काँग्रेस को देश ने इतने वर्षों तक सहा है काँग्रेस को क्यों नहीं सहना चाहिए मोदी जी का कार्यकाल !
हर विषय पर विवाद हर काम पर आपत्ति हर बयान पर शंका !संसद से लेकर शिक्षण संस्थानों तक हर जगह हुड़दंग करवाने का कारण क्या है !लंबे समय तक सत्ता में रही काँग्रेस बहुत लोगों ने आवश्यकतानुशार काँग्रेसी सत्ता का फायदा उठाया है वो शिक्षक साहित्यकार अधिकारी कर्मचारी आदि कोई भी क्यों न हो !मोदी सरकार के विरुद्ध काँग्रेस के एक आह्वान पर वो लोग हुड़दंग काटने लगते हैं ?फिर ये होता है कि मोदी सरकार से साहित्यकार रूठ गए या शिक्षक रूठ गए या छात्र रूठ गए जबकि ऐसा नहीं है वास्तविकता ये है कि साहित्यकारों ,शिक्षकों, छात्रों व्यापारियों आदि में मोदी सरकार से रूठे लोग विरोधी पार्टियों से किसी न किसी प्रकार से उपकृत होते रहे हैं या उन पार्टियों से जुड़े हैं ।
बहुमत से बनी मोदी सरकार को हर समय शक से देखना कहाँ तक उचित है !इसे देश की जनता का निर्णय समझ कर सहने की आदत डालनी चाहिए !राहुल जी को मोदी जी के कोट से लेकर उनकी हर बात और हर कार्य शैली पर आपत्ति है उन्हें !संसद में मोदी जी कोई बिल लाना चाहें तो टाँग फँसाकर खड़े हो जाती है काँग्रेस और वो रास्ता बताते हैं कि अमुक अमुक संशोधन करके बिल पास करो !किंतु मोदी सरकार यदि उनकी बात मानले फिर तो ये कांग्रेस की पसंद का बिल होगा !ये तो उसी का बिल हो जाएगा जिस पार्टी की नीतियों से तंग होकर जनता ने मोदी सरकार को बहुमत दिया है अब मोदी सरकार को भी कुछ तो ऐसा करने दिया जाए जो कांग्रेस को पसंद आवे या न आवे किंतु जनता को पसंद आना चाहिए क्योंकि सरकार कांग्रेस ने नहीं जनता ने चुनी है किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का दायित्व है कि वो जनता की रूचि के अनुशार काम करे !
इसी प्रकार से अखलाक की हत्या से दुखी वास्तव में वे नेता लोग थे जिनके स्वार्थ कुछ और थे !आखिर जाति संप्रदायवाद की विदाई कब होगी इस देश से ! बंधुओ !आम आदमी पार्टी की एक रैली में एक किसान ने आत्महत्या की थी उस समय जो केजरीवाल जी अपने समस्त ग़णों के साथ न केवल मंच पर सुशोभित होते रहे अपितु भाषण भी चलते रहे किंतु वो दस कदम दूर उस फड़फड़ाते किसान के पास उस समय नहीं पहुँच सके वे भी दादरी न केवल पहुँच गए अपितु मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने जितना कुछ बोला उसमें देश के एक नागरिक की हुई हत्या जैसे जघन्य अपराधों की निंदा कम थी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भविष्य में क्या कुछ सावधानियाँ बरती जाएँ उधर उतना ध्यान नहीं था जितना हिंदू मुस्लिम पर टिका था आखिर क्यों ? 'अखलाक' हम सब लोगों की तरह ही देश के नागरिक थे !किंतु जितने भी नेता वहाँ पहुँच रहे हैं उन्हें केवल उनका मुस्लिमत्व आकर्षित कर रहा है आखिर क्यों ?अन्य बहुत नेताओं के बयान भी लगभग ऐसी ही भावना से भावित सुनाई पड़ते हैं । आज उस परिवार पर मुशीबत है इन नेताओं ने हाजिरी लगाने के चक्कर में उस पीड़ित परिवार को इतना तंग कर दिया कि अंत में उन्हें इन कृत्रिम हमदर्दों के हाथ जोड़ देने पड़े कि इससे अधिक आपकी हमदर्दी अब हम नहीं सह सकते !बंधुओ ! जिसे जाना था वो तो चला गया किंतु इस देश से जाति संप्रदायवाद की विदाई नहीं हो सकी ! उसके लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए जो स्वर अभी तक सुनाई देना बाक़ी है ।
हिन्दू मुस्लिम क्यों ?देश के एक नागरिक की हत्या हुई है !
