के कारण जबरदस्त बारिश हो रही है. राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम से इतर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से बिहार में जारी मूसलाधार बारिश ‘हथिया नक्षत्र' के कारण हो रही है. हथिया नक्षत्र में कभी कभी बहुत भयंकर बारिश होती है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा था कि क्लाइमेट चेंज की वजह से भारी बारिश हो रही है. उन्होंने बाढ़ को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा, ''पर्यावरण के असंतुलन के चलते जलवायु में परिवर्तन हो रहा है,
उन्होंने कहा, ''पांच छह दिनों से लगातार बारिश हो रही है और अभी यह कहा
नहीं जा सकता कि आगे वर्षा की स्थिति क्या रहेगी. ये बारिश अभी कब खत्म
होगी, इसके बारे में मौसम विज्ञान वाले भी सटीक जानकारी नहीं दे पा रहे
हैं.''
नीतीश कुमार के बाद अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि इस तबाही की वजह हथिया नक्षत्र है. "
"बिहार ‘डूबा’ तो नीतीश कुमार बोले- मौसम विभाग सुबह कुछ और दोपहर को कुछ बताता है| "
"आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से मौसम वैज्ञानिकों के पास ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं जिसके आधार पर वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि के विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सकता हो ! उपग्रहों रडारों की मदद से सुदूर समुद्र में बादलों और आँधीतूफानों को देखकर उसकी जासूसी करने की कला में विज्ञान कहाँ है समुद्र आदि में घटित होते किसी प्राकृतिक घटना को देखकर उसकी गति और दिशा का अंदाजा लगा लेने की कला पूर्वानुमान नहीं है ये तो तुक्का है जो हवाओं के रुख बदल लेने से बदल भी सकता है |
इसलिए जो घटना घटित होनी प्रारंभ ही न हुई हो उसके विषय में अनुमान लगा लिया जाए तब तो पूर्वानुमान अन्यथा किस बात का पूर्वानुमान !सुदूर समुद्र में भी यदि कोई प्राकृतिक घटना घटित होनी प्रारंभ हो चुकी है तो उसके बिषय में की जाने वाली सभी प्रकार की कल्पनाओं में पूर्वानुमान होता कहाँ है !
लेने में विज्ञान कहाँ है ?
इसलिए आवश्यक है कि मौसम निर्मात्री शक्तियों की खोज की जाए जो मौसम संबंधी प्राकृतिक संकेतों को आगे से आगे उपलब्ध करवा सकती हैं उन्हीं के आधार पर लगाया जा सकता है मौसम संबंधी पूर्वानुमान !
No comments:
Post a Comment