Thursday, 18 December 2014

RTI

फर्जी डिग्री या बिना डिग्री वाले अर्थात ज्योतिषीय अशिक्षित फिर भी ज्योतिष का कारोबार करने वाले लोग पैसे के द्वारा विज्ञापनों के बल पर विद्वान ज्योतिषी  होने का अपना प्रचार प्रसार करते रहते हैं और सरकार के द्वारा संचालित संस्कृत विश्व  विद्यालयों से प्रदान की जाने वाली सारी डिग्रियॉं अपने नाम के साथ लगाते हैं। ये सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों के प्रमाणित निर्धारित पाठ्यक्रम एवं डिग्रियों का सरासर अपमान है। मान्यवर,यदि यही सही है तो कोई वर्षों तक परिश्रम करके क्यों पढ़ेगा? सरकारी संस्कृत विश्वविद्यालयों के महत्त्व एवं उस पर किए जाने वाले आर्थिक व्यय का औचित्य क्या  रह जाता है?

    नियमतः उनके द्वारा किया जाने वाला यह आचरण अपराध की श्रेणी में आता है साथ ही चिकित्सा आदि क्षेत्रों की तरह फर्जी डिग्रियॉं अपने नाम के साथ  लिखना भी कानूनन अपराध मानकर कार्यवाही की जानी चाहिए किंतु ऐसा कुछ  देखने सुनने  को नहीं मिलता है।

बच्चे मारे गए पाकिस्तान में, मगर दिल में दर्द भारत के बच्चों को भी हुआ ! - BBC

     बंधुओ !भारत के सहिष्णु एवं संवेदनात्मक  संस्कारों का उल्लेख किए बिना नहीं रह सका -BBC , हमारी भावनाएँ उसे भी समझ में आ गईं  किन्तु क्या इसी रूप में ये बातें पाकिस्तान की समझ में भी आ पाएँगी क्या पाकिस्तान के आम लोगों तक भारतीयों  की भावनाओं को पहुँचाने में मदद करना  चाहेगा BBC !

    वैसे भी यही हमारी पहचान है ये हमारे सहज संस्कार हैं , पाकिस्तान के छद्म युद्ध से भारत परेशान भले हो जाए किंतु संस्कारों ,सहयोगों ,नैतिक ,आध्यात्मिक एवं  आत्मीय व्यवहारों के किसी मंच पर भारत पराजित नहीं किया जा सकता !ये भारत के संस्कार हैं जिनके बलपर सहिष्णु भारत हमेंशा से अजेय रहा है आगे भी रहेगा !   

   हाफिज सईद जैसे लोगों का इस शिशुसंहार से कोई सम्बन्ध तो नहीं है ! पाक सरकार को इसकी भी करवानी चाहिए जाँच ! कौन जानता है बंधुओ !पेशावर हमले के लिए भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हाफिजसईद जैसे लोग ही जिम्मेदार हों क्योंकि इनकी नीति और नियति हमेंशा से आत्मघाती रही है वे हमेंशा से पाकिस्तान को शर्मिन्दा करते आ रहे हैं आज भी वही कर रहे हैं  भारत के विरूद्ध पाकिस्तानी लोगों को भड़काने के लिए वो हमेंशा  पाकिस्तान का ही नुक्सान केवल यह दिखाने के लिए करते रहे हैं कि देखो यह भारत ने किया है !

   भारत में मुख्य अतिथि के रूप में पधारने वाले ओबामा के आगमन को न पचा पाने के कारण ही पाकिस्तान की आम आवाम को उबालने के कारण हाफिज  ने ही तालिबान से मिल कर करवाया हो यह भीषण शिशु संहार !अन्यथा उन निर्दोष बच्चों का शोणित अभी सूखा भी नहीं है कि दैत्य राज हाफिज  पाकिस्तानी जनता को भारत के विरुद्ध भड़काने में जी जान से जुट गया है !आखिर क्या अपराध है भारत का और क्यों उगल रहा है भारत के विरुद्ध आग ?वह राक्षस भारत की आत्मीयता का हमेंशा से अपमान करता रहा है आज भी कर रहा है !पाकिस्तान के स्कूल में बच्चों की हत्याओं पर बेचैन भारत को ही दोषी ठहरा रहा है यह असुर !हाफिज सईद जैसे असुरों पर भरोसा तो पाक को भी नहीं करना चाहिए।भारत की आत्मीयता को अपमानित करना पाकिस्तान के भी हित  में नहीं है यह अब पाक की आम जनता को भी समझ में आ जाना चाहिए !

    पाकिस्तान को अब भी सोचना चाहिए कि बच्चों के हत्यारे उन आतताइयों की ओर से यह कहा जाना कि "पाक सैनिक हमारे शिविरों पर हमला कर रहे थे इसलिए उनके बच्चों पर हमला किया गया है!" किन्तु भारत को तो पाकिस्तान ने अनेंकों बार ऐसी बेदनाएँ दी हैं जिनका जवाब भारत  भी उसी भाषा में दे सकता था किन्तु ऐसा जवाब देने की तो कभी कल्पना ही नहीं अपितु सह नहीं सका है भारतवर्ष !दहल उठे  हैं हम भारतीयों के हृदय !

