Tuesday, 18 June 2019

Faainal patra


आदरणीय मानवसंसाधन मंत्री जी,
                                               सादर मस्कार !
 
विषय : महामारी के विषय में अनुमान या पूर्वानुमान से संबंधित अनुसंधान के विषय में ! 
महोदय, 
    महामारी और मौसम जैसे विषयों में वैदिकविज्ञान के आधार पर मैं विगत तीस वर्षों से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ | इसके आधार पर लगाए गए पूर्वानुमान प्रायः सही निकलते अनुभव किए जाते हैं |महामारी जैसे अत्यंत  कठिन विषय में भी लगाए गए अनुमान सही निकलते रहे हैं अपितु महामारी की जितनी भी लहरें आयी हैं उनके प्रारंभ और समाप्त होने के विषय में लगाए गए पूर्वानुमान सच होते रहे हैं |प्रमाण स्वरूप हमारे पास पीएमओ को भेजी गई कुछ मेलें एवं लेख हैं |   
    ऐसे अनुसंधानों से महामारी एवं मौसमसंबंधी अध्ययनों को तो सहयोग मिलेगा ही इसके साथ ही ये अनुसंधान प्राकृतिक आपदाओं एवं महामारियों के संकटपूर्ण समय में समाज की कठिनाइयों को घटा सकते हैं |इसकी दूसरी विशेषता यह है कि इसके आधार पर प्राकृतिक घटनाओं के विषय में महीनों पहले पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं जो आपदा प्रबंधन की दृष्टि से बचाव कार्यों में विशेष सहायक हो सकते हैं | 
     मैं अपने सीमित संसाधनों के द्वारा प्रकृति और जीवन से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोधकार्य करता चला आ रहा हूँ |जिनसे इसप्रकार के सहयोगी परिणाम प्राप्त हुए हैं | भारतवर्ष के इन्हीं प्राचीनवैज्ञानिक अनुसंधानों को यदि बृहद स्तर पर चलाया जाता है तो प्रकृति और जीवन से संबंधित  घटनाओं को समझने में उनके विषय में पूर्वानुमान लगाने में एवं जलवायु परिवर्तन जैसे रहस्यों को सुलझाने में बड़ी मदद मिल सकती है | 
  श्रीमान जी !अपने द्वारा किए गए अभी तक के अनुसंधानों से प्राप्त अनुभवों के आधार पर मैं विश्वास पूर्वक कह सकता हूँ कि ये अनुसंधान वैश्विक दृष्टि से भारतवर्ष के वैज्ञानिक वैशिष्ट्य की स्वीकार्यता बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं |
     अतएव आपसे विनम्र निवेदन है कि ऐसे अनुसंधान कार्यों हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध करने में आप हमारी मदद करने की कृपा करें | 

                             अनुसंधान संबंधी सहायक संसाधनों की आवश्यकता
   
       महोदय ! "राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोध संस्थान" नामक अपने संस्थान के तत्वावधान में मैं अभी तक इन अनुसंधानों को अपने सीमित संसाधनों से संचालित करता आ रहा हूँ | अब बृहद स्तर पर करने की आवश्यकता है जिसके लिए वृहद् स्तर पर संसाधनों की आवश्यकता है | जिसके लिए अधिक धन की आवश्यकता होना स्वाभाविक ही है | 
 
इस अनुसंधान के लिए ऐसे वैदिक वैज्ञानिक विद्वानों की आवश्यकता होगी जिन्होंने प्रकृति और जीवन से संबंधित ऐसे विषयों पर पहले से अनुसंधान करते रहे हों जिससे उनके भी अपने कुछ ऐसे प्रमाणित अनुभव रहे हों जो इन अनुसंधानों में अपना योगदान देने में सहायक हो सकें | 
     
 
 इस प्रकार के वैदिक विद्वान यदि मिल जाते हैं तो ठीक अन्यथा इस प्रकार के किसी शिक्षण संस्थान का सृजन करना होगा जिसमें इस प्रकार के वैदिक वैज्ञानिक विद्वानों को तैयार किया जा सके जो वेद वेदांगों के अभिप्राय को समझ सकें एवं उसके आधार पर वेदवैज्ञानिक दृष्टि से प्रकृति और जीवन से संबंधित अनुसंधानों में अपना योगदान दे सकें |
 



 
 
