐसा कौन सा विकास करना चाहते हैं जो पिछले 15 वर्षों में नहीं कर पाए ! आखिर क्यों ?

राहुल गाँधी जी ! केवल चुनावों के समय आपको आम जनता की जरूरत पड़ती है बाकी कहाँ रहते हैं आप !आम जनता का दुःख दर्द सुनने के लिए कभी क्यों नहीं आए जनता के सामने !क्यों नहीं दिया कोई संपर्क सूत्र !

      राहुल गाँधी जी! अभी तक इतने लम्बे समय तक सत्ता में रहकर जो कार्य आप नहीं कर पाए तो अब इस बात को मान लेने में या बुराई है कि काम करना आपके बश का नहीं है !अब मोदी सरकार को करने दीजिए जनता ने इसीलिए आपको शांत किया है इसलिए कुछ दिन तो शांत रहिए !राहुल जी आप भी देश के लिए अत्यंत प्रिय एवं बहुत दुलारे हो किन्तु जो काम करना आपको नहीं आता है वो काम करने के लिए आपको कैसे सौंप दिया जाए !अभी तक केंद्र से दिल्ली प्रदेश तक की सरकारें आपके अँगुली के इशारे पर नाचती रहीं किन्तु तब भी न आप कुछ कर पाए और न ही अपनी सरकारों से करवा पाए !यहाँ तक कि सोनियाँ जी को इलाज कराने विदेश जाना पड़ता रहा यहाँ कोई अच्छा अस्पताल नहीं बनवा पाए आप !

        आपकी पार्टी के पराजित होने  का मतलब ये कतई नहीं है कि देश आपसे गुस्सा है ! हाँ यदि आपको सरकार चलाना नहीं आता है तो देश की बागडोर आपको कैसे सौंप दी जाती भला तुम्हीं बताओ ! देश वासियों के लिए विकास कार्य हुए हों या न हुए हों अब हो जाएँगे किन्तु हमें इस बात का दुःख है कि देश की आदरणीया सोनियाँ जी देश की सम्मानित बहू हैं उनकी देख रेख में कहीं कोई कमी न रह जाए इसलिए देश ने सबसे लम्बे समय तक आपकी पार्टी को सत्ता सौंपी किंतु उनके इलाज लायक आज तक देश में एक अस्पताल नहीं बनाया जा सका !जब अखवारों में खबर छपती है की सोनियाँ जी इलाज के लिए विदेश गईं यह खबर पढ़कर क्या बीतती है समस्त देश वासियों पर ! और स्वाभिमानी गरीबों ग्रामीणों पर !जो गलत काम नहीं करेंगे केवल इस व्रत का पालन करने के लिए सारी  जिंदगी गरीबत  में गुजार देते हैं !

      राहुल गाँधी जी ! इस देश के बहुत लोग भाग्य वश धन से गरीब होने के कारण भले चार रोटियों की जगह दो रोटियाँ  ही खाने को मिल पाती हों किन्तु किसी और को भूखादेख कर उन दो रोटियों में से एक रोटी उस भूखे को देने के लिए उनका हाथ उठ जाता है उनके इस सांस्कृतिक संस्कार को  भाग्य भी नहीं रोक सकता !

       बंधुओ ! किन्तु राहुल गाँधी ऐसा चाहते क्यों हैं मोदी सरकार हर काम उनसे पूछ पूछ कर करे !और क्यों करे ?पूछे भी तो तब जब पता हो कि सामने वाला हमसे अधिक समझदार है,या सामने वाला पिछले दस वर्षों में बहुत अच्छे काम करके गया है जो मोदी सरकार बिगड़ रही है इसलिए उसे हमदर्दी हो रही है किन्तु ऐसा कुछ तो हुआ नहीं यदि ऐसा ही था तो उन झुग्गियों को पहले ही नियमित कर देते आखिर अभी तक तो सरकार में राहुल गाँधी जी आप ही थे !

    

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