Wednesday, 20 May 2020

कोरोना से संबंधित मौसम पूर्वानुमान के विषय में -



 कोरोना के विषय में मैंने 19 मार्च को आपको जो पूर्वानुमान भेजा था उसमें कहा गया था कि 24 मार्च से इसका प्रभाव कम होने लगेगा इसके बाद 14 अप्रैल से इसका दुष्प्रभाव तेजी से घटने लगेगा और 6 मई से ये समाप्त होने लगेगा | 
     23 मई से दुष्प्रभाव सारे विश्व में अपेक्षाकृत कम होना प्रारंभ हुआ था 14 अप्रैल से इसका दुष्प्रभाव तेजी से घटा है जिसके फलस्वरूप इसके सर्दी जुकाम आदि जो जो लक्षण बताए जा रहे थे वे संक्रमण के लक्षण धीरे धीरे समाप्त होने लगे थे !6 मई से इस  संक्रमण की संपूर्ण समाप्ति का समय प्रारंभ हो चुका है जिसके प्रभाव से इस रोग से मुक्त होने वाले रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है | 
     तीन मई से शराब की दुकानें खुलने एवं मजदूरों के सामूहिक पलायन में उमड़ रही भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ती दिख रही हैं |इसी क्रम में लॉक डाउन -3 में दी गई छूटें भी सम्मिलित हैं | यदि वातावरण में संक्रमण का वेग घटा न होता तो ऐसी लापरवाही से संक्रमितों की संख्या बहुत अधिक बढ़ सकती थी | 
      विशेष बात यह है कि कोरोना के संक्रमण को घटाने के लिए न कोई वैक्सीन है और न ही अन्य कोई औषधि केवल सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसी चीजों के  सहारे इसे कम करने के प्रयास किए जा रहे थे किंतु शराब की दुकानें खुलने में एवं मजदूरों के सामूहिक पलायन में इन दोनों ही उपायों पर अमल नहीं किया जा सका |यहाँ तक कि कोरोना योद्धा चिकित्सक स्वयं संक्रमित होने लगे !जब कोई महामारी  स्वयं वैद्यों को संक्रमित करने लगे तो उनकी इस रोग को नियंत्रत करने की क्षमता अधिक स्पष्ट हो जाती है फिर भी उनके प्रयास प्रणम्य हैं | 
    इसके अतिरिक्त मई के महीने में सरकारी सतर्कता में भी पहले की अपेक्षा काफी अधिक कमी आई है !पहले एक संक्रमित की सूचना मिलने पर पूरे इलाके को सैनिटाइज कर दिया जाता था जबकि अब केवल सैनिटाइज व्यक्ति का ही गेट गीला करते हुए विधायक पार्षद आदि वीडियो बना ले जाते हैं बस !अधिकाँश लोग घर ही में  स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं | 
    इसके बाद भी संक्रमितों की संख्या में तेजी से हो  रहे सुधार का कारण 6 मई से हुए समय के सुधार के अतिरिक्त और कोई दूसरा कारण नहीं दिखाई दे रहा है | 
      वर्तमान समय में कुछ क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़ती दिखने का एक कारण तो यह है कि वे पूर्व संक्रमित ही हैं संसाधनों के अभाव में उनकी जाँच नहीं की जा सकी थी जो अब हो पा रही है इसलिए वो संख्या अब पता लग पा रही है किंतु उनमें भी संक्रमित 4 प्रतिशत से अधिक नहीं हैं जो संख्या पहले से चली आ रही है जबकि सुधार का प्रतिशत बढ़ा है |
       इधर कोरोना के बढ़ने में भूकंपों के बार बार आने की बहुत बड़ी भूमिका है | 24 अप्रैल के बाद गुजरात में कम तीव्रता के 15 से अधिक भूकंप आ चुके हैं जो गुजरात के साथ साथ अपने पास के महाराष्ट्र राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे प्रदेशों का भी संक्रमण बढ़ने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं !इसके अतिरिक्त राजस्थान और महाराष्ट्र में भी भूकंप आए हैं !दिल्ली में लगभग एक महीने में 4 भूकंप आ चुके हैं | वैदिक भूकंप विज्ञान की दृष्टि से ये भूकंप जिस प्रजाति के हैं वो महामारी को बढ़ने में सहायक होती है | यही कारण है कि भूकंपीय प्रदेशों में संक्रमण बढ़ रहा है यदि आगे को भूकंप नहीं आया तो वर्तमान संक्रमण रुकने में लगभग तीस दिन लग सकते हैं| यदि ये भूकंप न आए होते तो 6 मई के बाद से अब तक इस महामारी का काफी अधिक नियंत्रण हो सकता था | फिर भी भय की बात नहीं है मुझे विश्वास है कि इस महामारी से अतिशीघ्र मुक्ति मिलेगी !

