ऐसी गलियों से होकर जो गुजरे सो बदनाम !जो बदनामी से न डरे सो नेता डर जाए तो किन्नरों जैसी जिंदगी बिता रहे हैं राजनैतिक दलों में पड़े कई योग्य अनुभवी चरित्रवान लोग !
राजनीति की इस मंडी में भी केवल मेकअप चलता है !
मेकअप के बलपर जो वेश्याएँ
झूठ बोल बोल कर या धोखादेकर ग्राहक पटाने में सफल हो जाएँ वही सुंदरी !ऐसी
ही है राजनीति !यहाँ तो एक दूसरे को 'छिनार' (दुश्चरित्र )कहना उसकी प्रशंसा मानी जाती है!ऐसे ही यहाँ भ्रष्ट बेईमान घपले घोटाले वाज नेता लोग अपनी बदनामी को प्रसिद्धि की तरह केस किया करते हैं राजनीति में !नेताओं के आचरण देख देखकर बिगड़ती जा रही है युवा पीढ़ी !रोज रेप के समाचार दिखाई सुनाई पड़ रहे हैं जो नेता ऐसे हैं वे कम ही पकड़े जाते हैं बच्चे पकड़जाते हैं !
ऐसे नेताओं ने बर्बाद किया है समाज !
नेतालोग चोरी छिनारा घपले घोटाले खुद करते हैं पकड़ जाते हैं तो कहते हैं हमने तो दलितों पिछड़ों अल्प संख्यकों के उत्थान के लिए ऐसा किया था और उनकी लड़ाई मैं लड़ता रहूँगा !ऐसा ही कोई मसीहा भारत में विवाह करके विदेश चला गया वहाँ रखैल रख ली दसबीस वर्ष उसके साथ ऐय्यासी करता रहा फिर स्वदेश आकर दूसरी शादी कर ली !जब बदनामी होने लगी तब वो दलितों के उत्थान का राग अलापने लगा !ऐसे धोखा धड़ी के केस अक्सर दिखाई सुनाई पड़ा करते हैं !
दलितों की दुर्दशा के लिए ब्राह्मणों को जिम्मेदार वे लोग ठहराते हैं जिनका अपना कोई चरित्र नहीं होता !किसी के यहाँ बच्चा न हो तो दोष पडोसी पर मढ़ दिया जाए कहीं ऐसा भी होता है क्या !अरे लड़का हुआ तो उसका भाग्य और न हुआ तो उसका भाग्य !इसमें पडोसी कहाँ से आ गया !किंतु दलित राजनीति आजादी के बाद आजतक इसी फार्मूले पर चलाई जा रही है!
राजनीति बंदरों का खेल है !
कौन किस डाल पर कब उछलकर बैठ जाए क्या भरोस !कौन किसके कब कान पकड़ने लग जाए क्या आश्चर्य !
इसीलिए तो राजनीति में कोई बड़ा छोटा योग्य अयोग्य नहीं होता यहाँ तो मौका ताड़ कर जो जिसके कान पकड़ ले वही शेर !इसीलिए तो किन्नरों जैसी जिंदगी काट रहे हैं राजनैतिक दलों में कई योग्य नेता लोग !और बंदर उन्हें चुनाव जीतने की कला सिखला रहे हैं ! राजनीति समझने के लिए जरूर देखिए ये वीडियो see more....
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