साईं संप्रदाय झूठ का पुलिंदा है इनका आधार ही पाखण्ड है पढ़िए इनके कुतर्कों के जवाब !
साईं अनुयायिओं की शंकाओं की समाधान श्रंखला -
यदि इस बात के शास्त्रीय अभिप्राय को समझे बिना ही इसके अर्थ यों ही कुतर्क बश अपने see more....http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_5398.html
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एक अनाम फकीर को साईं और भगवान कहने के पीछे विधर्मियों की कोई चाल तो नहीं !
साईं नाम का षड्यंत्र कहीं सनातन धर्म को छिन्न भिन्न करने की साजिश तो नहीं है ?
एक अनाम फकीर को कोई नाम देना जरूरी था क्या ? फिर उस फकीर का झूठ मूठ का चरित लिखवाने की क्या जरूरत थी जब उसके बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं था ,फिर see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_11.html
साईं नाम का षड्यंत्र कहीं सनातन धर्म को छिन्न भिन्न करने की साजिश तो नहीं है ?
एक अनाम फकीर को कोई नाम देना जरूरी था क्या ? फिर उस फकीर का झूठ मूठ का चरित लिखवाने की क्या जरूरत थी जब उसके बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं था ,फिर see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/07/blog-post_11.html
एक अनाम फकीर को साईं और भगवान कहने के पीछे विधर्मियों की कोई चाल तो नहीं !
साईं नाम का षड्यंत्र कहीं सनातन धर्म को छिन्न भिन्न करने की साजिश तो नहीं है ?
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साईं नाम का षड्यंत्र कहीं सनातन धर्म को छिन्न भिन्न करने की साजिश तो नहीं है ?
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जातिगत आरक्षण के रहते जातियाँ कैसे समाप्त हो सकती हैं ?हँसना और गाल फुलाना एक साथ होते कहीं देखा गया है क्या ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
जातिगत आरक्षण के रहते जातियाँ कैसे समाप्त हो सकती हैं ?हँसना और गाल फुलाना एक साथ होते कहीं देखा गया है क्या ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
जातिगत आरक्षण के रहते जातियाँ कैसे समाप्त हो सकती हैं ?हँसना और गाल फुलाना एक साथ होते कहीं देखा गया है क्या ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
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जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
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जातिगत आरक्षण के रहते जातियाँ कैसे समाप्त हो सकती हैं ?हँसना और गाल फुलाना एक साथ होते कहीं देखा गया है क्या ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
जब तक जातिगत आरक्षण चलेगा तब तक जातियाँ समाप्त होने की कल्पना ही नहीं की जा सकती! रही बात शिक्षा और योग्यता की तो जिसके पास शिक्षा और योग्यता होगी वो आरक्षण जैसी भिक्षा के आधीन होकर जीना क्यों पसंद करेगा ?इसलिए आरक्षण भी चाहिए और जातिवाद भी समाप्त हो जाए ये दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं ?
शंका -साईं भगवान क्यों नहीं हो सकते ?जब बाल्मीकि डाकू थे उनकी मान्यता हो गई तो साईं में क्यों आपत्ति हो रही है ?
समाधान - बाल्मीकि न तो डाकू थे और न ही उनका नाम बाल्मीकि था वो तो अग्नि शर्मा नाम के बहुत बड़े विद्वान ब्राह्मण थे !
अग्नि शर्मा जी के पिता जी बहुत बड़े विद्वान एवं तपस्वी ब्राह्मण थे वो जंगल में अपने परिवार के साथ रहते थे उन्होंने अपने पुत्र अग्नि शर्मा को भी धर्म शास्त्रों का अभ्यास करवा रखा था और पिता पुत्र नित्य तपस्या में लीन रहते थे एक बार जंगल में खूब...
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समाधान - बाल्मीकि न तो डाकू थे और न ही उनका नाम बाल्मीकि था वो तो अग्नि शर्मा नाम के बहुत बड़े विद्वान ब्राह्मण थे !
अग्नि शर्मा जी के पिता जी बहुत बड़े विद्वान एवं तपस्वी ब्राह्मण थे वो जंगल में अपने परिवार के साथ रहते थे उन्होंने अपने पुत्र अग्नि शर्मा को भी धर्म शास्त्रों का अभ्यास करवा रखा था और पिता पुत्र नित्य तपस्या में लीन रहते थे एक बार जंगल में खूब...
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शंका -साईं भगवान क्यों नहीं हो सकते ?जब बाल्मीकि डाकू थे उनकी मान्यता हो गई तो साईं में क्यों आपत्ति हो रही है ?
समाधान - बाल्मीकि न तो डाकू थे और न ही उनका नाम बाल्मीकि था वो तो अग्नि शर्मा नाम के बहुत बड़े विद्वान ब्राह्मण थे !
