Friday, 24 January 2014

माता पराम्बा भगवती दुर्गा को प्रणाम !

जय अंबे - सुप्रभातम्-जय अंबे
दिन का प्रारम्भ करो दुर्गा आराधना के साथ कभी अमंगल नहीं होगा किन्तु जो लोग भक्त वत्सला जगज्जननी माता पराम्बा भगवती की उपासना नहीं करते हैं और दूसरे तीसरे तरह के पुण्य कार्यों में लगे रहते हैं ऐसे लोगों के पुण्यों को भगवती स्वयं ही निष्फल कर देती हैं -
यो न पूजयते नित्यं चण्डिकां भक्त वत्सलाम् ।
भस्मीकृत्याशु पुण्यानि निर्दहेत् परमेश्वरी ॥
इसलिए प्रातः काल की पुण्यतमा बेला में पराम्बा भगवती दुर्गा को कोटिशः प्रणाम !!!
इस परम पवित्र प्रभात बेला में भगवती दुर्गा के उपासक आप सभी सुधी साधकों को बहुत बहुत बधाई ! माता दुर्गा सपरिवार आप सभी को उत्तम स्वास्थ्य एवं धनधान्य से पूर्ण करें- साथ ही समस्त समाज,देश एवं समस्त चराचर जगत के लिए मंगल कामना-
निवेदक -
राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोधसंस्थान
इस परं पवित्र अवसर पर अत्यंत आत्मीय और प्रेरक सन्देश .....

अबदुर्गासप्तशतीआदि भी रामचरितमानस एवं सुंदरकांड की ही तरह हिंदी दोहा चौपाई में पढ़िए श्री दुर्गा सप्तशती जैसा कठिन ग्रन्थ!
राजेश्वरी प्राच्यविद्या शोधसंस्थान
की ओर से
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दुर्गा सप्तशती की पुस्तक संस्कृत भाषा में होsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2013/10/blog-post_2.html





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