"दादरी मर्डर :PM मोदी अपने कार्यकर्ताओं को सँभालें - आजम -NBT "
किंतु आजम साहब ! घटना ग्रेटर नोएडा की है सरकार यू.पी.में आपकी है इसलिए कानून व्यवस्था बनाकर रखने की जिम्मेदारी आपकी है जिसमें आपकी सरकार नाकाम रही है । इसमें मोदी जी का नाम घसीट कर आप घटना की गंभीरता को कम कर रहे हैं जो ठीक नहीं है । आपको केजरीवाल की तरह लगता है कि मोदी जी की आलोचना करने से हमारी भी नेतागिरी चमक उठेगी और हमारी भी गणना बड़े नेताओं में होने लगेगी ।किंतु हे नेताजी ! ऐसे लोमहर्षक कांडों का राजनीति करण करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है आप राजनीति कहीं और कर लेना ! यहाँ तो देश के उस सम्मानित नागरिक के विषय में संवेदना पूर्वक व्यवहार करने का समय है जिसकी हत्या हुई है जिसके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है जिन्हें रोते बिलखते देखकर मानवता दहल उठती है उन्हें हिन्दू मुस्लिम की दृष्टि से मत देखिए !उन्हें उस दृष्टि से देखिए कि अपने अपने काम से थका हारा पूरा परिवार सायंकाल घर पर इकठ्ठा हुआ होगा दिन भर के अपने अपने अनुभव एक दूसरे से कह सुन रहा होगा तभी अचानक अपने परिवार के सदस्यों के सामने मौत का सामना करना पड़ा होगा उसे ,बेबस परिवारवाले बेचारे देखकर रह गए होंगे !
आजम साहब ! आज आप मोदी जी की ओर इशारा कर रहे हैं कि वे अपने कार्यकर्ताओं को रोकें !अरे !आप कहना क्या चाहते हैं !क्या मोदी जी आपसे कहने आए कि आप अपने प्रदेश की कानून व्यवस्था न ठीक करें दोषियों पर कार्यवाही न करें !इसलिए यू.पी.सरकार निष्पक्ष रूप से राजधर्म का पालन करे !उसे जनता ने बिजयी बनाया है वो जनता को जवाब दे कि आपके प्रदेश में किसी परिवार को ऐसे दर्दनाक अत्याचार का सामना क्यों करना पड़ा !क्या करती रही आपकी सरकार और आप जैसे सरकार के सूरमा मंत्री !
हर विषय पर विवाद हर काम पर आपत्ति हर बयान पर शंका !संसद से लेकर शिक्षण संस्थानों तक हर जगह हुड़दंग करवाने का कारण क्या है !लंबे समय तक सत्ता में रही काँग्रेस बहुत लोगों ने आवश्यकतानुशार काँग्रेसी सत्ता का फायदा उठाया है वो शिक्षक साहित्यकार अधिकारी कर्मचारी आदि कोई भी क्यों न हो !मोदी सरकार के विरुद्ध काँग्रेस के एक आह्वान पर वो लोग हुड़दंग काटने लगते हैं ?फिर ये होता है कि मोदी सरकार से साहित्यकार रूठ गए या शिक्षक रूठ गए या छात्र रूठ गए जबकि ऐसा नहीं है वास्तविकता ये है कि साहित्यकारों ,शिक्षकों, छात्रों व्यापारियों आदि में मोदी सरकार से रूठे लोग विरोधी पार्टियों से किसी न किसी प्रकार से उपकृत होते रहे हैं या उन पार्टियों से जुड़े हैं ।
बहुमत से बनी मोदी सरकार को हर समय शक से देखना कहाँ तक उचित है !इसे देश की जनता का निर्णय समझ कर सहने की आदत डालनी चाहिए !राहुल जी को मोदी जी के कोट से लेकर उनकी हर बात और हर कार्य शैली पर आपत्ति है उन्हें !संसद में मोदी जी कोई बिल लाना चाहें तो टाँग फँसाकर खड़े हो जाती है काँग्रेस और वो रास्ता बताते हैं कि अमुक अमुक संशोधन करके बिल पास करो !किंतु मोदी सरकार यदि उनकी बात मानले फिर तो ये कांग्रेस की पसंद का बिल होगा !ये तो उसी का बिल हो जाएगा जिस पार्टी की नीतियों से तंग होकर जनता ने मोदी सरकार को बहुमत दिया है अब मोदी सरकार को भी कुछ तो ऐसा करने दिया जाए जो कांग्रेस को पसंद आवे या न आवे किंतु जनता को पसंद आना चाहिए क्योंकि सरकार कांग्रेस ने नहीं जनता ने चुनी है किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का दायित्व है कि वो जनता की रूचि के अनुशार काम करे !