अग्नि शर्मा जी के पिता जी बहुत बड़े विद्वान एवं तपस्वी ब्राह्मण थे वो जंगल में अपने परिवार के साथ रहते थे उन्होंने अपने पुत्र अग्नि शर्मा को भी धर्म शास्त्रों का अभ्यास करवा रखा था और पिता पुत्र नित्य तपस्या में लीन रहते थे एक बार जंगल में खूब...
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समाधान - बाल्मीकि न तो डाकू थे और न ही उनका नाम बाल्मीकि था वो तो अग्नि शर्मा नाम के बहुत बड़े विद्वान ब्राह्मण थे !
अग्नि शर्मा जी के पिता जी बहुत बड़े विद्वान एवं तपस्वी ब्राह्मण थे वो जंगल में अपने परिवार के साथ रहते थे उन्होंने अपने पुत्र अग्नि शर्मा को भी धर्म शास्त्रों का अभ्यास करवा रखा था और पिता पुत्र नित्य तपस्या में लीन रहते थे एक बार जंगल में खूब...
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शंका -साईं भगवान क्यों नहीं हो सकते ?जब बाल्मीकि डाकू थे उनकी मान्यता हो गई तो साईं में क्यों आपत्ति हो रही है ?
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ज्योतिष की सच्चाई समझने के लिए देखें हमारा दूसरा ब्लॉग -"ज्योतिष विज्ञान अनुसंधान"
bharatjagrana.blogspot.com
शंका
- बहुत से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य लोग भी साईं को मानते हैं इसलिए ये
कैसे कहा जा सकता है कि वो लोग शास्त्र को नहीं जानते होंगें ?
समाधान - ' साईं मन्यते इति शूद्रः' ब्राह्मण केवल जाति से ही नहीं अपितु कर्म से भी होता है कोई भी शास्त्रीय ज्ञान और कर्मों से भ्रष्ट व्यक्ति ब्राह्मण किस बात का ?
'ब्रह्म जानातीति ब्रह्मणः' अर्थात ब्रह्म को जानने और ब्रह्म को मानने वाले को शास्त्रों में ब्राह्मण (शास्त्रों को जानने वाला ) बतलाया गया है । ' साईं मन्यते इति शूद्रः' अर...
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समाधान - ' साईं मन्यते इति शूद्रः' ब्राह्मण केवल जाति से ही नहीं अपितु कर्म से भी होता है कोई भी शास्त्रीय ज्ञान और कर्मों से भ्रष्ट व्यक्ति ब्राह्मण किस बात का ?
'ब्रह्म जानातीति ब्रह्मणः' अर्थात ब्रह्म को जानने और ब्रह्म को मानने वाले को शास्त्रों में ब्राह्मण (शास्त्रों को जानने वाला ) बतलाया गया है । ' साईं मन्यते इति शूद्रः' अर...
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कैसे कहा जा सकता है कि वो लोग शास्त्र को नहीं जानते होंगें ?
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- बहुत से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य लोग भी साईं को मानते हैं इसलिए ये
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'ब्रह्म जानातीति ब्रह्मणः' अर्थात ब्रह्म को जानने और ब्रह्म को मानने वाले को शास्त्रों में ब्राह्मण (शास्त्रों को जानने वाला ) बतलाया गया है । ' साईं मन्यते इति शूद्रः' अर...
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समाधान - ' साईं मन्यते इति शूद्रः' ब्राह्मण केवल जाति से ही नहीं अपितु कर्म से भी होता है कोई भी शास्त्रीय ज्ञान और कर्मों से भ्रष्ट व्यक्ति ब्राह्मण किस बात का ?
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कैसे कहा जा सकता है कि वो लोग शास्त्र को नहीं जानते होंगें ?
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अब आप पढ़िए हनुमत सुन्दर काण्ड भी !और अब आप दुर्गा सप्तशती का पाठ भी हिंदी में सुन्दर काण्ड की तरह कर सकते हैं !
आप सभी स्वजनों को नव वर्ष के प्रथम प्रभात के शुभ अवसर पर बहुत बहुत बधाई!
नव वर्ष के प्रथम दिवस के शुभ प्रभात से ही प्रारम्भ वासंती नवरात्रों की मंगलमयी बेला में माता दुर्गा प्रातः काल का प्रणाम निवेदित करते हुए असंख्य मंगल कामनाएँ !इस परम पवित्र अवसर पर भगवती दुर्गा के उपासक आप सभी सुधी साधकों कोsee more...
आप सभी स्वजनों को नव वर्ष के प्रथम प्रभात के शुभ अवसर पर बहुत बहुत बधाई!
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