     महामारी के विषय में पूर्वानुमान लगाने जैसे कठिन कार्य में भी इस विज्ञान के द्वारा सफलता मिली है महामारी की जितनी भी लहरें आयी हैं उनके प्रारंभ और समाप्त होने के विषय में लगाए गए पूर्वानुमान सच होते रहे हैं | उसके समर्थन में प्रमाण स्वरूप हमारे पास कुछ मेलें एवं लेख हैं | इसकी विशेषता यह है कि इसके आधार पर प्राकृतिक घटनाओं के विषय में महीनों पहले पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं जो आपदा प्रबंधन की दृष्टि के बचाव के लिए विशेष सहायक हो सकते हैं | 
     अतएव आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारे द्वारा किए गए पूर्वानुमानों का भी उपयोग यदिआपदा प्रबंधन की दृष्टि से किया जाए एवं ऐसे अनुसंधानकार्यों को करने के लिए मेरी मदद की जाए | यह समाज के लिए तो हितकर होगा ही इसके साथ ही साथ हमारे अनुसन्धान कार्यों के लिए भी सहायक होगा |  
 
 
 
 
 
 
आदरणीय मानवसंसाधन मंत्री जी,
                                               सादर मस्कार
 
विषय : महामारी के विषय में अनुमान या पूर्वानुमान से संबंधित अनुसंधान के विषय में ! 
महोदय, 
        हमारा 'राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान'  भारतवर्ष के प्राचीनविज्ञान के आधार पर विगत तीस वर्षों से प्रकृति और जीवन से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोधकार्यों में लगा है जिसके आधार पर मौसम एवं महामारी के विषय में किए गए पूर्वानुमान सही निकलते देखे जा रहे हैं | इसके आधार पर प्राकृतिक आपदाओं के विषय में लगाया गया पूर्वानुमान प्रायः सही निकलता है | 
     महामारी के विषय में पूर्वानुमान लगाने जैसे कठिन कार्य में भी इस विज्ञान के द्वारा सफलता मिली है महामारी की जितनी भी लहरें आयी हैं उनके प्रारंभ और समाप्त होने के विषय में लगाए गए पूर्वानुमान सच होते रहे हैं | उसके समर्थन में प्रमाण स्वरूप हमारे पास कुछ मेलें एवं लेख हैं | इसकी विशेषता यह है कि इसके आधार पर प्राकृतिक घटनाओं के विषय में महीनों पहले पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं जो आपदा प्रबंधन की दृष्टि के बचाव के लिए विशेष सहायक हो सकते हैं | 
     अतएव आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारे द्वारा किए गए पूर्वानुमानों का भी उपयोग यदिआपदा प्रबंधन की दृष्टि से किया जाए एवं ऐसे अनुसंधानकार्यों को करने के लिए मेरी मदद की जाए | यह समाज के लिए तो हितकर होगा ही इसके साथ ही साथ हमारे अनुसन्धान कार्यों के लिए भी सहायक होगा |  
 
                                       -निवेदक  भवदीय -
                              राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
    --------------------------आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी -------------------------------
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)
-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय
PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
                          Mo . 9811226973,9811226983

 
 
 
 
 

 
 जीवन से संबंधित पूर्वानुमान

आदरणीय आपको सादर नमस्कार !