     आखिर क्यों नहीं होगा भारत के बच्चों के दिल में दर्द ! भारत माँ का ही बच्चा पाकिस्तान है और पाकिस्तान के बच्चे हैं वे जिनके आत्मीय शरीरों के चीथड़े देखे हैं भारतीय बच्चों ने माँओं ने और सभी लोगों ने ! यह खबर सुनने के बाद भारतीयों की रातें जागते बीत रही हैं भोजन के ग्रास निगले नहीं जा रहे हैं ! पाकिस्तान में हुए आत्मीय बच्चों पर हमला भारत के लिए मात्र एक खबर भर नहीं थी आखिर वो भी भारत माता के ही जिगर के टुकड़े थे वह खून भी हम भारतीयों का ही था !उनकी सुरक्षा करना भी हमारा दायित्व है !भारत सरकारें हमेंशा से इसी सोच और प्रयास में लगी रही हैं किन्तु पाक ने हमेंशा हमारी आत्मीय भावनाओं के उत्तर अनात्मीय आचार व्यवहारों से दिए हैं । 

    हाफिज जैसे दैत्यों के भारत विरोधी घातक वाणी और व्यवहारों  पर लगाम न लगाया जाना पाकिस्तानी सरकारों की आतंकवाद के विरुद्ध गैर जिम्मेदारी को  दर्शाता है । अतीत में भी ऐसे ही दैत्य समूहों का दलन करने के लिए बहुत मजबूरी में ही भारत ने हथियार उठाए होंगे जब जब पाक ने कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा होगा अन्यथा भारतवर्ष  पाकिस्तानी भाई बहनों के प्रति अनात्मीय व्यवहार करने का पक्षधर कभी नहीं रहा है !

    किन्तु दुर्भाग्य इस बात का है कि पाकिस्तान के मुट्ठी भर विश्वासघाती राजनेता केवल अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकने के लिए भारतीयों की तरह ही पाकिस्तानियों के दिलों में पल रहे इस पुरातन निजी संबंध को हमेंशा से झुठलाते रहे हैं । भारत माता के प्रति गद्दारी करने वाले वो चंद  लोग यदि सुधर जाते तो क्या हम लोग अलग होकर भी साथ साथ नहीं रह सकते थे क्या कोई लड़का अपनी माँ से अलग होने के बाद माँ बेटे का सम्बन्ध भी भूल जाता है ! किन्तु पाकिस्तानी  नेता उस पवित्र सम्बन्ध को भी कलंकित करने का प्रयास हमेंशा करते रहे हैं ! अटल जी की आत्मीयता को इसी नवाज ने कारगिल युद्ध से नवाजा था ,मुंबई में हमला ,एवं आए दिन हमारे निर्दोष सैनिकों की हत्याएँ ,शहीद हेमराज का शिर और उससे सम्बंधित वीडियो जैसी असह्य वेदना सहकर भी भारतीय शांत रहे हैं किन्तु पाकिस्तानी नेता  राजनीति  उन देशों के उकसावे पर चल रहे हैं जो इस क्षेत्र में शान्ति की संभावना ही नहीं बनने देना चाहते !

बंधुओ  !  इसी विषय में  हमारा यह लेख भी -

पाकिस्तानी भाई बहनों के प्रति समर्पित आत्मीय 'दो शब्द' !

   पाकिस्तान में निर्दोष बच्चों  की  हत्याओं  से मानवता दहल उठी है!

       भारत माता के ही हृदय के  कभी अभिन्न अंग रह चुके पाकिस्तान के बच्चों पर आतताइयों ने इतना बड़ा अत्याचार किया हो चीथड़े उड़ा दिए गए जिन नौनिहालों के उनके परिजनों के करुण क्रंदन से ब्यथितात्मा आपके अपने भारतीयों से कौर नहीं निगले जा रहे थे सो नहीं सके हैं भारतीय !see more....http://samayvigyan.blogspot.in/2014/12/blog-post_4.html


Wednesday, 17 December 2014

ज्योतिष R T I

  
 अंध विश्वास 
1.   सरकार के प्रमाणित विश्व विद्यालयों से ज्योतिष सब्जेक्ट में एम.ए.पी.एच.डी.जैसी डिग्रियाँ हासिल करने वाले लोगों से अंध विश्वास फैलता ही नहीं है क्योंकि वे शास्त्र प्रमाणित बातें ही बोलते हैं फिर भी सरकार को यदि ऐसा लगता है तो इन विषयों को सरकारी  विश्व विद्यालयों में पढ़ाया क्यों जाता है ?ज्योतिष जैसे विषयों से जुड़े फर्जी डिग्री या बिना डिग्री वाले लोग या और भी सभी प्रकार से अयोग्य लोग ज्योतिष से संबंधित प्रेक्टिस करते हैं जिन्हें ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान तो होता नहीं है इसलिए ज्योतिष के विषय में वे जो कुछ भी बोलते हैं उसे ज्योतिष शास्त्र के किसी नियम से प्रमाणित नहीं किया जा सकता है किंतु ऐसी काल्पनिक डरावनी बातें बोलकर ये समाज को डरवाकर उसका भाग्य बदलने के नाम पर उससे धन लेते हैं यही अशास्त्रीय बातें अंध विश्वास की श्रेणी में आती हैं इन्हीं से फैलता है अंध विश्वास है इसलिए अंधविश्वास को मिटाने हेतु  ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए क्या कोई प्रावधान है और है तो क्या ?


