कन्या पूजन के दिन कन्याओं से अपना पूजन करवाने वाले कालनेमियों से सावधान रहने की आवश्यकता !
वैसे भी कोई व्यापारी किसी को संन्यास कैसे दे सकता है !वैसे भी संन्यास तो सब कुछ छोड़ने का नाम है !जो सब कुछ जोड़ने के लिए दिन रात झूठ बोला करता हो नेताओं के तलवे चाटा करता हो !मीडिया के सामने प्रचार पाने के लिए गिड़गिड़ाया करता हो ! कन्या पूजन के दिन कन्याओं से अपना पूजन करवाता हो ,कन्याओं से पैर छुआता हो ! ऐसे तो रोटी कपडे का लालच देकर भोले भाले बच्चे बच्चियों को कुछ भी करने के लिए बाध्य किया जा सकता है !भाट मीडिया ऐसे पाखंड को संन्यास दीक्षा बता रहा है !
बाबा 'तमाशाराम' भी तो पहले साधिकाएँ ही बनाया करते थे ! वैसे भी बाबाओं के पास जब पैसा आता है तब वो भी भोगों के लिए पागल हो उठते हैं लेकिन घर गृहस्थी बसा नहीं सकते ! इसीलिए अपनी इच्छा पूर्ति के लिए साधिकाएँ शिष्याएँ और संन्यासिनी बनाने का नाटक करते हैं !ब्यभिचार में पकड़ा गया हर बाबा पहले ऐसी ही हरकतें करते देखा जाता है !यही तो देश का दुर्भाग्य है कि ब्याभिचारी बाबा लोग पहले धर्म शास्त्रों की निंदा करते हैं फिर ब्राह्मणों की निंदा करते हैं क्योंकि भोगियों को इन दो बातों से विशेष खतरा होता है !क्योंकि ये उनके दुष्कर्मों का विरोध करेंगे इसलिए उनकी निंदा पहले से ही करने लगते हैं ! ऐसे मूर्ख ब्याभिचारी लोग अक्सर ज्योतिष आदि शास्त्रों की भी निंदा करते देखे सुने जाते हैं !
ऐसे अधर्मी लोग जो कुछ नहीं होते हैं वे वही बनकर पुज रहे होते हैं !बच्चों बच्चियों को रोटी कपडे का लालच देकर गुरुदीक्षा देने के नाम पर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे होते हैं !इसे रोका जाना चाहिए !
वैसे भी कई बार ऐसे प्रचार पाने के शौकीन लोग कुछ पैसे देकर लडके लड़कियों को कुछ समय के लिए बाबा बनने के लिए तैयार करके मीडिया के सामने फोटो खिंचवा कर अपने को गुरू सिद्ध कर देते हैं फिर वे सब भूत पूर्व सन्यासी हो जाते हैं !
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