Saturday, 16 April 2016

'ऑड इवन' के बाद "कूड़ाफेस्टिवल " मनाया गया था पिछली बार !महीनों सड़ती रही थी दिल्ली तब प्रदूषण की चिंता नहीं हुई थी इन्हें !!

  'ऑड इवन' से  प्रदूषण  का लेवल पिछली बार इतना ज्यादा गिर गया था कि उसे रिकवर करने के लिए मनाया गया था  "कूड़ाफेस्टिवल "गली गली में लगे थे कूड़े के अम्बार !हे केजरीवाल जी ! कितना तंग करोगे दिल्ली वालों को !तुम्हें सरकार चलानी नहीं आती है तो हाथ जोड़ लो दिल्ली वालों से वो दयालु हैं तुम्हें अब भी माफ कर देंगे ! कभी सोच कर  देखो यदि आपकी रासलीला मंडली ने ऐसे ही पाँच वर्ष बिता दिए तो दिल्ली बाले अगले चुनावों में दिल्ली में घुसने देंगे तुम्हें ! साफ साफ कह देंगे कि तुम जाओ बैंगलोर अपना वहीँ जाकर खाँसी सेलिब्रेट करो !
दिल्ली नरेश जी जिस महीने ज्यादा झूठ बोल जाते हैं उसी महीने खाँसी जोर पकड़ जाती है !
     बंधुओ ! दिल्ली का काम प्रदूषण के बिना चल ही नहीं सकता !आड  इवेन फार्मूले से प्रदूषण का लेवल इतना अधिक घट गया था कि अचानक बढ़ाना आवश्यक हो गया था और दिल्ली की गली गली में कूड़ा फैलवाना पड़ा !बारी  शुभ चिंतक दिल्लीसरकार !उधर दिल्ली सरकार की खाँसी अचानक जोर पकड़ गई और  सरकार  कीआत्मा को अचानक जाना पड़ा बैंगलोर !बैंगलोर जाना कोई बुरी बात नहीं है किंतु पिछली बार केजरीवाल जी जब खाँसी ठीक करवाकर आए थे बैंगलोर से तभी हुआ था "योगेंद्रकांड" अबकी किसपर बीतेगी ये बैंगलोर यात्रा भगवान ही जाने !
"कूड़ाफेस्टिवल "  -
   इधर दिल्लीवालों के लिए मनाया जा रहा था "कूड़ाफेस्टिवल " भाई !बड़ा प्रभावी है आड  इवेन फार्मूला ! देखिए प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली सरकार ने आड  इवेन फार्मूला चलाया था और अब प्रदूषण घटते ही मनाया जा रहा था "कूड़ाफेस्टिवल "विरोधी कहते थे सरकार कुछ करती नहीं है अरे !अभी तो कूड़ा फैलाने का बजट पास कराया जायेगा फिर कूड़ा हटाने का बजट पास होगा फिर कूड़ा फैलाने और हटाने का जश्न मनाया जाएगा तभी तो किया जाता है स्याही संस्कार बारी दिल्ली सरकार !
   इस "कूड़ाफेस्टिवल " में सफाईकर्मियों ने भी  पूरी ताकत झोंक रखी थी  जगह जगह सजाए गए थे कूड़े के अंबार ! 'आप' के वालेंटियरों से लेकर मंत्रियों तक  को लगाया गया था कूड़े के काम में !मीडिया तो कूड़ा कूड़ा कर ही रहा था !
     इस सारी दुनियाँ दारी से दूर दिल्लीनरेश बैंगलोर  में ले रहे थे खाँसी का आनंद !उधर बैंगलोर में दिल्ली नरेश को नहाने  धोने  उठने  बैठने  बोलने  चालने की सभ्यता सिखाई जा रही थी !लोगों पर झूठे आरोप लगाने के दोष गिनाए जा रहे थे दिल्ली की जनता के धन का विधायकों की सैलरी और विज्ञापनों में दुरूपयोग करने को रोका जा रहा होगा !खाना पीना सोना जागना आदि सब कुछ करने के लिए संयम से लेकर सात्विकता तक के उन्हें गंभीर  पाठ पढ़ाए जा रहे होंगे !इस प्रकार से सारा आचार व्यवहार संस्कार शिष्टाचार आदि सिखाया जा रहा होगा !ऐसी ही योगिक क्रियाओं से उनकी मन वाणी आत्मा आदि का शुद्धीकरण होते ही पापों का प्रायश्चित्त हो जाता है इस प्रकार से दिल्ली नरेश जी का शरीर पापमुक्त होते ही  स्वतः भाग  जाती हैं खाँसी जैसी सारी आधियाँ ब्याधियाँ !        
    बंधुओ ! कभी आपने सोचा है कि सारे देश के लोग इलाज कराने दिल्ली आते हैं किंतु दिल्ली के मुख्यमंत्री खाँसी ठीक करवाने बैंगलोर
क्यों जाते हैं !क्या वहाँ इलाज की व्यवस्था दिल्ली से अधिक अच्छी है और यदि ये सच है तो चिकित्सा की वैसी व्यवस्था दिल्ली में क्यों नहीं की जा सकती जैसी बैंगलोर में है यही प्रश्न तब उठता था जब सोनियाँ जी इलाज कराने विदेश जाया करती थीं किंतु न जाने क्यों सत्ता और सरकार मिलने के बाद बीमारियाँ बढ़ती भी हैं !
   पिछली बार जब केजरीवाल जी खाँसी ठीक करवाकर आए थे तभी हुआ था "योगेंद्रकांड" अबकी किसपर बीतेगी ये बैंगलोर यात्रा भगवान ही जाने !

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