                         निवेदक -
    डॉ. शेष नारायण वाजपेयी 
             Ph. D.  By  BHU 
      A -7\41,कृष्णानगर,दिल्ली -51  
    मो.9811226973  \9811226983

   संदर्भ लेख -
1.       Last Updated: April 24, 2020, 6:26 PM IST
प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जानकारी दी गई कि देश में 23 मार्च से पहले कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुने होने की रफ्तार 3 दिन मापी गई थी. इसके बाद लॉकडाउन लागू किया गया, जिसके परिणाम बाद में दिखने शुरू हुए. 29 मार्च को दोगुने होने की रफ्तार 5 दिन हो गई. इसके बाद 6 अप्रैल तक देश में 10 दिन में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे थे.see more...https://hindi.news18.com/news/nation/union-health-ministry-coronavirus-total-cases-23452-in-india-1752-in-24-hours-total-723-deaths-3048091.html
  
2. Covid-19: देश में क्या उतर रहा कोरोना का ग्राफ? मुंबई में नए मामलों में 35 % कमी, दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस !
Chandra Pandey | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 16 Apr 2020,
देश में बुधवार को कोरोना वायरस के नए मामलों में करीब एक चौथाई की कमी आई। सबसे बुरी तरह प्रभावित मुंबई में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह दिल्ली में बुधवार को सिर्फ 17 नए केस आए जो पूरे अप्रैल महीने में सिंगल डे केस का सबसे कम आंकड़ा है see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/india/coronavirus-in-india-curve-flattening-new-cases-dip-in-hotspots-delhi-mumbai-25-percent-drop-in-national-level/articleshow/75172364.cms

3. देश में 3 दिन से कम हो रहे कोरोना मरीज, दिल्ली-मुंबई से राहत, राजस्थान-मध्य प्रदेश ने बढ़ाई टेंशन
एजेंसियां,नई दिल्ली
Last updated: Thu, 16 Apr 2020 12:14 PM
see more...https://www.livehindustan.com/national/story-coronavirus-cases-in-india-new-cases-decreasing-in-delhi-and-maharashtra-increasing-in-rajasthan-and-mp-3153724.html


4. राहत: दिल्ली में कोरोना वायरस से उबरने की दर तीन गुना तक बढ़ी
नई दिल्ली, हेमवती नंदन राजौराLast updated: Wed, 20 May 2020 05:39 AM
 see more...https://www.livehindustan.com/ncr/new-delhi/story-relief-recovery-rate-of-corona-virus-in-delhi-increased-by-three-times-3226305.html

Sunday, 3 May 2020

किसी को संविधान निर्माता बनाने के लिए किस ऐसी योग्यता की अपेक्षा होती है जो केवल एक ही व्यक्ति में होती है उसके अतिरिक्त किसी दूसरे में नहीं होती !जिस विशेषज्ञता के कारण ही किसी एक व्यक्ति को  निर्माता होने का सम्मान दे दिया जाता है | उस विशेषज्ञता का नाम और परिचय क्या है ?

मानव शब्दमनु से ही बना है किंतु किसीपिता की संतानों काचिंतन भी अलगअलग होते देखाजाता है अच्छी संतानें अपनेपिताका मान सम्मान करती हैंउनकीकहीहुई बातें मानती हैंउसीमें कुछसंतानें बिगड़भी जातीहैंजोनतोउनकी बातेंमानती हैंऔर न उन्हेंमानती हैंतथा न उनके द्वारा लिखी हुईमनुस्मृतिमानती हैं |

जातियाँ अपनी सच्चाई के कारण ही टिकी हुई हैं तथा आरक्षण का आधार ही अनुचित एवं अन्याय पूर्ण है इसीलिए आरक्षण से आजतक किसी का भला हुआ ही नहीं जातियों का सम्मान इसीलिए आज भी बना हुआ है और आगे भी ... !

आरक्षण की तो वो स्थिति है करना के समय सरकारें सारी मदद देने का दावा ठोंक रही हैं फिर भी मजदूरवर्ग पलायन है उसे पता है कि सरकारें कभी कुछ किसी को दे ही नहीं सकती हैं क्योंकि उनके पास कुछ होता ही नहीं है