भाग्य से ज्यादा और समय से पहले किसी को न सफलता मिलती है और न ही सुख ! विवाह, विद्या ,मकान, दुकान ,व्यापार, परिवार, पद, प्रतिष्ठा,संतान आदि का सुख हर कोई अच्छा से अच्छा चाहता है किंतु मिलता उसे उतना ही है जितना उसके भाग्य में होता है और तभी मिलता है जब जो सुख मिलने का समय आता है अन्यथा कितना भी प्रयास करे सफलता नहीं मिलती है ! ऋतुएँ भी समय से ही फल देती हैं इसलिए अपने भाग्य और समय की सही जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को रखनी चाहिए |एक बार अवश्य देखिए -http://www.drsnvajpayee.com/
Sunday, 26 October 2014
जियो और जीने दो के सिद्धांतों पर मनाए जाते हैं हिन्दुओं के तिथि त्यौहार !
दूसरी ओर उनके त्यौहार मनाने की परंपरा है जिसमें बिना किसी जीव का खून बहाए त्यौहार ही नहीं मनाए जा सकते !निरपराध बकड़े ऊँट और जाने कौन कौन से बहुसंख्य जीवों की हत्या करके कहते हैं कि हमारा आज त्यौहार है अरे !जिस दिन असंख्य जीवों की जीवन लीला समाप्त की जा रही हो उनके परिवार उजाड़े जा रहे हों जीव जगत में हाहाकार मचा हो उस भयानक दिन को त्यौहार कैसे कहा जाए !
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