Thursday, 7 September 2017

सरकार ईमानदार है तो नेताओं की संपत्तियों की जाँच करके सच्चाई सार्वजानिक करे सरकार !

प्रधानमंत्री जी !जब हर चीज ऑनलाइन तो नेताओं की संपत्तियों का ब्यौरा ऑनलाइन क्यों नहीं ?
  नेताओं की बेतहाशा बढ़ती संपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाबsee more...  http://navbharattimes.indiatimes.com/india/as-political-leaders-get-mega-rich-in-5-years-sc-seeks-report/articleshow/60400966.cms

    नेताओं को विरासत में क्या मिला !उनमें शैक्षणिक योग्यता कितनी है वो व्यापार क्या  करते रहे या कब करते रहे कहाँ  करते रहे अथवा  अपनी किस योग्यता से कमाते रहे !प्रायः सामान्य ग्रामीण जीवन जीने वाले नेता लोग जो बचपन में किसी प्रकार से दालरोटी का जुगाड़ कर पाते थे आज वो करोड़ों  अरबों की संपत्तियों के मालिक  बने बैठे हैं कैसे ?
    राजनीति स्वयं में कोई उद्योग नहीं अपितु जन सेवा व्रत है किंतु सेवाकार्यों के नाम पर इकट्ठी की गई संपत्तियाँ सेवाकार्यों में ही क्यों नहीं लगाई गईं !भ्रष्ट अफसरों से भ्रष्टाचार की कमाई में हिस्सा क्यों लिया गया !अपराधियों को संरक्षण देकर उनसे दिहाड़ी पर अपराध करवाकर क्यों लूटा गया देश वासियों का धन !अपहरण उद्योग को संरक्षण क्यों देते रहे नेता लोग !हत्या बलात्कारों में संलिप्त क्यों पाए जाते हैं कुछ नेता लोग  !अपनी खाल बचाने के लिए 'कुछ' तो लिखना पड़ता है !बाक़ी अधिकाँश नेतालोग अकूत  संपत्ति  इकठ्ठा किए हुए हैं जिसे वो प्रूफ नहीं कर सकते कि उन्होंने ये ईमानदारी और पारदर्शी स्रोतों से कमाई है और वो ईश्वर की कसम खाकर ये नहीं कह सकते हैं कि उनकी अधिकाँश संपत्तियों के स्रोत आपराधिक नहीं हैं !चोरी लूट हत्या बलात्कार अपहरण जैसी घटनाओं की जड़ में नेताओं के द्वारा बिना कुछ किए धरे अपनी सम्पत्तियों को बढ़ाने की चाहत है !
    इसलिए हर नेता और और उसके परिजनों की सम्पत्तियों का सर्वे किया जाए संपत्ति स्रोतों की गहन जाँच हो और वो लोग  जिसके स्रोत बता न सकें या पवित्र न हों ऐसी संपत्तियां न केवल जप्त की जाएं अपितु ऐसे नेताओं को कैद करके समाज को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में कुछ ठोस कदम उठाए जाएँ !
      ऐसे भ्रष्ट नेता प्रायः हर पार्टी में होते हैं जिनकी पापपूर्ण कमाई के लोभ में ही ऐसे नेताओं को चुनावी टिकट   दिए जाते हैं और पार्टियों के बड़े बड़े पदों से नवाजा जाता है उन्हें ! भ्रष्टाचारी और सम्पत्तिवान होने के अलावा उनमें कोई भी दूसरा गुण नहीं होता है फिर भी राजनैतिक पार्टियों में वे प्रमुख पदों पर विराजते हैं !ये आपराधिक प्रवृत्ति  के नेता लोग ही सरकारों के द्वारा अपराधों और भ्रष्टाचारों के विरुद्ध बनाई जाने वाली   योजनाओं की हवा निकाला करते हैं इसीलिए अपराध को प्रमोट करने वाले नेताओं का धंधा आराम से चलता रहता है !सरकार अवैध सम्पत्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की बात करती किन्तु कार्यवाही करती नहीं है क्योंकि उसे पता होता है कि सबसे अधिक अवैध संपत्तियाँ नेताओं और अधिकारियों कर्मचारियों के पास ही होती हैं इसलिए अवैध सम्पत्तियों पर कार्यवाही का  मतलब है अपनी  सरकार की भद्द पिटवानी  !इसलिए सरकार अवैध सम्पत्तियों पर कोई कार्यवाही करेगी ऐसी आसा भी नहीं की जानी चाहिए !

No comments: