योग या उपयोग !
जो लोग किसानों मजदूरों रिक्साचालकों की तरह अपना एवं अपने समय एवं शरीर का सदुपयोग नहीं कर सकते वे कसरत व्यायाम ही करें जिससे कम से कम शरीरों का वह जहर पसीने के द्वारा शरीर से बाहर तो निकलेगा जो बिना परिश्रम किए हुए छल बल के या भ्रष्टाचार पूर्वक की गई कमाई खाने और भोगने से शरीरों में संचित हुआ है !
जो लोग भोजन करने के लिए ईमानदारी पूर्वक परिश्रम करके धन जुटाते हैं उस पवित्र कमाई से प्राप्त धन से लिए हुए अन्न से भोजन करते हैं वे जन्मजात योगी हैं !
जो लोग प्रतिदिन जितनी गंदगी फैलाते हैं या जिस गंदगी के लिए स्वयं को जिम्मेदार समझते हैं वह गंदगी प्रतिदिन यदि वे स्वयं साफ करने की हिम्मत रखते हैं तो वे जन्मजात योगी हैं !
जो पवित्र लोग अपने शरीर मन बुद्धि आदि के द्वारा यदि हैरान परेशान तनाव ग्रस्त लोगों के दिन के भोजन और रात्रि की नींद की बाधा दूर करने में सफल हो जाते हैं वे जन्मजात योगी हैं !
अपने कमाए हुए धन से ही भोजन करते हैं जितना खाते हैं उतना यदि कमाते भी हैं
जिन्हें किसी दूसरों की कमाई के हिस्से से छीन झपट कर खाने और और उनके हिस्से की सुख सुविधाएँ भोगने की लत है !ऐसे लोग कसरत व्यायाम करके अपने शरीर का जहर पसीने से निकालते रहें अन्यथा दूसरों के हिस्से का हरण करके पचाना आसान नहीं होता है !
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