विषय- वैदिकविज्ञान के द्वारा प्राकृतिक आपदाओंके विषय में पूर्वानुमान संबंधी अनुसंधानों के लिए सहयोग हेतु निवेदन !'जीवन' से संबंधित अनुसंधान हेतु !
           महोदय, 
      मौसम से संबंधित पूर्वानुमान जानना जितना आवश्यक है उससे अधिक आवश्यक है जीवन में घटित होने वाली संबंधित घटनाओं का पूर्वानुमान जानना !जीवन की उपेक्षा क्यों की जाए ?जीवन में  'समय' से पहले और 'भाग्य' से अधिक किसी को कुछ मिलता नहीं है !जैसे किसी वृक्ष को कितना भी खाद पानी दिया जाए किंतु वो अपनी ऋतु आने पर ही फल देता है उससे पहले नहीं !मनुष्य जीवन की भी यही स्थिति है किंतु समाज में एक वर्ग ऐसा भी है जो भाग्य और समय की  सीमा को लाँघकर केवल अपनी इच्छा के अनुशार सब कुछ पा लेना चाहता है जो संभव नहीं है !
     ऐसी परिस्थिति में कई लोग भयंकर परिश्रम करते हुए जीवन व्यतीत कर देते हैं किंतु लगातार असफल होते रहते हैं ऐसे असफल लोग अक्सर तनाव के शिकार हो जाते हैं !नशा करने लगते हैं या फिर अपराध की ओर मुड़ जाते हैं !ऐसी परिस्थिति में इन्हें यदि इनके जीवन से संबंधित पूर्वानुमान पहले से बताने की व्यवस्था की जाए तो इन्हें इनके जीवन की सीमाएँ पता होंगी ये उतनी ही आशा रखकर प्रयत्न करना प्रारंभ करेंगे !जिससे ऐसे लोगों को निराश ,तनावग्रस्त एवं नशे के आदी होने से या कुंठित होकर अपराधी बनने से बचाया जा सकता है !
      किसी व्यक्ति के जीवन में किस क्षेत्र में कितनी सफलता मिल पाना संभव है !ऐसा 'भाग्य' संबंधी पूर्वानुमान प्रत्येक व्यक्ति अपने विषय में जानना चाहता है !
       इसी प्रकार से किसी व्यक्ति को जीवन के किस वर्ष में सफलता मिल पाना संभव है यह 'समय' संबंधित पूर्वानुमान जानने में प्रायः सभी लोग रूचि रखते हैं ?     
       इसी प्रकार से स्वास्थ्य संबंधी पूर्वानुमान,संपत्ति से संबंधित पूर्वानुमान ,संबंधों के विषय में पूर्वानुमान एवं मानसिक तनाव के विषय में पूर्वानुमान जानने  की इच्छा लगभग सभी लोगों के मन में रहती है !किंतु इन विषयों में पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोग फर्जी ज्योतिषियों तांत्रिकों बाबाओं आदि से पूर्वानुमान सेवाएँ लेने जाते हैं !जिनसे अक्सर उन्हें धोखा उठाना पड़ता है!बहम का शिकार होना पड़ता है ! ऐसे धोखाधड़ी करने वाले लोगों के द्वारा अक्सर महिलाएँ आर्थिक एवं शारीरिक रूप से भी धोखाधड़ी की शिकार होती हैं!ये लोग उपायों के नाम पर तमाम ऊट पटाँग कार्य करने के लिए कहते हैं यहाँ तक कि छोटे छोटे बच्चों की बलि एवं छोटे बच्चों से बलात्कार करने तक के लिए प्रेरित करते हैं जिनका शास्त्रों में कहीं जिक्र नहीं है !
    ऐसी परिस्थिति में सरकारी स्तर पर मेडिकल की तरह ही भविष्य बताने या भविष्य सुधारने के नाम पर समाज से धोखाधड़ी करने वाले लोगों पर अंकुश लगाए जाने चाहिए !चूँकि आधुनिकविज्ञान में जीवन संबंधी पूर्वानुमान लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए वैदिकविज्ञान की विधि से जीवन संबंधी पूर्वानुमानों के विषय में सेवाएँ ली जानी चाहिए! 
      महोदय !अतएव आपसे निवेदन है कि सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में जो ज्योतिषविभाग हैं वहाँ से ज्योतिषशास्त्र में एम.ए.पीएच.डी आदि किए हुए विद्वान जीवन से संबंधित पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने में सक्षम हैं उनका सहयोग लेकर समाज को पारदर्शी प्रमाणपूर्वक पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने के लिए उचित प्रबंध सरकार की ओर से किया जाना चाहिए!इस प्रकार के किसी सरकारी संस्थान की स्थापना की जाए जिससे समाज को उसके मनमुताबिक जीवन संबंधी पूर्वानुमान प्राप्त करने में सुविधा हो सके और धोखाधड़ी से बचाव हो सके ! 
     इसी बिचार से 'तनाव' और 'अपराध' को घटाने के लिए हमारे यहाँ जीवन में 'भाग्य' और 'समय' की भूमिका पर अनुसंधान किया जाता है जिसके द्वारा इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि किसी स्त्री पुरुष के भाग्य में बदा क्या है और जो जो बदा है वो उसे मिलेगा जीवन के किस किस वर्ष में !उसके लिए उसे प्रयास कब कब किस किस प्रकार के करने होंगे एवं किस किस प्रकार से सावधान रहना होगा !जिससे भाग्य का लाभ लेने के लिए वह अपने उस समय का किस प्रकार से अधिक से अधिक सदुपयोग कर सके जिससे जीवन सुखमय एवं समाज को तनावरहित एवं अपराधमुक्त बनाया जा सके ! 
            इसी विषय में मैं आपसे मिलने के लिए एकांतिक कुछ समय चाहता हूँ !
                                                         -निवेदक  भवदीय -
                              राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
    --------------------------आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी -------------------------------
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)
-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय
PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
                          Mo . 9811226973,9811226983



    
   प्रकृति  से संबंधित पूर्वानुमान 


आदरणीय गडकरी जी 
                         आपको प्रणाम !
 