इसी प्रकार से अखलाक की हत्या से दुखी वास्तव में वे नेता लोग थे जिनके स्वार्थ कुछ और थे !आखिर जाति संप्रदायवाद की विदाई कब होगी इस देश से ! बंधुओ !आम आदमी पार्टी की एक रैली में एक किसान ने आत्महत्या की थी उस समय जो केजरीवाल जी अपने समस्त ग़णों के साथ न केवल मंच पर सुशोभित होते रहे अपितु भाषण भी चलते रहे किंतु वो दस कदम दूर उस फड़फड़ाते किसान के पास उस समय नहीं पहुँच सके वे भी दादरी न केवल पहुँच गए अपितु मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने जितना कुछ बोला उसमें देश के एक नागरिक की हुई हत्या जैसे जघन्य अपराधों की निंदा कम थी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भविष्य में क्या कुछ सावधानियाँ बरती जाएँ उधर उतना ध्यान नहीं था जितना हिंदू मुस्लिम पर टिका था आखिर क्यों ? 'अखलाक' हम सब लोगों की तरह ही देश के नागरिक थे !किंतु जितने भी नेता वहाँ पहुँच रहे हैं उन्हें केवल उनका मुस्लिमत्व आकर्षित कर रहा है आखिर क्यों ?अन्य बहुत नेताओं के बयान भी लगभग ऐसी ही भावना से भावित सुनाई पड़ते हैं । आज उस परिवार पर मुशीबत है इन नेताओं ने हाजिरी लगाने के चक्कर में उस पीड़ित परिवार को इतना तंग कर दिया कि अंत में उन्हें इन कृत्रिम हमदर्दों के हाथ जोड़ देने पड़े कि इससे अधिक आपकी हमदर्दी अब हम नहीं सह सकते !बंधुओ ! जिसे जाना था वो तो चला गया किंतु इस देश से जाति संप्रदायवाद की विदाई नहीं हो सकी ! उसके लिए सामूहिक प्रयास होने चाहिए जो स्वर अभी तक सुनाई देना बाक़ी है ।
हिन्दू मुस्लिम क्यों ?देश के एक नागरिक की हत्या हुई है !
"दादरी मर्डर :PM मोदी अपने कार्यकर्ताओं को सँभालें - आजम -NBT "
किंतु आजम साहब ! घटना ग्रेटर नोएडा की है सरकार यू.पी.में आपकी है इसलिए कानून व्यवस्था बनाकर रखने की जिम्मेदारी आपकी है जिसमें आपकी सरकार नाकाम रही है । इसमें मोदी जी का नाम घसीट कर आप घटना की गंभीरता को कम कर रहे हैं जो ठीक नहीं है । आपको केजरीवाल की तरह लगता है कि मोदी जी की आलोचना करने से हमारी भी नेतागिरी चमक उठेगी और हमारी भी गणना बड़े नेताओं में होने लगेगी ।किंतु हे नेताजी ! ऐसे लोमहर्षक कांडों का राजनीति करण करने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है आप राजनीति कहीं और कर लेना ! यहाँ तो देश के उस सम्मानित नागरिक के विषय में संवेदना पूर्वक व्यवहार करने का समय है जिसकी हत्या हुई है जिसके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है जिन्हें रोते बिलखते देखकर मानवता दहल उठती है उन्हें हिन्दू मुस्लिम की दृष्टि से मत देखिए !उन्हें उस दृष्टि से देखिए कि अपने अपने काम से थका हारा पूरा परिवार सायंकाल घर पर इकठ्ठा हुआ होगा दिन भर के अपने अपने अनुभव एक दूसरे से कह सुन रहा होगा तभी अचानक अपने परिवार के सदस्यों के सामने मौत का सामना करना पड़ा होगा उसे ,बेबस परिवारवाले बेचारे देखकर रह गए होंगे !
आजम साहब ! आज आप मोदी जी की ओर इशारा कर रहे हैं कि वे अपने कार्यकर्ताओं को रोकें !अरे !आप कहना क्या चाहते हैं !क्या मोदी जी आपसे कहने आए कि आप अपने प्रदेश की कानून व्यवस्था न ठीक करें दोषियों पर कार्यवाही न करें !इसलिए यू.पी.सरकार निष्पक्ष रूप से राजधर्म का पालन करे !उसे जनता ने बिजयी बनाया है वो जनता को जवाब दे कि आपके प्रदेश में किसी परिवार को ऐसे दर्दनाक अत्याचार का सामना क्यों करना पड़ा !क्या करती रही आपकी सरकार और आप जैसे सरकार के सूरमा मंत्री !
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