अवैध अतिक्रमणों के लिए सौ प्रतिशत दोषी हैं निगम के अधिकारी कर्मचारी उनके विरुद्ध नहीं जाती है कोई कार्यवाही !सब मिले हुए हैं इन अधिकारियों कर्मचारियों की संपत्तियाँ जाँच की जाएँ तब पता लगेगा कि इन अतिक्रमणों के लिए कौन कितना दोषी है !
पूर्वी दिल्ली कृष्णानगर के k-71,बिल्डिंग पर लगे अवैधमोबाइल टावर मालिक से पैसे ऐंठने के लिए पहले उसे डिमॉलिस करने का आदेश पास किया जाता है फिर घूस की पहली क़िस्त मिलने के बाद उसे डिमॉलिस न करके सील कर दिया जाता है टॉवर चलता रहता है और घूस की दूसरी क़िस्त पाते ही सील को भी खोल दिया जाता है और टॉवर चलता रहता है टॉवर !घूसखोरी का ये खेल पिछले 14 वर्षों से चला आ रहा है !
इस वर्ष भी 22 जनवरी को डिमॉलिस करने का आदेश पास किया गया घूस की पहली क़िस्त पाकर अब उसे सील कर दिया गया है घूस की तीसरी क़िस्त मिलते ही उसे खोल देंगे !सुप्रीमकोर्ट के अतिक्रमण मुक्ति अभियान को भी ऐसे ही ठेंगा दिखा रहे हैं ये लोग !अवैध अतिक्रमणों को बचाने पर अभी भी आमादा हैं !इसी प्रकार से कई कई साल से सील परे घरों फ्लैटों की पैसे लेकर सील खोलवा दे रहे हैं !कागजों में सील है मौके पर खुला !यदि ये लुटेरे घूसखोर उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं करेंगे !तो उन्हें भय किस बात का !EDMC के घूसखोर अधिकारी कर्मचारियों की इस घूसखोरी के विरुद्ध निगमपार्षदों का मौन उन्हें ऐसे भ्रष्टाचार में संलिप्त सिद्ध करता है या फिर वे लचार हैं !जिसके लिए वे स्वयं दोषी हैं और जनता के साथ मिलकर ऐसे भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध छेड़ें आंदोलन !अन्यथा भ्रष्टाचारियों की जमात में स्वयं भी सम्मिलित बने रहें !
प्रदूषण फैलाने वाले कार्य उद्योग आदि घूस ले लेकर चलने दिए जा रहे हैं सरकारी बेईमानों और भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों ने ऐसे अवैध और प्रदूषण फैलाने वाले व्यापारों को अपनी कमाई का मुख्य स्रोत बना रखा है उन पर कोई कार्यवाही हो तब न !
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