भगवान श्री राम जी,श्री कृष्ण जी ,श्री शिव जी,,श्री गणेश जी,,श्री दुर्गा जी आदि देवी देवताओं के सामने आखिर कहाँ ठहरते हैं साईं ?फिर भी उन्हें पैसे के बलपर घुसेड़ा गया सनातन धर्म के मंदिरों में इसे षडयंत्र न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?
जिन लोगों की शिक्षा के स्तर से मैं परिचित नहीं हूँ उनकी कुतर्की बातों का
जवाब देना अपना स्वभाव नहीं है अन्यथा शिक्षित लोगों के साथ शास्त्रीय संवाद करने में अपनी रूचि है और सत्य स्वीकार करने में हमें कोई संकोच भी नहीं होता है पहली बात तो जो शिक्षित
होगा वो बेहूदे प्रश्न छेड़ेगा ही क्यों उसे पता होना चाहिए कि वह क्या बोल रहा है शास्त्रीय तर्क हैं तो रखे अन्यथा केवल गाली देने से बात कैसे बन सकती है ।
प्रायः जिसको जो बात समझ में नहीं आती है वो उसे बकवास ही समझता है ये
उसकी मजबूरी भी है किन्तु कोई सुबुद्ध व्यक्ति भी ऐसे बीमारों की दवा कैसे
कर सकता है । वैसे भी शेर की खाल ओढ़ कर कुछ देर के लिए तो गधे भी शेर बन सकते हैं किन्तु उनके चीपों चीपों बोलने से उनकी पोल खुल ही जाती है कई लोग अपने नाम के साथ देखा देखी ब्राह्मण जातियाँ लगा लेते हैं किन्तु ब्राह्मण जन्म और कर्म दोनों से मिलकर बनता है इसलिए साईं बाबा निर्मल बाबा या और भी ऐसे लोगों का पूजन भजन करने वाले लोग ब्राह्मण कैसे हो सकते हैं ब्राह्मण तो गायत्री का उपासक होता है वो श्री राम जी,श्री कृष्ण जी ,श्री शिव जी,,श्री गणेश जी,,श्री दुर्गा जी आदि देवी देवताओं की जगह साईं टाईप के लोगों को कैसे पूज सकता है !गाय का दूध छोड़कर गधी का दूध पीने वाले की गो निष्ठा पर केवल यह कह देने मात्र से भरोसा कैसे कर लिया जाए कि वह तो गो भक्त है क्योंकि यदि यह सच होता तो वह गधी का दूध पीता ही क्यों ?इसी प्रकार से
श्री राम जी,श्री कृष्ण जी ,श्री शिव जी,,श्री गणेश जी,,श्री दुर्गा जी
आदि देवी देवताओं पर अविश्वास करके साईं पूजने वाले लोगों को सनातन धर्मी
मान ही कैसे लिया जाए !