राजनीति में मर्यादाओं मूल्यों,शिक्षा ,सदाचरण को प्रोत्साहित किए बिना अच्छे बात व्यवहार की उम्मींद ही क्यों ?
अमर्यादित बातों, व्यवहारों ,भ्रष्टाचारों का विरोध करके ही तो जीवित बनी रहती हैं हारी हुई राजनैतिक पार्टियाँ एवं चमकते रहते हैं हारने के कारण पार्टियों में हासिए पर चले गए राजनेता लोग !
राजनीति में ईमानदारी सुशिक्षा एवं जनसेवाव्रती लोगों को महत्व दिए बिना नेताओं से अच्छे बात व्यवहार की उम्मींद की ही नहीं जानी चाहिए ! आज किस पार्टी के नेता नहीं बोलते हैं गंदी भाषा और ईमानदारी पूर्वक जन सेवाव्रत का पालन करने वाले नेता कहाँ हैं ?
!केवल के विरोध के नाम पर कोई पार्टी राजनीति में
नेताओं के बयानों पर आखिर क्यों दिया जाए इतना ध्यान जिन्हें अच्छे बुरे की समझ ही नहीं होती है !
राजनीति में शिक्षा ,सदाचरण,मर्यादा ,ईमानदारी एवं शालीन बात व्यवहार का जब कोई महत्त्व ही नहीं है तो किसी नेता के अच्छे बुरे बयानों पर हो हल्ला क्यों ?
राजनीति में पदोन्नति होने या चुनाव जीतने मंत्री मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आदि बनने के बाद कितने नेता अपनी शालीनता सुरक्षित रख पाते हैं और जो रख पाते हैं वे वास्तव में महान हैं ।
पूर्वक जन सेवाव्रतअमर्यादित बयान देने वाले नेता किस पार्टी में नहीं हैं
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