मान्यवर ! सरकार का पतझड़ प्रारम्भ हो चुका है रोक सकते हैं तो रोक लें !अब तो बसंत की कोपलें तो काँग्रेस में भी फूटने लगी हैं !
महोदय !दिल्ली में कोई काम करने वाला जन प्रतिनिधि हो तो उसका पता हमें भी चाहिए और जब दिल्ली के ये स्थिति है तो बाकी देश की कल्पना की जा सकती है क्या ऐसी ही लापरवाही के साथ लड़ा जाएगा सन 2019 का चुनाव !
पार्टी के जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण अब तो फिर से काँग्रेस में भी कोपलें फूटने लगी हैं बसंत का अनुभव करने लगी है काँगेस!अब तो उनका भोंपू भी बजने लगा है !इसलिए जो समय अवशेष बचा है उसमें जनता के लिए नहीं तो कम से कम 2019 जीतने के लिए ही कुछ कर लिया जाए !
PM साहब !अधिकारी कर्मचारी ही आपकी भावनाओं का ध्यान क्यों रखें और क्यों मानें आपकी बात !जब आपकी अपनी पार्टी के सांसदों विधायकों निगम पार्षदों के चेहरों पर ही नहीं दिखाई पड़ रही है 2019 की चिंता !वो इतना अधिक आश्वस्त हैं कि जनता यदि वोट नहीं भी देगी तो भी 2019 चुनाव तो मोदी जी के नाम पर जीत ही लेंगे !
पार्टी के जन प्रतिनिधि विल्ले बिजी हैं काम के न धाम के फिर भी व्यस्त !न घरों में मिलते हैं न फोन पर उनकी आफिसों में बैठे चम्पू जनता को लेटर पकड़ाए जा रहे हैं लेटर पाने वालों को लगता है कि जैसे वरदान मिल गया हो किंतु जब अधिकारी कर्मचारी छीछालेदर करते हैं तो भूल जाता है जन प्रतिनिधियों की चिट्ठियों का रौब !जवाबदेही किसी की नहीं है मान्यवर !
जनता के कामों की जवाबदेही जिनकी होनी चाहिए वो बिल्कुल नहीं निभा रहे हैं केवल जनता को मूर्ख बनाने में ही अपनी चालाकी समझते जा रहे हैं ! ये परिस्थिति आत्मघातक है !उचित होगा कि अभी ही सुधर लिया जाए !
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माना कि काँग्रेस और केजरी वाल कमजोर हुए हैं लालू प्रसाद जी वहाँ पहुँच गए हैं जहाँ से 2019 में कॉमेडी करने शायद न आ पावें और उनकी स्थिति देखकर बहन जी बौद्ध बन जाएँ !नेता जी !मौन धारण कर लें फिर भी रामायण में कहा गया है कि "रिपु रोज पावक पाप यही जानिए न छोट कर !!"
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