   2.     ज्योतिष को कुछ लोग विज्ञान एवं कुछ लोग अंध विश्वास मानते हैं किन्तु सरकार ज्योतिष को क्या मानती है विज्ञान या अंध विश्वास ?

3.  सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्व विद्यालय वाराणसी से मैंने एम.ए. के समकक्ष परीक्षा पाठ्यक्रम के निर्धारित नियमानुशार ज्योतिषाचार्य अर्थात आधुनिक भाषा में ज्योतिष सब्जेक्ट लेकर एम.ए. की डिग्री हासिल की है !इसके बाद  हिन्दी विषय में ज्योतिष से सम्बंधित विषय पर शोध प्रबंध लिखकर पी.एच.डी. की है किन्तु जैसे ज्योतिषाचार्य ( एम.ए.) की डिग्री हम जैसे लोग पढ़ लिखकर लिख सकते हैं वैसे ही वे लोग भी  लिखते हैं जिन्होंने ज्योतिष की कोई डिग्री ही नहीं ली है न कोई पढ़ाई  ही की है और ज्योतिष की प्रेक्टिस जैसे हम लोग करते हैं वैसे ही वो लोग भी करते हैं जिन्होंने ज्योतिष की कोई डिग्री ही नहीं ली है न कोई पढ़ाई  ही की है ऐसी परिस्थिति में सरकारी विश्व विद्यालयों में सरकारी पाठ्यक्रम का अनुशरण करते हुए ज्योतिष का अध्ययन करने और ज्योतिषाचार्य ( एम.ए.)की डिग्री लेने का लाभ ही क्या है ?

 4.   लाल किताब  और काल सर्प योग 
   लाल किताब और काल सर्प योग जैसी किसी किताब का ज्योतिष के ग्रंथों एवं पाठ्यक्रम में कहीं कोई जिक्र ही नहीं मिलता है और यदि है तो विश्व विद्यालयीय ज्योतिष पाठ्यक्रम में उसे सम्मिलित क्यों नहीं किया गया है ? और यदि नहीं है तो ऐसी मन गढ़ंत किताबों पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगाया जाता है ?और न ही सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में ऐसा कोई विषय पढ़ाया ही जाता है किन्तु अंध विश्वास फैलाने वाले कुछ लोग ज्योतिष के नाम पर 'लालकिताब' और 'काल सर्प योग '  जैसे दोनों ही शब्दों का प्रयोग अंध विश्वास फैलाकर लोगों से धन ऐंठने के लिए किया करते हैं  जिसका ज्योतिष ग्रंथों में कहीं कोई प्रमाण ही नहीं मिलता है ऐसी परिस्थिति में 'लालकिताब' और 'काल सर्प योग ' जैसे नामों पर फैलाए जा रहे अंधविश्वास को रोकने के लिए सरकार क्या कुछ कदम उठाएगी ?


                                                 डॉ.शेष नारायण वाजपेयी                                                                 
                                      संस्थापक -राजेश्वरी प्राच्य विद्या शोध संस्थान


Tuesday, 16 December 2014

पुलिस क्या करे कैसे रखावे महिलाओं को ?

     आज कालगर्ल,या भद्दे भद्दे अश्लील नाच गायन से समाज का मनोरंजन करने वाली ,प्यार के कारोबार में सम्मिलित लड़कियों या महिलाओं की सुरक्षा आखिर कैसे की जाए ?इसका मुख्य कारण यह है कि ऐसे अधिकाँश केसों में ऐसी लड़कियों का शत्रु वही होता है जिस पर वे अधिक विश्वास करने लगती हैं जिस दिन इनका आपसी विश्वास टूटता है उसी दिन ये एक दूसरे की जान के प्यासे हो जाते हैं ऐसे हिंसक जोड़ों की  एक दूसरे से रखवाली पुलिस कैसे करे ?

  एक लड़का सुन्दरी, संपन्न,शिक्षित आदि देखकर नई लड़की से प्रेम करने लगता है और पुरानी प्रेमिका को छोड़  देता है किन्तु पुरानी प्रेमिका उसे छोड़ना नहीं चाहती हुई इसलिए वो बार बार फोन करती है जिस कारण  उसका नई प्रेमिका से तनाव रहने लगता है अब वो लड़का पुरानी प्रेमिका को अपने रास्ते से हटाने की साजिश रचता है