 विषय: वैदिकविज्ञान के द्वारा प्राकृतिकघटनाओं से संबंधित पूर्वानुमान अनुसंधान कार्य में मदद हेतु !  

  महोदय,

      प्रकृति से लेकर जीवन तक में घटित होने वाली लगभग सभी बड़ी घटनाओं में समय की बहुत अधिक भूमिका होती है !सारा ब्रह्मांड समय से संचालित होता है प्रकृति भी उसी समयचक्र का ही अनुगमन करती है!इसी समय चक्र का अनुसंधान करके ग्रहणसंबंधी इतनी बड़ी प्राकृतिक घटना का पूर्वानुमान भारत में उस युग में खोज लिया गया था जिस युग में आधुनिकविज्ञान का कहीं नाम भी नहीं था जिसके बल पर बिना किसी राडार उपग्रह या सुपर कंप्यूटर जैसी सुविधाओं के भी केवल वैदिकविज्ञान के द्वारा हजारों वर्ष पहले के ग्रहण संबंधी पूर्वानुमान लगा लिए जाते हैं जो आज भी एक एक मिनट सही एवं सटीक घटित होते हैं जबकि आधुनिक विज्ञान द्वारा लगाए जाने वाले मौसम संबंधी पूर्वानुमानों में इतने प्रयासों के बाद भी अभी तक उस प्रकार की सफलता नहीं मिल पाई है !
    उसी वैदिकविज्ञान के द्वारा प्राकृतिकघटनाओं से संबंधित पूर्वानुमान लगाने संबंधी अनुसंधान मैंने लगभग 25 वर्ष पहले प्रारंभ किया था जिसमें अनेकों प्रकार की प्राकृतिक घटनाओं से संबंधितपूर्वानुमान के विषय में अनुसंधान करता आ रहा हूँ !जिससे प्राप्त हुए वर्षा बाढ़ सूखा आँधी तूफ़ान एवं वायु प्रदूषण आदि से संबंधित पूर्वानुमान काफी सही एवं सटीक होते दिखाई दे रहे हैं !प्रमाण रूप में अनेकों प्राकृतिक घटनाओं के वे पूर्वानुमान हमारे पास संग्रहीत हैं जो जीमेल संदेश के द्वारा मैंने कई मंत्रालयों में घटनाएँ घटित होने के समय से पूर्व भेजे हैं बाद में उनमें से जो सही सिद्ध हुए हैं उनकी संख्या काफी अधिक है !
    इसके आधार पर वर्षा बाढ़ सूखा आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण आदि से संबंधित पूर्वानुमान तो पता लगाए ही जा सकते हैं इसके साथ ही साथ किसी क्षेत्र में प्राकृतिक कारणों से फैलने वाले रोग महामारी आदि का पूर्वानुमान भी सही होते देखा जाता है !जिसका वर्णन आयुर्वेद के चरक संहिता आदि ग्रंथों में मिलता है !             प्राकृतिक कारणों से बढ़ने वाले सामाजिक उन्माद, आतंकीघटनाओं,उग्र और हिंसक आंदोलनों एवं दो देशों के बीच बनने बिगड़ने वाले संबंधों के विषय में लगाया गया पूर्वानुमान भी काफी सही सिद्ध होते देखा जाता है!

  ऐसी परिस्थिति में वैदिकविज्ञान के द्वारा लगाए जाने वाले प्राकृतिक सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी पूर्वानुमान देश एवं समाज के लिए काफी उपयोगी हैं इस अनुसंधान को और अधिक आगे बढ़ाने की आवश्यकता है! संसाधनों के अभाव में इसे और अधिक विस्तार देने में कठिनाई हो रही है !इसके लिए मुझे आपसे सहयोग की अपेक्षा है !

     इसी विषय में मैं आपसे मिलने के लिए एकांतिक कुछ समय चाहता हूँ !
                                                         -निवेदक  भवदीय -
                              राजेश्वरीप्राच्यविद्याशोधसंस्थान(रजि.)
    --------------------------आचार्यडॉ.शेषनारायण वाजपेयी -------------------------------
एम. ए.(व्याकरणाचार्य) ,एम. ए.(ज्योतिषाचार्य)
-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
एम. ए.हिंदी -कानपुर विश्वविद्यालय
PGD पत्रकारिता -उदय प्रताप कालेज वाराणसी
पीएच.डी हिंदी (ज्योतिष)-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU )वाराणसी
K -71 ,छाछी बिल्डिंग, कृष्णा नगर, दिल्ली -110051
                          Mo . 9811226973,9811226983



 



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