पार्टी के एक नेता का खून क्या बहा युवराज साहब कहने लगे कि राष्ट्रभक्ति हमारे खून में है किंतु ये भी तो उचित नहीं है कि राष्ट्र भक्ति बहती फिरे !
काँग्रेसी नेता के द्वारा अफजल'गुरूजी' यदि धोखे से कहा हुआ मान भी लिया जाए तो हाफिजसईद को 'साहब' और ओसामा 'जी' जैसे शब्द भी तो इसी पार्टी के बड़े नेताओं के वक्तव्य का हिस्सा रहे हैं । यदि इन वक्तव्यों को भी धोखे से कहा हुआ मान भी लिया जाए तो इधर कुछ दिनों से कांग्रेसियों की बाँछें क्यों खिली हुई हैं JNU की गणेश परिक्रमा में लगी हुई है संपूर्ण पार्टी ही !अचानक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व JNUकी धूल फाँक रहा है आखिर क्यों ?ऐसा नया क्या हुआ है JNU में !
पार्टी के शीर्ष सरगना लोग आज JNU की गणेश परिक्रमा करने में लगे हैं आखिर क्यों ? ऐसा हुआ क्या है JNU में केवल यही न कि राष्ट्र विरोधी विचार धारा से सम्बंधित नारे लगाए गए हैं और ऐसा दुस्साहस करने वालों पर सरकार कार्यवाही कर रही है जिस भी पार्टी के जो नेता सरकारी कार्यवाही का विरोध करने के लिए JNU जाते हैं इसका मतलब तो सीधा है कि वो राष्ट्रविरोधी विचारधारा के समर्थक हैं और यदि ऐसा है तो केवल भाजपा और नरेन्द्रमोदी सरकार को नीचा दिखाने के लिए उन्होंने देश द्रोहियों का साथ देना भू शुरू कर दिया क्या ये माना जाए !यदि ऐसा है तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है !
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